हिंदू परंपराओं के अनुसार, नए घर या प्रॉपर्टी में प्रवेश करने के लिए शुभ तिथि और समय का चयन करना, जिसे गृह प्रवेश मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नए घर में रहने वालों के लिए सौभाग्य, सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि लाता है।
शुभ मुहूर्त की गणना हिंदू कैलेंडर और वास्तु शास्त्र के नियमों के आधार पर की जाती है, जिसमें विभिन्न ज्योतिषीय कारकों पर विचार किया जाता है। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, जिस दिन सकारात्मक ऊर्जा सबसे मजबूत होती है, यानी जब तिथि, तिथि और नक्षत्र सबसे अनुकूल होते हैं, वह दिन नए घर में प्रवेश के लिए सबसे उचित माना जाता है।
गृह प्रवेश समारोह शुभ मुहूर्त में कई अनुष्ठानों के साथ नए घर में प्रवेश से किया जाता है ताकि घर में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित हो और बुरी ताकतों को दूर भगाया जा सके। इसके लिए गृह प्रवेश पूजा करने के लिए सबसे उपयुक्त तिथि के लिए हिंदू चंद्र कैलेंडर या पंचांग की तिथियों का पता लगाया जाता है।
गृह प्रवेश दो शब्दों से मिलकर बना है – पहला ‘गृह’, जिसका मतलब होता है घर और दूसरा ‘प्रवेश’, जिसका अर्थ है प्रवेश करना। गृह प्रवेश पूजा नए घर से किसी भी बुरे प्रभाव और वास्तु दोष से छुटकारा पाने के साथ-साथ शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है। गृह प्रवेश पूजा घर की पवित्रता करके सकारात्मक आभा को बढ़ाया जाता है। गृह प्रवेश पूजा घर में रहने वाले सभी लोगों की द्वारा की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ तिथि पर ही घर का निर्माण किया जाना चाहिए। 2024 में घर निर्माण के लिए भूमि पूजन मुहूर्त जानने के लिए क्लिक करें।
2025 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त
तारीख | दिन | गृह प्रवेश मुहूर्त (समय)
|
फरवरी 6 | गुरुवार | रात 10:53 से सुबह 7:06 (फरवरी 7) |
फरवरी 7 | शुक्रवार | सुबह 7:06 से सुबह 7:05 (फरवरी 8) |
फरवरी 8 | शनिवार | सुबह 7:05 से शाम 6:07 |
फरवरी 14 | शुक्रवार | रात 11:09 से सुबह 6:59 (फरवरी 15) |
फरवरी 16 | शनिवार | सुबह 6:59 से रात 11:52 |
फरवरी 17 | सोमवार | सुबह 6:58 से रात 4:53 (फरवरी 18) |
मार्च 1 | शनिवार | रात 10:53 से सुबह 7:06 (मार्च 2) |
मार्च 5 | बुधवार | सुबह 7:06 से सुबह 7:05 (मार्च 6) |
मार्च 6 | गुरुवार | सुबह 7:05 से शाम 6:07 |
मार्च 14 | शुक्रवार | रात 11:09 से सुबह 6:59 (मार्च 15) |
मार्च 15 | शनिवार | सुबह 6:59 से रात 11:52 |
अप्रैल 30 | बुधवार | सुबह 5:41 से दोपहर 2:12 |
मई 1 | गुरुवार | सुबह 11:23 से दोपहर 2:21 |
मई 7 | बुधवार | शाम 6:17 से सुबह 5:35 (मई 8) |
मई 8 | गुरुवार | सुबह 5:35 से दोपहर 12:29 |
मई 9 | शुक्रवार | रात 12:09 से सुबह 5:33 (मई 10) |
मई 10 | शनिवार | सुबह 5:33 से शाम 5:29 |
मई 14 | बुधवार | सुबह 5:31 से दोपहर 11:47 |
मई 17 | शनिवार | शाम 5:44 से सुबह 5:29 (मई 18) |
मई 22 | गुरुवार | शाम 5:47 से सुबह 5:26 (मई 23) |
मई 23 | शुक्रवार | सुबह 5:26 से रात 10:29 |
मई 28 | बुधवार | सुबह 5:25 से रात 12:29 (मई 29) |
जून 4 | बुधवार | रात 11:54 से सुबह 3:35 (जून 5) |
जून 6 | शुक्रवार | सुबह 6:34 से रात 4:47 (जून 7) |
अक्टूबर 23 | गुरुवार | सुबह 4:51 से सुबह 6:28 (अक्टूबर 24) |
अक्टूबर 24 | शुक्रवार | सुबह 6:28 से दोपहर 1:19 (अक्टूबर 25) |
अक्टूबर 29 | बुधवार | सुबह 6:31 से सुबह 9:23 |
नवंबर 3 | सोमवार | सुबह 6:34 से दोपहर 2:05 (नवंबर 4) |
नवंबर 6 | गुरुवार | रात 3:28 से सुबह 6:37 (नवंबर 7) |
नवंबर 7 | शुक्रवार | सुबह 6:37 से सुबह 6:38 (नवंबर 8) |
नवंबर 8 | शनिवार | सुबह 6:38 से सुबह 7:32 |
नवंबर 14 | शुक्रवार | रात 9:20 से सुबह 6:44 (नवंबर 15) |
नवंबर 15 | शनिवार | सुबह 6:44 से रात 11:34 |
नवंबर 24 | सोमवार | रात 9:53 से सुबह 6:52 (नवंबर 25) |
नवंबर 30 | शनिवार | रात 2:22 से सुबह 6:56 (दिसंबर 1) |
दिसंबर 1 | सोमवार | सुबह 6:56 से शाम 7:01 |
दिसंबर 5 | शुक्रवार | सुबह 6:59 से सुबह 7:00 (दिसंबर 6) |
दिसंबर 6 | शनिवार | सुबह 7:00 से सुबह 8:48 |
फरवरी 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
6 फरवरी | गुरुवार | दशमी | रोहिणी | रात 10:53 बजे से 7 फरवरी को सुबह 7:06 तक |
7 फरवरी | शुक्रवार | दशमी, एकादशी | रोहिणी, मृगशिरा | 7:06 पूर्वाह्न से 8 फरवरी को 7:05 पूर्वाह तक |
8 फरवरी | शनिवार | एकादशी | मृगशिरा | सुबह 7:05 से शाम 6:07 तक |
14 फरवरी | शुक्रवार | तृतीया | उत्तरा फाल्गुनी | रात 11:09 बजे से 15 फरवरी को 6:59 बजे तक |
16 फरवरी | शनिवार | तृतीया | उत्तरा फाल्गुनी | सुबह 6:59 से रात 11:52 तक |
17 फरवरी | सोमवार | पंचमी | चित्रा | सुबह 6:58 बजे से 18 फरवरी को सुबह 4:53 तक |
मार्च 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
1 मार्च | शनिवार | द्वितीया, तृतीया | उत्तराभाद्रपद | 11:22 पूर्वाह्न से 6:45 पूर्वाह्न, 2 मार्च |
5 मार्च | बुधवार | सप्तमी | रोहिणी | सुबह 1:08 बजे से 6 मार्च को सुबह 6:41 तक |
6 मार्च | गुरुवार | सप्तमी | रोहिणी | सुबह 6:41 से 10:50 तक |
14 मार्च | शुक्रवार | प्रतिपदा | उत्तरा फाल्गुनी | 12:23 अपराह्न से 15 मार्च को सुबह 6:31 तक |
15 मार्च | शनिवार | प्रतिपदा | उत्तरा फाल्गुनी | सुबह 6:31 से 8:54 तक |
अप्रैल 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
30 अप्रैल | बुधवार | तृतीया | रोहिणी नक्षत्र | सुबह 5:41 से दोपहर 2:12 तक |
मई 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
1 मई | गुरुवार | पंचमी | मृगशिरा | 11:23 पूर्वाह्न से 2:21 अपराह्न तक |
7 मई | बुधवार | एकादशी | उत्तराफाल्गुनी | 6:17 अपराह्न 5:35 पूर्वाह्न, 8 मई |
8 मई | गुरुवार | एकादशी | उत्तराफाल्गुनी | सुबह 5:35 से दोपहर 12:29 तक |
9 मई | शुक्रवार | त्रयोदशी | चित्रा | सुबह 12:09 बजे से 10 मई को सुबह 5:33 तक |
10 मई | शनिवार | त्रयोदशी | चित्रा | सुबह 5:33 से शाम 5:29 तक |
14 मई | बुधवार | द्वितीय | अनुराधा | 5:31 पूर्वाह्न से 11:47 पूर्वाह्न तक |
17 मई | शनिवार | पंचमी | उत्तराषाढ़ा | रात 5:44 बजे से 18 मई को सुबह 5:29 बजे तक |
22 मई | गुरुवार | दशमी | उत्तराभाद्रपद | रात 5:47 से 23 मई को सुबह 5:26 बजे तक |
23 मई | शुक्रवार | एकादशी | उत्तराभाद्रपद | सुबह 5:26 से रात 10:29 तक |
28 मई | बुधवार | द्वितीय | मृगशिरा | सुबह 5:25 से 29 मई को सुबह 12:29 बजे तक |
गृह प्रवेश मुहूर्त जून 2025
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
4 जून | बुधवार | दशमी | उत्तरा फाल्गुनी | रात 11:54 से 5 जून को सुबह 3:35 बजे तक |
6 जून | शुक्रवार | एकादशी | चित्रा | 07 जून, सुबह 6:34 से 4:47 बजे तक |
2025 में जुलाई, अगस्त और सितंबर में कोई शुभ तिथि उपलब्ध नहीं है।
गृह प्रवेश मुहूर्त अक्टूबर 2025
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
23 अक्टूबर, 2025 | गुरुवार | तृतीया | अनुराधा | सुबह 4:51 से 24 अक्टूबर को सुबह 6:28 तक |
24 अक्टूबर, 2025 | शुक्रवार | तृतीया | अनुराधा | 6:28 पूर्वाह्न से 25 अक्टूबर को 1:19 अपराह्न तक |
29 अक्टूबर, 2025 | बुधवार | सप्तमी | उत्तरा आषाढ़ | सुबह 6:31 से 9:23 तक |
नवंबर 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहुर्त |
03 नवंबर, 2025 | सोमवार | त्रयोदशी | उत्तराभाद्रपद, रेवती | 6:34 पूर्वाह्न से 4 नवंबर को 2:05 अपराह्न तक |
06 नवंबर, 2025 | गुरुवार | द्वितीय | रोहिणी | सुबह 3:28 से 7 नवंबर को सुबह 6:37 बजे तक |
