घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

अगर पानी का फव्वारा घर में सही दिशा और स्थान पर लगाया जाए तो यह आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

बहते जल की ध्वनि किसी भी स्थान की सुंदरता और वातावरण को निखार देती है, चाहे वह घर हो, ऑफिस का एरिया हो या फिर बगीचा। वॉटर फाउंटेन केवल सजावट का हिस्सा नहीं होते, बल्कि वास्तु शास्त्र के अनुसार ये सकारात्मक ऊर्जाओं के स्रोत माने जाते हैं। जल को वास्तु में धन और समृद्धि के प्रवाह का प्रतीक माना गया है। सही दिशा में फाउंटेन लगाने से न केवल वातावरण में शांति और ताजगी आती है,, बल्कि यह सौभाग्य, आर्थिक प्रगति और खुशहाली भी आमंत्रित करता है।

Table of Contents

अगर आप भी अपने घर या ऑफिस में फाउंटेन लगाने की सोच रहे हैं तो समृद्धि, भाग्य और सफलता के लिए इन वास्तु और फेंगशुई टिप्स का जरूर ध्यान रखें।

 

घर में पानी के फव्वारे के लिए वास्तु के अनुसार दिशाएं

 

घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

 

यह भी देखें: घर में मंदिर के लिए वास्तु शास्त्र के सुझाव

 

घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

 

 

वास्तु अनुसार पानी के फव्वारे के लाभ

  • धन और समृद्धि में वृद्धि: वास्तु के अनुसार, घर में पानी का फव्वारा लगाने से आर्थिक स्थिरता आतीLipika Nandwani | Housing News है। बहता हुआ पानी धन और नए अवसरों के प्रवाह का प्रतीक माना जाता है।
  • सौभाग्य की प्राप्ति: ऐसा कहा जाता है कि बहता पानी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सौभाग्य व सफलता लाता है।
  • ऊर्जा प्रवाह का संतुलन: जहां रुकी हुई ऊर्जा असंतुलन पैदा करती है, वहीं बहता पानी संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक होता है।
  • संबंधों को मजबूत करता है: घर में पानी का फव्वारा लगाने से पारिवारिक रिश्तों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है और भावनात्मक जुड़ाव गहरा होता है।
  • घर के वातावरण को शुद्ध होता है: फव्वारे का पानी जब वाष्पित होता है तो उससे निकलने वाले नकारात्मक आयन हवा को शुद्ध करते हैं। इससे घर का वातावरण तरोताजा होता है, मन प्रसन्न होता है और सोच स्पष्ट होती है।
  • सौंदर्य बढ़ाता है: सजावटी इनडोर फव्वारे अपनी विभिन्न डिजाइन, आकार और सामग्री के कारण घर की शोभा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
  • ह्यूमिडिफायर का काम करता है: दीवार पर लगे हों या स्वतंत्र खड़े फव्वारे, ये घर के वातावरण में नमी का स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे इनडोर पौधों के लिए भी अनुकूलता निर्मित होती है।
  • कम देखभाल वाला सजावटी आइटम: पानी का फव्वारा ऐसा डेकोर आइटम है, जिसकी देखभाल आसान होती है। इसे हफ्ते-दो हफ्ते में एक बार पानी से भरना पड़ता है और साल में दो-तीन बार अच्छी तरह से साफ करना पड़ती है। सफाई के लिए बस पानी निकालकर सतह को पोंछना पर्याप्त है।

पानी के फव्वारे की कलाकृति के वास्तु लाभ

अगर घर में असली पानी का फव्वारा लगाना संभव न हो तो उसकी जगह झरने या फव्वारे की पेंटिंग/कलाकृति लगाई जा सकती है। यह घर में धन, समृद्धि और शांति आकर्षित करती है।

  • बड़ी पेंटिंग या कलाकृति चुनें, जिनमें नीला और हरा रंग हो, साथ ही सफेद और चांदी का हल्का स्पर्श भी हो। वास्तु के अनुसार, इससे ज्यादा लाभ होता है।
  • ऐसी पेंटिंग से बचना चाहिए, जिनमें पानी का बहाव अशांत या उग्र दिखाई दे।
  • फ्रेम लकड़ी या धातु (मेटल) का ही चुनें।

