जानें कैसे तैयार करें अपने नए घर का नक्शा

कई घरों के नक्शे में वास्तु सिद्धांतों को शामिल किया जाता है।

जो लोग अपने दम पर प्रॉपर्टी बनाने की सोच रहे हैं, उन्हें सपनों का घर बनाने के लिए कई पहलुओं पर विचार करना होगा। ऐसे व्यक्ति के लिए योजना बनाने की प्रक्रिया में एक चीज जो काफी महत्वपूर्ण हो जाती है, वह है अपने नए घर का नक्शा के लिए प्रारूप बनाना।

Table of Contents

घर का नक्शा उस मानचित्र की तरह है, जिसे आप इसीलिए बना रहे हैं ताकि आपके सपनों का घर वैसा आकार ले सके, जैसा आपने अपनी कल्पनाओं में सोचा है।

जो लोग अपना घर खुद बनाने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अपने सपनों का आशियाना खड़ा करने से पहले कई पहलुओं पर गंभीरता से विचार करना होता है। इन्हीं में से एक अहम पहलू है घर का नक्शा बनवाना, यानी अपने नए घर की रूपरेखा तय करना। एक सस्टेनेबल (टिकाऊ) और सोच-समझकर बनाया गया घर का नक्शा आपके सपनों को आकार देने में मदद करता है। घर का नक्शा तैयार करते समय लोग अक्सर वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का ध्यान रखते हैं, ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे, साथ ही उपलब्ध जगह का सर्वोत्तम उपयोग भी हो सके। अगर आप किसी आर्किटेक्ट की सेवाएं ले रहे हैं, तो यह निश्चित रूप से फायदेमंद होगा, लेकिन नक्शा बनवाने से पहले थोड़ा होमवर्क करना जरूरी है।

आज कई ऑनलाइन वेबसाइट्स मौजूद हैं, जो घर के डिजाइन तैयार करने में मदद करती हैं। इससे एक बड़ा लाभ यह होता है कि घर बनाने से पहले ही आप देख सकते हैं कि आपका घर कैसा दिखेगा, और जरूरत पड़ने पर बदलाव भी कर सकते हैं।

घर का नक्शा क्या होता है?

घर का नक्‍शा वो नक्शा है जिसे आप अपने सपनों के घर की ख्‍वाहिश को आकार देने के लिए बना रहे हैं। अपने सपनों का घर बनाने में आपकी मदद करने के लिए घर का नक्शा होना चाहिए। घर का नक्शा बनाते समय कई लोग वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक काफी सजग रहते हैं ताकि उपलब्ध जगह का सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सके. घर का नक्शा तैयार करने के बारे में आप क्या सोचते हैं? अगर आप किसी आर्किटेक्ट की सुविधा ले रहे हैं तो आपको कुछ मदद मिल जाएगी लेकिन उससे पहले भी आपको कुछ होमवर्क करना होगा.

इसके लिए कई ऑनलाइन वेबसाइट उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप अपने मकान और विभिन्न कमरों की ड्राइंग तैयार कर सकते हैं। इससे काफी मदद मिलती है क्योंकि घर बनाने से पहले घर का नक्शा ऑनलाइन तैयार करके आप यह जान पाएंगे कि वास्तव में आपका घर कैसा दिखेगा।

अच्छे से डिज़ाइन किए गए घर के लिए टिप्स:

घर का नक्शा बनाते समय निम्नलिखित तरीकों को अपनाना चाहिए:

  1. सस्टेनेबल डिज़ाइन:
    इसका मतलब केवल टिकाऊ निर्माण सामग्री (सस्टेनेबल बिल्डिंग मटेरियल), सोलर पैनल आदि का उपयोग ही नहीं है, बल्कि वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपनाकर घर का नक्शा कुशलतापूर्वक बनाना भी है।