07 नवंबर, 2025 | शुक्रवार | द्वितीया, तृतीया | रोहिणी, मृगशीर्ष | सुबह 6:37 से 8 नवंबर को सुबह 6:38 बजे तक |
08 नवंबर, 2025 | शनिवार | चतुर्थी, तृतीया | मृगशीर्ष | 6:38 से 7:32 पूर्वाह्न |
14 नवंबर, 2025 | शुक्रवार | दशमी, एकादशी | उत्तरा फाल्गुनी | रात 9:20 से 14 नवंबर को सुबह 6:44 बजे तक |
15 नवंबर, 2025 | शनिवार | एकादशी | उत्तरा फाल्गुनी | सुबह 6:44 से रात 11:34 तक |
24 नवंबर, 2025 | सोमवार | पंचमी | उत्तरा आषाढ़ | रात 9:53 से 25 नवंबर को सुबह 6:52 बजे तक |
03 नवंबर, 2025 | शनिवार | दशमी | उत्तराभाद्रपद | सुबह 2:22 से 30 नवंबर को सुबह 6:56 तक |
दिसंबर 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख | दिन | तिथि | नक्षत्र | मुहूर्त |
1 दिसंबर, 2025 | सोमवार | एकादशी | रेवती | सुबह 6:56 से शाम 7:01 तक |
5 दिसंबर, 2025 | शुक्रवार | प्रतिपदा, द्वितीया | रोहिणी, मृगशीर्ष | सुबह 6:59 बजे से 6 दिसंबर को सुबह 7 बजे तक |
6 दिसंबर, 2025 | शनिवार | द्वितीय | मृगशीर्ष | सुबह 7:00 बजे से 8:48 बजे तक |
गृह प्रवेश मुहूर्त 2025: त्वरित तथ्य
गृह प्रवेश के लिए शुभ महीने | माघ (जनवरी-फरवरी), फाल्गुन (फरवरी-मार्च), बैशाख (अप्रैल-मई) और जेष्ठ (मई-जून) |
गृह प्रवेश के लिए महीनों से बचें | आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और पौष |
गृह प्रवेश के लिए शुभ नक्षत्र | अनुराधा नक्षत्र, रोहिणी, मृगशीर्ष, उत्तर फाल्गुनी, चित्रा, उत्तर भाद्रपद, रेवती, उत्तरषाढ़ा, पुष्य, शतभिषा, स्वाति और धनिष्ठा |
गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथियां | शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी |
घर बदलने के लिए सप्ताह के सर्वोत्तम दिन | सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार |
घर बदलने के लिए सप्ताह के किन दिनों से बचें | मंगलवार, रविवार और शनिवार |
गृह प्रवेश के शुभ त्यौहार | बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया, दशहरा और धनतेरस |
गृह प्रवेश पूजा के प्रकार | अपूर्व, सपूर्व और द्वंद्व |
गृह प्रवेश पूजा का महत्व | दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, सौभाग्य, शांति और समृद्धि लाता है, घर को शुद्ध करता है और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है |
विशेषज्ञों का कहना है कि खरमास, श्राद्ध, चतुर्मास आदि समय अशुभ माने जाते हैं। पंचांग क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। इसलिए तिथि तय करने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना उचित है।
2025 में गृह प्रवेश के लिए शुभ नक्षत्र
- रोहिणी – यह शुभ नक्षत्र समृद्धि और वृद्धि का प्रतीक है, नए कार्यों की शुरुआत के लिए अनुकूल है।
- मृगशिरा – यह नक्षत्र घर में शांति और सौहार्द लाने वाला माना जाता है।
- उत्तर फाल्गुनी – यह नक्षत्र स्थिरता और सौभाग्य प्रदान करता है।
- चित्रा – यह नक्षत्र रचनात्मकता, धन और समृद्धि आकर्षित करता है।
- रेवती – यह नक्षत्र खुशी, संपन्नता और समग्र कल्याण लाने वाला होता है।
- उत्तराषाढ़ा – यह नक्षत्र सफलता, धन और दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करता है।
- अनुराधा – यह नक्षत्र लंबे समय तक चलने वाले संबंधों और घरेलू सफलता को बढ़ावा देता है।
गृह प्रवेश तभी शुभ माना जाता है, जब नक्षत्र अनुकूल हों। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जो चंद्रमा की विभिन्न राशियों में स्थित होते हैं। चंद्रमा प्रत्येक नक्षत्र में एक दिन व्यतीत करता है। पंचांग और हिंदू कैलेंडर में नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है क्योंकि ये शुभ मुहूर्त निकालने में सहायक होते हैं।
वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार, गृह प्रवेश और पूजा तभी करनी चाहिए जब नक्षत्र अनुकूल हों, जिससे सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
गृह प्रवेश मुहूर्त कैसे निकालें?
गृह प्रवेश के लिए मुहूर्त कैसे निकाला जाता है, इस बारे में नीचे दी गई वेबसाइट ने बहुत अच्छे से समझाया है, खासतौर पर इन सभी पहलुओं के महत्व को विस्तार से बताया गया है। कृपया इसे फॉलो करें – https://housiey.com/blogs/best-griha-pravesh-muhurat-2024-2025-a-complete-guide
गृह प्रवेश मुहूर्त की गणना निम्नलिखित प्रमुख पहलुओं को ध्यान में रखकर की जाती है –
- तारों और नक्षत्रों का संयोग: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुछ नक्षत्र जैसे रोहिणी और उत्तराफाल्गुनी आदि के आधार पर शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है। इन नक्षत्र की ऊर्जा घर की ऊर्जा के लिए सकारात्मक होती है और घर में संतुलन स्थापित करने में सहायक होती है।
- ग्रहों की स्थिति: शुभ मुहूर्त तय करते समय नौ ग्रहों में शामिल प्रमुख ग्रहों जैसे गुरु और शुक्र की स्थिति देखी जाती है। साथ ही इन ग्रहों के अस्त होने की स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है।
- शुभ लग्न: गृह प्रवेश की शुभ तिथि चुनते समय परिवार के सदस्यों की कुंडली का लग्न घर के वास्तु के साथ मेल खाता हो, इसका बात का भी ध्यान रखा जाता है ताकि ऊर्जा का प्रवाह सुगम हो।
- सूर्योदय और सूर्यास्त का समय: गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का चयन सूर्योदय के 4 घंटे बाद या सूर्यास्त से 4 घंटे पहले की अवधि में किया जाता है।
- सूर्य और चंद्रमा की स्थिति: सूर्य और चंद्रमा की स्थिति भी शुभ मुहूर्त तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- व्यक्ति की कुंडली: कई ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ व्यक्ति की कुंडली का अध्ययन कर शुभ मुहूर्त का चयन करते हैं। साथ ही घर के रहने वाले अन्य लोगों की कुंडली भी मिलान की जाती है।
- चंद्र कैलेंडर: आमतौर पर गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त निकालने के लिए चंद्र कैलेंडर का उपयोग किया जाता है। कैलेंडर के आधार पर तिथियां बदल सकती हैं।
- अधिक मास: कैलेंडर में जुड़े अतिरिक्त महीने (अधिक मास) को भी शुभ मुहूर्त चुनते समय ध्यान में रखा जाता है।
इस अशुभ समय से बचें: गृह प्रवेश मुहूर्त चुनते समय भद्रा, ग्रहों का अस्त होना और राहुकाल जैसे अशुभ समय से बचना चाहिए। इसके अलावा वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, पंचांग शुद्धि करना भी महत्वपूर्ण है। शुभ मुहूर्त तब माना जाता है जब वह कम से कम चार घंटे का हो और इसे सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक के समय से गिना जाता है।
चौघड़िया का महत्व
चौघड़िया एक वैदिक तालिका है, जिसका उपयोग शुभ समय जानने के लिए किया जाता है। इसमें दिन को 7 भागों में बांटा जाता है, जिनका शुभ-अशुभ प्रभाव अलग-अलग होता है। ये 7 भाग इस प्रकार हैं:
- शुभ (शुभकारी): इस समय शुरू किए गए कार्य अच्छे परिणाम देते हैं।
- लाभ (लाभदायक): यह समय लाभ का प्रतीक है और नए कार्यों जैसे गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त होता है।
- अमृत (सबसे श्रेष्ठ): यह सबसे अनुकूल समय होता है, जो सफलता, शांति और सौभाग्य लाता है।
- चल (सामान्य): जब अन्य शुभ समय उपलब्ध हो, तब यह गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त माना जाता है।
- उद्वेग (अशुभ): इस दौरान गृह प्रवेश करने से मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है।
- काल (अशुभ): यह समय गृह प्रवेश के लिए ठीक नहीं माना जाता, क्योंकि यह रुकावटें ला सकता है।
रोग (अशुभ): इस समय गृह प्रवेश पूजा करने से स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
शुभ गृह प्रवेश मुहूर्त कैसे चुनें?