मनी प्लांट वास्तु के बारे में भी पढ़ें : घर में मनी प्लांट लगाने की सही दिशा और पालन करने के टिप्स

वास्तु अनुसार पानी के फव्वारे की दिशा

  • उत्तर दिशा: उत्तर दिशा धन की दिशा मानी जाती है और इसके अधिपति धन के देवता कुबेर हैं। इस दिशा में पानी के फव्वारे का स्थान शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर में धन और समृद्धि आती है।
  • पूर्व दिशा: पूर्व दिशा देवताओं के राजा इंद्र की दिशा है। इस दिशा में फव्वारा रखने से आर्थिक लाभ की संभावनाएं बढ़ती हैं।
  • उत्तर-पूर्व: यदि उत्तर या पूर्व में फव्वारा रखना संभव न हो तो ईशान कोण भी एक उपयुक्त स्थान है। उत्तर पूर्व दिशा को ही ईशान कोण कहा जाता है, यहां फव्वारा रखने से सौभाग्य और आर्थिक मजबूती प्राप्त होती है।
  • उत्तर-पश्चिम: घर के उत्तर-पश्चिम कोने में फव्वारा रखने से वित्तीय स्थिरता और करियर की प्रगति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह दिशा वायु तत्व से जुड़ी है और यहां फव्वारा रखने से घर में सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनता है।

घर में फव्वारा लगाते समय उसके जल प्रवाह और दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु में जल को समृद्धि और प्रवाह का प्रतीक माना गया है, इसलिए सही दिशा और उचित जल प्रवाह से अधिकतम लाभ प्राप्त होता है।

इन दिशाओं में जल फव्वारे रखने से बचें

  • दक्षिण दिशा: दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है और यह यश व प्रसिद्धि का प्रतीक मानी जाती है। फेंग-शुई के अनुसार इस दिशा में जल फव्वारा रखना शुभ नहीं होता, क्योंकि पानी अग्नि को शांत कर देता है और इससे सफलता व मान-सम्मान में बाधा आ सकती है।
  • दक्षिण-पूर्व दिशा: यह दिशा भी अग्नि तत्व के प्रभाव में रहती है। यहां जल फव्वारा रखने से आर्थिक हानि और आपसी कलह जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए इस दिशा में जल का प्रवाह टालना ही बेहतर होता है।
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा: दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और सहयोग की दिशा मानी जाती है। इस क्षेत्र को भारी फर्नीचर या मजबूत वस्तुओं से संतुलित रखा जाता है। यहां जल फव्वारा रखना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि इससे स्थिरता में बाधा आ सकती है।

घर में वॉटर फाउंटेन लगाने की सही जगह

मुख्य द्वार: वास्तु के अनुसार अपने घर के मुख्य द्वार के पास ड्रॉइंग रूम में वॉटर फाउंटेन लगाना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में आती है और नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती। इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि फव्वारा या इनडोर फाउंटेन इस तरह लगाया जाए कि पानी का प्रवाह घर के अंदर की ओर हो, बाहर की ओर नहीं।

आंगन या गार्डन: घर के बाहर आंगन या बगीचे में बड़ा वॉटर फाउंटेन रखना भी वास्तु में शुभ माना गया है। इसे खुली जगह में रखें और इस बात का ध्यान रखें कि उसके सामने कोई रुकावट न हो।

आप अपने घर के उत्तर, पूर्व या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) दिशा में वॉटर फाउंटेन रख सकते हैं, क्योंकि ये दिशाएं जल तत्व के अनुकूल होती हैं। यदि इन दिशाओं में उचित स्थान न मिले तो उत्तर-पश्चिम दिशा में धातु का वॉटर फाउंटेन रख सकते हैं, लेकिन यदि आप फाउंटेन गार्डन में लगाना चाहते हैं तो ईशान कोण या पूर्व दिशा का चुनाव करें।

