गंगा एक्सप्रेसवे मानचित्र, मार्ग, शहर, गांवों की सूची और स्थिति

602 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक वाराणसी के रास्ते कई जिलों और प्रमुख शहरों को जोड़ेगा।

उत्तर प्रदेश के आंतरिक क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के प्रयास के तहत गंगा एक्सप्रेसवे को एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में कल्पना की गई थी। 602 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज के बीच कई जिलों से होते हुए, वाराणसी के रास्ते गुजरेगा। इसे दो चरणों में बनाया जाएगा और यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (1,350 किलोमीटर) के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे एक हरित क्षेत्र (ग्रीन फील्ड) एक्सप्रेसवे परियोजना है, जिसे प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के 12 जिलों को कवर करेगा और 519 गांवों को जोड़ेगा। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन जिलों हरदोई, शाहजहांपुर और हापुड़  में गंगा एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया और UPEIDA व निर्माण एजेंसियों को तय समय सीमा के अंदर प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्देश दिया।

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गंगा एक्सप्रेसवे त्वरित तथ्य

एक्सप्रेसवे का नाम गंगा एक्सप्रेसवे
लंबाई 594 किमी
परिचालन मार्ग अप्रैल 2025
लेन 6 लेन वाला एक्सप्रेसवे (आठ लेन तक विस्तार योग्य)
मुख्य मार्ग मेरठ से प्रयागराज
जिन प्रमुख शहरों को जोड़ा जाएगा मेरठ, बुलंद शहर, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज, वाराणसी
किसके द्वारा प्रबंधित उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA)
किसके द्वारा विकसित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)
परियोजना मॉडल डिजाइन-निर्माण-वित्त-संचालन-हस्तांतरण (डीबीएफओटी)
लागत 36,230 करोड़ रुपये
गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा
मार्ग की चौड़ाई 120 मी
सार्वजनिक उपयोगिता क्षेत्र ●      मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा

●      रैंप टोल प्लाजा

●      शाहजहांपुर के निकट हवाई पट्टी

●      गंगा पर 960 मीटर और रामगंगा पर 720 मीटर ऊंचे पुल

 

गंगा एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का विस्तृत विवरण

गंगा एक्सप्रेसवे का आधे से अधिक हिस्सा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों जैसे मेरठ, हापुड़, अमरोहा, बुलंदशहर, सम्भल, बदायूं और शाहजहांपुर जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) से जोड़ेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे, मेरठ के शहीद स्मारक से होते हुए हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर को जोड़ेगा। अगला चौराहा बुलंदशहर में होगा, जहां एक प्रस्तावित औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। इसके बाद यह एक्सप्रेसवे अमरोहा से होकर गुजरेगा, जो प्रसिद्ध वासुदेव मंदिर के लिए जाना जाता है। आगे यह सम्भल से जुड़ेगा, जहां कैलादेवी मंदिर स्थित है। फिर यह एक्सप्रेसवे बदायूं से होते हुए औद्योगिक गलियारे और हनुमंत धाम से जुड़ेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 600 किलोमीटर लंबे 6 लेन वाले गंगा एक्सप्रेसवे की आधारशिला 18 दिसंबर 2021 को रखी थी। यह परियोजना लगभग 36,230 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही है। एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए लगभग 7386 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। सिविल कार्यों की अनुमानित लागत लगभग 22,125 करोड़ रुपये है, जबकि भूमि खरीदने के लिए लगभग 9,255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

वर्तमान में निर्माण की स्थिति

कई रिपोर्ट्स में यह उल्लेख किया गया है कि भूमि अधिग्रहण का 92 फीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है। सभी खंडों में मिट्टी भराई और नींव का कार्य तेज गति से चल रहा है।

पहले यह एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित था, ताकि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में जाने वाले लोगों की यात्रा को आसान बनाया जा सके। हालांकि, 26 फरवरी 2025 को समाप्त हुए महाकुंभ में जाने वाले आगंतुकों को वैकल्पिक मार्ग से जाना पड़ा क्योंकि एक्सप्रेसवे तैयार नहीं हुआ था।

गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग विवरण

Ganga Expressway route graph

गंगा एक्सप्रेसवे फेज 1

गंगा एक्सप्रेसवे के फेज-1 प्रोजेक्ट को 12 अलग-अलग पैकेजों में विभाजित किया गया है। फेज-1 कॉरिडोर का निर्माण कुल 37,350 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, जिसमें 9500 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है।

बिजौली (मेरठ) से चांदनेर (हापुड़) 48.9 किमी
चांदनेर (हापुड़) से मिर्जापुर डुंगल (अमरोहा) 30 किमी
मिर्जापुर डूंगल (अमरोहा) से नगला बरहा (बदायूं) 50.7 किमी
नगला बरहा (बदायूं) से बिनावर (बदायूं) 52.1 किमी
बिनावर (बदायूं) से दारी गुलाऊ (शाहजहांपुर) 46.7 किमी
दरी गुलऊ (शाहजहांपुर) से उबरिया खुर्द (हरदोई) 52.9 किमी
उबरिया खुर्द (हरदोई) से इक्साई (हरदोई) 52.4
इक्साई (हरदोई) से रैया माओ (उन्नाव) 50.2
रैया माओ (उन्नाव) से सरसों (उन्नाव) 53.1 किमी
सरसों (उन्नाव) से तेरुखा (रायबरेली) 51.8 किमी
तेरुखा (रायबरेली) से नौधिया (प्रतापगढ़) 52 किमी
नौढ़िया (प्रतापगढ़) से जूड़ापुर दांदू (जिला प्रयागराज) 53 किमी

दूसरे चरण के तहत एक्सप्रेसवे का मार्ग गढ़मुक्तेश्वर के पास तिगरी से हरिद्वार के निकट उत्तराखंड सीमा तक भी विस्तारित होगा।

गंगा एक्सप्रेसवे फेस-1 के जिलों और गांवों की सूची

ज़िला फेस-1 में कवर किए गए गांव
मेरठ मवाना, परीक्षितगढ़
हापुड़ बाबूगढ़, पिलखुवा
बुलंदशहर जहांगीराबाद, डिबाई
अमरोहा गजरौला, हसनपुर
संभल चंदौसी, बहजोई
बदायूं दातागंज, सहसवान
शाहजहांपुर पवायां, तिलहर
हरदोई शाहाबाद, बिलग्राम
उन्नाव सफीपुर, बांगरमऊ
रायबरेली लालगंज, बछरावां
प्रतापगढ़ कुंडा, रानीगंज
प्रयागराज हंडिया, फूलपुर

 

गंगा एक्सप्रेसवे के तहत आने वाले गांवों की सूची में कुल 519 गांव शामिल हैं। गंगा एक्सप्रेसवे जिला सूची में कुल 12 जिले शामिल हैं।

गंगा एक्सप्रेसवे फेस- 2 के जिलों और गांवों की सूची

  • हरिद्वार (उत्तराखंड)
  • चंदौली
  • गाजीपुर
  • बलिया

गंगा एक्सप्रेसवे का फेस-2 के अंतर्गत उत्तर में हरिद्वार और पूर्व में बलिया तक 400 किलोमीटर का अतिरिक्त विस्तार होगा, जिससे कुल लंबाई 1000 किलोमीटर से ज्यादा हो जाएगी। यह मार्ग निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर करेगा –

  • हरिद्वार एक्सटेंशन (उत्तराखंड को जोड़ता हुआ)
  • बलिया एक्सटेंशन (बिहार को जोड़ता हुआ)

जेवर हवाई अड्डे से कनेक्टिविटी

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yeida) ने 120 मीटर चौड़े और 74.3 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे संरेखण को मंजूरी दे दी है, जो जेवर हवाई अड्डे (नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा) को सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग मानचित्र