- पंचांग शुद्धि और हिंदू कैलेंडर का उपयोग करें। साल 2024 में शुभ वास्तु शांति मुहूर्त जानने के लिए पंचांग की जांच करें और हिंदू कैलेंडर का सहारा लें।
- अपनी कुंडली और स्थान के आधार पर सही गृह प्रवेश मुहूर्त जानने के लिए वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लें।
व्यक्तिगत गृह प्रवेश मुहूर्त
व्यक्तिगत गृह प्रवेश मुहूर्त को जन्म कुंडली के अनुसार सही समय देखकर तय किया जाता है। यह मुहूर्त निम्नलिखित आधार पर गणना किया जाता है:
- जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति
- व्यक्ति का नक्षत्र (या जन्म तारा)
शनि और राहु जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को दूर करना, जो कुंडली में घर, धन और संबंधों से जुड़े महत्वपूर्ण भावों को प्रभावित कर सकते हैं।
मुख्य द्वार की दिशा के आधार पर गृह प्रवेश मुहूर्त
- पूर्वमुखी दरवाजा: 5, 10, 15 तारीख
- पश्चिममुखी दरवाजा: 2, 7, 12 तारीख
- उत्तरमुखी दरवाजा: 3, 8, 13 तारीख
- दक्षिणमुखी दरवाजा: 1, 6, 11 तारीख
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त घर के मेन गेट की दिशा के आधार पर तय किए जा सकते हैं। चार दिशाओं में स्थित मेन मेट के आधार पर घर के लिए के लिए शुभ गृह प्रवेश की तिथियां ऊपर दी गई हैं। ये तिथियां इस विश्वास पर आधारित हैं कि वे ऊर्जा प्रवाह और प्रत्येक दिशा के ग्रहों के प्रभाव के साथ मेल खाती हैं, जिससे घर में शुभता और समृद्धि आती है।
गृह प्रवेश के शुभ महीने
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा के लिए कुछ शुभ चंद्र महीने ये हैं:
- माघ: यह महीना ग्रेगोरियन कैलेंडर के जनवरी-फरवरी के बीच आता है।
- फाल्गुन: यह महीना फरवरी-मार्च के बीच होता है।
- बैसाख: यह महीना अप्रैल-मई के बीच आता है।
- ज्येष्ठ: यह महीना मई-जून के बीच पड़ता है।
वास्तु के अनुसार मुख्य द्वार की दिशा का महत्व
मेन गेट की दिशा के आधार पर शुभ गृह प्रवेश की तिथियां तय की जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि ये तिथियां दिशा की ऊर्जा और ग्रहों के प्रभावों से सामंजस्य बनाती है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता सुनिश्चित होती है।
नोट: पंचांग और विशेषज्ञ की सलाह से तय किए गए मुहूर्त पर ही गृह प्रवेश करना शुभ माना जाता है।
सप्ताह के शुभ दिन और उनका महत्व
सोमवार | शुभ, सकारात्मक ऊर्जा लाता है। |
बुधवार | समृद्धि और खुशी सुनिश्चित करता है। |
गुरुवार | धन और समृद्धि लेकर आता है। |
शुक्रवार | प्रेम और सद्भाव का प्रतीक होता है। |
रविवार | सफलता और सौभाग्य को आकर्षित करता है। |
2025 में गृह प्रवेश के लिए शुभ और अशुभ माह
वर्ष 2025 में ग्रह और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर गृह प्रवेश के लिए शुभ और अशुभ माह इस प्रकार है –
शुभ माह
- फरवरी माह में 6 से 17 तारीख के बीच गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथियां है।
- मार्च माह के पहले और दूसरे सप्ताह में शुभ तिथियां।
- मई में गृह प्रवेश के लिए कई शुभ तिथियां है, विशेषकर गुरुवार और शुक्रवार के दिन।
- अक्टूबर से दिसंबर माह में भी गृह प्रवेश के लिए कई अनुकूल तिथियां है।
अशुभ माह
- जनवरी (कोई शुभ तिथि नहीं)
- जुलाई, अगस्त, सितंबर (गृह प्रवेश के लिए प्रतिकूल)
2024-25 में इन दिनों गृह प्रवेश से बचें
- चंद्र ग्रहण
- सूर्य ग्रहण
- आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और पौष के महीने के कुछ दिन
- शुक्र तारा अस्त और गुरु तारा अस्त (जब ये ग्रह सूर्य के बहुत पास होते हैं)
- राहुकाल
- अमावस्या
- कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटने का समय)
- अधिक मास (लिप लूनर वर्ष या महीने)
- परिवार में हाल ही में हुई कोई मृत्यु
- परिवार की किसी महिला की गर्भावस्था
नोट: गृह प्रवेश की शुभ तिथियां और समय स्थान विशेष (सूर्योदय और सूर्यास्त) पर आधारित होते हैं। इसलिए गृह प्रवेश समारोह के लिए तिथि निर्धारण से पहले स्थानीय पंडित से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
घर शिफ्ट करने के लिए अशुभ समय
दिन | राहू काल |
सोमवार | 7:30 से 9 AM |
मंगलवार | 3 से 4:30 PM |
बुधवार | 12 से 1:30 PM |
गुरुवार | 1:30 से 3:00 PM |
शुक्रवार | 10:30 से 12 PM |
शनिवार | 9:00 से 10:30 PM |
रविवार | 4:30 से 6:00 PM |
वास्तु और ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, राहु कालम किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है। इसलिए, इस समय गृह प्रवेश पूजा या नए अथवा पुराने घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
गृह प्रवेश मुहूर्त 2024: शुभ त्योहार
तिथि | दिवस | महोत्सव |
14 फरवरी 2024 | बुधवार | बसंत पंचमी 2024 |
10 मई 2024 | शुक्रवार | अक्षय तृतीया 2024 |
12 अक्टूबर 2024 | शनिवार | दशहरा 2024
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29 अक्टूबर 2023 | मंगलवार | धनतेरस 2024
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गृह प्रवेश मुहूर्त 2025: शुभ त्योहार
तारीख | दिन | त्योहार |
2 फरवरी, 2025 | रविवार | बसंत पंचमी |
30 अप्रैल, 2025 | बुधवार | अक्षय तृतीया |
2 अक्टूबर, 2025 | गुरुवार | दशहरा |
18 अक्टूबर, 2025 | शनिवार | धनतेरस |
21 अक्टूबर, 2025 | मंगलवार | दीपावली |
इन त्योहारों पर गृह प्रवेश करने से बचें
तारीख | दिन | त्योहार |
14 जनवरी, 2025 | मंगलवार | मकर संक्रांति |
14 मार्च, 2025 | शुक्रवार | होली (होलाष्टक सहित) |
गृह प्रवेश के लिए शुभ लग्न
स्थिर लग्न | वृषभ
सिंह वृश्चिक कुंभ |
द्विस्वभाव लग्न | मिथुन
कन्या धनु मीन |
गृह प्रवेश के लिए शुभ चंद्र तिथियां
2 | 3 | 5 | 7 | 10 | 11 | 13 |
वर्ष 2025 में वास्तु शांति के लिए मुहूर्त की तिथियां (शुक्ल पक्ष) में ऊपर दी गई हैं। चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ कार्य में चंद्रमा की स्थिति का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। यदि चंद्रमा का गोचर जातक की कुंडली के चौथे, छठे, आठवें, या बारहवें घर में हो, तो नए घर में प्रवेश करने से बचना चाहिए।
मुख्य द्वार की दिशा के आधार पर गृह प्रवेश तिथियां
मुख्य द्वार की दिशा | शुभ गृह प्रवेश तिथियां |
पूर्व | 5, 10, 15 |
पश्चिम | 2, 7, 12 |
उत्तर | 3, 8, 13 |
दक्षिण | 1,6, 11 |
गृह प्रवेश शुभ मुहूर्त 2024: इन दिनों में ना करें गृह प्रवेश पूजा
अधिकतर लोग गृह प्रवेश सेरेमनी कराने के लिए स्थानीय पुजारी या पंडित से सलाह लेते हैं. लेकिन कई ऐसे दिन होते हैं, जिनमें किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए. इसमें नई प्रॉपर्टी खरीदना और गृह प्रवेश इत्यादि शामिल हैं. ये दिन हैं:
- चंद्र ग्रहण
- सूर्य ग्रहण
- चंद्र महीने (अपवादों के लिए एक स्थानीय पुजारी से सलाह लें).