ड्रॉइंग रूम या मुख्य द्वार के पास वॉटर फाउंटेन लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती। हमेशा फाउंटेन को इस प्रकार रखें कि उसका पानी घर के अंदर की ओर बहे, न कि बाहर की ओर। 

भारत में सर्वश्रेष्ठ पानी की टंकी खरीदने के बारे में भी पढ़ें

 

घर में इन जगहों पर पानी का फव्वारा न लगाएं

  • घर का केंद्र : वास्तु के अनुसार घर के बिल्कुल बीचोंबीच पानी का फव्वारा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है और अपनी पूरी क्षमता से असर नहीं कर पाती। इसकी बजाय आप मुख्य द्वार के पास उत्तर दिशा के कोने में इसे लगा सकते हैं, जहां से घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है।
  • बेडरूम: वास्तु नियमों के मुताबिक, बेडरूम में पानी का फव्वारा नहीं रखना चाहिए। जल तत्व इस स्थान पर असंतुलन पैदा करता है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है। इतना ही नहीं, बेडरूम में पानी के फव्वारे की तस्वीरें या पेंटिंग्स लगाना भी अशुभ माना जाता है।
  • सीढ़ियों के नीचे: वास्तु विशेषज्ञ मानते हैं कि सीढ़ियों के नीचे फव्वारा रखने से पानी की ऊर्जा दब जाती है, क्योंकि जल तत्व को खुले वातावरण की जरूरत होती है। इसके अलावा यह स्थान स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है, खासकर बच्चों पर जो अक्सर इस जगह खेलते हैं।
  • बाथरूम: भले ही बाथरूम पानी से जुड़ा स्थान होता है, लेकिन यहां फव्वारा लगाना वास्तु के अनुसार गलत है। इससे जल ऊर्जा का अतिरेक हो जाता है और पूरे घर की ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।

यह भी देखें: उत्तरमुखी घर के लिए वास्तु टिप्स

 

विभिन्न प्रकार के जल फव्वारे

पानी के फव्वारे का प्रकार प्रभाव
धातु, स्टेनलेस स्टील या तांबा परिशुद्धता, संगठन और आनंद लाने के लिए।
पत्थर या चीनी मिट्टी स्थिरता लाने के लिए। 
टेबलटॉप फव्वारा सौभाग्य लाने के लिए। 
लंबा फव्वारा अधिक धन और सौभाग्य लाने के लिए।
लटकता हुआ फव्वारा खुशी और सकारात्मकता लाने के लिए।

जानें: फव्वारा दीवार डिजाइन

1. दीवार पर बने फव्वारे

दीवार वाले फव्वारों में पानी ऊपर से नीचे की ओर पैनल पर बहता हुआ नीचे तक आता है। यह छोटे स्थानों के लिए उपयुक्त होता है, लेकिन इसे लगाने के लिए अक्सर किसी विशेषज्ञ की मदद की जरूरत पड़ सकती है।

2. झरने जैसे फव्वारे

इस प्रकार के फव्वारे में पानी पत्थरों या चट्टानों पर से बहता हुआ नीचे आता है। इसमें छोटे-छोटे स्तर (स्टेप्स) होते हैं जिनसे पानी लगातार गुजरता है और एक सुंदर झरने जैसा आभास कराता है।

3. बहु-स्तरीय फव्वारे

यह छोटे स्थानों के लिए एक और लोकप्रिय आइडिया है। इसमें कई स्तर (टियर) होते हैं, जो एक बिंदु पर जुड़कर नीचे बने तालाब में पानी गिराते हैं। ऐसे फव्वारे आमतौर पर संगमरमर, अन्य पत्थर, कंक्रीट या कांच से बनाए जाते हैं।

 

घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

 

 

#4. जापानी बांस के फव्वारे

जापानी बांस के फव्वारे बांस की डंडियों से बनाए जाते हैं, जो आधार के चारों ओर घेरा बनाते हैं। ये अलग–अलग आकार और साइज में उपलब्ध होते हैं।

 

घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

 

 