  2. रहने योग्य डिज़ाइन:
    घर का डिज़ाइन इस प्रकार करें कि ज़रूरत पड़ने पर एक कमरे को दूसरे प्रकार के कमरे में बदला जा सके।
    उदाहरण के लिए: बच्चों के कमरे को गेस्ट रूम में बदलना आदि।
    इससे घर की जगह का बेहतर उपयोग होता है, सकारात्मक सिद्धांतों का पालन होता है और ज़रूरत पड़ने पर कमरों को अदल-बदल कर सकते हैं।

घर का नक्शा बनवाते समय किन- किन बातों का रखें ध्यान?
हम जब भी अपने घर नक्शा बनवाते हैं तो हमें कुछ बातों का भी विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए। वर्ना फिर वही आगे चलकर  वही हमारी परेशानी का कारण बनता है और हम कुछ कर भी नहीं पाते.इसलिए नीचे बताये गए इन कुछ बातों का अगर आप ध्यान रखते हैं तो आपको आगे चलकर किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।

सबसे पहले करें अपने घर के लिये एक अच्छे जमीन का चयन

आप जब भी अपना घर बनवाने के लिये जमीन का चयन करें, तो इस बात का सबसे पहले ध्यान रखें की जमीन अच्छी और अच्छी जगह पर होनी चाहिए साथ ही अपनी जरूरत के हिसाब से ही प्लाट का चयन करें।

घर का नक्शा बनवाते समय वास्तु शास्त्र का रखें ध्यान

अगर आप वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर अपने घर का नक्शा बनवाते हैं तो आपको ही फायदा होने वाला है, क्योंकि  वास्तु के हिसाब से  बनाया गया नक्शा और उस नक्शे से बनाये गए घर लोग खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं ।

घर का नक्शा बनवाते कमरों के साइज का रखें ध्यान

आप जब भी अपने घर का नक्शा बनवा रहें हो तो इस बात का विशेष ध्यान रखें की कमरों का साइज़ मध्यम ही रखना सही होगा. क्योंकि ऐसा करने से एक्स्ट्रा स्पेस भी नहीं लगेगा और काम आसानी से हो जायेगा।

घर के नक्शे में रोशनी का रखें भरपूर ध्यान

घर के नक्शे में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यही है की घर में हमेशा रोशनी का भरपूर स्रोत बनाए रखना के लिए खिड़कियों तथा रोशनदान में खुला स्पेस अवश्य रखें, जिससे प्राकृतिक हवा रोशनी घर में आराम से प्रवेश कर सके ।

घर के नक्शे में रखें वेंटिलशन का ध्यान

आप जब अपने घर का नक्शा बनवा रहें हो तो उसमें इस बात का ध्यान अवश्य रखें की घर में नेचुरल लाइट और नेचुरल हवा के लिये वेंटिलशन अवश्य रखना होगा। क्योंकि आज के समय में लोगों के पास छोटे- छोटे प्लाट होते हैं और लोग वेंटिलशन पर ध्यान नहीं देते हैं जो आगे चलकर परेशानी खड़ी करता है।

घर का नक्शा बनवाते समय फर्नीचर पर भी दें विशेष ध्यान

हम जब अपने घर का नक्शा बनवा रहें हो तो हमें फर्नीचर पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि आपको नक्शा बनवाते समय ही यह सोचना होगा की कौन से कमरे में आप किस तरह का फर्नीचर रखेंगे उसी हिसाब से फिर कमरों पर ध्यान देना होगा।

घर का नक्शा बनवाते समय घर के मेजरमेंट् पर भी दें ध्यान

अगर आप भी अपने घर का नक्शा बनवाने जा रहें हैं या आगे चलकर बनवाने वाले हैं तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें की घर की लंबाई चौड़ाई के हिसाब से पहले ही दीवारों के आकार का, आने जाने के रास्तों, कमरों का पिक्चर डॉक्यूमेंट कर लिया जाता है, इससे काम करने वाले इंजीनियर और बाकी कन्स्ट्रक्शन वर्कर्स का समय और आपके पैसे दोनों बचते हैं।

 