इस वर्ष नए घर में प्रवेश करने की योजना बनाने से पहले गृह प्रवेश मुहूर्त 2024 की शुभ तिथियां देख लें।
नोट: धर्मसिंधु जैसे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब शुक तारा और गुरु तारा अस्त हों तब गृह प्रवेश पूजा नहीं करानी चाहिए. यह भी ध्यान दें कि गृह प्रवेश की शुभ तारीखें और वक्त (सूरज उगने और सूर्य के डूबने के समय पर) जगहों पर आधारित होते हैं. इसलिए सेरेमनी करने से पहले किसी स्थानीय पंडित की सलाह जरूर ले लें.
शुक्र तारा अस्त और गुरु तारा अस्त समय को गृह प्रवेश के लिए विचार नहीं करना चाहिए। यह वो समय है जब ग्रह सूर्य के बहुत करीब आते हैं, कृष्ण पक्ष, और लीप चंद्र वर्ष, और लीप चंद्र महीने।
अपूर्व गृह प्रवेश करते समय सूर्य उत्तरायण स्थिति में होना चाहिए। हालांकि, बृहस्पति (गुरु) और शुक्र (शुक्र) का अस्त होना सपूर्व गृह प्रवेश के लिए उपयुक्त है क्योंकि तारे पर विचार नहीं किया जाता है।
गृह प्रवेश कार्यक्रम के दौरान क्या करें और क्या न करें
क्या करें
- हमेशा गृह प्रवेश पूजा पूरी तरह से तैयार और रहने योग्य घर में ही करें।
- आम के पत्तों से पवित्र जल छिड़ककर घर को शुद्ध करें।
- घर में प्रवेश करने से पहले नारियल फोड़ें, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है और यह नए जीवन की बाधाओं को दूर करता है।
- घर में प्रवेश करते समय दायां पैर पहले रखें।
- जल से भरा कलश, नारियल और 8 आम के पत्ते लेकर घर में प्रवेश करें।
- देवताओं की मूर्तियां उत्तर-पूर्व दिशा में इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व दिशा की ओर हो।
- गृह प्रवेश समारोह सभी परिवारजनों की उपस्थिति में करें, जब सभी स्वस्थ और प्रसन्न हों। नकारात्मक विचारों से बचें।
- गृह प्रवेश पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- नए घर में प्रवेश के पहले दिन रसोई में हरी पत्तेदार सब्जियां और गुड़ अवश्य रखें।
क्या न करें
- गृह प्रवेश पूजा से पहले किसी भी फर्नीचर या घरेलू सामान को न लाएं, केवल गैस चूल्हा या ओवन ला सकते हैं।
- मंगलवार को गृह प्रवेश पूजा करने से बचें। विशेष परिस्थितियों में, रविवार और शनिवार भी अशुभ माने जाते हैं।
- यदि परिवार में किसी सदस्य का हाल ही में निधन हुआ हो या घर की महिला गर्भवती हो तो गृह प्रवेश पूजा न करें।
- पूजा के दौरान बात करने से बचें।
- गृह प्रवेश के बाद कम से कम 3 दिनों तक घर को खाली न छोड़ें।
- घर के मुख्य द्वार के सामने कोई अवरोध (द्वार वेध) नहीं होना चाहिए।
गृह प्रवेश के दौरान वास्तु शांति पूजा क्या है?
वास्तु शांति पूजा एक आध्यात्मिक और धार्मिक समारोह है जिसमें लोग वास्तु पुरुष, भगवान, रक्षक और घर की आत्मा की पूजा करते हैं और सकारात्मकता और समृद्धि के लिए देवता का आशीर्वाद मांगते हैं। पूजा के दौरान, लोग दिशाओं के देवता, प्रकृति के पांच तत्वों और प्राकृतिक शक्तियों को भी श्रद्धांजलि देते हैं। इसके साथ ही वास्तु शांति पूजा घर में मौजूद दोषों को दूर करने के लिए की जाती है जिसे वास्तु शांति पूजा कहते हैं।
गृह प्रवेश के लिए वास्तु पूजा कैसे की जाती है?
- तांबे के बर्तन में पानी भरें।
- बर्तन के अंदर नौ तरह के अनाज और एक सिक्का रखें।
- नारियल को लाल कपड़े से ढककर कलश के ऊपर लाल धागे से बांधें।
- उसके बाद पवित्र मंत्रों का जाप करें।
आप अनुष्ठान करने के लिए किसी अच्छे पंडित या पुजारी को भी आमंत्रित कर सकते हैं।
गृह प्रवेश के लिए सर्वोत्तम महीनों का वास्तु महत्व
महीने | महत्व |
माघ (जनवरी – फरवरी) | धन लाभ की ओर ले जाता है |
फाल्गुन (फरवरी – मार्च) | धन और संतान की दृष्टि से लाभकारी |
बैशाख (अप्रैल – मई) | धन और समृद्धि में वृद्धि होती है |
जेष्ठ (मई-जून) | मवेशियों और पालतू पशुओं के लिहाज से फायदेमंद होता है |
नवनिर्मित घर (अपूर्व गृह प्रवेश) में स्वामी का प्रथम प्रवेश तब शुभ होता है, जब सूर्य उत्तरायण स्थिति में हो। पुनर्निर्मित घरों (सपूर्व गृह प्रवेश) में यह तब आदर्श होता है, जब बृहस्पति (गुरु) या शुक्र (शुक्र) अस्त हो रहे हों (इस मामले में नक्षत्र कोई मायने नहीं रखता है)।
कितने प्रकार की होती हैं गृह प्रवेश पूजा
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक गृह प्रवेश सेरेमनी तीन प्रकार की होती हैं:
- अपूर्वा: अगर आप नए घर में प्रवेश कर रहे हैं तो इसे अपूर्वा गृह प्रवेश कहा जाएगा.
- सपूर्वा: अगर आप लंबे समय के बाद अपने घर में फिर से प्रवेश कर रहे हैं तो इसे सपूर्वा गृह प्रवेश कहते हैं.
- द्वांधव: अगर आपने किसी प्राकृतिक आपदा के कारण घर छोड़ दिया है और लंबे समय के बाद घर में पुन: प्रवेश कर रहे हैं तो आपको गृह प्रवेश की पूजा विधि करनी होगी. इसे द्वांधव गृह प्रवेश भी कहा जाता है.
यह भी देखें: वास्तु के अनुसार घर में मंदिर की दिशा के बारे में सब कुछ
क्या आपको किराए के घर के लिए गृह प्रवेश करना चाहिए?
वास्तु के अनुसार किराए के घर के लिए भी गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए. यह शुभ माना जाता है और शांति सुनिश्चित करते हुए नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने में मदद करता है. घर की ऊर्जा को सक्रिय और बनाए रखने के लिए हवन करें। विस्तृत पूजा के स्थान पर, आप एक छोटा पूजा समारोह कर सकते हैं।
गृह प्रवेश के लिए घर को कैसे तैयार करें?