#5. टेबलटॉप वॉटर फाउंटेन

टेबलटॉप वॉटर फाउंटेन, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि ये ऐसे फाउंटेन होते हैं, जिन्हें आसानी से घर के अंदर किसी टेबल पर रखा जा सकता है। ये घर की सजावट के लिए बेहतरीन ऑप्शन हैं। इनकी कीमत भी ज्यादा नहीं होती और इन्हें किसी भी इलेक्ट्रिक सॉकेट पर चलाया जा सकता है। ये लकड़ी, सिरेमिक आदि अलग-अलग मटेरियल में उपलब्ध होते हैं।

 

घर में पानी का फव्वारा लगाने के लिए वास्तु टिप्स: जानें इसके फायदे

 

 

यह भी पढ़ें: हाथी की मूर्तियों से घर में समृद्धि और सौभाग्य लाने के उपाय

#6. लाइट वाले फाउंटेन के वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र में प्रकाश का विशेष महत्व होता है। अच्छी रोशनी मन को प्रसन्न करती है, शांति देती है और घर के वातावरण को खुशनुमा बनाती है। किसी भी स्थान का सत्त्व कोण उत्तर-पूर्व दिशा मानी जाती है, जो ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, इसलिए घर की उत्तर और पूर्व दिशा की दीवारों पर लाइट लगाना शुभ माना जाता है। यह न केवल घर में अच्छे वाइब्स लाता है बल्कि समृद्धि भी बढ़ाता है। ऐसे में सफेद या हल्के सफेद रंग की रोशनी वाले जल फव्वारे बेहतरीन ऑप्शन हो सकते हैं। बहते पानी की धारा को संगीत, रोशनी या दोनों के साथ तालमेल में सजाया जाए तो घर के लिए आकर्षक वॉटरफॉल फाउंटेन तैयार किया जा सकता है। इसकी मधुर ध्वरी और रोशनी मिलकर घर में एक शांत और सुंदर वातावरण निर्मित करती हैं।

#7. घर के लिए गणेश वॉटर फाउंटेन

घर में गणेश प्रतिमा रखने से सौभाग्य और समृद्धि आती है। आप चाहें तो अपने घर में गणेश वॉटर फाउंटेन भी स्थापित कर सकते हैं, लेकिन इसका स्थान तय करते समय वास्तु नियमों का ध्यान अवश्य रखें। फाउंटेन को घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखना शुभ माना जाता है। घर का प्रवेश द्वार भी सजावटी प्रतिमाओं के लिए उपयुक्त जगह है। लिविंग रूम या प्रवेश द्वार पर गणेश वॉटर फाउंटेन रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

#8. हैंगिंग वॉटर फाउंटेन

छोटे या कॉम्पैक्ट घरों में जहां जगह कम होती है, वहां हैंगिंग वॉटर फाउंटेन एक बेहतरीन ऑप्शन है। इसे उचित ऊंचाई पर लटकाया जा सकता है। यह घर में एक वर्टिकल एलिमेंट जोड़ता है, जिससे वास्तु में सुधार होता है। ये वॉटर फाउंटेन अलग-अलग आकार और सामग्री में उपलब्ध होते हैं, जिन्हें आप अपनी पसंद और जगह के अनुसार चुन सकते हैं।

#9. बड़ा वॉटर फाउंटेन

बड़ा या छोटा वॉटर फाउंटेन, दोनों ही गार्डन या आंगन जैसी बाहरी जगहों को सजाने के लिए बेहतरीन ऑप्शन हैं। ये सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होते हैं और पानी की ताजगी व मधुर ध्वनि से वातावरण को शांत और सुखद बना देते हैं। लंबे फाउंटेन को हमेशा खुले स्थान पर और अवरोधों से दूर स्थापित करना चाहिए। ऐसे फाउंटेन समृद्धि और ऊर्ध्वगामी प्रगति का प्रतीक माने जाते हैं।

