अगर हम कहें के घर घर में आम रूप से पाया जान वाला कनेर का पौधा कोई मामूली पौधा नहीं है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कनेर न केवल बेहद खूबसूरत और मादक खुशबू से घर-बहार को महकाने वाला है बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। और हैं, वास्तु के हिसाब से भी फूलों से लढा रहने वाला ये कोमल पौधा काफी माभकारी मन गया है। चाहे लाल हो या गुलाबी और चाहे पीला हो या सफेद, कनेर के फूल देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं। लोग घर की सुंदरता बढ़ाने के लिए कनेर के फूल का पौधा लगाते हैं। चार अलग-अलग रंगों में पाए जाने वाले कनेर के पौधे का हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में बहुत महत्व है।

हिंदू धर्म में कनेर का महत्व
सुख-संपत्ति लाता है कनेर का पौधा
वास्तु में माना गया है कि पांच पंखुड़ियां वाले कनेर के फूल का में दैविक गुण पाए जाते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार इसे घर में लगाने से धन-समृद्धि बढ़ती है और घर की आर्थिक स्थिति में भी बहुत सुधार होता है। वास्तु शास्त्र ये भी कहंता है कि जिस प्रकार कनेर के पेड़ में पूरे साल फूलों से भरा रहता है, इस प्रकार इसे घर में लगाए जाने से पूरे साल घर में धन का आगमन बना रहता है।
लक्ष्मी जी को प्रिय है सफ़ेद कनेर
कहा जाता है कि माता लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल अति प्रिय हैं और यह भी मानते हैं कि कनेर के पौधे में साक्षात् देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। उनकी पूजा में सफेद कनेर के फूलों को चढ़ाया जाता है। सफेद कनेर के फूलों को मां लक्ष्मी जी की पूजा में रखा जाए तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर जातक के घर में ठहर जाती हैं।

शिव और विष्णु को भाते हैं पीले कनेर के फूल
यह फूल भगवान शिव को भी अति प्रिय है। कहा जाता है कि सोमवार के दिन पीले कनेर के फूल से भगवान शिव की पूजा करें तो भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। साथ ही पीले कनेर के फूल भगवान विष्णु को भी अति प्रिय हैं। हिंदू धर्म में ऐसा कहा जाता है की पीले फूलों वाले कनेर के पेड़ में साक्षात भगवान विष्णु बसे हैं। पीले कनेर के फूलों से भगवान श्री हरि की पूजा करने से परिवार में खुशहाली आती है, धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। घर के मांगलिक कार्यों में किसी प्रकार की रुकावटें नहीं आती हैं।

कनेर के पौधे का आयुर्वेद में महत्व
इसलिए यह पौधा जितना ही देखने में सुंदर है उतना ही औषधि गुणो से भरा हुआ है। कनेर की पत्तियां, फूल और छाल में कई प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके प्रयोग घाव को भरने और सूखने में किया जाता है। यह सिरदर्द ,दंत पीड़ा और फोड़े-फुंसियों में भी बहुत ही फायदेमंद होता है। इसकी पत्तियों का लेप शरीर में दाद, खाज, खुजली, सफेद दाग में बहुत भी राहत पहुंचाता है।

कहाँ और कैसे लगाएं कनेर का पौधा?
वास्तु शास्त्र में कनेर का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करके शुभ-करता माना गया है। वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि कनेर का पौधा मन को शांत रखता है और वातावरण को शुद्ध करता है। लेकिन इसी घर में लगाते समय कुछ बातों का ख्याल ज़रूर रखें। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि इस पौधे को उचित नक्षत्र और वार को घर के आंगन या गार्डन में लगाना चाहिए। यह पौधा घर के आस-पास उचित दिशा में लगाए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस पौधे को पूर्व दिशा या उत्तर यानी ईशान कोण में लगाए। इससे घर में धन दौलत में बढ़ोतरी होती है। वास्तु शास्त्र यह भी कहता है कि इस पौधे को घर में नहीं बल्कि आंगन में लगाए।