भूमि पूजन करें: घर के निर्माण से पहले भूमि पूजन करना चाहिए। यह पूजा भूमि को शुद्ध करने, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के अलावा समृद्धि और शांति का आशीर्वाद पाने के लिए की जाती है।
घर की सफाई करें: गृह प्रवेश पूजा से पहले घर को अच्छी तरह साफ और व्यवस्थित करें। यह सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने में मदद करता है।
शुभ मुहूर्त का चुनाव: गृह प्रवेश पूजा के लिए हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त का चयन करें।
गृह प्रवेश पूजा का महत्व
हिंदू परंपराओं के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा नए घर में प्रवेश करने से पहले की जाती है। ‘गृह प्रवेश’ शब्द दो भागों से मिलकर बना है – पहला शब्द है ‘गृह’, जिसका अर्थ है घर और दूसरा शब्द है – ‘प्रवेश’, जिसका अर्थ है प्रवेश करना। वास्तु के अनुसार, शुभ मुहूर्त के दौरान गृह प्रवेश पूजा करने से घर में वास्तु दोष दूर होता हैं और घर की शुद्धि होती है, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बनता है। किसी भी घर में गृह प्रवेश पूजा केवल एक बार होती है और यह पूजा नए घर के मालिक के द्वारा संपन्न कराई जाती है, ताकि शांति और समृद्धि के लिए दिव्य आशीर्वाद मिल सके।
गृह प्रवेश पूजा में अर्पित की जाने वाली चीजों का महत्व
वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा में कुछ विशेष चीजें अर्पित की जाती हैं, जिनका विशेष महत्व होता है।
- नारियल: पूजा के दौरान नारियल को शुद्धता, उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। नए घर के प्रवेश द्वार पर नारियल तोड़ा जाता है ताकि किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सके।
- चावल: गृह प्रवेश पूजा के दौरान अखंड चावल का भी विशेष महत्व होता है और यह घर में समृद्धि और आभा के प्रवेश का प्रतीक माने जाते हैं।
- पवित्र नदी का जल: पूजा के दौरान गंगा जल या अन्य किसी पवित्र नदी का जल को पूरे नवनिर्मित घर में छिड़का जाता है ताकि घर की शुद्धि हो सके।
भारत में गृह प्रवेश पूजा के विभिन्न रीति-रिवाज
भारत में जब कोई व्यक्ति नया घर खरीदता है या उसमें प्रवेश करता है तो हिंदू परंपराओं के अनुसार गृह प्रवेश पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान कई विशेष रीति-रिवाज होते हैं, जो हर राज्य में अलग-अलग होते हैं। यहां हम भारत के विभिन्न हिस्सों में गृह प्रवेश पूजा के कुछ प्रसिद्ध रीति-रिवाजों का उल्लेख कर रहे हैं।
- महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में पारंपरिक गृह प्रवेश पूजा के तहत लक्ष्मी पूजा और पट पूजा की जाती है, जिसमें घर की नींव को पूजते हुए देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद लिया जाता है।
- दक्षिण भारत: दक्षिण भारतीय राज्यों में एक पवित्र अग्नि या अग्नि देवता की पूजा की जाती है, ताकि घर में सकारात्मकता बनी रहे और नकारात्मक ऊर्जा से घर को बचाया जा सके।
- बंगाल में गृह प्रवेश: बंगाल में “गृह प्रवेश अंजली” नाम की परंपरा निभाई जाती है, जिसमें परिवार का प्रमुख नए घर में पूजा करता है और देवताओं का आभार व्यक्त करते हुए थोड़ा सा चावल अर्पित करता है।
पंजाब: उत्तर भारतीय राज्य पंजाब में नए घर के लिए मुख्य रूप से ढोल और भांगड़ा नृत्य होता है, जो खुशहाली और समृद्धि की कामना के साथ नए शुरुआत की खुशी को मनाता है। साथ ही, पूजा भी की जाती है ताकि सुख-शांति और समृद्धि घर में बनी रहे।
क्या बसंत पंचमी गृह प्रवेश के लिए शुभ होती है?
बसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है, जो मां सरस्वती को समर्पित होता है और बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है, जिसमें गृह प्रवेश पूजा भी शामिल है। सही मुहूर्त जानने के लिए ज्योतिष या वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा, जो कुंडली, स्थान और अन्य कारकों के आधार पर शुभ समय बता सकते हैं।
गृह प्रवेश पूजा में नए ट्रेंड
हममें से कई लोगों आजकल काफी भागदौड़ भरी जिंदगी जी रहे हैं और ऐसे में सभी के लिए एक साथ मिलकर पूजा करना संभव नहीं हो पाता है। हालांकि तकनीक और स्मार्टफोन के उपयोग के कारण गृह प्रवेश पूजा और कई धार्मिक समारोहों को ऑनलाइन आयोजित करना अब काफी ज्यादा आसान हो गया है। ऐसे में कोई व्यक्ति किसी शुभ दिन पर यदि गृह प्रवेश पूजा करता है तो परिवार और दोस्त दुनिया भर में कहीं से भी ऑनलाइन पूजा में शामिल हो सकते हैं, वहीं पुजारी भी ऑनलाइन पूजा अनुष्ठान करने में मार्गदर्शन दे देते हैं।
अब कोई भी व्यक्ति किसी विशिष्ट भाषा के जानकार पंडित को ऑनलाइन बुक कर सकता है, जिस तरह की पूजा करने के लिए उसे जरूरत होती है। इसके अलावा पूरी पूजा सामग्री ऑनलाइन मंगवाई जा सकती है। आजकल घर के मालिक खुद ही गृह प्रवेश पूजा करने का ऑप्शन चुन रहे हैं, जिसमें एक पंडित उन्हें वीडियो कॉल के जरिए वर्चुअली गाइड करता है और स्मार्टफोन या लैपटॉप के जरिए मंत्रों का जाप करता है।
गृह प्रवेश पूजा के लिए एक और ट्रेंड आजकल देखने को मिल रहा है कि इसे अंग्रेजी में आयोजित किया जा रहा है, क्योंकि विदेश में रहने वाले एनआरआई अंग्रेजी में गृह प्रवेश की रस्में सुनाना पसंद करते हैं। ऐसे में पुजारी श्लोकों का अर्थ अंग्रेजी में समझाते हैं। इसके अलावा, महिला पुजारी भी इस पुरुष-प्रधान पेशे में आगे आ रही है और विवाह और गृह प्रवेश पूजाएं संपन्न कर रही है।
त्योहारों के दौरान गृह प्रवेश
क्या गृह प्रवेश के लिए गणेश चतुर्थी अच्छा है?
भगवान गणेश को नई शुरुआत और सकारात्मकता के देवता और घरों के रक्षक के रूप में माना जाता है। ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन नई प्रॉपर्टी खरीदना शुभ माना जाता है। गृह प्रवेश के अवसर पर विघ्नहर्ता माने जाने वाले गणेश भगवान की पूजा करने से नए घर में सुख और समृद्धि आती है। गृह प्रवेश के रीति-रिवाजों के अनुसार, नए घर में गणेश भगवान की फोटो या मूर्ति लेकर कदम रखना चाहिए। गणेश भगवान को पूर्वोत्तर कोने में रखना चाहिए। ग्रह प्रवेश का शुभ समय जानने के लिए ज्योतिष और विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
क्या गृह प्रवेश के लिए अक्षय तृतीया शुभ है?
अक्षय तृतीया को संपत्ति खरीदने और गृह प्रवेश पूजा करने के लिए भी शुभ दिन माना जाता है। इसे वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन नई संपत्ति या अन्य महंगी चीजें खरीदने और गृह प्रवेश करने से घर में समृद्धि आती है। 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को है।
क्या हम दिवाली पर गृह प्रवेश पूजा आयोजित कर सकते हैं?
दिवाली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और कई लोग इस दिन गृह प्रवेश करना पसंद करते हैं। प्रकृति के पांच तत्व – पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल और आकाश इस दिन संतुलन में रहते हैं और महावास्तु योग बनाते हैं। इसलिए यह एक शुभ दिन माना जाता है और आप इस दिन घर में प्रवेश कर सकते हैं।
क्या हम जन्माष्टमी पर गृह प्रवेश कर सकते हैं?
जन्माष्टमी हिंदू देवता भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। बहुत से लोग इस दिन को आशीर्वाद और नई शुरुआत का दिन मानते हैं। शुभ मुहूर्त जानने के लिए आप किसी ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
क्या हम एकादशी पर गृह प्रवेश कर सकते हैं?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गृह प्रवेश के लिए एकादशी शुभ दिनों में से एक है. यह चंद्र महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्षी के 11 वें दिन पड़ता है. वास्तु के अनुसार, हवन जैसे धार्मिक अनुष्ठानों को करने के लिए यह एक अच्छा दिन माना जाता है. शुभ गृह प्रवेश समय जानने के लिए एक ज्योतिष और विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं।
क्या हम गृह प्रवेश के बिना नए घर में रह सकते हैं?