#10. रॉक वॉटर फाउंटेन

पत्थरों से बना फाउंटेन घर या बगीचे को प्राकृतिक और देसी रूप देता है। इसे घर के अंदर या बाहर कहीं भी लगाया जा सकता है। पत्थर प्रकृति का अहम हिस्सा है और शांति व शक्ति का प्रतीक माना जाता है। वास्तु और फेंगशुई के अनुसार, यह प्रचुर मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

#11. तालाब वॉटर फाउंटेन

वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर के बाहर पर्याप्त जगह हो तो एक सुंदर तालाबनुमा फाउंटेन बनाया जा सकता है। इसमें जलजीव पौधे और मछलियां रखकर इसे और आकर्षक बनाया जा सकता है। पौधे और मछलियां मिलकर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। इसके लिए बांस का वॉटर फाउंटेन या पाइप वाला फाउंटेन आदर्श ऑप्शन माना जाता है।

#12. ट्री वॉटर फाउंटेन

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर के डिजाइन में प्राकृतिक तत्वों को शामिल करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यदि आप वृक्ष जैसे आकार का वॉटर फाउंटेन लगाते हैं तो घर में जल तत्व के साथ-साथ लकड़ी या धातु का संतुलन भी आता है। इन्हें आमतौर पर तांबे या पीतल से बनाया जाता है।

#13. बुद्ध वॉटर फाउंटेन

इस प्रकार के फाउंटेन में बुद्ध प्रतिमा लगी होती है, जो वातावरण में शांति और पवित्र ऊर्जा का संचार करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बुद्ध फाउंटेन को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इससे मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और आध्यात्मिक सुख-शांति का अनुभव होता है।

#14. फायर फाउंटेन

फायर फाउंटेन में पानी के साथ-साथ आग का अद्भुत आकर्षण भी जुड़ जाता है। इसमें बहते पानी के सामने से लपटें निकलती हुई दिखाई देती हैं, जिससे ऐसा भ्रम होता है मानो पानी से ही आग निकल रही हो।

यह भी देखें: मछलीघर घर

वास्तु के अनुसार वॉटर फाउंटेन का श्रेष्ठ मटेरियल

आजकल वॉटर फाउंटेन कई तरह के मटेरियल में उपलब्ध हैं। इनमें से प्राकृतिक मटेरियल जैसे कि संगमरमर, ग्रेनाइट आदि को चुनना बेहतर माना जाता है, क्योंकि ये वास्तु के अनुकूल होते हैं। वहीं प्लास्टिक या इससे मिलते-जुलते कृत्रिम मटेरियल से बने फाउंटेन को वास्तु में शुभ नहीं माना जाता, इसलिए इन्हें लगाने से बचना चाहिए।

वास्तु दोष दूर करने में वॉटर फाउंटेन की भूमिका

पानी की ऊर्जा हमारे जीवन के अनेक पहलुओं जैसे- स्वास्थ्य, धन और रिश्तों आदि पर सीधा प्रभाव डालती है। साथ ही बहते पानी की मधुर ध्वनि धन के प्रवाह का प्रतीक मानी जाती है, जो वातावरण को शुद्ध करने में मदद करती है और समग्र कल्याण को बढ़ाती है। 

घर में वॉटर फाउंटेन जैसे जल स्रोतों को शामिल करके कई तरह के वास्तु दोष दूर किए जा सकते हैं। उचित दिशा और स्थान पर फाउंटेन लगाने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं – 

  • तत्वों का संतुलन: प्रकृति के पांच तत्व- वायु, जल, आकाश, पृथ्वी और अग्नि का संतुलन बनाए रखना सुखद और सामंजस्यपूर्ण वातावरण का आधार है। इसी कारण घर में फव्वारा लगाना जल तत्व का प्रतीक माना जाता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: घर में पानी का फव्वारा लगाने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं। बहते पानी की ध्वनि मन और वातावरण दोनों को शांत करती है।
  • धन और समृद्धि का आकर्षण: फव्वारे, तालाब या एक्वेरियम जैसे जल स्रोत घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखें जाएं तो वे धन और समृद्धि के प्रवाह का प्रतीक बनते हैं।

