परदे किसी भी घर का अहम हिस्सा होते हैं, जिनका कार्यात्मक और सौंदर्यात्मक दोनों ही तरह का महत्व होता है। वास्तु शास्त्र में परदों के सही रंग का चयन करने का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने या नकारात्मक ऊर्जा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कमरे की दिशा और उद्देश्य के अनुसार वास्तु नियमों के अनुकूल परदे चुनने से पृथ्वी प्रकृति के इन पांच तत्वों जल, अग्नि, वायु और आकाश के बीच संतुलन में मदद मिलती है। इससे संपूर्ण कल्याण, रिश्तों में सुधार और घर में सामंजस्यपूर्ण वातावरण स्थापित करने में भी सहूलियत मिलती है। सही परदे के रंग चुनकर हर दरवाजे को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनाया जा सकता है। हम यहां 18 प्रमुख वास्तु-अनुकूल परदे के रंगों की सूची पेश कर रहे हैं, साथ ही उनके स्थान, सामग्री और उनसे जुड़ी बचने योग्य बातों के टिप्स भी दे रहे हैं –
वास्तु के अनुसार पर्दे के रंग और दिशाएं
| दिशा | तत्व | रंग | महत्व |
| उत्तर पश्चिम दिशा | वायु तत्व | सफेद या हल्का नीला, ग्रे, हल्का बैंगनी | शांति, सकारात्मकता और स्वतंत्रता |
| उत्तर दिशा | जल तत्व | आसमानी नीला, सफेद | शांति और सद्भाव |
| पश्चिम दिशा | जल तत्व | सफेद और नीला | संतुष्टि और तृप्ति |
| पूर्व दिशा | वायु तत्व | पुदीना हरा, हल्का हरा | विकास, सामंजस्य और संतुलन |
| दक्षिण-पूर्व दिशा | अग्नि तत्व | लाल या गुलाबी, नारंगी, कारमेल रंग, पीला | प्रेम, ऊर्जा |
| ईशान कोण | अंतरिक्ष | सफेद, गुलाबी | शांति, आध्यात्मिकता |
| दक्षिण दिशा | अग्नि तत्व | लाल और गहरा हरा | गर्मी, ऊर्जा |
| दक्षिण पश्चिम दिशा | धरती | हल्का गुलाबी, बेज या नींबू रंग | स्थिरता |
वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक दिशा जीवन के कुछ पहलुओं से जुड़ी होती है और कुछ रंग ऐसे क्षेत्रों के लिए सबसे अच्छे होते हैं।
प्राकृतिक तत्वों के आधार पर परदों के रंग
घर में परदों के सही रंग चुनने के लिए रंग और प्राकृतिक तत्वों के आपसी संबंध को समझना बहुत जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक रंग पांच प्राकृतिक तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश में से किसी एक से जुड़ा होता है। ये तत्व हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करते हैं और विशेष रंगों से संबंधित होते हैं, जो किसी स्थान की ऊर्जा पर असर डाल सकते हैं। इसके अलावा ये रंग व्यक्ति के मूड और भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं।
परदों के रंग चुनते समय कमरे की दिशा, उपयोगिता और उस स्थान में लाने वाली ऊर्जा पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
रंग और तत्व:
- पृथ्वी (Earth): हरा, भूरा, टैन, जंगिया, रेत जैसे रंग
- जल (Water): नीला, समुद्री हरा, ग्रे और सफेद
- अग्नि (Fire): नारंगी, लाल, गुलाबी, पीला और सुनहरा
- वायु (Air): हल्का ग्रे, चांदी, सफेद, हल्का नीला और पेस्टल शेड्स
- आकाश (Space): सफेद, ग्रे और मुलायम या पेस्टल रंग
परदों के रंग, स्थान और देखभाल के लिए वास्तु टिप्स
- दिशा के अनुसार रंग चुनें: परदों का रंग चुनते समय यह देखें कि खिड़कियां किस दिशा में हैं और कमरे में किस तरह का कार्य किया जाता है। सही रंग और दिशा का चुनाव अधिक लाभ और सौहार्दपूर्ण वातावरण देता है।
- दीवारों के रंग के साथ मेल रखें: परदों के रंग को दीवारों के रंग के साथ संतुलित रूप से मिलाएं, ताकि पूरे कमरे का वातावरण सुंदर और सामंजस्यपूर्ण लगे।
