सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रॉपर्टी के मालिकों को छोटे से रिकॉर्ड या डिटेल को वेरिफाई कराने के लिए कई सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं. नतीजतन, हरियाणा में प्रशासन ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है. अब हरियाणा में लोग अपनी जमीन से जुड़ी सारी जानकारियां देख सकते हैं, वो भी घर बैठे.
हरियाणा के जमाबंदी ऑनलाइन पोर्टल के कुछ फायदे:
-यह राज्य के सभी लोगों के लिए है.
-ब्लैक मार्केटिंग और ब्लैक मनी में आएगी गिरावट
-सबकी पहुंच में.
-जमीन के कागजात होने से लोन मिलने में आसानी.
भूलेख हरियाणा: ऑनलाइन संपत्ति रिकॉर्ड
अगर आप हरियाणा में जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स देखना चाहते हैं तो आधिकारिक जमाबंदी की वेबसाइट पर आपको जाना पड़ेगा. जमाबंदी रिकॉर्ड-राइट का एक हिस्सा है और भूमि में स्वामित्व, खेती और अन्य विभिन्न अधिकारों को स्थापित करता है. इसे पटवारी तैयार करता है और रेवेन्यू अफसर अटेस्ट करता है. जमाबंदी की एक कॉपी पटवारी के पास रहती है जबकि दूसरी जिला रिकॉर्ड रूम में. यह हर 5 साल में रिवाइज्ड होती है.
आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे जमाबंदी और हरियाणा लैंड रिकॉर्ड्स इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HALRIS) वेबसाइट को इस्तेमाल कर सकते हैं.
(HALRIS में सभी अहम चीजें जैसे जमाबंदी, म्यूटेशन, खसरा, ग्रिडवाडी, रोजनामचा, जमाबंदी खेप और जमाबंदी नकल शामिल हैं. खसरा ग्रिडवारी के विवरण को कैप्चर करने के लिए मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया था और वर्तमान में परीक्षण चल रहा है)
जमाबंदी नकल को ऑनलाइन कैसे देखें:
स्टेप 1: जमाबंदी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जमाबंदी के टैब पर क्लिक करें. इसके बाद जमाबंदी नकल को दबाएं
स्टेप 2: आप मालिक के नाम से, खसरा द्वारा, खसरा/ सर्वे नंबर या म्यूटेशन की तारीख से नकल डिटेल्स हासिल कर सकते हैं. आगे बढ़ने के लिए किसी एक पर क्लिक करें. नीचे दी गई तस्वीर में, हमने मालिक के नाम का विकल्प चुनकर आगे बढ़ने का विकल्प चुना है. आप जरूरी विवरण भरें और फिर आगे बढ़ें.
स्टेप 3: सभी अहम जानकारियों के साथ आगे बढ़ें. इस मामले में, हमने ओनर में प्राइवेट ओनर का विकल्प चुना है. जैसे ही आप सही जानकारी भरेंगे, नकल की डिटेल्स आपके सामने आ जाएंगी.
वेबसाइट पर रजिस्टर्ड डीड्स
डीड्स कई प्रकार की होती हैं:
सेल्स डीड: एग्रीकल्चर लैंड और अर्बन प्रॉपर्टी
मॉर्गेज डीड: एग्रीकल्चर लैंड के लिए बिना पोजेशन: प्लॉट/फ्लैट के लिए कब्जे के बिना/प्लॉट/ फ्लैट के लिए कब्जे के साथ.
जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी
ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी: एग्रीकल्चर, हाउस, शॉप, प्लॉट, हाउस, प्लॉट, हाउस लाल डोरा, HUDA.
लीज डीड: एग्रीकल्चर लैंड, प्लॉट, हाउस.
रिलीज डीड
मॉर्गेज से छुटकारा
पावर ऑफ अटॉर्नी का निरसन
अग्रीमेंट
एक्सचेंज
गिफ्ट डीड
लीज सरेंडर
रेंट डीड
इनमें से किसी को भी चेक करने के लिए आप जमाबंदी वेबसाइट पर जा सकते हैं. बस प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर जाएं, फिर व्यू रजिस्टर्ड डीड. इन सभी डीड्स की टेम्प्लेट्स यहां देखी जा सकती हैं. हालांकि रजिस्ट्री के लिए आपको एक अपॉइंटमेंट बुक करनी पड़ेगी.
जमाबंदी वेबसाइट की डीड अपॉइंटमेंट एवेलिबिलिटी की जांच कैसे करें?