एआई (AI) का उपयोग कर घर का नक्शा बनाना

आज के समय में आप अपने घर का नक्शा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई – AI) की मदद से भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको पहले नीचे दी गए विवरण प्रदान करने होंगे:

प्लॉट साइज: प्लॉट का आकार वर्ग फुट (sqft.) या वर्ग मीटर (sqmtr.) में बताएं।
मंजिलों की संख्या: आपके घर की ईमारत में जितनी मंज़िलें की अनुमति मिल चुकी हों, उनकी संख्या बताएं।
कमरों की संख्या: आप अपने घर में कितने कमरे चाहेंगे, इसका उल्लेख करें।
घर की विशेषताएं: उन विशेषताओं का ज़रूअर उल्लेख करें जो आप अपने घर में चाहते हैं जैसे खुली छत, खुली बालकनी, गेराज आदि।
डिज़ाइन प्राथमिकता: अपने घर के लिए जो डिज़ाइन शैली आप चाहते हों उसका उल्लेख करें – जैसे आधुनिक (modern), न्यूनतम (minimalist), पारंपरिक (traditional), समकालीन  (contemporary) आदि।
अन्य ज़रूरी जानकारी: आप किसी अतिरिक्त निर्देश का भी उल्लेख कर सकते हैं जिसका आप उल्लेख करना चाहते हैं।
आप एआई टूल को यह सभी जानकारी देकर अपने घर का नक्शा बड़ी सरलता से बना सकते हैं।

 

होम नक्शा: एक घर के अच्छे नक्शा की विशेषताएं

  • जब भी आप घर का नक्शा तैयार करें तो ध्यान रखें कि उसमें लचीलापन हो, ताकि जरूरत पड़ने पर स्टडी रूम को बच्चों के कमरे में या लिविंग और डाइनिंग रूम के बीच ऑफिस स्पेस में बदला जा सके।
  • घर के नक्शे में आराम के साथ-साथ सुरक्षा को भी हमेशा प्राथमिकता दें।
  • अगर आप ओपन किचन का प्लान बना रहे हैं, तो यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में चाहें तो उसे क्लोज्ड किचन में बदला जा सके।
  • हर कमरे का आकार तय करते समय यह सोचें कि उसमें कितने लोग रहेंगे और उसमें कौन-कौन से फर्नीचर व उपकरण होंगे। इसी आधार पर स्पेस प्लान करें और घर के कमरों में एक संतुलित प्रवाह बनाए रखें। उदाहरण के तौर पर, डुप्लेक्स घर में रसोई को दूसरी मंजिल पर रखना व्यावहारिक नहीं होगा, क्योंकि यह सभी के लिए सुविधाजनक नहीं रहेगा।

घर के नक्शे में फेंग शुई बगुआ मैप का उपयोग

फेंग शुई बगुआ मैप को घर का नक्शा बनाते समय शुरुआती चरण में ही शामिल करें। घर के हर हिस्से को बगुआ मैप से मिलाएं ताकि उसका सकारात्मक ऊर्जा प्रभाव बढ़े। ध्यान रखें कि बगुआ ग्रिड को मुख्य दरवाजे के अनुसार ठीक से संरेखित किया जाए, तभी आपको इसका सबसे अच्छा लाभ मिलेगा।

 

 

 

घर का नक्शा और प्लॉट की दिशा

घर बनाते समय घर का नक्शा बनाना सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार बना हुआ घर का नक्शा अक्सर अच्छी तरह हवादार और घर के निवासियों के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। इसे देखते हुए, घर का डिज़ाइन बनाते समय जब प्लॉट और उसके साइज का चयन करने की बात आए तो घर का नक्शा के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

अगर आपके प्लॉट का जमीन का टुकड़ा उत्तर या पूर्व मुखी है तो ऐसे वास्तु सिद्धांत भी हैंजिनका आप बखूबी फायदा उठा सकते हैं. वास्तु के मुताबिक पूर्वउत्तर या उत्तर पूर्व की ओर जिन घरों का मुख होता हैवो बेहद शुभ होते हैं. यह भी सच है कि कोई दिशा खराब नहीं होती और घर के नक्शे में मामूली बदलाव कर आप घर की दिशाओं के मामले में बेहतर नतीजे पर पहुंच सकते हैं.

