वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2024 का महत्व और अनुष्ठान

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार है जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की भलाई के लिए मनाती हैं। पूर्णिमा के दिन को पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है और इस दिन वट पूर्णिमा व्रत मनाया जाता है। यह त्यौहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मई-जून के आसपास ज्येष्ठ हिंदू महीने के 15 वें दिन पड़ता है। इस त्यौहार के हिस्से के रूप में, विवाहित महिलाएँ वट वृक्ष या बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और उसका आशीर्वाद लेती हैं। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मनाया जाता है। यह भी देखें: करवा चौथ : अनुष्ठान, पूजा सामग्री सूची

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2024: तिथि और समय

तिथि: 21 जून 2024 तिथि समय: 21 जून 2024 को सुबह 7:32 बजे से 22 जून 2024 को सुबह 6:37 बजे तक

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत: पूजा सामग्री

  • पानी
  • मौली
  • रोली
  • सत्तू
  • भीगे हुए मटर
  • पुष्प
  • कपूर

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत: विधि

  • सुबह जल्दी उठें और भरपूर भोजन करें
  • नए कपड़े, सिंदूर, मांग टीका, बिंदी, काजल, झुमके, नाक की नथ, हार, बाजूबंद, चूड़ियां, अंगूठी, मेहंदी, कमरबंद, पायल, बिछिया से खुद को सजाएं अंगूठियां और इत्र.
  • अच्छी तरह से सजाई गई पूजा की थाली को उस बरगद के पेड़ के पास ले जाएं जिसकी पूजा की जाएगी।
  • सावित्री और सत्यवान की तस्वीरें स्थापित करें। एक दीया जलाएं और तस्वीरों पर सिंदूर लगाएं।
  • फोटो पर लाल वस्त्र और फल चढ़ाएं।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत का महत्व और अनुष्ठान

  • बरगद के पेड़ पर धागा बांधते हुए 5/11/21/51/108 बार परिक्रमा करें।
  • सावित्री और सत्यवान कथा पढ़ें या सुनें।

वट सावित्री पूर्णिमा पर महिलाएं उपवास रखती हैं और उपवास को प्रसाद के रूप में गीली दालें और फल, जैसे आम, कटहल, केला और नींबू खाकर तोड़ा जाता है।

वट पूर्णिमा: महत्व

  • वैवाहिक बंधन उत्सव: यह त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और बंधन का उत्सव मनाता है।
  • प्रासंगिकता: वट पूर्णिमा त्योहार सावित्री से जुड़ा हुआ है जो महान प्रेरणा की देवी हैं।
  • बरगद के पेड़ का महत्व: यह त्योहार हमें बरगद के पेड़ की प्रासंगिकता – विकास, स्थिरता और लचीलापन सिखाता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2024 कब है?

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 2024 21 जून 2024 को पड़ेगा। महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में महिलाएं वट सावित्री व्रत पूर्णिमा का पालन करती हैं।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत की पूजा के दौरान आप किसकी कहानी पढ़ते या सुनते हैं?

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन आप सावित्री और सत्यवान की कथा सुनते हैं।

क्या वट सावित्री भी अमावस्या को पड़ती है?

हां, लोग या तो अमावस्या को पड़ने वाला वट सावित्री व्रत या पूर्णिमा को पड़ने वाला व्रत रख सकते हैं।

वट सावित्री व्रत अमावस्या 2024 कब है?

वट सावित्री व्रत अमावस्या 2024 6 जून 2024 को पड़ेगी। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में महिलाएं ज्यादातर वट सावित्री व्रत अमावस्या का पालन करती हैं।

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