स्टेप 1 होमपेज पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन टैब पर जाएं और चेक डीड अपॉइंटमेंट अवेलेबिलिटी पर क्लिक करें. सामग्री स्क्रीन पर होगी.
स्टेप 2: जिस दिन आप अपॉइंटमेंट हासिल करना चाहते हैं, उसके आधार पर, दिनों की संख्या दर्ज करें. इसके बाद आपको अपॉइंटमेंट की तारीखों की एक लिस्ट दिखाई जाएगी.
डीड अपॉइंटमेंट की उपलब्धता चेक करने का दूसरा विकल्प
जमाबंदी वेबसाइट के होमपेज पर एक नया टैब दिखेगा, जिसका नाम होगा- डीड रजिस्ट्रेशन अपॉइंटमेंट. अपॉइंटमेंट चेक करने का यह सीधा तरीका है. जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे, आपसे फोन नंबर डालने को कहा जाएगा.
-फोन नंबर डालने के बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा. आगे बढ़ने के लिए ओटीपी डालें.
-यह प्रक्रिया ज्यादा सीधी है. अब यह चुनिए कि आप कौन सी डीड सिलेक्ट करना चाहते हैं. उदाहरण के तौर पर लीज, गिरवी, पार्टिशन, पार्टनरशिप, पावर ऑफ अटॉर्नी या सेल डीड इत्यादि. आप ड्रॉप डाउन मेन्यू से ये जानकारियां चुन सकते हैं.
इसके बाद आपसे प्रॉपर्टी की लोकेशन के बारे में पूछा जाएगा- आबादी देह के अंदर ग्रामीण या आबादी देह के बाहर ग्रामीण अथवा कॉरपोरेशन की सीमा में शहरी या कॉरपोरेशन की सीमा के बाहर शहरी.
इसके बाद आपको प्रॉपर्टी की सब-लोकेशन देनी होगी. चाहे वो हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण क्षेत्र हो या हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम क्षेत्र या पुराना शहर क्षेत्र, अधिकृत क्षेत्र, लाइसेंस प्राप्त कॉलोनी या फिर संपत्ति अन्य क्षेत्रों में आती हो. इसके अलावा सब-डीड, जिला, तहसील और इलाके की भी जानकारी मुहैया कराएं.
इसके बाद आप एक दूसरे पेज पर पहुंच जाएंगे. जो जानकारी आपने मुहैया कराई है, उसके आधार पर जिला, तहसील, गांव खुद-ब-खुद भर जाएगी. अगर आप प्रॉपर्टी आईडी जानते हैं तो दी गई जगह में उसे भरें. आप म्युनिसिपल कॉरपोरेशन, मालिक का नाम भी भर सकते हैं या फिर Get Detail पर क्लिक करके आगे बढ़ें. इसके बाद जानकारी आपके सामने आ जाएगी. अगर जानकारी सामने नहीं आती है तो आप हरियाणा शहरी निकाय संस्था की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जा सकते हैं और अस्थायी आईडी जनरेट कर सकते हैं. नए रजिस्ट्रेशन को चुनें और जैसा निर्देश मिले, वैसा करें.
कलेक्टर रेट्स कैसे चेक करें
स्टेप 1: होमपेज पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन टैब के तहत, कलेक्टर रेट्स के विकल्प पर जाएं. मान लीजिए कि गुरुग्राम सेक्टर 67 के आप 2017-18 के कलेक्टर रेट्स देखना चाहते हैं तो सिर्फ कुछ जानकारियां भरें और सब्मिट करें.
जमाबंदी की वेबसाइट पर म्यूटेशन से जुड़ी सुविधाएं: आप म्यूटेशन ऑर्डर देख सकते हैं, म्यूटेशन का स्टेटस चेक कर सकते हैं और आधिकारिक वेबसाइट पर डीड्स का म्यूटेशन स्टेटस भी देख सकते हैं.
आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे प्रॉपर्टी का म्यूटेशन स्टेटस देख सकते हैं.
स्टेप 1: म्यूटेशन टैब के तहत चेक म्यूटेशन स्टेटस के विकल्प का इस्तेमाल करें.
स्टेप 2: जिला, तहसील का नाम व तारीख भरें, ताकि सही आंकड़े सामने आएं.
स्टेप 3: नतीजे के तौर पर प्रॉपर्टी का म्यूटेशन नकल चेक करें.
रेवेन्यू कोर्ट ऑर्डर्स को कैसे चेक करें?