Ganga Expressway: Route, map, cities, village list and status

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एक्सप्रेसवे की विशेषताएं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे के मार्ग पर औद्योगिक क्लस्टर, एक हवाईपट्टी, आपातकालीन लैंडिंग के लिए हेलीपैड और एयर-एंबुलेंस के संचालन की सुविधा और ट्रॉमा सेंटर जैसी सार्वजनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

हवाई पट्टी

इस प्रोजेक्ट में शाहजहांपुर में एक हवाईपट्टी भी तैयार होगी, जो आपातकालीन लैंडिंग के लिए उपयोग की जाएगी। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे मार्ग के किनारे औद्योगिक क्लस्टर और 9 स्थानों पर सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी।

विस्तार योग्य लेन

इस एक्सप्रेसवे को 8 लेन तक फैलाया जा सकता है और इस पर वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

ब्रिज और अन्य सुविधाएं

गंगा नदी के ऊपर एक्सप्रेसवे पर 1 किलोमीटर लंबा पुल प्रस्तावित किया गया है और रामगंगा नदी पर 720 मीटर लंबा एक और पुल प्रस्तावित है।

 

एक्सप्रेसवे के साथ कुल 9 सार्वजनिक सुविधाएं केंद्र होंगे। 381 अंडरपास, 14 मुख्य पुल, 126 छोटे पुल, 929 कुल्वर्ट, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज होंगे। रेलवे ओवरब्रिज की चौड़ाई 120 मीटर होगी।

राइट ऑफ वे (ROW) 120 मीटर प्रस्तावित की गई है, जिसमें एक्सप्रेसवे के एक तरफ स्थानीय यातायात के लिए 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस सड़क होगी।

टोल प्लाजा

मेरठ और प्रयागराज में दो मुख्य टोल प्लाजा स्थापित किए जाएंगे और गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग के साथ 15 रैम्प टोल प्लाजा होंगे।

सस्टेनेबल फीचर्स

गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए लगभग 18,55,000 पौधे लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित भूमि पर ऊर्जा उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।

निर्माण में मिट्टी की कमी को पूरा करने के लिए राज्य ने फ्लाई ऐश के उपयोग की अनुमति दी है। इससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और पर्यावरण के अनुकूल निपटान होगा, साथ ही प्रोजेक्ट की तेजी से पूर्णता सुनिश्चित होगी।

गंगा एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी अन्य एक्सप्रेसवे और हाईवे के साथ (NCR को बिहार से जोड़ना)

  • आगरा-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग: गंगा एक्सप्रेसवे को संभल जिले के लहरवन गांव के पास आगरा-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ा जाएगा, जिससे इन छोटे शहरों की सड़क कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा अलीगढ़-बरेली रेलवे ट्रैक के ऊपर एक ओवरब्रिज समेत कई ओवरब्रिज बनाए जाएंगे।
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: एनएचएआई गंगा एक्सप्रेसवे को गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बना रहा है, जो मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और चंदौली के रास्ते से होगा। इसके अलावा, प्राधिकरण बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से चित्रकूट को प्रयागराज से जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे विंध्य-काशी क्षेत्र के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
  • यमुना एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना बना रही है। परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, 83 किलोमीटर लंबी लिंक रोड गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगी। बुलंदशहर में एक इंटरचेंज होगा, जो जेवर एयरपोर्ट की सीधे कनेक्टिविटी देगा। इस लिंक रोड का निर्माण 4000 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। 2 जिलों के 57 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
  • दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे: देश के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे शाखा को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना बनाई है। यह मोदी नगर के पास जैनीद्दिनपुर गांव के नजदीक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना के दसना-मेरठ सेक्शन से एक अलग शाखा के रूप में विकसित होगा। यह 14 किमी का सेक्शन होगा, जो पश्चिमी से पूर्वी उत्तर प्रदेश जा रहे यात्रियों को सीधे पहुंच प्रदान करेगा।

