अमूमन हर घर में एक मंदिर होता है. वहां अपने अनुसार लोग अपने इष्ट को प्रतिष्ठित करते हैं। वास्तु के नियमों के हिसाब से मंदिर की साफ़-सफाई सकारात्मत ऊर्जा का फ्लो मेन्टेन करने के लिए बहुत ज़रूरी है। वास्तु यह भी बताता है कि आपके मंदिर में किस तरह की, कितनी और कैसे मूर्तियां रखना शुभ माना गया है। अपने इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।
गणेश जी की एक से ज़्यादा मूर्तियां मंदिर में न स्थापित करें!
हर मंदिर में गणेश जी की स्थापना जरूर होती है क्योंकि इन्हें सुख-करता दुख-हर्ता कहा जाता है। गणेश जी घर में सुख- समृद्धि प्रदान करते हैं और दुखों का नाश करते हैं। हर शुभ कार्य में उन्हीं का पूजन किया जाता है। इसीलिए यह देवों में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। मंदिर में जब भी गणेश जी की स्थापना करें तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में 2 से अधिक गणेश जी नहीं होने चाहिए यह घर के लिए अशुभ संकेत होते हैं। ऐसा करने का दूसरा बहुत बड़ा कारण यह है कि अधिक मूर्तियां रखने से उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि नाराज होती हैं। किसी भी देव की एक से अधिक मूर्तियां मंदिर में न ही स्थापित करें तो अच्छा होता है।
लक्ष्मी–गणेश जी को रखें साथ–साथ
गणेश जी के साथ ही हर घर में लक्ष्मी जी की भी स्थापना होती है। इन दोनों देवों की मूर्तियां स्थापित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इसलिए हर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की स्थापना जरूर की जाती है।
घर में हमेशा मिट्टी के गणेश जी की स्थापना करें
मिट्टी के गणेश जी को बहुत शुभ माना जाता है। इनकी उपासना करने से यह देव आपको सुख समृद्धि प्रदान करते हैं।
मूर्तिओं का नित्य पूजन है ज़रूरी!
घर में जिस देव की भी स्थापना करें, उनका पूजन नित्य रूप से करें। मूर्तियों की देख-भाल न कर पाना और उनकी उपेक्षा करना बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है.
छोटी मूर्तियां मानी गयी है लाभकारी!
शास्त्रों के हिसाब से घर के मंदिर में छोटी मूर्तियां की ही स्थापना करनी चाहिए। मंदिर में बहुत बड़ी मूर्तियों की स्थापना ना करें । यह भी शुभ नहीं माना जाता।
घर में बड़ा शिवलिंग क्यों नहीं रखना चाहिए?
हर लोक के अपने एक देव हैं जैसे ब्रह्मलोक के ब्रह्मदेव। स्वर्ग लोक के इंद्रदेव। वैसे ही पृथ्वी लोक देव महादेव को कहा जाता है, जो पृथ्वीलोक के समस्त प्राणियों का कल्याण करते हैं । जब भी घर में शिव जी की स्थापना करें तो उनकी मूर्ति की स्थापना करें। भगवान शंकर की पूजा-पाठ आप श्रद्धा पूर्वक जैसे भी करेंगे, वह कल्याण ही करेंगे। इसीलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है।
लेकिन फिर भी कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखें. लोगों का एक बहुत बड़ा प्रश्न यह भी रहता है कि घर में बड़ा शिवलिंग स्थापित करें या नहीं? शिवलिंग जब भी स्थापित करें पूजा गृह में तो वह छोटा स्थापित करें।
शिवलिंग किस धातु का बना हो?
शिवलिंग सफेद मार्बल का यदि घर में लाएं तो बहुत अच्छा होता है।
शिवलिंग किस दिशा में रखना चाहिए?
शिवलिंग हमेशा उत्तर दिशा से पूरब दिशा की ओर स्थापित करें। इस दिशा में शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है। किसी भी मंदिर में जाएं, शिवलिंग पर जल हमेशा दक्षिण दिशा में चढ़ाना फलदाई होता है।
किन चीज़ों से करें शिवलिंग की पूजा?
शिवलिंग पर नित्य रूप से जल चढ़ाएं और पूजा करें। जब भी शिवलिंग की पूजा करें तो हमेशा दूध, दही, घी, शहद, चीनी और गंगाजल से करें। शिवलिंग पर दूध और जल से अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। शिवलिंग पर कभी भी तुलसी के पत्तों का अर्पण ना करें।
क्या शिवलिंग खंडित का विसर्जन कर देना चाहिए?
कई बार ऐसा होता है कि हमारे मंदिर में कोई मूर्ति खंडित हो जाती है तो हम उसका विसर्जन कर देते हैं। पर शिवलिंग खंडित हो जाने पर भी हम शिवलिंग की पूजा करते हैं. कहा जाता है शिवलिंग महादेव का निराकार रूप है और निराकार रूप महादेव का कभी खंडित नहीं होता, कभी विभाजित नहीं होता है। इसलिए अगर आपका शिवलिंग जरा सा खंडित भी हो जाए तो उसका विसर्जन न करें।
क्या घर के मंदिर में अर्ध–नारीश्वर की तस्वीर लगानी चाहिए?
घर में कभी भी भगवान शिव की अर्धनारीश्वर फोटो या मूर्ति ना रखें. यह उतना फलदाई नहीं है जितना कि इसको मंदिर में रखना फलदाई होता है।