लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे एक छह-लेन एक्सेस-सीमित एक्सप्रेसवे है जो उत्तर प्रदेश के इन दो शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। इससे यात्रा का समय 1.5 घंटे से घटकर लगभग 45 मिनट होने की उम्मीद है। जिसका चालू होना 2024 तक लग भाग तय है। एक्सप्रेसवे को दिसंबर 2020 में नेशनल हाईवे का दर्जा मिला और इसे नेशनल एक्सप्रेसवे 6 (NE-6) के रूप में भी जाना जाता है। 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण दिसंबर 2021 से शुरू हो चूका है। एक्सप्रेसवे परियोजना यूपी सरकार द्वारा शुरू की गई पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ ही एक विशाल विकास परियोजना का हिस्सा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अधिकार ने एक्सप्रेसवे के विकास के लिए 1,935 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। भारतीय नेशनल हाईवे अधिकारी (NHAI) के अनुसार, निर्माण कार्य जनवरी 2022 में शुरू हुआ था।
लखनऊ कानपूर एक्सप्रेसवे मैप
लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में विकसित होने वाला पहला एक्सप्रेसवे होगा, जो मुख्य सड़क पर ट्रैफिक को कम करने के लिए लखनऊ रिंग रोड से जोड़ा जाएगा। यह रूट NH 25 की बराबरी में 3.5 किलोमीटर की दूरी पर चलेगा। यह लखनऊ में शहीद पथ के पास से नवाबगंज को बंथरा, बानी, दतौली और कांथा होते हुए कानपुर से जोड़ेगा।
( स्रोत: http://forestsclearance.nic.in/ )
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लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे निर्माण से सम्बंधित जानकारी
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना को 4,700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। ये भारतमाला परियोजना के पहले चरण यानी phase-1 के तहत सरकार के ज़रिए पहचानी गई छह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं में से एक है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने अलग-अलग परियोजनाओं के लिए टेंडर निकाले और चुनी गई कंपनी ने मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया और 150 दिनों के अंदर काम शुरू कर दिया। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, तफ्सीली परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का कार्य एजिस (INDIA) कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।
लखनऊ में अमौसी से बानी गांव तक एक्सप्रेस-वे पर प्रस्तावित 13 किलोमीटर का एक खंड है, जिसे ऊंचा किया जाएगा और सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। एक्सप्रेसवे में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर शामिल होंगे।
लखनऊ में अमौसी से बानी गांव तक एक्सप्रेस-वे पर प्रस्तावित 13 किलोमीटर का एक हिस्सा है, जिसे ऊंचा किया जाएगा और सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी। एक्सप्रेसवे में तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर शामिल होंगे।
NHAI हाईवे विकास के लिए 3D ऑटोमेटेड मशीन गाइडेंस (AMG) मॉड्यूल का उपयोग करेगा जो निर्माण की गति को दोगुना कर देगा। कानपुर से लखनऊ एक्सप्रेसवे इस तकनीक का उपयोग करने वाली पहली परियोजना होगी। यह अधिकारियों को कंप्यूटर या फोन पर परियोजना की प्रगति के लाइव अपडेट प्राप्त करने में सहायता करेगा।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण
NHAI ने परियोजना के लिए लगभग 65% भूमि अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया है। शेष दिसंबर के पहले सप्ताह तक पूरा होने की संभावना है। परियोजना को विकसित करने के लिए उन्नाव के लगभग 31 गांवों और लखनऊ के 11 जिलों को भूमि अधिग्रहण के लिए चुना गया है।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे परियोजना का प्रभाव
63 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे लखनऊ और कानपुर के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा और यात्रा के समय को कम करेगा। वर्तमान में, दोनों शहर नेशनल हाईवे 25 के माध्यम से जुड़े हुए हैं।
एक्सप्रेसवे यातायात की भीड़ को कम करने और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों यानी इकनोमिक एक्टिविटीज को बढ़ावा देने के साथ-साथ वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा, नेशनल एक्सप्रेसवे – 6 राज्य में विकसित की जा रही कॉरिडोर प्रोजेक्ट को बढ़ावा देगा। राजधानी शहर, लखनऊ और कानपुर, जिसे उत्तर प्रदेश की कमर्शियल राजधानी के रूप में भी जाना जाता है, डिफेन्स कॉरिडोर के छह नोड्स में से दो नोड हैं। अन्य चार नोड अलीगढ़, आगरा, चित्रकूट और झांसी हैं।
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे का ताज़ा अपडेट
30 दिसंबर, 2021 को अपडेट किया गया
NHAI ने कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए टेंडर्स आमंत्रित किये
सितंबर 2021 में, NHAI ने 2.5 साल की समय सीमा और 1724.67 करोड़ रुपये की लागत अनुमान के साथ हाइब्रिड वार्षिकी मोड (HAM) मॉडल के तहत परियोजना के निर्माण के लिए टेंडर्स आमंत्रित किये । NHAI द्वारा तकनीकी बोलियां खोले जाने के बाद, भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में, 14 निर्माण फर्मों ने 45.244 किलोमीटर पैकेज 2 को विकसित करने के लिए बोलियां जमा की थी।
छह लेन का एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे आठ लेन में अपग्रेड करने के योग्य होगा। यह लखनऊ में शहीद पथ को कानपुर के गंगा ब्रिज के पास आजाद मार्ग चौराहा से जोड़ेगा। बानी शहर को आजाद मार्ग चौराहा से जोड़ने वाला पैकेज 2 मौजूदा नेशनल हाईवे 27 के समानांतर एक ग्रीनफील्ड संरेखण पर बनाया जाएगा।
13 दिसंबर, 2021 को अपडेट किया गया
पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को NOC देने से किया गया इनकार
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने लखनऊ से कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अनिवार्य अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं किया है। इसने कुछ मुद्दे पर लाल झंडा दिखाया है। NHAI के परियोजना प्रबंधक एनएन गिरी ने कहा है कि इन चिंताओं को दूर करने का प्रयास जारी हैं। परियोजना के लिए टेंडर अगले सप्ताह खुलेंगे।
जानिये कानपुर लखनऊ एक्सप्रेसवे की स्टेटस अपडेट और परियोजना समयरेखा के बारे में
- अगस्त 2021: कानपुर से लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हुआ था|
- दिसंबर 2020: सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय द्वारा जारी सूचना के अनुसार एक्सप्रेसवे को नेशनल हाईवे का दर्जा मिला था|
- मार्च 2019: कानपुर से लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण की नीव रखी गई थी|
- नवंबर 2018: लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस हाईवे परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को अंतिम रूप दिया गया और राज्य सरकार को प्रस्तुत किया गया|
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे कहाँ है?
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में विकसित किया जा रहा, ये एक छह लेन एक्सप्रेसवे परियोजना है।
लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे के पूरा होने की तिथि क्या है?
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के 2024 तक पूरा होने की उम्मीद जताई गयी है|