हमारे वास्तु संबंधी सभी लेख यहाँ पढ़ें

अच्छे घर की रूपरेखा के लिए सुझाव

घर का डिजाइन तैयार करते समय इन तरीकों को अपनाना चाहिए – 

  • सस्टेनेबल डिजाइन (Sustainable Design): यह ऐसा डिजाइन है, जिसमें टिकाऊ (पर्यावरण-अनुकूल) निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाता है और वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को शामिल किया जाता है ताकि घर का नक्शा सुंदर व ऊर्जा-संरक्षणकारी बने। इसमें वर्टिकल गार्डन, सोलर रूफिंग और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी तकनीकों को जोड़ने से घर न सिर्फ आकर्षक दिखेगा, बल्कि बिजली और पानी के बिल में भी बचत होगी। कई निर्माण परियोजनाओं में अब सोलर पैनल और वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाना अनिवार्य हो गया है। ऐसा करने से न केवल दीर्घकाल में खर्च कम होता है, बल्कि प्रॉपर्टी टैक्स में भी छूट मिल सकती है।
  • लिवेबिलिटी डिजाइन (Livability Design): ऐसा डिजाइन अपनाएं, जिसमें घर के कमरे जरूरत पड़ने पर अपना उपयोग बदल सकें। जैसे-बच्चों का कमरा मेहमान कक्ष में बदला जा सके। इससे घर की जगह का अधिकतम उपयोग संभव होता है, सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और आवश्यकता अनुसार कमरों को आसानी से बदला जा सकता है।

घर के नक्शे के प्रकार: घर के आकार के अनुसार डिजाइन

  • 1 बीएचके (500 वर्गफीट से कम) – छोटे लेकिन उपयोगी लेआउट, जिनमें हर इंच का सही इस्तेमाल होता है।
  • 2 बीएचके और 3 बीएचके घर का नक्शा (1,000–2,000 वर्गफीट) – संतुलित स्पेस प्लानिंग, छोटे परिवारों के लिए बिल्कुल उपयुक्त।
  • लक्जरी हाउस नक्शा (3,000 वर्गफीट से अधिक) – इसमें घर के थिएटर, जिम, टैरेस गार्डन, टेनिस कोर्ट, योगा स्पेस, स्टडी रूम जैसी शानदार सुविधाएं शामिल होती हैं।

घर का नक्शा कैसे बनाएं?

घर का नक्शा बनाना, अपने सपनों का घर तैयार करने की पहली और सबसे अहम प्रक्रिया होती है। वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बनाए गए मकान के नक्शे प्रायः बेहतर दिशा में स्थित, हवादार और वहां रहने वालों के लिए अधिक स्वास्थ्यवर्धक माने जाते हैं। इसी कारण जब आप अपने घर की प्लॉट का सिलेक्शन या उसका आकार तय कर रहे हों, तो इन वास्तु नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है।

अगर आपका प्लॉट उत्तर मुखी या पूरब मुखी है तो कुछ सरल डिजाइन सिद्धांतों को अपनाकर आप इसका अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। वास्तु के अनुसार, पूरब, उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख वाला घर सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि, यह भी सच है कि कोई भी दिशा अशुभ नहीं होती। आपके घर के नक्शे में छोटे-छोटे परिवर्तन करके भी आप अपने घर के लिए सबसे उत्तम डिजाइन तैयार कर सकते हैं।