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वाहनों के लिए टोल दरें

गंगा एक्सप्रेसवे ने विभिन्न वाहनों के लिए नए टोल रेट निर्धारित किए हैं।

  • कार या वैन: एकतरफा पास का शुल्क 145 रुपये है, रिटर्न पास का 200 रुपये और मासिक पास का 4905 रुपये।
  • बस या ट्रक: एकतरफा पास के लिए दर 455 रुपये, रिटर्न पास के लिए 685 रुपये और मासिक पास के लिए 15190 रुपये है।
  • लाइट कमर्शियल वाहन (LCV): टोल दरें एकतरफा पास के लिए 225 रुपये, रिटर्न पास के लिए 340 रुपये और मासिक पास के लिए 7535 रुपये हैं।
  • एचसीएम या ईएमई: एकतरफा पास का शुल्क 690 रुपये, रिटर्न पास का 1035 रुपये और मासिक पास का 23050 रुपये है।
  • Axle व्हीकल (6 तक): टोल दरें एकतरफा पास के लिए 690 रुपये, रिटर्न पास के लिए 1035 रुपये और मासिक पास के लिए 23050 रुपये हैं।
  • Axle व्हीकल (7 से अधिक): टोल दरें एकतरफा पास के लिए 900 रुपये, रिटर्न पास के लिए 1350 रुपये और मासिक पास के लिए 30005 रुपये हैं।

गंगा एक्सप्रेसवे के टी प्वाइंट मंगरोला पर दोनों ओर टोल बूथ बनाए जाएंगे। यहां से गंगा एक्सप्रेसवे की ओर और वहां से लौटते समय ड्राइवरों को टोल टैक्स देना होगा।

अनुमति प्राप्त वाहन

गंगा एक्सप्रेसवे पर सभी प्रकार के वाहन चलाने की अनुमति होगी, जिसमें कारें, ट्रक, वैन, एक्सल और जीप शामिल हैं। इसके अलावा जिला प्राधिकारी द्वारा पंजीकृत व्यावसायिक परिवहन को भी गंगा एक्सप्रेसवे मार्ग पर चलाने की अनुमति दी गई है।

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गंगा एक्सप्रेसवे का रियल एस्टेट प्रभाव

गंगा एक्सप्रेसवे यात्री और माल की गति को तेज करेगा और इसके मार्ग के साथ औद्योगिक कॉरिडोर, कृषि विपणन मूल्य श्रृंखलाओं और पर्यटन सर्किट को मजबूत बनाएगा।

एक बार चालू होने के बाद गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा, जो राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ेगा और पूर्वी यूपी से राष्ट्रीय राजधानी तक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इसे प्रमुख कॉरिडोर जैसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा उन्नाव के पास 2 जंक्शन विकसित किए जाएंगे और लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से एक रैंप के माध्यम से जोड़ा जाएगा, जिससे वाहनों को दोनों एक्सप्रेसवे पर चलने की सुविधा मिलेगी।

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आर्थिक विकास

इसके अलावा एक्सप्रेसवे से मार्ग के साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिसमें औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, और पर्यटन शामिल हैं। यह क्षेत्र के आसपास सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

मेरठ में शैक्षिक केंद्र को बढ़ावा

मेरठ शहर कई राज्य और निजी विश्वविद्यालयों की उपस्थिति के कारण एक शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ है, जो बड़ी संख्या में छात्र आबादी को आकर्षित करता है। गंगा एक्सप्रेसवे के पूरा होने से छात्रों के लिए आवागमन आसान होने की उम्मीद है। इसका रियल एस्टेट बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से किराये के आवास बाजार को बढ़ावा मिलेगा।