- सूरज की गति का ध्यान रखें: सूरज दोपहर से शाम तक दक्षिण से पश्चिम की ओर चलता है, इसलिए इन दिशाओं में खिड़कियों और दरवाजों के लिए मोटे और बड़े परदे चुनें।
- इन दिशाओं के लिए पतली सामग्री चुनें: उत्तर, उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा में स्थित खिड़कियों और दरवाजों के लिए हल्की और पतली सामग्री के परदे ज्यादा उचित होते हैं।
- सामान्य रंगों का प्रयोग करें: किसी भी दिशा के लिए न्यूट्रल (साधारण) रंग के परदे उपयोगी होते हैं।
- परदों को नियमित साफ करें: परदों को साफ और धूल-मुक्त रखें ताकि नकारात्मक ऊर्जा एकत्रित न हो।
- परदों की लंबाई उपयुक्त रखें: परदे इतने चौड़े होना चाहिए कि वे दरवाजे या खिड़कियों को पूरी तरह ढक सकें। परदे फर्श तक पहुंचने चाहिए, जिससे ऊर्जा स्थिर बनी रहती है। दिन में प्राकृतिक रोशनी आने दें और रात में गोपनीयता बनाए रखें।
- परदों के रंग और वास्तु तत्वों का कॉम्बिनेशन बनाएं: परदों के रंग और सामग्री का चयन अन्य तत्वों जैसे – फर्नीचर की सही स्थिति और पर्याप्त रोशनी के साथ सामंजस्य स्थापित कर के करें।
वास्तु के अनुसार पर्दे लगाने में इन गलतियों से बचना चाहिए
- फटे या गंदे पर्दे: फटे, क्षतिग्रस्त या गंदे पर्दे न रखें। नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने से बचने के लिए इन्हें तुरंत बदल दें।
- अत्यधिक विपरीत रंग: बहुत गहरे, अत्यधिक चमकदार या नियॉन रंगों और अत्यधिक विपरीत रंगों से बचें। ये नकारात्मक दृष्टि प्रभाव डाल सकते हैं और ऊर्जा संतुलन बिगाड़ सकते हैं।
- अधिक परतें: परदों की अधिक परतें ऊर्जा के प्रवाह को रोक सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग न करें।
- पूरी दीवार ढकना: वास्तु के अनुसार, पूरी दीवार को परदों से ढकना सही नहीं है, क्योंकि इससे ऊर्जा का प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है।
- गलत लंबाई वाले पर्दे: दरवाजों और खिड़कियों के आयाम के अनुसार सही आकार के पर्दे चुनें। दरवाजों को ढकते समय पर्दे पूरी लंबाई के होने चाहिए ताकि ऊर्जा स्थिर और जमीन से जुड़ी रहे।
- सिंथेटिक कपड़े: वास्तु के अनुसार, सिंथेटिक कपड़ों या भारी पर्दों का अधिक उपयोग न करें, क्योंकि ये ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डाल सकते हैं।
घर में परदे कहां लगाएं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में दरवाजों और खिड़कियों के साथ परदों का सही स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर परदे खिड़कियों और दरवाजों पर लगाए जाते हैं ताकि अत्यधिक गर्मी और प्रकाश को रोका जा सके और निजी क्षेत्र की सुरक्षा बनी रहे। कई घरों में परदे दीवारों को ढकने के लिए भी इस्तेमाल होते हैं, लेकिन यह सामान्यतः ये उचित नहीं माना जाता है। दीवारें खाली रखनी चाहिए ताकि ऊर्जा का स्वतंत्र प्रवाह संभव हो।
परदे कब खुलें और कब बंद रहें?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिन के समय परदे और खिड़की के ब्लाइंड्स खोलकर रखें ताकि उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा से सूरज की रोशनी कमरे में आ सके। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी सुनिश्चित होता है। वहीं, शाम के समय दक्षिण और पश्चिम दिशा की खिड़कियों पर परदे बंद किए जा सकते हैं, ताकि अतिरिक्त गर्मी रोकी जा सके और निजी जीवन की गोपनीयता बनी रहे।
वास्तु के अनुसार पर्दों के 18 रंग
#1. नीला रंग
नीला रंग पानी का प्रतीक है और यह शांति और सुकून को बढ़ावा देता है। यह बेडरूम जैसे क्षेत्रों के लिए एक शानदार ऑप्शन हो सकता है, जहां आराम और सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बनाना जरूरी होता है।