यदि घर में प्राकृतिक जल स्रोत बनाना संभव न हो तो भी जल तत्व की ऊर्जा को आमंत्रित करने और वास्तु दोषों को दूर करने के अन्य उपाय किए जा सकते हैं, जैसे – 

  • आईना (Mirror): उपयुक्त दिशाओं में आईना लगाकर जल प्रतिबिंब की अनुभूति दी जा सकती है, जिससे सकारात्मकता बढ़ती है।
  • एक्वा रंग थीम: घर की सजावट में नीले या एक्वा रंग का प्रयोग वास्तविक जल तत्व जैसा प्रभाव लाता है।
  • बहते पानी की ध्वनि: घर में बहते पानी की ध्वनियां चलाकर भी उसी शांति और सुकून का अनुभव प्राप्त किया जा सकता है।

जल फव्वारे के साथ जोड़ने योग्य वास्तु तत्व

  • पौधे: जल तत्व के पास हाउस प्लांट लगाने से स्थान की शांति और सुकून बढ़ता है।
  • फूल: फव्वारे के पास ताजे फूलों से भरे गुलदस्ते सजाना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने का बेहतरीन तरीका है।
  • प्राकृतिक पत्थर और क्रिस्टल: रोज क्वार्ट्ज और एमिथिस्ट जैसे प्राकृतिक पत्थर या क्रिस्टल फव्वारे में लगाने से पॉजिटिविटी और भी बढ़ती है।
  • विंड चाइम्स: जल फव्वारे के पास विंड चाइम्स लगाना शुभ माना जाता है। इनकी मधुर ध्वनि वातावरण को सामंजस्यपूर्ण और सुखद बनाती है।

पानी के फव्वारे के लिए क्या करें और क्या न करें

क्या करें 

घर में पानी का फव्वारा रखने की सबसे अच्छी जगह मेन गेट के पास उत्तर दिशा में होती है। आप इसे होम गार्डन में भी लगा सकते हैं।

  • फव्वारे में पानी का बहाव लगातार होना चाहिए। पानी रुकना या ठहरना प्रगति में बाधा डाल सकता है।
  • फव्वारे को नियमित रूप से साफ करें, ताकि उसमें गंदगी, काई या शैवाल जमा न हो। ठहरा हुआ पानी मच्छरों के प्रजनन का कारण भी बन सकता है।
  • शैवाल और अन्य कीटाणुओं की वृद्धि रोकने के लिए पानी में थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन पेरॉक्साइड डालें।
  • फव्वारे को सीधी धूप से दूर रखें।
  • यदि फव्वारे का पानी सभी दिशाओं में बराबर न बहे तो ध्यान रखें कि उसका प्रवाह घर की ओर हो, न कि घर से बाहर। जैसे – झरने के आकार वाले फव्वारे में पानी नीचे एक ही दिशा में बहता है तो यह घर की ओर होना चाहिए।
  • घर के मुख्य दरवाजे की ओर बहता पानी धन और समृद्धि का प्रतीक है, जबकि घर से बाहर बहता पानी धन हानि या आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकता है।

वास्तु के अनुसार घर में लाफिंग बुद्धा की दिशा के बारे में सब कुछ पढ़ें

 

क्या न करें

    • बेडरूम में वॉटर फाउंटेन न रखें, यह दांपत्य संबंधों पर नकारात्मक असर डाल सकता है। दरअसल, बेडरूम में किसी भी प्रकार का जल तत्व रखने से बचना चाहिए।
    • किचन में जल से जुड़ी सजावटी वस्तुएं न रखें, क्योंकि वहां पहले से ही जल तत्व मौजूद होता है।
    • ऐसे फाउंटेन से बचें, जिनकी आवाज बहुत तेज या बहुत धीमी हो। जल प्रवाह की ध्वनि मध्यम और संतुलित होनी चाहिए।
    • यदि आप घर के लिए गणेश जी या बुद्ध का वॉटर फाउंटेन खरीदते हैं तो उसे सीधे फर्श पर न रखें। वास्तु के अनुसार, इसे हमेशा एक छोटी मेज पर या आंखों की ऊंचाई से ऊपर स्थापित करें।
  • पानी के फाउंटेन में गंदगी, कीचड़ या काई जमा न होने दें। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

