ज़मीन ख़रीदने से पहले किन-किन बातों का रखें ध्यान?
आज भारत में ज़मीन से सम्बन्धित फ्रॉड प्रमुख रूप से देखने को मिल रहे हैं. लोग अपने जीवन की पूरी कमाई फ़र्ज़ी कम्पनीज़ और जाली डीलर्स के चक्कर में आकर गवाँ बैठते हैं. आइये … READ FULL STORY
आज भारत में ज़मीन से सम्बन्धित फ्रॉड प्रमुख रूप से देखने को मिल रहे हैं. लोग अपने जीवन की पूरी कमाई फ़र्ज़ी कम्पनीज़ और जाली डीलर्स के चक्कर में आकर गवाँ बैठते हैं. आइये … READ FULL STORY
खतौनी खेत से या कृषि भूमि से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक कृषि भूमि का गाटा नम्बर क्या है, कृषि भूमि किस अमुक व्यक्ति के नाम दर्ज है, उस अमुक नम्बर में कितने सह खातेदार हैं, तथा उस अमुक नम्बर का कुल कितना क्षेत्रफल है. सामान्य भाषा में हम यह कह सकते है कि, खतौनी कृषि भूमि का वह प्रमाण पत्र है जो यह बताता है कि अमुक कृषि भूमि किस व्यक्ति की है तथा उसका सम्पूर्ण विश्लेषण उसमें दर्ज होता है। खतौनी चेक करते समय ध्यान रखने योग्य बातें आइये जानते है कि जब हम किसी खतौनी को चेक करने जाते है तो हमें किन-किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए: आधिकारिक वेबसाइट पर ही खतौनी को चेक करें सर्वप्रथम बात यह है कि जब भी हम किसी खतौनी को चेक करते है तो हमे आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है. अन्यथा सही की जगह गलत जानकारी या ठगी का शिकार भी आसानी से बनाया जा सकता है. सही जिले का करें चुनाव दूसरा महत्वपूर्ण कार्य यह है कि खतौनी चेक करते समय सही जिले का चुनाव करें, अन्यथा या तो आप को सही जानकारी नहीं मिलेगी या कोई जानकारी ही नहीं मिलेगी। … READ FULL STORY
मार्च 2022 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में ने फैसला सुनाया था कि, जहां संपत्ति के टाइटल से सम्बंधित विवाद है, वहां संबंधित पक्षों को घोषणा के लिए एक सूट दायर करना … READ FULL STORY
जमीन / संपत्ति का बैनामा एक लिखित कानूनी दस्तावेज होता है, जो विक्रेता (seller) द्वारा क्रेता (buyer) के पक्ष में संपत्ति के स्वामित्व एवं अधिकारी के हस्तांतरण का विश्लेषण करता है. यह क्रेता तथा विक्रेता दोनो के लिए कानूनी रूप से इस बात को स्पष्ट करता है कि अमुक जमीन या संपत्ति किस व्यक्ति द्वारा किस व्यक्ति के पक्ष में हस्तांतरित की गयी है. बैनामा यह भी स्पष्ट करता है कि उस संपत्ति का प्रकार कैसा है, वह कहां पर स्थित है, उस संपत्ति की पैमाइश क्या है, संपत्ति का मूल्य क्या है, आदि. कुल मिला कर बैनामे में एक संपत्ति का पूर्ण विवरण दर्शाया गया होता है. संपत्ति की बिक्री तब कानूनी रूप लेता है जब क्रेता व विक्रेता दोनों संतुष्ट होकर विक्रय-विलेख (sale … READ FULL STORY
अचल संपत्ति एक हस्तांतरणीय संपत्ति है। इसका मतलब यह है कि एक फ्लैट, स्वतंत्र घर, बंगला, भूमि पार्सल या प्लॉट का मालिक अपना स्वामित्व किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित करने के लिए स्वतंत्र है। … READ FULL STORY
2020 में, उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने 200 करोड़ रुपये की संपत्ति धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में मुकेश सिंह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जनवरी 2023 में, दिल्ली की … READ FULL STORY
अपने हाल ही के जारी किये गए एक फैसले में कर्नाटक हाईकोर्ट की कलबुर्गी बेंच ने आदेश किया है कि दत्तक पुत्र कानूनी रूप से अपने नए परिवार का हमवारिस हो जाता है और उसे वह सारे अधिकार प्राप्त हो जाते है जो खुद के द्वारा उत्पन्न हुए पुत्र के होते हैं. किन्तु दत्तक पुत्र का अपने पिछले परिवार की सम्पत्ति पर कोई हक़ नहीं बचता. अपने आदेश में एकल पीठ के न्यायाधीश जस्टिस सीएम जोशी ने सिकंदराबाद निवासी भीष्मराज की अपील को खारिज करते हुए कहा: “यह कोर्ट एम कृष्णा बनाम एम रामचंद्र समेत एक अन्य मामले में … READ FULL STORY
भारत में संपत्ति के उत्तराधिकार को बेहद खास माना जाता है, क्योंकि यह न केवल पारिवारिक वंश को सुरक्षित रखने से जुड़ी होती है, बल्कि संपत्ति और धन पर उत्तराधिकारियों के कानूनी अधिकारों की … READ FULL STORY
भारत में अपने माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से संपत्ति खरीदना काफी आम है। ऐसा कभी-कभी पूरी तरह से भावनात्मक कारण से और अक्सर वित्तीय मामलों के कारण किया जाता है। उदाहरण के लिए, … READ FULL STORY
विरासत से तात्पर्य किसी व्यक्ति की मृत्यु या किसी भी घटना की स्थिति में उसकी संपत्तियों और अन्य परिसंपत्तियों को उनके कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करना है। विवाहित व्यक्तियों के लिए, प्रक्रिया सरल है, … READ FULL STORY
क्या स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क के साथ पंजीकृत होने के बाद एक खरीदार या विक्रेता द्वारा बिक्री विलेख को रद्द किया जा सकता है? क्या होगा यदि खरीदार खरीद के बाद अपना मन … READ FULL STORY
जब आवास वित्त संस्थानों की मदद से घर खरीदे जाते हैं, तो बैंक संपत्ति के मूल दस्तावेज – बिक्री विलेख / शीर्षक विलेख – संपार्श्विक के रूप में रखता है। क्रेडिट चुकाने पर ये … READ FULL STORY
जम्मू और कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय (एचसी) ने फैसला सुनाया है कि गैर-पंजीकृत और अपर्याप्त रूप से मुद्रांकित दस्तावेज जैसे बिक्री समझौते और बिक्री कार्य अचल संपत्ति को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। … READ FULL STORY