हमारे सभी वास्तु-संबंधी लेख  यहां पढ़ें।

घर का नक्शा: किचन

घर का नक्शा बनाते वक्त यह तय कर लें कि आप ओपन किचन चाहते हैं या फिर बंद. ऐसे शहर जहां जगह कम हैवहां परिवार ओपन किचन को तवज्जो देते हैं. इनमें दरवाजे और दीवारें अधिक जगह नहीं घेरते. लेकिन ओपन किचन की सबसे बड़ी खामी ये है कि आपको इसे हर वक्त साफ रखना पड़ेगा. दूसरी ओर इसके काफी फायदे भी हैं. उदाहरण के तौर परआप जगह का ज्यादा इस्तेमाल कर पाते हैंअपने डिजाइन की वजह से यह आकर्षण को बढ़ाता हैजिससे यह बहुत उपयोगी स्थान बन जाता है. वास्तु के मुताबिककिचन के लिए ये दिशा सबसे मुफीद है. इसे अपने घर के नक्शे में शामिल करें.

 

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यह भी पढ़ें: छोटे और बड़े घरों के किचन के लिए डिजाइन आइडियाज

 

घर का नक्शा: कपड़े धोने की जगह

आप वॉशिंग एरिया को बर्तन धोने, कपड़े धोने या फिर कपड़े सुखाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप किसी भी घर के नक्शे की फोटो देखते हैं, तो आप देखेंगे कि वॉश एरिया रसोई घर से जुड़ा हुआ है या उसके करीब है। अपने मकान के नक्शे में वॉश एरिया को किचन के पास डिजाइन करना सुविधाजनक होने के साथ-साथ व्यावहारिक भी है, क्योंकि इससे किचन में पर्याप्त हवा और रोशनी आएगी और आपको खुले आसमान या बाकी चीजों को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा।

 

घर का नक्शा: स्टोर रूम

अगर आप अपने घर का नक्शा में स्टोर रूम की योजना बना रहे हैं, तो कुछ बिंदुओं पर विचार करना जरूरी है।स्टोर रूम किचन या उसके करीब होना चाहिए. जब तक आप बड़े घर की योजना नहीं बनाते हैं और ऐसा करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है, तब तक वास्तु के सिद्धांतों को लागू करना अनुकूल होगा. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, स्टोर रूम पूर्व या उत्तर में न बनाएं. अगर आप भारी मशीनें या उपकरण रखना चाहते हैं तो साउथ वेस्ट जगह मुफीद है. स्टोर रूम बनाने के लिए नॉर्थ-वेस्ट और साउथ-वेस्ट दिशाएं भी आदर्श हैं.

 

Ghar ka naksha

 

घर का नक्शा: मास्टर बेडरूम

यह घर का सबसे बड़ा बेडरूम होता हैजिसमें घर का मुखिया अपनी पत्नी के साथ रहता है. जब आप अपने घर की प्लानिंग करते हैं तो सुनिश्चित करें कि सारे बेडरूम इवन साइज में हों. उदाहरण के तौर पर 12 फुट x 12 फुट या 12 फुट x 14 फुट या 14 फुट x 14 फुट या 14 फुट x 16 फुट इत्यादि. इसका आसान सा कारण यह है कि जब घर में राजमिस्त्री टाइल लगाएंगे तो उन्हें इसे काटकर आकार नहीं बदलना पड़ेगा. मास्टर बेडरूम का न्यूनतम आकार 12 फुट x 12 फुट होना चाहिए,जो एक मानक आकार है. अगर जगह की कोई कमी नहीं है तो आप इसे बड़ा भी बनवा सकते हैं. कमरे में एक अटैच टॉयलेट और ड्रेसर भी प्लान कर सकते हैं. हालांकि किचन एरिया के करीब टॉयलेट नहीं होना चाहिए.

 

घर का नक्शा: घर में सीढ़ियां कैसे बनाएं?

सीढ़ियां चढ़ते वक्त, जिस दिशा में घड़ी घूमती है, उसी दिशा में ही सीढ़ियां बनवानी चाहिए. अगर आप घड़ी के विपरीत दिशा में चढ़ते हैं तो यह सही नहीं है.

