नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (Naredco) ने देश में रियल एस्टेट सेक्टर को समर्थन जारी रखने के लिए SWAMIH-2 लॉन्च करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में केन्द्रीय मंत्रालय से इस फंड की व्यापक संभावनाओं को ध्यान में रखने का आग्रह भी किया गया है।
कोविड अवधि के दौरान निभाई गई स्वामिह फंड की महत्वपूर्ण भूमिका और इसके द्वारा प्रदान किए गए प्रभावी समाधानों की सराहना करते हुए, भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के प्रमुख संगठन ने आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में इस SWAMIH -2 फंड के लिए कम से कम 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की मांग की है। नारेडको ने कहा कि केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय ने इस क्षेत्र के सकारात्मक परिवर्तन में लगातार सहायता की है और सरकार रियल एस्टेट सेक्टर को पर्याप्त सशक्तिकरण और उपयुक्त नीतियों के साथ सही दिशा में मार्गदर्शन कर रही है।
अगले महीन पेश किए जाने वाले बजट से पहले माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को लिखे अपने पत्र में नारेडको ने नई परियोजनाओं के लिए इस योजना का विस्तार करने की भी मांग की। योजना के दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इसने स्ट्रेस-फ्री प्रोजेक्ट्स और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स को लाभार्थियों की सूची में शामिल करने का भी सुझाव दिया है।
श्री राजन बंडेलकर, प्रेसिडेंट, नारेडको, ने कहा कि “स्वामिह फंड, केन्द्र सरकार का सबसे नया और प्रभावी साधनों में से एक था, जिसने काफी हद तक रुकी हुई हाउसिंग परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आखिरी हद तक फंडिंग की समस्या को हल करने में मदद की, जिससे कई संकटग्रस्त घर खरीदारों को राहत मिली और वे अपने घरों में प्रवेश कर सकें। इस फंड की अवधि बढ़ाने और इस फंड के दायरे का विस्तार करने से रियल एस्टेट सेक्टर की मुश्किल में आई परियोजनाओं को काफी हद तक मदद मिलेगी। अकेले अगले वित्त वर्ष के लिए कम से कम 25,000 करोड़ रुपये का आवंटन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, अधिक रोजगार सृजित करेगा और सेक्टर में काफी अधिक निवेश भी आएगा।”
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में आने वाले शीर्ष इंडस्ट्री संगठन ने भी सिफारिश की है कि बिक्री के मौजूदा प्रवाह को प्रभावित किए बिना फंड को पूरी परियोजना के फंडिंग का समर्थन करना चाहिए।
वित्त मंत्रालय को ये भी सुझाव दिया गया है कि कि स्पेशल पर्पज फंड यानि विशेष प्रयोजन कोष के तहत, सभी परियोजनाओं को उनकी जोखिम रेटिंग के बावजूद धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, हालांकि, परियोजनाओं और बेहद कड़ी प्रक्रियाओं की कड़ी निगरानी के साथ ही ये फंडिंग उपलब्ध हो।
श्री सतीश कुमार एम, चेयरमैन, नारेडको-फाइनेंस कमेटी (एनएफसी), ने कहा कि “कड़ी निगरानी और सख्त प्रक्रियाओं के साथ स्वामिह फंड इसके सभी लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड में ढील देने से अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ रियल एस्टेट सेक्टर और समग्र रूप से अर्थव्यवस्था में भी काफी अधिक वृद्धि होगी। इसके साथ ही वास्तविक लाभार्थियों को भी व्यापक लाभ होंगे। जैसा कि पहले चरण में फंड ने रुकी हुई आवास परियोजनाओं का समर्थन किया था, इसे कमर्शियल प्रोजेक्ट्स तक भी बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इसमें रियल्टी से लेकर रिटेल सेक्टर तक कई सारे मल्टीपल प्रभाव होंगे।”
नारेडको फाइनेंस कमेटी (एनएफसी) को अक्टूबर 2022 में पूरे देश में रियल एस्टेट विकास के लिए सभी वित्तीय पहलुओं और फंडिंग प्रक्रियाओं को देखने और रियल एस्टेट डेवलपर्स के वित्तीय आधार को बेहतर बनाने के तरीके सुझाने के लिए लॉन्च किया गया था। यह डेवलपर्स को परियोजनाओं की योग्यता और व्यवहार्यता के आधार पर आसानी से फंड्स तक आसान पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
यह अपने सदस्यों को रियल एस्टेट क्षेत्र को उधार देने वाली बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के साथ अपने सदस्यों की फाइनेंस संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करते हुए प्रोफेशनल रूप से फंड्स प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
स्वामिह इनवेस्टमेंट फंड का गठन रुके हुए, ब्राउनफील्ड, रेरा पंजीकृत रेजीडेंशियल डेवलपमेंट्स के निर्माण को पूरा करने के लिए किया गया था जो कि किफायती आवास या मध्य-आय वर्ग में हैं, और इनकी नेट मूल्य पॉजिटिव हैं और निर्माण को पूरा करने के लिए आखिरी वक्त तक फंड्स् की आवश्यकता होती है।
ये सभी सिफारिशें ऐसे महत्वपूर्ण समय में आई हैं जब यह क्षेत्र महामारी की मार से काफी हद तक से बाहर आ गया है लेकिन वैश्विक तौर पर बने हुए विपरीत हालात के चलते मुद्रास्फीति का दबाव जारी है।