नहीं! क्योंकि घर में तमाम तरीके की नकारात्मक ऊर्जाओं का वास होता है, ऐसे में अगर हम अपने घर में गृह प्रवेश पूजा कराये बिना ही रहना शुरू कर देंगे तो ये हमारे लिये आगे चलकर अच्छा नहीं होगा। क्योंकि गृह प्रवेश पूजा ही है जो उस घर में पहले से विद्यमान नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है और इससे हमारा घर हमेशा खुशहाल रहता है। लेकिन अगर किसी कारणवश आपको अपने नये घर में बिना गृह प्रवेश के ही शिफ्ट करना पड़ रहा है तो आप शिफ्ट करने के एक हफ्ते के अंदर ही गृह प्रवेश पूजा करा लें।
नया घर खरीदते समय, घर में स्थायी रूप से रहने से पहले गृह प्रवेश पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि अगर आप एक बार गृह प्रवेश पूजा करवा लेते हैं तो इससे यह पता चलता है की हमारे घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो गयी है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ गया है।
गृह प्रवेश के लिए गिफ्ट आइडिया
- गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां: भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की चांदी की मूर्तियां उपहार में देने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस: आप इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे वैक्यूम क्लीनर, माइक्रोवेव, ब्लेंडर, जूसर, टोस्टर, राइस कुकर आदि गृह प्रवेश के दौरान गिफ्ट में दे सकते हैं।
- पेंटिंग्स: आप शुभ पेंटिंग भी गिफ्ट में दे सकते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करेंगी। प्रकृति, फूल, पक्षी आदि की सुंदर पेंटिंग्स को गिफ्ट में दे सकते हैं।
- लक्जरी बेडिंग सेट: गृह प्रवेश समारोह के लिए लग्जरी बेड भी एक अच्छा विचार है, जो घर की सजावट को बढ़ाएगा और नए घर को रोशन करेगा।
- चांदी के दीपक: चांदी को शुभ धातु माना जाता है। आप अपने दोस्तों और परिवार को गृह प्रवेश उपहार के रूप में चांदी के दीपक गिफ्ट में दे सकते हैं।
- शुभ पौधे: गृह प्रवेश के अवसर पर मनी प्लांट जैसे इंडोर पौधे गिफ्ट में दे सकते हैं।
महीनों में दिन: आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और पौष
- शुक्र तारा अस्त और गुरु तारा अस्त समय (जब ये ग्रह सूर्य के बहुत करीब आते हैं)
- राहुकाल
- अमावस्या (न्यू मून डे)
- कृष्ण पक्ष (वेनिंग मून फासे)
- लीप चंद्र वर्ष
- लीप चंद्र महीने
- परिवार में हाल ही में नुकसान
- परिवार की किसी भी महिला सदस्य की गर्भावस्था
गृह प्रवेश घर की सजावट
घर के प्रवेश द्वार की सजावट
नए घर के लिए वास्तु के अनुसार, सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए प्रवेश द्वार को गेंदे के फूलों के तोरणों और आम के पत्तों और शुभ चिन्हों से सजाना चाहिए।
रंगोली
गृह प्रवेश की सजावट को चार चाँद लगाने के लिए सुंदर रंगोली डिजाइन करें, जो भारतीय परंपरा का एक हिस्सा है।
रोशनी
घर को लाइट्स से रौशन करें। फेयरी लाइट्स और एलईडी लाइट्स जैसी ट्रेंड लाइट्स चुनें या दीये, लैंप और मोमबत्तियों के साथ पारंपरिक लाइटिंग आइडिया के लिए जाएं।
मंदिर को सजाएं
गृह प्रवेश मुहूर्त पूजा के लिए घर के मंदिर या पूजा मंदिर स्थापित करें। इस स्थान को फूलों की माला, लाइट्स और देवताओं की मूर्तियों के लिए नए परिधान से सजाएं।
नए घर में प्रवेश के लिए सप्ताह के शुभ दिन?
नए घर में प्रवेश करने के लिए सकारात्मक और शुभ माने जाने वाले दिन हैं:
- सोमवार
- बुधवार
- गुरुवार
- शुक्रवार
नए घर में शिफ्ट होने के लिए रविवार, मंगलवार और शनिवार को शुभ नहीं माना जाता है।
गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथियां
अमावस्या और पूर्णिमा को छोड़कर शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी आदि तिथियां गृह प्रवेश के लिए अनुकूल मानी जाती हैं।
गृह प्रवेश 2024 के लिए चौघड़िया
‘चौघड़िया’ शब्द चौ या चार और घड़िया या घड़ी से बना है। वैदिक ज्योतिषीय टाइम गाइड को चौघड़िया कहते हैं, जिसमें 24 घंटे के शुभ मुहूर्त का विवरण है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक घड़ी 24 मिनट जितनी होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय में 30 घड़ियां होती हैं जो 8 भागों में विभाजित होती हैं। इसलिए, आठ दिनों की चौघड़िया मुहूर्त और आठ रातों की चौघड़िया मुहूर्त होतीं हैं। एक चौघड़िया 4 घड़ी या लगभग 96 मिनट या लगभग डेढ़ घंटे के बराबर होता है।
सूर्योदय से सूर्यास्त की अवधि को दिन चौघड़िया के तौर पर जाना जाता है और सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक की अवधि को रात चौघड़िया के रूप में जाना जाता है।
- महत्वपूर्ण अवसरों के लिए शुभ माने जाने वाले चौघड़िया अमृत, शुभ और लाभ (अवधि) हैं।
- चार चौघड़िया को अच्छा चौघड़िया माना जाता है।
- उद्वेग, काल और रोग को अशुभ माना जाता है और इनसे बचना चाहिए।
गृह प्रवेश मुहूर्त चुनते समय याद रखने वाली बातें:
- हिंदू कैलेंडर या पंचांग के आधार पर नए घर में जाने के लिए सबसे अच्छा दिन चुनना चाहिए। इसलिए, गृह प्रवेश के लिए शुभ तिथियां देखते समय पंचांग शुद्धि महत्वपूर्ण है। इसमें पंचांग के पांच तत्वों अर्थात् वर, तिथि, नक्षत्र, योग और कर्ण को शुद्ध करना शामिल है।
- गृह प्रवेश समारोह के लिए शुक्र तारा अस्त और गुरु तारा अस्त समय पर विचार नहीं करना चाहिए, जो कि वह समय है जब ग्रह सूर्य, कृष्ण पक्ष और लीप चंद्र वर्ष और लीप चंद्र महीनों के बहुत करीब आते हैं।
- अमावस्या और पूर्णिमा को छोड़कर शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी जैसी तिथियां गृह प्रवेश के लिए अच्छी मानी जाती हैं
- गृह प्रवेश के लिए एक अच्छा दिन चुनते समय ध्यान रखना चाहिए कि शुभ मुहूर्त एक शहर से दूसरे शहर में भिन्न हो सकता है।
- अपूर्व गृह प्रवेश का संचालन करते समय सूर्य उत्तरायण में होना चाहिए। हालांकि, बृहस्पति (गुरु) और शुक्र का अस्त सपूर्व गृह प्रवेश के लिए अनुकूल है क्योंकि तारों पर विचार नहीं किया जाता है।
यदि आप 2022 में शुभ गृह प्रवेश तिथियों में से किसी एक पर गृह प्रवेश समारोह की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि क्या करें और क्या न करें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह प्रवेश पूजा शिफ्ट होने के लिए तैयार घर में करना महत्वपूर्ण है। अर्थात घर का निर्माण उचित छत, दरवाजे और खिड़कियों के साथ अच्छी तरह से होना चाहिए।
- गृह प्रवेश मुहूर्त पर नए घर में प्रवेश करते समय सबसे पहले दाहिना पैर रखें।
- गृह प्रवेश समारोह से पहले किसी भी फर्नीचर को हिलाने से बचें। हालांकि, गृह प्रवेश पूजा के तीन दिन तक घर को खाली रखने से बचना चाहिए।
- कोई भी रसोई गैस या ओवन को वास्तु शांति या गृह प्रवेश पूजा से पहले शिफ्ट कर सकता है।
- साथ ही परिवार में किसी की मृत्यु होने की स्थिति में गृह प्रवेश पूजा न करें।
- यदि घर की महिला गर्भवती है, तो गृह प्रवेश समारोह आयोजित करने से बचने की सलाह दी जाती है।
- गृह प्रवेश पूजा के दौरान बात करने से बचें। गृह प्रवेश समारोह परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति में करें और जब प्रत्येक सदस्य स्वस्थ हो और सकारात्मक वाइब्स को आमंत्रित करने में प्रसन्न हो।
यह भी देखें: इस त्योहारी सीजन में आपके नए घर के लिए गृह प्रवेश टिप्स
गृह प्रवेश पूजा आयोजित कराने के टिप्स
- घर का निर्माण पूरा करें: वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण कार्य पूरा करने के बाद ही गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए। जब घर तैयार हो जाए और फिटिंग, फर्नीचर, लकड़ी का काम, पेंट आदि पूरा हो जाए तो उसमें प्रवेश करें।
- शुभ दिन चुनें: गृह प्रवेश के लिए सही समय और शुभ तारीख के लिए अपने पुजारी से सलाह लें। पहले से ही सब कुछ तैयार कर लें और अपने प्रियजनों को आमंत्रित करें, ताकि वे इस शुभ क्षण का हिस्सा बन सकें। माना जाता है कि चंद्र कैलेंडर के अनुसार, चार महीनों के भीतर सौभाग्य और समृद्धि आती है।
- नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करें: एक साफ जगह सकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित करती है। गृह प्रवेश पूजा से पहले सभी गंदगी और पुराने फर्नीचर को हटा दें। नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए परिसर को शुद्ध करें।
- दिशा पर ध्यान दें: किसी शुभ दिन पर गृह प्रवेश पूजा करें और मूर्तियों को घर की पूर्व दिशा की ओर रखें।
- घर की सजावट: घर के मुख्य द्वार को तोरण, स्वास्तिक और अन्य शुभ चिन्हों से सजाएं। ऐसा माना जाता है कि घर का प्रवेश द्वार वास्तु पुरुष का चेहरा है और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देता है। घर की महिलाएं प्रवेश द्वार को रंगोली से सजाती हैं, जो सकारात्मकता को आकर्षित करने में मदद करता है।
- वास्तु पूजा: जब पुजारी मंत्रों का जाप करते हैं तो वास्तु पूजा होती है। यह अनुष्ठान परिवार के लिए एक स्वस्थ और सुखी जीवन सुनिश्चित करता है। आमतौर पर, परिवार का मुखिया नारियल और पेठे को तोड़ने और इसे घर के सामने रखने की रस्म पूरी करता है।
- कलश पूजा: तांबे के एक बर्तन में जल, अलग-अलग प्रकार के अनाज और सिक्का रखें। बर्तन के ऊपर एक नारियल रखें और उसे लाल कपड़े से ढक दें। बर्तन के चारों ओर आम के पत्ते और नारियल का छिलका रखें। परिवार का मुखिया अपनी पत्नी के साथ घड़ा लेकर नए घर में प्रवेश करता है। पहले दाहिना पैर रखना चाहिए। तांबे के लोटे को हवन स्थान के पास रखें।
- हवन शांति: हवन कुंड तैयार करें और सुनिश्चित करें कि यह स्थान अच्छी तरह से साफ हो। ऐसा माना जाता है कि हवन समारोह आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है। हिंदू परंपरा के अनुसार, घर के निर्माण, मिट्टी खोदने, पत्थर तोड़ने और पेड़ काटने के समय अग्नि संस्कार किया जाता है। यह पापों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इस अनुष्ठान में गणेश भगवान और देवी लक्ष्मी की पूजा शामिल है, और पवित्र अग्नि को हल्दी, दूध, घी, आदि अर्पण करना होता है।
- दूध उबालना: गृह प्रवेश पूजा के बाद दूध को उबाला जाता है। अनुष्ठान के अनुसार, दूध को छलकने दिया जाता है, जो वैभव और समृद्धि को दर्शाता है।
पुजारियों और मेहमानों को भोजन कराएं: गृह प्रवेश समारोह के बाद पुजारियों को खाना खिलाया जाता है। किचन में कुछ प्रसाद जैसे हलवा या खीर बनाकर पहले भगवान को भोग लगाएं और फिर मेहमानों को प्रसाद दें। सुनिश्चित करें कि गृह प्रवेश के दिन कोई भी मेहमान खाली हाथ न जाए।
गृह प्रवेश पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए?
गृह प्रवेश पूजा पंडित जी और मकान मालिक द्वारा कैलेंडर के हिसाब से या कुंडली के हिसाब से चुने गए शुभ दिन की जाती है. पूजा को विधि-विधान से करने के लिए पूजा सामग्री का इंतजाम करना महत्वपूर्ण है. पूजा के लिए जरूरी सामग्री में नारियल, तांबे का कलश, फूल, आम के पत्ते, अगरबत्ती, मिट्टी का दिया, दूध, फल और मिठाई होनी चाहिए.
गृह प्रवेश की तैयारी कैसे करें?
- हिंदू कैलेंडर के आधार पर गृह प्रवेश पूजा मुहूर्त चुनें।
- घर को साफ करें और रोशनी और फूलों से सजाएं।
- घर के प्रवेश क्षेत्र को साफ करें।
- सभी गृह प्रवेश पूजा सामग्री इकट्ठा करें।
- एक पूजा कोना बनाएं और देवताओं की मूर्तियां पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
गृह प्रवेश समारोह के लिए वास्तु शास्त्र की आवश्यकताएं
सुनिश्चित करें कि गृह प्रवेश पूजा करते समय आप सभी वास्तु आवश्यकताओं का पालन करते हैं। यह सकारात्मकता सुनिश्चित करेगा और नए घर में आशीर्वाद आकर्षित करेगा।
- इस साल नए घर में जाने से पहले 2024 में शुभ वास्तु शांति मुहूर्त की जांच करें।
- हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गृह प्रवेश एक उपयुक्त मुहूर्त पर किया जाना चाहिए।
- नए घर में प्रवेश करने के लिए आदर्श दिन और समय 2024 में वास्तु शांति मुहूर्त की जाँच करें।
- मुख्य प्रवेश द्वार को रंगोली, फूलों और पवित्र प्रतीकों जैसे स्वस्तिक या देवी लक्ष्मी के चरणों से सजाना सुनिश्चित करें।
- सुनिश्चित करें कि घर का मुख्य द्वार किसी भी बाधा से मुक्त हो।
- दरवाजे को ताजे आम के पत्तों या फूलों के तोरण से सजाएं।
- सकारात्मक वाइब्स को आमंत्रित करने के लिए चावल के आटे सहित रंगीन रंगोली बनाएं।
- गृह प्रवेश को उत्तर-पूर्व कोने पर करना याद रखें, जिसे ईशान कोने के रूप में भी जाना जाता है, जो पूजा कक्ष और देवताओं की नियुक्ति के लिए आदर्श है।
- घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए पुजारी की मदद से वास्तु पूजा या हवन (नवग्रह या भगवान गणेश के लिए) करें।
- गृह प्रवेश पूजा संपन्न होने के बाद पुजारियों को भोजन कराएं।
- सुनिश्चित करें कि कमरा खुला और हवादार रखा गया है। वास्तु के अनुसार नए घर में सकारात्मक ऊर्जाओं को आमंत्रित करना आवश्यक है। गृह प्रवेश पूजा बंद दरवाजों और खिड़कियों से नहीं करनी चाहिए।
- इस साल अपने नए घर में जाने के लिए 2024 में शुभ तिथियों पर विचार करें।
घर के लिए वास्तु शांति का महत्व
वास्तु शास्त्र दिशाओं के महत्व पर जोर देता है. शब्द ‘ Vastu ’ एक ऐसी जगह को संदर्भित करता है जहां देवत्व और मानव सह-अस्तित्व है. मानव शरीर प्रकृति के पांच तत्वों – पृथ्वी, हवा, अग्नि, वायु और जल से बना है. घर के लिए वास्तु इन तत्वों से जुड़ा हुआ है. घर में प्रवेश करने से पहले वास्तु पूजा और शांति का प्रदर्शन यह सुनिश्चित करता है कि हर क्रम से सकारात्मक ऊर्जा किसी के जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि लाए.
गृह प्रवेश के न्योते के कार्ड
अगर आप हाउस वॉर्मिंग सेरेमनी या फिर गृह प्रवेश पूजा के लिए कार्ड भेजना चाहते हैं तो इन टिप्स को फॉलो करें. इस मौके पर खूबसूरत कार्ड डिजाइन कराने के लिए आप:
- प्रेरणा के लिए आप सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग कार्ड देख सकते हैं. इंटरनेट पर हजारों ऐसे लेआउट्स उपलब्ध हैं, जहां से आप कार्ड्स पसंद कर सकते हैं.
- Canva जैसे प्लेटफॉर्म पर जाकर आप खुद अपना कार्ड डिजाइन कर सकते हैं. Vimeo या Inshot जैसे वीडियो एडिटिंग प्लेटफॉर्म पर आप आसानी से वीडियो कार्ड्स भी बना सकते हैं.
- डिजाइनिंग के लिए आप बैकग्राउंड इमेज के तौर पर फैमिली पोट्रेट भी चुन सकते हैं. इसके अलावा कार्ड को डेकोरेट करने के लिए आप पारंपरिक रूपांकनों को चुन सकते हैं.
- समारोह के बारे में हमेशा आप पूरी जानकारी कार्ड पर लिखे. जैसे नया एड्रेस, वक्त और तारीख. आप गूगल मैप्स का लिंक भी इसमें डाल सकते हैं ताकि मेहमान आसानी से आपके पते तक पहुंच जाएं. अगर आप फिजिकल कार्ड दे रहे हैं तो क्यूआर कोड भी उस पर लगा सकते हैं, जो गूगल मैप्स से लिंक हो.
- इनविटेशन कार्ड पर किसी परिवार के सदस्य का कांटेक्ट नंबर जरूर लिखें, जो मेहमानों को आस-पड़ोस तक पहुंचने का रास्ता बताएं.
यह भी देखें: गृह प्रवेश निमंत्रण: गृह प्रवेश निमंत्रण कार्ड के डिजाइन, हिंदी और अंग्रेजी में संदेश के नमूने
Housing.com का पक्ष
वास्तु शास्त्र में गृह प्रवेश पूजा शुभ मुहूर्त के दौरान करने का विशेष महत्व होता है ताकि नए घर में रहने वालों के लिए सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति हो सके। इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि स्थान के आधार पर हर नए घर की गृह प्रवेश पूजन का शुभ मुहूर्त अलग-अलग हो सकता है, इसलिए, ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद होता है। इसके अलावा, गृह प्रवेश समारोह करते समय पूजा और हवन के लिए सही दिशा का चयन करना चाहिए। वास्तु के अनुसार, गृह प्रवेश पूजा करने से बुरे प्रभाव और वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या गृह प्रवेश से पहले आप सामान शिफ्ट कर सकते हैं?