#2. हरा रंग
हरा रंग प्रकृति का रंग है और यह विकास, सामंजस्य, संतुलन, उर्वरता, समृद्धि और सफलता का प्रतिनिधित्व करता है। यह बेडरूम जैसी जगहों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। हरे रंग के कई शेड्स मौजूद हैं, जिनमें से आप अपनी पसंद के अनुसार चुन सकते हैं।

#3. नारंगी रंग
नारंगी रंग को जीवंत माना जाता है और यह गर्माहट और ऊर्जा का प्रतीक है। यह संकल्प, लक्ष्यों, संचार, आराम और अच्छे स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। अगर आप घर में परदों के लिए नारंगी रंग शामिल करते हैं तो यह कमरे की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।

#4. लाल रंग
लाल रंग भी एक जीवंत रंग है और इसे बेडरूम डेकोर के लिए व्यापक रूप से पसंद किया जाता है। यह रंग जुनून, भौतिकता, शक्ति, भावनाएं, ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। आप लाल रंग के पर्दे और पेस्टल शेड्स का कॉम्बिनेशन करके इसके प्रभाव को संतुलित कर सकते हैं और एक आकर्षक लुक बना सकते हैं।

#5. पीला रंग
पीला रंग इंटीरियर्स में सूरज की रोशनी का एहसास देने के लिए अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। चमकीला पीला रंग आशावाद, बुद्धिमत्ता और ज्ञान का प्रतीक है। पीले रंग के पर्दे चुनने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है और कमरे की समृद्धि बढ़ती है। लिविंग रूम के लिए आप सरसों जैसे पीले या पेस्टल शेड्स पर विचार कर सकते हैं।

#6. ब्राउन कलर (भूरा रंग)
ब्राउन एक मिट्टी जैसा रंग है, जो आराम, स्थिरता और संतोष का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक न्यूट्रल रंग के रूप में काम करता है और घर में सामंजस्य बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा यह किसी भी सजावट की थीम के साथ आसानी से मेल खा जाता है।

#7. पिंक
पिंक के विभिन्न शेड्स जैसे- बेबी पिंक से लेकर गहरे शेड्स तक पर्दों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। वास्तु के अनुसार, पिंक रंग बेडरूम के लिए उपयुक्त है, जो खुशी, रचनात्मकता और अंतरंगता को बढ़ावा देता है।

#8. गोल्डन कलर
गोल्डन कलर एक समृद्ध रंग है, जो शाहीपन और परिष्कार का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार, लिविंग रूम या बेडरूम में गोल्ड रंग के पर्दे लगाए जा सकते हैं। यह कमरे को स्टाइलिश लुक देता है और ऊर्जा को भी सकारात्मक बनाता है।
#9. ग्रे कलर
ग्रे कलर एक सूक्ष्म रंग है, जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। यह रंग समझदारी और सुरक्षा का प्रतीक है। आप ग्रे कलर के पर्दों को अन्य शेड्स के साथ मिलाकर घर में पॉजिटिव वाइब्स को और बढ़ा सकते हैं।