सीढ़ियां हमेशा ऑड नंबर में होनी चाहिए यानी 15,17, 19, 21 या 23. सीढ़ियों का मानक आकार 3 फुट होना चाहिए और यह 6 इंच ऊंची होनी चाहिए. अधिकतर मामलों में न्यूनतम, दो फीट और आठ इंच (81.3 सेमी) होता है। यदि सीढ़ी 44 इंच (111.8 सेमी) से अधिक है, तो अपने घर का नक्शा में हैंडरेल शामिल करें।

यह भी देखें: अपना घर बनाने के लिए आवश्यक चेकलिस्ट

 

घर का नक्शा: डायनिंग एरिया

डायनिंग रूम हमेशा किचन के करीब होना चाहिए. अगर घर में सीढ़ियां हैं तो उसके आगे डायनिंग रूम बनाने का आइडिया अच्छा है. यह देखने में भी अच्छा लगेगा और जगह भी खाली खाली नहीं लगेगी. वास्तु के नियमों के मुताबिककुछ प्रॉपर्टीज में डाइनिंग रूम सीढ़ियों के नीचे भी होता हैजो अतिरिक्त जगह को इस्तेमाल करने का अच्छा आइडिया है.

 

घर का नक्शा: ड्रॉइंग हॉल या लिविंग रूम

 

मेहमानों का स्वागत करने के लिए घर के नक्शे में ड्राइंग-कम-लिविंग रूम होना जरूरी है। अक्सर मकान के नक्शे में लोग “ड्रॉइंग हॉल” और “लिविंग रूम” को एक ही मान लेते हैं, लेकिन दोनों में फर्क होता है। घर के नक्शे में ड्राइंग हॉल आमतौर पर घर के प्रवेश द्वार पर होता है, जहां वे मेहमान आते हैं जो सिर्फ परिचित होते हैं। वहीं लिविंग रूम वह जगह है, जहां आप अपने करीबी मेहमानों के साथ समय बिताना चाहते हैं। जो अनजान मेहमान हों, उन्हें घर के अंदर तक लाने की जरूरत नहीं होती, वे घर के नक्शे में बने बरामदे में ही बैठ सकते हैं।

हालांकि, शहरों में सीमित जगहों के कारण हर घर का नक्शा इन कमरों को अलग-अलग रूप में नहीं बना पाता। अगर आपके पास जगह की सुविधा है तो सुनिश्चित करें कि आप अपने घर के नक्शे में इन स्थानों की सही योजना बनाएं।

 

घर का नक्शा: कॉमन टॉयलेट

कॉमन टॉयलेट हर परिवार के लिए जरूरी है. हालांकि यह डाइनिंग एरिया के करीब होना चाहिए लेकिन इतना करीब भी नहीं कि कोई मेहमान इसे इस्तेमाल करने के लिए अन्य कमरों से गुजरे बिना स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सके. स्वच्छता के मकसद से भी कॉमन टॉयलेट काफी जरूरी है. गैर-पारिवारिक सदस्यजो आपके घर आते हैंउन्हें भी सुविधाजनक लगना चाहिए और साथ ही आपकी प्राइवेसी और स्वच्छता के साथ भी कोई समझौता नहीं होना चाहिए. अगर आपका डायनिंग एरिया में वॉश बेसिन लगाने का कोई प्लान नहीं है तो कॉमन वॉशरूम लगाना अच्छा है. कॉमन वॉशरूम घर में सबसे बड़ा टॉयलेट नहीं होना चाहिए.

 

घर का नक्शा: ओपन एरिया और पार्किंग

अपने पार्किंग एरिया को इस तरह से बनाएं ताकि अगर आगे चलकर आप नया घर लें तब भी पार्किंग एरिया उतना ही उपयोगी रहे. 15 फुट x 14 फुट की जगह हर तरह के वाहन के लिए काफी है. अगर आपके पास लॉन के लिए जगह है तो इसे जरूर बनाएं. यह प्रॉपर्टी के एंट्रेंस पर होना चाहिए. अन्य खुले क्षेत्र घर में बहुत जरूरी रोशनी और ताजी हवा मुहैया कराते हैं.