नहीं, सिर्फ गैस सिलेंडर को छोड़कर नए घर में गृह प्रवेश से पहले कोई सामान लेकर ना आएं.
नए घर में दूध क्यों उबालते हैं?
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, दूध उबालना समृद्धि का प्रतीक होता है.
क्या गृह प्रवेश पूजा में हवन जरूरी है?
हवन घर को शुद्ध करता है और सकारात्मक ऊर्जा लाता है. इसलिए लोग गृह प्रवेश पूजा के दौरान हवन कराते हैं.
गृह प्रवेश के दिन मुख्य द्वार के पास फर्श पर रंगोली क्यों बनाई जाती है?
घर में देवी लक्ष्मी (समृद्धि) का स्वागत करने के लिए चावल के आटे, फूलों और चमकीले रंगों का उपयोग करके फर्श पर रंगीन रंगोली बनाई जाती है।
क्या हम शनिवार को गृह प्रवेश कर सकते हैं?
एक नए घर में जा सकते हैं और एक शुभ दिन पर, हिंदी कैलेंडर के अनुसार, शनिवार को भी गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं।
अभिजीत मुहूर्त क्या है और इसे ऐसा क्यों कहा जाता है?
ज्योतिष के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त शहर में सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर गणना की जाने वाली मुहूर्त को कहा जाता है। इसलिए मुहूर्त एक स्थान से दुसरे स्थान पर अलग-अलग होता है। अभिजीत शब्द का अर्थ है ‘विजेता’। अभिजीत मुहूर्त वह समय है जब कोई घटना या गतिविधि प्रारंभ होती है, जिससे व्यक्ति विजयी होता है। यह विवाह या उपनयन को छोड़कर अधिकतम शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।
क्या हम श्राद्ध के दौरान गृह प्रवेश कर सकते हैं?
हिंदू परंपराओं और वास्तु के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान नई शुरुआत करने की सलाह नहीं दी जाती है। 15 दिवसीय श्राद्ध अनुष्ठान के दौरान गृह प्रवेश समारोह करना अशुभ माना जाता है।
भाद्रपद महीना अच्छा है या बुरा?
रक्षा बंधन, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे कई त्यौहार भाद्रपद के छठे महीने में आते हैं, जो जॉर्जियाई कैलेंडर के अगस्त-सितंबर के दौरान होता है। हालांकि, वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य जैसे नए घर में प्रवेश या गृह प्रवेश पूजा के लिए भद्रा काल से बचना चाहिए।
गृह प्रवेश के लिए कौन सा देवता जिम्मेदार है?
गृह प्रवेश पूजा के दौरान भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
क्या हम शिफ्ट होने से पहले गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं?
वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों के अनुसार, नए घर में फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान ले जाने से पहले गृह प्रवेश पूजा करनी चाहिए।
क्या हम गृह प्रवेश के बाद घर में ताला लगा सकते हैं?
गृह प्रवेश पूजा करने के बाद घर को खाली या बंद नहीं छोड़ना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, परिवार का एक सदस्य हर समय, कम से कम अगले 40 दिनों तक घर में मौजूद रहना चाहिए।
क्या हम घर की सफाई किये बिना पूजा कर सकते हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी कार्य को करने से पहले हमेशा पूजा कक्ष को साफ करना चाहिए. यह क्षेत्र सबसे पवित्र माना जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है। इस प्रकार, इसे साफ-स्वच्छ रखना शांति और समृद्धि सुनिश्चित करता है।
क्या हम गृह प्रवेश पर सत्यनारायण की पूजा कर सकते हैं?
हाँ, गृह प्रवेश के दौरान सत्यनारायण की पूजा कर सकते हैं. माना जाता है. माना जाता है कि परिवार के सभी सदस्यों के लिए यह पूजा शुभ होती है।
गृह प्रवेश में हमें क्या देना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, पूजा कक्ष के लिए दीपक, तुलसी के पौधे, कमल के फूल, इंडोर पौधे, विंड चाइम, किताबें आदि जैसे शुभ उपहार दिए जा सकते हैं।
कौन सा तमिल महीना गृह प्रवेश के लिए अच्छा नहीं है?
आनी, आदि, पुरतासी, मार्गाज़ी और पंगुनी के तमिल महीने गृह प्रवेश के लिए आदर्श नहीं हैं।
क्या बुधवार को घर बदलना अच्छा है?
वास्तु के अनुसार, नए घर में शिफ्ट होने के लिए सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार के अलावा बुधवार को भी विचार किया जा सकता है। हालांकि, शुभ मुहूर्त जानने के लिए हिंदू कैलेंडर देखना चाहिए या ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
गृह प्रवेश पर किस रंग के कपड़े पहनने चाहिए?
गृह प्रवेश पूजा के दिन पहनने के लिए आप पारंपरिक कपड़े चुन सकते हैं। कुछ शुभ रंग लाल, पीला, नारंगी, गुलाबी या पेस्टल शेड हैं।
2024 में गृह प्रवेश के लिए कौन सा महीना अच्छा है?
जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, नवंबर और दिसंबर के महीनों के लिए शुभ तिथियां हैं गृह प्रवेश शुभ समय जानने के लिए हिंदू कैलेंडर या ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लें सकते हैं .
गृह प्रवेश के लिए कौन सा पौधा सर्वोत्तम है?
आप उपहार के रूप में बांस, जेड पौधे, पीस लिली और मनी प्लांट जैसे भाग्यशाली पौधे चुन सकते हैं
अप्रैल 2024 में गृह प्रवेश की तिथि क्या है?
अप्रैल 2024 के महीने में केवल एक गृह प्रवेश मुहूर्त है, जो 4 अप्रैल, 2024 है। आप अपनी कुंडली के आधार पर शुभ तिथियां जानने के लिए ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
क्या गृह प्रवेश किसी भी दिन किया जा सकता है?
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, नए घर में जाने या गृह प्रवेश मुहूर्त के लिए शनिवार और बरसात के दिनों से बचना चाहिए। आप सर्वोत्तम गृह प्रवेश मुहूर्त के दिनों की जांच ऑनलाइन या स्थानीय पुजारी से कर सकते हैं।
संपत्ति खरीदने के लिए भाग्यशाली महीना कौन सा है?
भूमि पंजीकरण या संपत्ति खरीदने के लिए शुभ महीने का पता लगाने के लिए आप को हिंदू कैलेंडर की मदद लेनी चाहिए। कोई भी व्यक्ति अपनी कुंडली के आधार पर शुभ महीना जानने के लिए स्थानीय पुजारी से भी परामर्श ले सकता है।
क्या हम होली पर गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं?
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, होली और होली से पहले के आठ दिन जिन्हें होलाष्टक के नाम से जाना जाता है, गृह प्रवेश या किसी भी शुभ कार्य के लिए आदर्श समय नहीं माना जाता है।
क्या गृह प्रवेश पूजा के लिए हवन आवश्यक है?
वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, हवन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आसपास का वातावरण शुद्ध होता है। इसलिए, गृह प्रवेश पर हवन करना बहुत ही अच्छा माना जाता है।
क्या इन्कम्प्लीट घर का गृह प्रवेश कर सकते हैं?
हाँ, इन्कम्प्लीट घर का गृह प्रवेश कर सकते हैं लेकिन गृह प्रवेश अनुष्ठान करते समय छत, खिड़कियां और दरवाजे तैयार कर लेने चाहिए।
गृह प्रवेश अनुष्ठान में किस रंग के कपडे अवॉयड करने चाहिए?
गृह प्रवेश अनुष्ठान में काले रंग के कपडे अवॉयड करने चाहिए।
क्या गृह प्रवेश अनुष्ठान के पहले नए घर में खाना पका सकते हैं?
नहीं, क्या गृह प्रवेश अनुष्ठान के पहले नए घर में खाना नहीं पका सकते है।
नए घर के गृह प्रवेश अनुष्ठान के बाद वहां कितने दिन रहना ज़रूरी माना गया है?
नए घर के गृह प्रवेश अनुष्ठान के बाद वहां काम से काम तीन दिन बिताएं। 3 दिन तक नए घर को खली छोड़ना अशुभ माना गया है।
नए घर में जाने से पहले मुझे पुरानी या टूटी हुई चीज़ों का क्या करना चाहिए?
आपको अपने नए घर में जाने से पहले टूटी हुई या पुरानी चीज़ों को हटा देना चाहिए क्योंकि ऐसी वस्तुएं नकारात्मकता लाती हैं।
(पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा के इनपुट्स के साथ)
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