#10. व्हाइट कलर (सफेद रंग)
व्हाइट कलर एक सार्वभौमिक रंग है, जो पवित्रता, खुलेपन, सादगी और परिष्कार से जुड़ा है। वास्तु के अनुसार, सफेद रंग के पर्दे शुभ माने जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

#11. डीप ब्लू
अपने घर में आप विशेषकर उत्तर या पूर्व दिशा में परदों के लिए गहरा नीला रंग चुन सकते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार गहरे रंगों का प्रयोग संयमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि ये कमरे में गहराई और स्थिरता जोड़ते हैं।

#12. पर्पल कलर (बैंगनी रंग)
बैंगनी रंग शाहीपन और परिष्कार का प्रतीक है। अपने घर में बैंगनी रंग के पर्दे शामिल करके आप रचनात्मकता और संपन्नता को बढ़ावा दे सकते हैं।

#13. बेज़ कलर
बेज़ एक हल्का रंग है, जो भूरे और सफेद रंग का मिश्रण है। वास्तु के अनुसार, यह दक्षिण-पश्चिम दिशा के पर्दों के लिए एक आदर्श रंग है। यह एक बहुमुखी रंग है, जो किसी भी इंटीरियर डिजाइन थीम और कलर प्लानिंग के साथ आसानी से मेल खा जाता है। आप इसे महरून और हरे जैसे रंगों के साथ कॉम्बिन कर सकते हैं।

#14. हल्का ग्रे
हल्का ग्रे रंग परदों के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा में वास्तु-संगत ऑप्शन है। आप इसे सफेद या क्रीम रंग के परदों के साथ मिलाकर एक सुसंगत और आकर्षक लुक पा सकते हैं। मिनिमलिस्टिक डिजाइन थीम के लिए हल्का ग्रे पर्दा एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है।

#15. नींबू जैसा रंग
लिविंग रूम में दक्षिण-पश्चिम दिशा की खिड़की के लिए नींबू जैसे रंग के पर्दे चुन सकते हैं। यह दिशा पृथ्वी तत्व से जुड़ी है और सकारात्मकता व स्थिरता का प्रतीक है। इस कलर प्लानिंग का उपयोग मास्टर बेडरूम के डिजाइन के लिए भी किया जा सकता है, खासकर यदि वह दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो।

वास्तु अनुसार स्वीकृत रंग थीम और रुझान
#1. न्यूट्रल शेड्स
सफेद, ग्रे या बेज जैसे न्यूट्रल शेड्स परदे के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन हैं, क्योंकि ये किसी भी रंग योजना में आसानी से घुल-मिल जाते हैं। आप इन्हें अन्य रंगों के साथ मिलाकर एक आकर्षक और स्टाइलिश लुक बना सकते हैं। ध्यान रखें कि काले या गहरे न्यूट्रल रंगों से बचें।

#2. रंगीन पैटर्न
रंगीन पैटर्न किसी भी जगह को आकर्षक बनाने का शानदार तरीका हो सकते हैं। ऐसे पैटर्न चुनें, जिनमें रंगों का मिश्रण हो। यह कमरे में अलग-अलग रंगों की ऊर्जा लाता है और जगह को उज्जवल व सकारात्मक बनाता है।

#3. पेस्टल रंग
वास्तु के अनुसार, पेस्टल रंग परदों के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं और कमरे में शांति का माहौल लाते हैं। इनमें हल्का गुलाबी, हल्का हरा, हल्का नीला, क्रीम आदि शामिल हैं।