यह भी देखें: भारतीय राज्यों में भू नक्शा के बारे में सब कुछ

घर का नक्शा बनाना पहला कदम होता है. पहले आर्किटेक्टकॉन्ट्रैक्टरवास्तु एक्सपर्ट और इंटीरियर डिजाइनर के साथ मिलकर योजना बनाएं. ऊपर बताए गए टिप्स शुरुआती बिंदु की तरह काम करेंगे.

यह भी देखें: भारत में जमीन खरीदने से पहले विचार करने योग्य बातों की पूरी जानकारी

 

घर का नक्शा: वास्तु और दिशाओं के देवता और उनके ग्रह

Know how to prepare a ghar ka naksha

 

जब आप अपने घर के नक्शे पर आर्किटेक्ट और कॉन्ट्रैक्टर के साथ काम करें तो ऊपर दी गई तस्वीर के जरिए दिशाओं को महत्व को समझ सकते हैं. विभिन्न दिशाओं में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा होती है.

यह भी देखें: पूरब मुखी घर का वास्तु के बारे में सब कुछ

क्या मैं घर का नक्शा ऑनलाइन बना सकता हूं?

जवाब है हांआप घर का नक्शा या घर का डिजाइन ऑनलाइन बना सकते हैं. ऐसी कई वेबसाइटसॉफ्टवेयर्स और ऐप हैंजिनके जरिए आप ऐसा कर सकते हैं. हालांकि घर के डिजाइनिंग के लिए कुछ अनुभव और सॉफ्टवेयर्स की समझ जरूरी है. इस पर काम करने के लिए आप किसी आर्किटेक्ट की मदद भी ले सकते हैं.

एक सिंपल घर डिजाइन फोटो मूल रूप से घर का फर्श प्लान है। इन ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल करके आप 3D फ्लोर प्लान बना सकते हैं। इस घर का नक्शा 3D फोटो को देखें।

 

Ghar ka naksha: Know how to prepare a makaan ka naksha for your home

 

आप अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न आयामों और प्लॉट के एरिया के अनुसार एक सिंपल घर का फोटो बना सकते हैं।

ज्यादा जानकारी के लिए वास्तु पर हमारा एक्सक्लूसिव आर्किकल यहां पढ़ें

घर का नक्शा बनाने में फेंग शुई बागुआ मानचित्र का करें उपयोग

घर का नक्शा बनाने के शुरुआती चरणों में फेंग शुई बागुआ मानचित्र का उपयोग करना चाहिए। घर का नक्शा बनाने में सबसे अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र के बागुआ मानचित्र का मिलान करना चाहिए। बागुआ मानचित्र बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि ग्रिड सामने के दरवाज़े से ठीक से मेल खाता है ताकि इसका आपको उचित लाभ प्राप्त हो सके।

घर का नक्शा मे बगीचा योजना

जब आप घर का नक्शा बना रहे हैं और यह एक स्वतंत्र घर है, तो बगीचा योजना बनाना एक अच्छा विचार है। आप बगीचे और पेड़ों के placement को इस तरह से योजना बना सकते हैं कि घर को इसका लाभ मिले। विभिन्न गतिविधियों के लिए विशिष्ट क्षेत्र बनाएं, जैसे बैठने का क्षेत्र, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, या एक सब्जी का बगीचा।

घर के नक्शे की विशेषताएँ क्या हैं?