स्टेप 1: होम पेज पर कोर्ट केसेज टैब पर जाएं.
स्टेप 2: रेवेन्यू कोर्ट स्टेटस पर क्लिक करें.
स्टेप 3: आपको इसके बाद किसी दूसरी विंडो पर ले जाया जाएगा. आपके बाएं तरफ, एक ड्रॉप डाउन लिस्ट आएगी, जिसमें से आपको व्यू केस स्टेटस के विकल्प को चुनना है.
स्टेप 4: जरूरी जानकारियां जैसे लोकेशन, एडवोकेट का नाम, कोर्ट, केस आईडी इत्यादि भरें.
स्टेप 5: नतीजे देखने के लिए सब्मिट करें.
जमाबंदी वेबसाइट पर सिविल कोर्ट के मामले कैसे देखें?
स्टेप 1: कोर्ट केस पर जाकर सिविल कोर्ट केस को चुनें.
स्टेप 2: स्टेटस देखने के लिए जिला, तहसील, गांव, खसरा नंबर इत्यादि डालें.
जमाबंदी वेबसाइट पर अचल संपत्ति कैसे रजिस्टर करें
– सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से HARIS काउंटर पर जाकर आप कलेक्टर रेट्स के मुताबिक प्रॉपर्टी की कीमत, रजिस्ट्रेशन, सर्विस फीस इत्यादि जैसी सारी जानकारियां हासिल कर सकते हैं.
-अगर स्टैंप पेपर वैल्यू 10000 रुपये से कम है तो आप इसे स्टैंप वेंडर्स से ले सकते हैं. अगर यह 10 हजार से ज्यादा है तो एसबीआई में भुगतान करने के बाद आपको इसे ट्रेजरी ऑफिस से हासिल करना होगा.
-आप दस्तावेज़ को खुद लिख सकते हैं या किसी लेखक से इसे लिखवाकर उसे पैसों का भुगतान कर सकते हैं. प्रक्रिया को पूरा करते समय दो गवाहों की जरूरत होगी. इस स्तर पर आपको जिन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी, उसमें टाइटल डीड, जमाबंदी, डिजिटल फोटोग्राफ, प्लान और मैप की कॉपी शामिल है. इसके बाद स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्क चुकाए जाएंगे.
-सब-रजिस्ट्रार सारी जानकारियों की जांच करेगा और आपको जॉइंट-सब रजिस्ट्रार या फिर सब-रजिस्ट्रार के सामने रिकॉर्ड्स में दस्तावेजों की एंट्री के लिए पेश होना होगा.
जमाबंदी पर संपत्ति के बारे में जरूरी जानकारी कैसे देखें
जमाबंदी वेबसाइट पर आप ये जानकारी भी पा सकते हैं:
-मालिक की जानकारी
-काश्तकार
-मकबुजा
-जमीन की कुल जानकारी
-सिंचाई की जानकारी
-मजरुआ या गैर मजरुआ जमीन की जानकारी
-खेवट/खतौनी की जानकारी
ऊपर बताई गई जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर Query के टैब पर जाएं. अगला, जरूरी विवरण इनपुट करने के लिए आगे बढ़ें.
जमाबंदी पर ताजा खबर
कोरोना वायरस महामारी के बाद लगे लॉकडाउन के कारण जमाबंदी वेबसाइट के कई फंक्शन्स ने काम करना बंद कर दिया था. प्लॉट डिटेल्स के साथ-साथ डेटाबेस में मालिकों के नाम में गड़बड़ियां थीं. इसके कारण, कुछ समय के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को होल्ड कर रख दिया गया.
लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि गड़बड़ियों की जांच की जाएगी. 22 जुलाई 2020 को काफी शिकायतों के बाद भूमि पंजीकरण की सुविधा को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया ताकि सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए अथॉरिटीज को कुछ वक्त मिल सके.
नया सॉफ्टवेयर 31 अगस्त, 2020 को लॉन्च किया गया था और आवेदकों को अपनी संपत्ति ऑनलाइन दर्ज करने के लिए एक अपॉइंटमेंट मिल सकती है. लेकिन अथॉरिटी जमाबंदी सुविधा को लेकर अब भी अथॉरिटीज कुछ मुद्दों को देख रही है.
