क्या है दिल्ली का ई-धरती पोर्टल? जानें इसके बारे में सब कुछ

दिल्ली के ई-धरती पोर्टल को इसलिए स्थापित किया गया ताकि नक्शे और पट्टे की योजनाओं जैसे विरासत चित्रों को एकीकृत किया जा सके.

भारत में 60 हजार प्रॉपर्टीज के बारे में जानकारी मुहैया कराने के मकसद से भारत सरकार ने साल 2020 में ई-धरती जियो पोर्टल लॉन्च किया था. इस आर्टिकल में हम ई-धरती जियो पोर्टल के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे.

ई-धरती जियो पोर्टल लॉन्च

21 अक्टूबर 2020 को हाउसिंग मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने ई-धरती जियो पोर्टल लॉन्च किया था ताकि मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम में नक्शे और पट्टे की योजनाओं जैसी ड्राइंग्स को इंटीग्रेट यानी एकीकृत किया जा सके, जिससे यह जीआईएस (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम-इलेबल्ड) से लैस हो जाएगा.

ई-धरती 1.0 पोर्टल को केंद्र सरकार के भूमि एवं विकास कार्यालय (L&DO) के तहत स्थापित किया गया था, जिसमें 60 हजार कॉमर्शियल, रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल और इंस्टिट्यूशनल प्रॉपर्टीज शामिल हैं. L&DO का मकसद पारदर्शिता लाना, मानव दखल कम करना और सुविधाएं मुहैया कराने में लगने वाले समय को घटाना है. इसने अब सब्सटिट्यूशन, म्यूटेशन, कन्वर्जन, गिफ्ट, सेल्स और गिरवी के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन लेना भी शुरू कर दिया है.

ई-धरती जियो पोर्टल केंद्र सरकार के तहत आने वाली भूमि-स्वामित्व एजेंसी के रिकॉर्ड्स को अपडेट करती है. यह पारदर्शिता और प्रॉपर्टी लेनदेन का पूर्वानुमान लगाने के साथ-साथ प्रॉपर्टी से जुड़ी डिजिटल जानकारी प्रॉपर्टी मालिकों को मुहैया कराती है.

पुरी ने लॉन्च के समय कहा, ‘टेक्नोलॉजी की शक्ति अपार है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत, जिसके पास सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी में जबरदस्त क्षमता है, इस ताकत का लाभ के लिए उपयोग नहीं कर सकता है.’

ई-धरती जियो पोर्टल: उपलब्ध जानकारी

ई-धरती जियो पोर्टल के जरिए L&DO प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट्स मुहैया कराएगा, जिसमें भूमि/प्रॉपर्टी प्रकार, आवंटन की तारीख, प्रॉपर्टी का स्टेटस, सब टाइप, प्लॉट का एरिया, लीज डीड के निष्पादन की तारीख, प्रॉपर्टी का पता, वर्तमान पट्टेदार का विवरण, मुकदमेबाजी की स्थिति और भूकर मानचित्र की जानकारी होगी. इस सर्टिफिकेट के जरिए संपत्ति का पट्टेदार नक्शे के साथ-साथ प्रॉपर्टी की बुनियादी जानकारी और उसकी सटीक लोकेशन के बारे में बताएगा.

ऐसी जानकारी डिजिटल रूप में हासिल होने से न सिर्फ प्रस्तावित खरीदार और निवेशक प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे बल्कि प्रॉपर्टी पर कोई मुकदमा तो नहीं चल रहा यह भी मालूम चल जाएगा. नतीजतन, संपत्ति से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में काफी कमी आएगी.

यह एप्लिकेशन सरकार को अपनी खाली संपत्तियों की वास्तविक स्थिति जानने में भी मदद करेगी.

ई-धरती जियो पोर्टल से संपत्ति सर्टिफिकेट हासिल करने की फीस

ई-धरती वेबसाइट पर कोई भी व्यक्ति जगह और ब्लॉक के नाम या संपत्ति आईडी के जरिए संपत्ति के विवरण की खोज कर सकता है. प्रॉपर्टी सर्टिफिकेट L&DO वेबसाइट, www.ldo.gov.in पर जाकर हासिल किया जा सकता है और यह 1,000 रुपये के मामूली शुल्क पर उपलब्ध है.

ई-धरती पोर्टल पर जाकर प्रॉपर्टी रिपोर्ट्स कैसे देखें?

उपयोगकर्ता इस वेबसाइट पर भुगतान और निगरानी रिपोर्ट के साथ भूमि और संपत्ति की रिपोर्ट देख सकते हैं. इन रिपोर्ट्स को हासिल करने के लिए यहां क्लिक करें.

पूछे जाने वाले सवाल

ई-धरती पोर्टल पर कैसे पहुंचें?

ई-धरती पोर्टल पर जाने के लिए http://umd.nic.in/edharti/Map.aspx पर क्लिक करें.

ई-धरती जियो पोर्टल का उपयोग किसलिए किया जाता है?

ई-धरती जियो पोर्टल जीआईएस से लैस प्रॉपर्टीज का नक्शा और उनसे जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध कराता है.

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