#4. डुअल लेयर परदे
डुअल-लेयर या दो परतों वाले परदे बेडरूम की खिड़कियों और इसी तरह की जगहों के लिए बेहद व्यावहारिक ऑप्शन हैं। इस डिजाइन में दो अलग-अलग परतों वाले कपड़े शामिल होते हैं, आमतौर पर एक हल्की शिफॉन जैसी परत और एक मोटे या ब्लैकआउट ड्रेप के कॉम्बिनेशन के रूप में। इससे प्रकाश और प्राइवेसी को अपनी आवश्यकता के अनुसार नियंत्रित करना आसान हो जाता है।

#5. मोनोक्रोमैटिक कलर प्लानिंग
परदे के रंग को कमरे के रंग के साथ मिलाकर एक सुसंगत और मोनोक्रोमैटिक लुक बनाया जा सकता है। इस कलर प्लानिंग को पाने के लिए एक ही रंग के विभिन्न शेड्स चुनें। आप अलग-अलग पैटर्न और बनावट के साथ प्रयोग करके इसे और भी आकर्षक और परिष्कृत बना सकते हैं।

घर के विभिन्न कमरों के लिए वास्तु के अनुसार परदों के रंग
लिविंग रूम
लिविंग रूम घर का मुख्य हिस्सा होता है, जहां दिनभर बहुत सारी गतिविधियां होती हैं, इसलिए इस कमरे के लिए सही रंग का चयन करना बहुत जरूरी है, जो सकारात्मक ऊर्जा, शांति और खुशियां बढ़ाए। सही रंग न केवल कमरे को उज्जवल और स्वागतयोग्य बनाता है, बल्कि वातावरण को भी संतुलित रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम की खिड़की या पर्दों के लिए सबसे उपयुक्त रंग नीला, बेज, पीला या टैन माना जाता है।
बेडरूम
बेडरूम आराम और विश्राम का स्थान है, इसलिए यहां ऐसे कलर का चुनाव करना चाहिए, जो शांति और अच्छी नींद को बढ़ावा दें। परदों के लिए हल्के और सुखदायक रंग सबसे बेहतर होते हैं। बेडरूम के लिए कुछ ऑप्शन हैं, जैसे – पीच, रोज पिंक, सफेद और हल्का नीला। गहरे रंगों से बचें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं। उदाहरण के लिए, गहरा लाल आकर्षक जरूर लगता है, लेकिन वास्तु के अनुसार यह रंग क्रोध का प्रतीक है, इसलिए कमरे के रंग चुनते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है।
बच्चों के कमरे
बच्चों के कमरे को डिजाइन करते समय ऐसे रंग चुनें, जो न केवल सुखद हों, बल्कि देखने में भी आकर्षक लगें। हल्के पेस्टल शेड्स जैसे हरा, पीला, नीला या गुलाबी अच्छे ऑप्शन हैं। अत्यधिक चमकदार रंगों से बचें, क्योंकि ये बच्चों के मूड को अधिक उत्तेजित कर सकते हैं। साथ ही, वास्तु के अनुसार, भारी पर्दों से बचें, क्योंकि ये ताजी हवा के प्रवाह और प्राकृतिक रोशनी को रोक सकते हैं। बच्चों के कमरे के लिए हल्के और मुलायम कपड़े जैसे कॉटन या रेयन के पर्दे बेहतर रहते हैं।
स्टडी रूम
स्टडी रूम या होम ऑफिस के लिए ऐसे पर्दे चुनना चाहिए, जो ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाएं। उदाहरण के लिए, सरल धारियों, छोटे घेरे, पोल्का डॉट्स या हल्के चेक वाले पर्दे सही ऑप्शन हैं। जटिल डिजाइनों वाले पर्दे न चुनें, क्योंकि वे ध्यान भटका सकते हैं।
गेस्ट रूम में परदे
मेहमानों के कमरे के लिए ऐसे रंग चुनें, जो कमरे को उज्ज्वल और स्वागतयोग्य बनाएं। वास्तु के अनुसार, मेहमान कक्ष का स्थान उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इस कमरे के लिए आदर्श रंग क्रीम, हल्का ग्रे या सफेद माना जाता है। आप इन रंगों को मिलाकर भी आकर्षक लुक बना सकते हैं।
भोजन कक्ष
भोजन कक्ष घर में ऊर्जा का प्रतीक है, क्योंकि यही वह जगह है, जहां परिवार एक साथ भोजन करता है। इस कमरे में पर्दों के रंग का सीधा असर कमरे की ऊर्जा पर पड़ता है, इसलिए रंग का चुनाव सोच-समझकर करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन कक्ष के पर्दों के लिए हरा, गुलाबी और नीला रंग श्रेष्ठ माने जाते हैं।