यह भी देखें: घर से नकारात्मक ऊर्जा कैसे दूर करें

 

वास्तु के अनुसार ऑफिस में वॉटर फाउंटेन 

ऑफिस में सजावटी शोपीस या वॉटर फाउंटेन की पेंटिंग रखना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या ऑफिस में जल का स्रोत धन आकर्षित करता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है, लेकिन फाउंटेन लगाते समय वास्तु नियमों का ध्यान रखना जरूरी है – 

  • जल तत्व (वॉटर फाउंटेन) की सबसे शुभ दिशा उत्तर दिशा मानी जाती है। यहां लगाने से नए व्यापारिक अवसर, करियर ग्रोथ और सफलता प्राप्त होती है।
  • ध्यान रखें कि फाउंटेन का पानी हमेशा बहता रहे, कभी रुका न हो।
  • फाउंटेन में क्रिस्टल और एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करने से सकारात्मक ऊर्जा दोगुनी हो जाती है।
  • अगर आप घर से ऑफिस का काम करते हैं तो छोटे आकार का फाउंटेन उत्तर दिशा में लगाना शुभ रहता है।

यह भी देखें: त्रिभुजाकार भूखंड के वास्तु के बारे में जानें

 

इनडोर बनाम आउटडोर जल फव्वारे: घर के लिए कौन सा बेहतर है?

पैरामीटर इनडोर वॉटर फाउंटेन आउटडोर वॉटर फाउंटेन
प्लेसमेंट लिविंग रूम, घर के प्रवेश द्वार और कार्यालय का स्वागत कक्ष बगीचे, आंगन और आगन
लाभ  कॉम्पैक्ट और रखरखाव में आसान डिजाइन पौधों को ताजगी और सहारा देना
आकार छोटे से मध्यम मध्यम से बड़ा
मरम्मत न्यूनतम रखरखाव नियमित रखरखाव

पानी के फव्वारे दो प्रमुख श्रेणियों में बांटे जा सकते हैं – इनडोर फाउंटेन और आउटडोर फाउंटेन। इनडोर वॉटर फाउंटेन बैठक कक्ष, घर के प्रवेश द्वार या ऑफिस रिसेप्शन क्षेत्र को सजाने के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन माने जाते हैं। इनका डिजाइन आमतौर पर छोटा और आसानी से मेंटेन करने योग्य होता है। इसके विपरीत आउटडोर फाउंटेन अपेक्षाकृत बड़े आकार के होते हैं और ये बगीचों, आंगनों या बड़े घरों के प्रांगण को सजाने के लिए उपयुक्त रहते हैं। फव्वारे न केवल वातावरण में ताजगी घोलते हैं, बल्कि ह्यूमिडिफायर की तरह काम करके कुछ पौधों की बढ़त में भी सहायक होते हैं।

 

क्या घर में आर्टिफिशियल फाउंटेन रख सकते हैं?

हालांकि प्राकृतिक जल स्त्रोत या फाउंटेन घर में रखना आदर्श माना जाता है, फिर भी आर्टिफिशियल फाउंटेन भी सजावट के तौर पर घर में लगाए जा सकते हैं। इनका उपयोग आमतौर पर डेकोरेटिव फीचर के रूप में किया जाता है, लेकिन यह जरूरी है कि इन्हें वास्तु सिद्धांतों के अनुरूप ही लगाया जाए।

 

वास्तु के अनुसार पानी के फव्वारे के नुकसान

पानी के फव्वारे वास्तु में जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन्हें सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने के लिए घर में लगाया जाता है, लेकिन इनका नियमित रखरखाव बेहद जरूरी है। यदि फाउंटेन की साफ-सफाई न हो और पानी रुका रह जाए या फव्वारा काम करना बंद कर दे तो यह नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है। ऐसे में फाउंटेन को तुरंत बदलना आवश्यक है।

 

Housing.com का पक्ष 

घर में वॉटर फीचर्स (जल तत्व) लगाते समय वास्तु के नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। गलत दिशा में इन्हें रखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और आर्थिक नुकसान भी हो सकता है, वहीं वास्तु अनुकूल दिशा में वॉटर फाउंटेन लगाने से घर में समृद्धि, धन प्रवाह और खुशहाली बनी रहती है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

घर में वॉटर फाउंटेन कहां रखना चाहिए?

