चूँकि मंदिर का उद्द्घाटन जनवरी २२ को होना तय हुआ है, अयोध्या नगरी सज रही है। नगर की एक एक गली को चमकाया जा रहा है। उत्सव का माहौल है, क्योंकि सर्दियों के इंतजार के बाद अयोध्या में मंदिर में रामलाल विराजेंगे और सभी राम भक्त दर्शन के लिए व्याकुल हैं। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस योजना में पीएम नरेंद्र मोदी जी मुख्य यजमान होंगे। इसके अलावा इस उत्सव में देशभर के ७,000 से ज्यादा मेहमान शामिल होंगे। इन मेहमानों में देश के उद्योगपति, अभिनेता ,साहित्यकार और खिलाड़ी भी शामिल है।
राम मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर बनाया जा रहा है। रामायण के अनुसार, यह स्थान हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म स्थान है। मंदिर निर्माण की पर्यवेक्षक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है। 5 अगस्त 2020 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भूमि पूजन अनुष्ठान किया गया था। और तब इस मंदिर का निर्माण आरंभ हुआ था। तब से इस मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से हो रहा है और आज मंदिर का निर्माण काफी हद तक पूरा हो चुका है।
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श्री राम जन्मभूमि परिसर में चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ अनवरत चल रहा है। देश के सभी प्रांतों से मूर्धन्य वैदिक विद्वानों और यज्ञाचार्यों को इस अनुष्ठान में सम्मिलित होने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा आमंत्रित किया जा रहा है। यह अनुष्ठान प्राण प्रतिष्ठा तक अनवरत चलता रहेगा।
कैसी चल रही है अयोध्या को सजाने की तैयारी?
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सूर्यवंशी राजाराम की नगरी अयोध्या में जगह-जगह सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में कास्य की बनी विशाल जटायु प्रतिमा भी लगाई गई और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एयरपोर्ट रोशनी से जगमगाने लगा है। सबसे पहले यहां से दिल्ली और अहमदाबाद के लिए फ्लाइट सेवा शुरू करने की तैयारी है। हाईटेक अयोध्या रेलवे स्टेशन देखते ही बन रहा है। रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में पूरे देश से श्रद्धालुओं का आना बढ़ता जाएगा, इसलिए जगह-जगह मल्टीलेवल पार्किंग भी बन रही है। यहां इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। एयरपोर्ट के अलावा अलावा अयोध्या में भक्ति पथ, रामपथ, जन्मभूमि पथ, धर्म पथ आदि का लोकार्पण भी होना है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए थाईलैंड की राजा वहां की मिट्टी भेजी है। कंबोडिया से सुगंधित हल्दी आई है। इसके अलावा जोधपुर से 600 किलोग्राम गाय का घी और जनकपुर से मिथिला आयल पेंटिंग भेजा गया है। इस पेंटिंग में माता सीता के धरती की गोद में जन्म से लेकर उनका प्रभु राम से विवाह तक के प्रसंग को दर्शाया गया है। यह पेंटिंग देखने में बेहद ही शानदार है और भक्तों को बहुत ही अधिक पसंद आने वाली है।
अयोध्या राम मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें
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1= 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन भक्त रामलला दर्शन के लिए उत्साहित हैं।
2=इससे भव्य समारोह में देश भर के ७,000 से ज्यादा विशिष्ट मेहमान शामिल होंगे। यह भारत के सभी नागरिकों के लिए सौभाग्य की बात है।
3=रामलीला की मूर्ति कर्नाटक और राजस्थान के पत्थरों से बनाई गई है।
4=अयोध्या राम मंदिर के निर्माण में करीब 900 करोड़ का खर्च आया है।
5=यहां के दरवाजों और खिड़कियों पर नक्काशी हैदराबाद के मजदूरों ने की है। जो देखने में बेहद ही खूबसूरत है।
6=देश भर की पवित्र नदियों और कुंडो से लाऐ जल से होगा रामलाल का अभिषेक।
7=दरवाजे और खिड़कियों की लकड़ियां महाराष्ट्र के बल्लाल शाह से लाई गई है।
8=वर्ष 2025 में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा भव्य राम मंदिर।
9= 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था।
10=रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए थाइलैंड के राजा ने वहां की मिट्टी भेजी है।
11=मंदिर परिषद में 44 फीट लंबाई और 500 किलोग्राम की ध्वज दंड भी लगाए लगेगा।
आप राम मंदिर में दर्शन कैसे करें?
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मंदिर में रामलला के दर्शन 30 फीट की दूरी से हो सकेंगे। श्रद्धालु पूर्व दिशा से दर्शन के लिए प्रवेश करेंगे। सिंह द्वार से आगे बढ़ते ही वे रामलाल के सामने होंगे। रामलाल का दर्शन कर वह घूमेंगे। उसके बाद आगे पीएफसी भवन के समान लेकर बाहर निकल जाएंगे। लेकिन कुबेर टीला जाने के लिए उनके पास अनुमति पत्र होना चाहिए। तभी आप वहां पर जा सकते हैं।
भक्तों को राम मंदिर में प्रसाद कहां मिलेगा?
