खतौनी खेत से या कृषि भूमि से सम्बन्धित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक कृषि भूमि का गाटा नम्बर क्या है, कृषि भूमि किस अमुक व्यक्ति के नाम दर्ज है, उस अमुक नम्बर में कितने सह खातेदार हैं, तथा उस अमुक नम्बर का कुल कितना क्षेत्रफल है.
सामान्य भाषा में हम यह कह सकते है कि, खतौनी कृषि भूमि का वह प्रमाण पत्र है जो यह बताता है कि अमुक कृषि भूमि किस व्यक्ति की है तथा उसका सम्पूर्ण विश्लेषण उसमें दर्ज होता है।
खतौनी चेक करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
आइये जानते है कि जब हम किसी खतौनी को चेक करने जाते है तो हमें किन-किन बातो का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
आधिकारिक वेबसाइट पर ही खतौनी को चेक करें
सर्वप्रथम बात यह है कि जब भी हम किसी खतौनी को चेक करते है तो हमे आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है. अन्यथा सही की जगह गलत जानकारी या ठगी का शिकार भी आसानी से बनाया जा सकता है.
सही जिले का करें चुनाव
दूसरा महत्वपूर्ण कार्य यह है कि खतौनी चेक करते समय सही जिले का चुनाव करें, अन्यथा या तो आप को सही जानकारी नहीं मिलेगी या कोई जानकारी ही नहीं मिलेगी।
सही तहसील का चुनाव
तीसरा महत्वपूर्ण कार्य यह है कि जिले के साथ-साथ आप को सही तहसील का भी चुनाव करना अति आवश्यक है. अगर गलत तहसील का चुनाव किया गया तो परिणाम भी गलत होगा.
सही ग्राम का चुनाव
चौथा महत्वपूर्ण कार्य यह है कि आपको सही ग्राम का चुनाव करना होता है, क्योंकि अगर आप द्वारा गलत ग्राम का चुनाव किया गया तो गाटा संख्या में जो भी जानकारी मिलेगी वह पूर्ण रूप से गलत होगी तथा प्राप्त हुए आंकड़े दिशाविहीन होंगे।
सही गाटा नम्बर/खसरा संख्या का चुनाव
पांचवां महत्वपूर्ण कार्य यह होता है कि जब ग्राम का चुनाव हो जाए, तो आप को सही गाटा संख्या/खसरा संख्या के आधार पर ही खतौनी को चेक करना चाहिए क्योंकि एक ही ग्राम में एक ही व्यक्ति के नाम कई गाटा के नम्बर हो सकते हैं. अगर गलत गाटा नम्बर भरा गया तो जानकारी भी गलत ही प्राप्त होगी।