रसोई घर
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पूर्व दिशा को रसोई के लिए उपयुक्त माना जाता है। किचन में आप पीले, नारंगी, लाल या ऊंटनी (कैमेल ब्राउन) रंग की परदों का चयन कर सकते हैं।
बाथरूम
वास्तु के अनुसार, बाथरूम नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है, इसलिए इस क्षेत्र की सफाई के साथ-साथ सही रंगों का चुनाव भी महत्वपूर्ण है। बाथरूम के परदों के लिए वास्तु अनुसार आदर्श रंग स्लेटी (ग्रे), गुलाबी, सफेद और काला रंग माना जाता है।
यह भी देखें: छोटे कमरों के लिए रंग चुनने की मार्गदर्शिका
ब्लैकआउट पर्दे और वास्तु
ब्लैकआउट पर्दे भारी, अस्पष्ट और मोटे कपड़े से बने होते हैं, जो पूरी तरह से रोशनी को रोकने और अधिक प्राइवेसी सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये पर्दे कमरे को एक शाही और क्लासी लुक देने के साथ-साथ थर्मल इंसुलेटर का भी काम करते हैं। ब्लैकआउट पर्दे लगाने से पहले कुछ वास्तु नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि कमरे में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश न हो। इसके लिए काले, चारकोल या गहरे नीले जैसे अंधेरे और उदास रंगों से बचें। इसके बजाय हल्के रंगों का चयन करें।
इसी तरह इन ब्लैकआउट पर्दों के लिए कपड़े का चुनाव करते समय प्राकृतिक सामग्री जैसे वेलवेट, कॉटन और लिनन का इस्तेमाल करना बेहतर है।
विंडो ब्लाइंड्स और वास्तु
विंडो ब्लाइंड्स पर्दों का एक लोकप्रिय ऑप्शन हैं। वास्तु के अनुसार, खिड़कियों को ढकना जरूरी है ताकि ऊर्जा का संतुलित प्रवाह बना रहे और वातावरण में सामंजस्य बना रहे। विंडो ब्लाइंड्स लगाते समय वास्तु नियमों के अनुसार रंग और सामग्री का सिलेक्शन करना अनिवार्य है।
वास्तु के अनुसार, परदे के इन रंगों से बचें
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ रंग जैसे काला, घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं, इसलिए घर में काले रंग के पर्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे रंग नकारात्मक भावनाओं और वाइब्स को बढ़ाते हैं, जिससे घर का माहौल उदास और तनावपूर्ण दिख सकता है।
भारी पर्दों से बचें
बाथरूम में गहरे और भारी पर्दे लगाने से बचें, क्योंकि ऐसे स्थानों में नकारात्मक ऊर्जा जमा होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही मोटे पर्दे हवा और रोशनी को रोकते हैं, जिससे ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।
नकारात्मकता वाले प्रिंट से बचें
पेंटिंग्स के समान ही परदों के डिजाइन भी सकारात्मक भावनाओं को जगाने वाली होना चाहिए। ऐसे डिजाइन या पैटर्न से बचें, जो नकारात्मक भावनाओं को दर्शाते हों।
अत्यधिक कंट्रास्ट से बचें
वास्तु के अनुसार, अत्यधिक कंट्रास्ट वाले रंगों का प्रयोग न करें, क्योंकि इससे दृष्टि पर असामान्य प्रभाव पड़ सकता है और घर का माहौल असंतुलित लग सकता है।
वास्तु उपाय के रूप में पर्दे के रंग
पीले रंग के परदे
वास्तु के अनुसार, घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में पीले रंग के परदे लगाना एक प्रभावी वास्तु उपाय माना जाता है। यह परिवार के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है। इसके इस्तेमाल से पोषण की कमी और पेट संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। वास्तु के अनुसार, पीला रंग शुभ माना जाता है और यह मातृत्व और पालन-पोषण से जुड़ा होता है।