वॉटर फाउंटेन घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर रखना शुभ माना जाता है। सही दिशा जानने के लिए आप इस आर्टिकल का सहारा ले सकते हैं।

क्या इनडोर वॉटर फाउंटेन घर के लिए अच्छा होता है?

हां, आप वॉटर फाउंटेन को लिविंग रूम, ड्रॉइंग रूम या डाइनिंग एरिया में सजा सकते हैं।

घर में कहां वॉटर फाउंटेन नहीं रखना चाहिए?

ध्यान रखें कि वॉटर फाउंटेन कभी भी बेडरूम, किचन या बाथरूम में नहीं रखना चाहिए।

वॉटर फाउंटेन को कैसे सजाएं?

फाउंटेन को छोटे पत्थरों, रंगीन कंकड़ों, हरे पौधों, शो-पीस, मूर्तियों और लाइट्स से आकर्षक बनाया जा सकता है।

क्या घर में वॉटरफॉल रखा जा सकता है?

हां, घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) या पूरब दिशा में पानी का फव्वारा रखना शुभ माना जाता है। बहता हुआ पानी समृद्धि का प्रतीक है और घर में सौभाग्य लाता है।

वॉटरफॉल की तस्वीर कहां लगानी चाहिए?

घर में वॉटरफॉल की तस्वीर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) दिशा में लगाना सबसे अच्छा होता है।

वास्तु के अनुसार गणेश जी वाला वॉटर फव्वारा किस दिशा में रखें?

गणेश जी का वॉटर फव्वारा घर के पूरब या ईशान कोण में रखना शुभ माना जाता है।

छोटे वॉटर फव्वारे की कीमत कितनी होती है?

घर के लिए छोटा फव्वारा आपको 500 रुपए से 1000 रुपए तक मिल सकता है।

क्या वॉटर फव्वारा चलाना महंगा पड़ता है?

नहीं, वॉटर फव्वारा चलाना ज्यादा महंगा नहीं है। इसमें पानी को चलाने के लिए पंप का उपयोग होता है। इसकी देखरेख का खर्चा फव्वारे के आकार और प्रकार पर निर्भर करता है। छोटे फव्वारे 2.5 वॉट तक बिजली खर्च करते हैं, जो किफायती है।

 

(इनपुट्स – पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा के साथ)

(हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें।)

Was this article useful?
  • ? (1)
  • ? (0)
  • ? (0)

Recent Podcasts

  • जीएसटी सुधार से किफायती आवास को प्रोत्साहन; नई दरें 22 सितंबर 2025 से होगी लागूजीएसटी सुधार से किफायती आवास को प्रोत्साहन; नई दरें 22 सितंबर 2025 से होगी लागू
  • हरियाणा जमाबंदी ऑनलाइन पर जमीन का रिकॉर्ड कैसे देखें?हरियाणा जमाबंदी ऑनलाइन पर जमीन का रिकॉर्ड कैसे देखें?
  • नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: उद्घाटन तिथि, स्थिति, लागतनवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: उद्घाटन तिथि, स्थिति, लागत
  • उपहार विलेख प्रारूप 2025: जानें संपत्ति स्वामित्व हस्तांतरण की पूरी जानकारीउपहार विलेख प्रारूप 2025: जानें संपत्ति स्वामित्व हस्तांतरण की पूरी जानकारी
  • क्या पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए संपत्ति की बिक्री कानूनी है?क्या पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए संपत्ति की बिक्री कानूनी है?
  • 25+ गणपति मूर्ति और सजावट के आइडियाज 202525+ गणपति मूर्ति और सजावट के आइडियाज 2025