वास्तु शास्त्र में पेड़ पौधों का विशेष महत्व बताया गया है। क्योंकि पेड़ पौधे व्यक्ति के मन को सुकून देने वाले होते हैं। घर में या आस पास इनकी मौजूदगी से लोगों को जीवन में शांति का अनुभव होता है। साथ ही पेड़ पौधे लोगों के तन-मन को दुरुस्त करने में सहायक होते हैं। इसलिए वास्तु शास्त्र में घर के नजदीक या घर पर पेड़ पौधे लगाने पर जोर दिया गया है।
हमारे शास्त्रों में भी पेड़ पौधों की जमकर तारीफ की गई है। शास्त्रों में 1 पेड़ को 10 पुत्रों के समान बताया गया है। कुछ ऐसे पेड़ पौधे होते हैं जिनको घर में मात्र सजावट के लिए लगया जाता है। लेकिन कुछ ऐसे भी पेड़ पौधे होते हैं, जो घर में तरक्की, सुख-समृद्धि और खुशहाली लाते हैं। वास्तु शास्त्र में ऐसे कई पेड़ों का जिक्र किया गया है जिनको घर में लगाने पर सुख समृद्धि बनी रहती है। ऐसा ही एक पौधा है हरसिंगार, जिसे लोग पारिजात के नाम से भी जानते हैं। इस पौधे को लगाने से घर में तरक्की, सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
हरसिंगार के वृक्ष की कहानी
पुराणों में बताया गया है कि इस पेड़ की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। इसके बाद वहां से लाकर देवराज इन्द्र ने इस पेड़ को नंदन वन में स्थापित किया था। कहा जाता है कि इस पेड़ को भगवान कृष्ण धरती पर लेकर आए थे। दरअसल नरकारसुर के वध के पश्चात हरसिंगार के कुछ फूल देवराज इन्द्र ने भगवान कृष्ण को दिए थे। ये फूल कृष्ण के अपनी पत्नी रुक्मिणी को दे दिए। इससे रुक्मिणी को लंबी उम्र का वरदान प्राप्त हो गया। यह भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी सत्यभामा को अच्छा नहीं लगा। इसलिए सत्यभामा ने भी भगवान कृष्ण से हरसिंगार के फूलों की मांग की। इस पर श्री कृष्ण ने अपने दूत के माध्यम से देवराज इंद्र को संदेश भेजा कि हरसिंगार के वृक्ष को सत्यभामा की वाटिका में लगाने के लिए दे दें। लेकिन देवराज इंद्र ने पेड़ देने से साफ मना कर दिया। इसी वृक्ष के चलते इंद्र और श्रीकृष्ण के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसके बाद श्री कृष्ण के विजयी होने पर देवराज इन्द्र ने यह वृक्ष उन्हें सौंप दिया। इस प्रकार से यह वृक्ष धरती पर आया।
इस दिशा में लगाएं हरसिंगार का पौधा
हरसिंगार के पौधे को घर की उत्तर या पूर्व दिशा या ईशान कोण में में लगाना सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है। इसके साथ ही इसे घर के आंगन में भी लगाया जा सकता है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती है और घर के लोगों के बीच प्रेम बढ़ता है। जिससे किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति पैदा नहीं होती और परिवार के लोगों की उन्नति होती है। इस पेड़ को घर की दक्षिण दिशा में लगाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से इसके नकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे।
वास्तु दोष होता है दूर
घर में या घर के आसपास लगाने से हरसिंगार का पौधा हर तरह से वास्तु दोषों को दूर कर देता है। इससे आस पास की नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही जहां भी यह पौधा लगाया जाता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके फूलों से मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव दूर होता है। कहा जाता है कि हरसिंगार के फूल रात में ही खिलते हैं और सुबह होते ही मुरझा जाते हैं। वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि जहां भी इस पेड़ के फूल गिरते हैं, वहां सुख शांति का निवास होता है।
मंदिर के पास लगाने का है विशेष महत्व
ज्योतिष के अनुसार यदि इस पौधे को मंदिर के पास लगाया जाए तो दर्शन करने वाले भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे मंदिर के आस पास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और फूलों की सुगंध से भक्तों का मन प्रसन्न रहता है।
मां लक्ष्मी को है ये प्रिय पेड़
समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले थे, इनमें से मां लक्ष्मी और पारिजात का पौधा भी शामिल हैं। इसलिए मां लक्ष्मी को यह पेड़ विशेष प्रिय है। जहां भी यह पेड़ लगया जाता है वहां मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ऐसे घरों में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती।
इस पेड़ को लगाने से तनाव होता है दूर
घर में इस पेड़ को लगाने से तनाव दूर होता है। साथ ही मन को शांति मिलती है। इसके फूलों की महक में क्षमता होती है कि वो घर के माहौल को खुशनुमा बना सकते हैं। साथ ही इन फूलों की सुगंध लोगों के जीवन से मानसिक परेशानियों को दूर रखने की ताकत रखती है। सिर्फ हरसिंगार के फूलों की सुगंध मात्र आपके मन को शांत कर सकती है।
हरसिंगार का पौधा लोगों को बनाता है दीर्घायु
कहा जाता है कि इस पौधे को घर में लगाने से घर के लोग दीर्घायु होते हैं। यह मां लक्ष्मी का प्रिय पौधा है, ऐसे में घर के लोगों को मां लक्ष्मी की कृपा से दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही आयुर्वेद में इसके अनेकों लाभ बताए गए हैं। इस पेड़ की पत्तियों और फूलों से सेवन से अनेकों प्रकार के रोग खत्म हो जाते हैं। इसके फूलों का उपयोग हृदय रोग के उपचार में किया जाता है।
इन पेड़ों को घर में नहीं देना चाहिए स्थान
घर में कुछ पेड़ों को बिलकुल नहीं लगाना चाहिए। इनसे घर में नकारात्मकता फैलती है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है। घर के पूर्व में पीपल, अग्निकोण में दुग्धदार वृक्ष, दक्षिण में पाकड़, निम्ब, नैऋत्य में कदम्ब, पश्चिम में कांटेदार वृक्ष, उत्तर में गूलर, केला, छाई और ईशान में कदली का वृक्ष बिलकुल भी नहीं लगाना चाहिए। इन वृक्षों को लगाने से घर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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