श्रद्धालुओं को दर्शन स्थल पर प्रसाद नहीं मिल पाएगा उन्हें रामलाल का दर्शन करने के बाद लौटते समय दर्शन मार्ग के पास परकोटा से प्रसाद मिलेगा।
भक्त राम मंदिर के अलावा और किन-किन मंदिरो में दर्शन के लिए जा सकते हैं?
इसके अलावा आप सभी लोग हनुमानगढ़ी मंदिर, नागेश्वर नाथ मंदिर, कनक भवन, राम की पैड़ी, गुप्तार घाट और रामकोट भी दर्शन और घूमने के लिए जा सकते हैं। यह स्थान घूमने के लिए भी उचित है। हनुमानगढ़ी महाबली हनुमान का विख्यात मंदिर है। जो 10वीं शताब्दी में बनाया गया था। धार्मिक मान्यता है कि यहां भगवान हनुमान जी का वास है। और भक्त हनुमान जी ही अयोध्या की रक्षा करते हैं।
अयोध्या में खरीदने के लिए प्रसिद्ध क्या-क्या वस्तुएं हैं?
अयोध्या एक तीर्थ नगरी होने के नाते अयोध्या में लकड़ी और संगमरमर से बनी भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां सबसे ज्यादा खरीदी जाती हैं। इसके अलावा धार्मिक चिन्हों वाली टीशर्ट, चाबी की चेन और राम मंदिर के पोस्टर भी खरीदे जाते हैं। इन सभी वस्तुओं को खरीदना भक्त अधिक पसंद करते हैं।
अयोध्या राम मंदिर का वास्तु शिल्प और इसके वास्तुकार
राम मंदिर का मूल डिजाइन 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार द्वारा तैयार किया गया था। सोमपुरा कम से कम 15 पीढ़ियों से दुनिया भर के १०० से अधिक मंदिरों के मंदिर के डिजाइन का हिस्सा रहा है। राम मंदिर के लिए एक नया डिजाइन, मूल डिजाइन से कुछ बदलावों के साथ, 2020 मैं सोमपुरवासियों द्वारा तैयार किया गया था। मंदिर २३५ फिट चौड़ा,३६० फिट लंबा और १६१ फिट ऊंचा होगा। मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के साथ उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा भी है, जो आर्किटेक्ट भी हैं। सोमपुरा परिवार ने राम मंदिर को नगरा शैली की वास्तुकला के बाद बनाया है, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला के प्रकारों में से एक है। इस मंदिर परिषद में एक प्रार्थना कक्ष होगा, एक राम कथा कुंज (व्याख्यान कक्ष), एक वैदिक पाठशाला (शैक्षिक सुरक्षा), एक संत निवास और एक यतिनिवास (आगंतुको के लिए छात्रावास) और संग्रहालय और अन्य सुविधाएं जैसी एक कैफेटेरिया। यह एक बार पूरा होने के बाद मंदिर परिसर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
अयोध्या पहुंचने के लिए उचित संसाधन की व्यवस्था
यदि हम रेलवे द्वारा आए तो राम मंदिर अयोध्या रेलवे स्टेशन से कितनी दूरी पर है?
आप यदि ट्रेन से अयोध्या पहुंच रहे हैं तो रेलवे स्टेशन से मात्र 5 किलोमीटर का सफर तय कर आप राम मंदिर पहुंच जाएंगे। यहां पहुंचने के लिए कई प्रकार के संसाधन मिल जाएंगे। इसके अलावा लखनऊ, दिल्ली समेत मुख्य शहरों से सीधी बस सेवा के जरिए भी अयोध्या पहुंच जा सकता है। इन साधनों से यहां पहुंचना बेहद ही आसान है।
हवाई मार्ग से कैसे पहुंचे अयोध्या?
अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट है। राम मंदिर और एयरपोर्ट के बीच करीब 10 किलोमीटर की दूरी है। इंडिगो की तरफ से यहां उड़ान सेवा शुरू की जा रही है। फिलहाल दिल्ली और अहमदाबाद से अयोध्या के लिए फ्लाइट मिलेगी। आप पड़ोसी शहरों जैसे लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरकर बस और ट्रेन के जरिए भी बड़ी आसानी से अयोध्या पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा अयोध्या कैसे पहुंच सकते हैं?
आप सड़क मार्ग द्वारा या अपने वाहन द्वारा भी अयोध्या बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। अयोध्या आने के लिए बस सेवा भी उपलब्ध है। जिससे आप बड़ी आसानी से अयोध्या पहुंच सकते हैं।
(सभी तस्वीरें श्री राम जन्मभूमि, अयोध्या, के इंस्टाग्राम अकाउंट से ली गयी हैं )