गहरे लाल या भूरी रंग के परदे
घर के दक्षिण-पूर्वी प्रवेश द्वार के पास, दरवाजे की तरफ गहरे लाल या भूरी रंग के परदे लगाना वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक होता है।
कमरों के पार्टीशन के रूप में परदे
वास्तु के अनुसार, परदों का उपयोग कमरे के विभाजन के रूप में किया जा सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को रोकने और सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को व्यवस्थित करने में मदद करके एक सामंजस्यपूर्ण वातावरण बनाने में सहायक होता है।
प्रिंटेड परदे
दिलचस्प प्रिंट और रंगों वाले परदे वास्तु के अनुसार उचित दिशा में रखे जाने पर नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा के साथ संतुलित करके सामंजस्यपूर्ण वातावरण तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, शुभ प्रतीक या यंत्र वाले परदे और कुशन भी वास्तु उपाय के रूप में काम कर सकते हैं।
Housing.com का पक्ष
अगर आप अपने घर में नए परदे लगाने का विचार कर रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र आपके लिए एक उपयोगी मार्गदर्शक साबित हो सकता है। वास्तु में कमरे की दिशा और खिड़कियों की स्थिति के आधार पर सही रंग चुनने पर काफी जोर दिया गया है। पर्दे हर घर का एक अहम हिस्सा होते हैं और इनके लिए उपयुक्त रंग चुनना कमरे के माहौल और ऊर्जा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र यह भी सुझाव देता है कि परदों का रंग दीवारों के रंग के साथ तालमेल बनाए। अपने घर के लिए सबसे उपयुक्त दीवारों के रंग जानने के लिए आप किसी वास्तु विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
इस लेख को पढ़ने के लिए क्लिक करें – हम आपके लिए घर के लिए आदर्श वास्तु दीवार रंग चुनने के कुछ उपयोगी सुझाव साझा कर रहे हैं।
वास्तु द्वारा सुझाई गई पर्दे की सामग्री
| सामग्री | प्रकृति का तत्व | घर में कहां के लिए उपयुक्त |
| कपास | धरती तत्व | शयनकक्ष, बच्चों का कमरा और पूजा कक्ष |
| सनी | वायु तत्व | लिविंग रूम, पूजा कक्ष |
| रेशम | अंतरिक्ष | भोजन कक्ष, शयनकक्ष, अतिथि कक्ष |
| मखमली | धरती तत्व | लिविंग रूम, बेडरूम |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वास्तु के अनुसार, कौन से रंग के परदें सबसे अच्छे हैं?
सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाले शुभ रंग चुनें, जैसे हरा, नीला, पीला और नारंगी।
वास्तु के अनुसार कौन से रंग की परदे नहीं लगाना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, काले रंग की परदे नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
कौन से रंग की परदे खुशियां लेकर आते हैं?
जिन परदों के रंग चमकीले हो या पीला हो, वे आशावाद और खुशी को बढ़ावा देते हैं।
कौन सा रंग अच्छी किस्मत आकर्षित करता है?
वास्तु के अनुसार, पीला, हरा और नारंगी जैसे शुभ रंग सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं और सौभाग्य लाते हैं।
कौन से रंग की परदे मानसिक शांति देते हैं?
वास्तु के अनुसार, नीला रंग परदों के लिए बेहतरीन है, क्योंकि यह आराम और शांति को बढ़ाता है।
(हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें।)