कमर्शियल रियल एस्टेट

सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) का विकास करने की योजना बना रही है, जिनसे क्षेत्र के आसपास वाणिज्यिक रियल एस्टेट विकास को गति मिलने की उम्मीद है। UPEIDA के अनुसार, फार्मा पार्क, वस्त्र पार्क, प्लास्टिक मोल्डिंग इकाइयां और अन्य क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों सहित औद्योगिक समूह गंगा एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले सभी जिलों में विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के विकास की योजनाएं भी हैं, जो क्षेत्र के अन्य उद्योगों की मांग बढ़ाएंगी। आवासीय रियल एस्टेट के संदर्भ में, कानपुर, प्रयागराज, मेरठ और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में सड़क संपर्क में सुधार के कारण आवास की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

रेसिडेंशियल रियल एस्टेट

आगामी गंगा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के साथ आवासीय संपत्तियों की मांग बढ़ेगी, क्योंकि वाणिज्यिक क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार की तलाश में अधिक लोग इस क्षेत्र में आएंगे। कानपुर, मेरठ, प्रयागराज जैसे प्रमुख शहर और उत्तराखंड के क्षेत्र इस पर महत्वपूर्ण प्रभाव देखेंगे।

रीटेल रियल एस्टेट

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तराखंड, प्रयागराज, वाराणसी और कन्नौज पर आगरा एक्सप्रेसवे के माध्यम से आगरा को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा। इन क्षेत्रों में पर्यटन को आकर्षित करने की संभावना है, जिससे होलसेल मार्केट और आवासीय संपत्तियों की मांग में वृद्धि होगी।

गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे संपत्ति की दरें

जगह प्रति वर्गफुट औसत संपत्ति मूल्य औसत मासिक किराया
मेरठ 5,200 रु. 13,600 रुपये
शाहजहांपुर 5,500 रु. 10,000 रुपये
प्रयागराज 7,300 रुपये 11,800 रुपये
वाराणसी 7,100 रुपये 15,200 रुपये

Housing.com का पक्ष

गंगा एक्सप्रेसवे के विकास ने कॉरिडोर के साथ रियल एस्टेट निवेश के अवसर बढ़ा दिए हैं, इसलिए एक्सप्रेसवे के पास संपत्ति खरीदने का यह आदर्श समय है। जैसे-जैसे एक्सप्रेसवे पूरा होगा, भविष्य में कीमतों में और अधिक बढ़ोतरी होने की संभावना है। यह उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है जो किराए से आय कमाने की सोच रहे हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गंगा एक्सप्रेसवे कहां स्थित है?

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित है और यह 6-लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा।

भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे कौन सा है?

पूरा बनने के बाद महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग 701 किलोमीटर की लंबाई के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।

गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई कितनी होगी?

गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर होगी।

गंगा एक्सप्रेसवे किन जिलों को जोड़ेगा?

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, संभल, अमरोहा, हरदोई, बदायूं, उन्नाव, शाहजहांपुर, प्रयागराज (इलाहाबाद) और रायबरेली जैसे जिलों को जोड़ेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे कितने गांवों को जोड़ेगा?

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 519 गांवों को जोड़ेगा।

गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की प्रस्तावित गति क्या होगी?

गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम प्रस्तावित गति 120 किमी प्रति घंटा होगी।

गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण की परियोजना लागत कितनी होगी?

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEDIA) के अनुसार, गंगा एक्सप्रेसवे की परियोजना लागत 36,000 से 42,000 करोड़ रुपये होगी।

गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना कब शुरू होगी?

प्रधानमंत्री द्वारा दिसंबर 2021 में गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करने के बाद यह परियोजना शुरू हुई। एक्सप्रेसवे 2024 तक तैयार हो जाएगा।

गंगा एक्सप्रेसवे किन जिलों को कवर करेगा?

गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जैसे प्रमुख जिलों को जोड़ेगा।

मेरठ से प्रयागराज की दूरी गंगा एक्सप्रेसवे से कितनी है?

गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से मेरठ से प्रयागराज की दूरी 596 किमी है।

क्या गंगा एक्सप्रेसवे तैयार है?

594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2024 तक चालू होने की उम्मीद थी।

हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें
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