हरियाणा में जमीन से जुड़े कुछ सामान्य शब्द
आबादी देह | गांव के निवासियों का स्थल |
बदस्तूर | स्थायी |
बंजर | बेजुती जमीन |
बंजर जादिद | लगातार चार बार भूमि पर कटाई नहीं की गई. हालांकि उससे पहले खेती हुई थी |
बंजर कादिम | अगर अगली चार खेती के लिए भी इसे बिना जोते जारी रखा गया. |
बरानी | बारिश पर निर्भरता |
बीघा | भूमि मापने का एक तरीका (यह हर जगह अलग-अलग होता है) |
बिस्वा | बीघा का एक बीसवां हिस्सा |
बिसवंसी | बिस्वा का एक बीसवां हिस्सा |
चाही | कुएं से सिंचाई |
चाही नाहरी | थोड़ी कुएं से सिंचाई और थोड़ी नहर से |
चारी | चारे के लिए उगा हुआ एक प्रकार का बाजरा |
चौकीदार | गांव की निगरानी करने वाला |
चकोटा | रबी और खरीफ में अनाज की एक निश्चित मात्रा से युक्त एकमुश्त अनाज का किराया। |
ढोली | मृत्यु शैया का तोहफा या फिर ब्राह्मण को जमीन का एक छोटा सा भूखंड |
गैर-मुमकिन | अनुपजाऊ |
गिरदावर | कानूनगो या पटवारियों का पर्यवेक्षक |
गिरदावारी | फसलों का निरीक्षण |
गोशा | कॉर्नर |
कलार | बंजर भूमि (खट्टा मिट्टी) |
कनाल | भूमि मापने की एक ईकाई |
कानूनगो | पटवारियों का सुपरवाइजर |
करम खराबा | लंबाई की इकाई
फसल का अंश जो आने में विफल रहा है। |
खरीफ | शरत ऋतु की फसल |
खसरा | खेतों की सूची, खेत रजिस्टर |
खसरा गिरदावरी | हार्वेस्ट निरीक्षण रजिस्टर |
खाता | किरायेदार का अधिकार |
खतौनी | री-मेजरमेंट में तैयार किए गए होल्डिंग स्लिप |
खेवट | मालिक के होल्डिंग की ए लिस्ट |
खेवट/खतौनी | खेवट और खतौनी का मिश्रण |
खुद काश्त | जिसमें खुद मालिक खेती करता हो |
किलाबंदी | आयताकार माप |
लट्ठ गिरदावरी
मरला |
पटवारी के नक्शे की क्लॉथ कॉपी
क्षेत्र की माप |
मौजा | गांव |
मिन | हिस्सा |
मिसल हकीयत | रिकॉर्ड ऑफ राइट |
मुसावी | मैपिंग शीट |
नाहरी | नहर से सिंचाई |
नायब-तहसीलदार | तहसीलदार का असिस्टेंट |
परात पटवार | न्यू सेटलमेंट रिकॉर्ड की पटवारी कॉपी |
परात सरकार | न्यू सेटलमेंट रिकॉर्ड की सरकारी कॉपी |
पटवारी | गांव का अकाउंटेंट या रिजस्ट्रार |
साबिक | पूर्व |
सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट | तहसीलदार का इंचार्ज |
तकावी | सरकार द्वारा कृषि उद्देश्यों के लिए भूमि मालिक को दिया गया ऋण। |
वारिस | उत्तराधिकारी |
वासिल बाकि नविस | तहसील में रेवेन्यू अकाउंटेंट |
वत्तार | डायग्नल लाइन |
जमींदार | जमीन का मालिक |
पूछे जाने वाले सवाल
जमाबंदी की वेबसाइट पर कौन-कौन सी सुविधाओं का फायदा लिया जा सकता है?
जमाबंदी की वेबसाइट पर आप प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, जमाबंदी नकल, कलेक्टर रेट्स, म्यूटेशन, कैडस्ट्रल मैप्स, कोर्ट केसेज जैसे जमीन से जुड़े सवालों के जवाब पा सकते हैं.
जमाबंदी का क्या मतलब होता है?
जमाबंदी अधिकारों का लेखा-जोखा होता है. वेबसाइट पर इसकी परिभाषा है- वो दस्तावेज, जिसे हर रेवेन्यू एस्टेट में रिकॉर्ड ऑफ राइट के तौर पर तैयार किया गया है. इसमें स्वामित्व, खेती और जमीन में विभिन्न अधिकारों की अप-टू-डेट एंट्रीज होती हैं.
क्या होता है म्यूटेशन?
ओनरशिप में बदलाव होने पर, बदलाव सरकारी आंकड़ों में भी होने चाहिए. इस प्रक्रिया को म्यूटेशन कहा जाता है.