टॉप व्यू : घर के नक्शे की मदद से आप अपने पूरे घर की योजनाबद्ध जानकारी को एक साथ ऊपर से (बर्ड्स आई व्यू) देख सकते हैं। इससे जगह का अधिकतम और बेहतर उपयोग करने में मदद मिलती है।

2D और 3D: घर के नक्शे के माध्यम से आप 2D और 3D फॉर्मेट देख सकते हैं। 2D नक्शा आपको ब्लूप्रिंट यानी फ्लैट प्लान दिखाता है, जबकि 3D नक्शा गहराई और ऊंचाई के साथ घर की अधिक स्पष्ट कल्पना प्रदान करता है।

अनुकूलन (कस्टमाइज़ेशन) की सुविधा: घर के नक्शे के ज़रिए आप अपनी ज़रूरतों और पसंद के अनुसार डिज़ाइन में बदलाव कर सकते हैं। इससे निर्माण शुरू होने से पहले ही आप अपने घर का रूप और आकार अपने अनुसार तय कर सकते हैं।

Housing.com के दृष्टिकोण से 

घर का नक्शा किसी भी घर की नींव होता है, और जब यह सही ढंग से बनाया जाता है, तो उसके ऊपर जो घर आप अपने परिवार के लिए बनाते हैं वह भी परिपूर्ण होता है। बिना योजना के, नक्शे के बिना निर्माण करना अव्यवस्थित निर्माण की ओर ले जा सकता है, जिसमें नकारात्मक ऊर्जा भी फंसी रह सकती है, जो अंततः वहां रहने वाले लोगों को प्रभावित कर सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

घर का नक्शा कैसे बनाएं?

आप अपने घर का नक्शा बनाते समय प्लॉट का आकार, हर कमरे का क्षेत्रफल, कितने कमरे चाहिए और क्या आप उसे वास्तु के अनुसार बनाना चाहते हैं, इन सभी बातों को ध्यान में रखें।

ऑनलाइन घर का नक्शा कैसे बनाएं?

आप कई ऑनलाइन टूल्स की मदद से घर का नक्शा बना सकते हैं। दरअसल, आजकल एआई (AI) की मदद से भी नक्शा तैयार किया जा सकता है।

घर का नक्शा स्टेप बाय स्टेप कैसे बनाएं?

सबसे पहले अपनी जरूरतें तय करें। फिर प्लॉट की सीमाएं चिन्हित करें, उसके बाद कमरों के विभाजन और सुविधाओं को ड्रॉ करें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।

घर का नक्शा कौन बनाता है?

घर का नक्शा आर्किटेक्ट (वास्तुकार) तैयार करता है।

भारत का सबसे अमीर घर कौन सा है?

भारत का सबसे अमीर घर एंटीलिया (Antilia) है।

वास्तु के अनुसार ‘घर के नक्शे’ में बेडरूम का आकार कैसा होना चाहिए?

वास्तु के अनुसार बेडरूम का क्षेत्रफल सम संख्या में होना चाहिए, जैसे 12 फीट × 12 फीट, 12 फीट × 14 फीट आदि।

घर के नक्शे में हॉल कहां होना चाहिए?

हॉल घर के पूर्व दिशा या बीच के हिस्से में होना चाहिए।

प्लॉट खरीदने के लिए कौन सी दिशाएं शुभ मानी जाती हैं?

पूर्वमुखी, उत्तरमुखी या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा वाले प्लॉट शुभ माने जाते हैं।

उत्तर प्रदेश में आवासीय मकान बनाने के लिए न्यूनतम प्लॉट का आकार कितना होना चाहिए?

प्लॉट का क्षेत्रफल कम से कम 1,800 वर्ग फीट होना चाहिए। विकसित क्षेत्रों में यह 1,900 वर्ग फीट होना आवश्यक है। हालांकि, नियंत्रक प्राधिकरण की अनुमति मिलने पर विशेष परिस्थितियों में इससे छोटे प्लॉट पर भी निर्माण की अनुमति दी जा सकती है।

क्या एक ही प्लॉट पर दो इमारतें बनाई जा सकती हैं?

नहीं, भले ही जगह पर्याप्त हो, आवासीय प्लॉट पर केवल एक ही इमारत बनाई जा सकती है।

औद्योगिक प्लॉट का न्यूनतम आकार कितना होना चाहिए?

औद्योगिक प्लॉट का क्षेत्रफल कम से कम 6,000 वर्ग फीट होना चाहिए।

 

(हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें।)

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