जाने क्या है ई-वे बिल और इसे कैसे जनरेट किया जा सकता है?

GST सिस्टम के तहत किसी भी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने के लिए उस सामान का ऑनलाइन बिल तैयार किया जाता है.

ई-वे बिल, एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक बिल है जो कंप्यूटर पर बनता है. GST सिस्टम के तहत किसी भी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने के लिए उस सामान का ऑनलाइन बिल तैयार किया जाता है. यह बिल जीएसटी पोर्टल पर दर्ज हो जाता है.सरल शब्दों में समझा जाए तो इसी ऑनलाइन बिल को ई-वे बिल कहा जाता है.

यह बिल 50,000 रुपये या उससे अधिक मूल्य के सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने के लिए ज़रूरी है.माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 68 के तहत, माल की आवाजाही शुरू होने से पहले पंजीकृत लोगों या ट्रांसपोर्टरों द्वारा एक ई-वे बिल तैयार किया जाना चाहिए.

जीएसटी सिस्टम लागू होने से पहले भी इस तरह के बिल लागू किए जाते थे लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्थाओं में यह बिल कागज पर बनाया जाता था. आजकल इस बिल को कंप्यूटर पर जाने की इलेक्ट्रॉनिकली ही बना दिया जाता है और सीधे जीएसटी पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है.

पुराने सिस्टम में कागज पर बनाए जाने वाले इस बिल को हम रोड परमिट के नाम से जानते थे. जीएसटी लागू होने के बाद से इसी रोड परमिट का नाम बदलकर ई-वे बिल बना दिया गया है.

 

Eway bill: All you want to know about eway bill

 

वे बिल को कौन जारी कर सकता है?

एक बार जब किसी सामान को लेकर दो कारोबारियों के बीच में सौदेबाजी होती है तो उस सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर भेजने के लिए दो ऑप्शन दिए जाते हैं;

  • पहले तरीके में सामान को उसके सप्लाई करने वाले या फिर रिसीव करने वाले किसी भी पक्ष की तरफ से अपने खुद के वाहन में भेजा जा सकता है.
  • दूसरा, माल को किसी तीसरी पक्ष, यानी की ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेजा जा रहा हो.

दोनों ही स्थिति में ई-वे बिल बनाने की जिम्मेदारी कुछ इस तरह से होती है;

  • सबसे पहले कारोबारी को जीएसटी में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है. सामान को सप्लाई करने वाले या फिर रिसीव करने वाले किसी भी पक्ष में से जो भी अपना वाहन इस्तेमाल कर रहा है ई-वे बिल बनवाने की जिम्मेदारी उसी पक्ष की होती है. माल को भेजने से पहले जीएसटी पोर्टल पर जाकर उन्हें यह प्रक्रिया पूरी करनी होती है.

अगर माल को ट्रांसपोर्टर के माध्यम से भेजा जा रहा है तो फिर माल को ट्रांसपोर्टर को सौंपने से पहले ही उसके सप्लायर या रिसीवर ई-वे बिल जारी कर सकेंगे.अगर किसी स्थिति में सप्लायर या रिसीवर ने इस बिल को नहीं बनाया है तो माल भेजने से पहले ही ट्रांसपोर्टर को खुद ई-वे बिल जारी करना अनिवार्य है. इस बिल को भरते समय कुछ जानकारी ट्रांसपोर्टर को सप्लायर और रिसीवर से भी लेनी पड़ती है.

अगर आसान शब्दों में समझा जाए तो किसी भी सामान के रवाना होने से पहले ई-वे बिल जारी कर दिया जाना जरूरी है. भले ही इसे कारोबारी खुद जारी करें या फिर वह जिस ट्रांसपोर्ट की मदद ले रहे हैं उन्हें यह बिल जारी करना पड़ता है.

  

पैकर्स और मूवर्स के लिए जीएसटी अप्लाई करने के आवश्यक दस्तावेज

अगर कोई भी  ट्रांसपोर्ट कंपनी माल ले जा रही है और उसे ई-वे बिल अप्लाई करना है नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है

  • सामग्री कॉपी / लॉरी रसीद कॉपी (LR ) कॉपी की सूची
  • कोटेशन कॉपी
  • मूविंग व्हीकल नंबर / एजेंट का पता
  • चालक लाइसेंस आईडी कार्ड कॉपी
  • ट्रांजिट इंश्योरेंस पेपर
  • चालान कॉपी + ई-वे बिल कॉपी
  • ग्राहक का आधार कार्ड घोषणा के साथ ‘घरेलू सामान बिक्री के लिए नहीं’
  • जीएसटी स्टाम्प के साथ चालान

 

वे बिल का मान्यता समय

ई-वे बिल का मान्यता अंतराल 1 से  15 दिन के बीच का रखा गया है. अगर माल 100 किलोमीटर के अंदर पहुंचाया जाना है तो ई-वे बिल 1 दिन के लिए मान्य रहता है जबकि माल को अगर 1000 किलोमीटर की दूरी तक ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है तो बिल की मान्यता 15 दिन तक रहती है.

 

वे बिल की जरूरत कब नहीं पड़ती है?

ऐसे भी कुछ केस हैं जिनमें आपको ई-वे बिल की जरूरत नहीं पड़ती है. नियम 138 के प्रावधानों के अनुसार निम्नलिखित वस्तुओं के आवागमन के लिए ई-वे बिल बनाने के लिए छूट दी गई है.

  • ई-वे बिल की आवश्यकता के बिना 154 वस्तुओं को राज्य के भीतर या बाहर कोई भी आवाजाही स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है.
  • नेपाल या भूटान जैसे देशों से बिना ई-वे बिल के सामान लाया जा सकता है.
  • रक्षा मंत्रालय से जुड़े हुए सामान की आवाजाही के लिए  इस बिल की की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • खाली कंटेनर को ले जाने के लिए भी इस बिल की आवश्यकता नहीं है.
  • साइकिल रिक्शा के जरिए माल ढुलाई के लिए भी ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होती है.
  • वह सामान जिन्हें बंदरगाह, हवाई अड्डे, एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स आदि के लिए ई-वे बिल की आवश्कता नहीं होगी.
  • कोई भी ऐसा सामान जिसे राज्य द्वारा अधिसूचित किया गया हो.

 

वे बिल कैसे जनरेट करें?

ई वे बिल को जनरेट करने के 2 तरीके दिए गए हैं.  आप चाहें तो आधिकारिक पोर्टल पर जा कर यह बिल जनरेट कर सकते हैं या फिर एसएमएस के माध्यम से भी इसे जारी किया जा सकता है.

 

पोर्टल के माध्यम से कैसे करें बिल जनरेट

ई-वे बिल जनरेट करने के लिए एक पोर्टल बनाया गया है जिस पर यह सुविधा आप काफी आसानी से ले सकते हैं. इस बिल को होटल से जनरेट करने के लिए आपको नीचे दिए गए कुछ स्टेप्स फॉलो करने की जरूरत है;

स्टेप 1 : सबसे पहले ई-वे बिल पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लॉगिन करें

@https://ewaybillgst.gov.in/

स्टेप 2:रजिस्टर्ड यूजर अपना नाम, पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉग इन कर सकते हैं. अगर आपने इस पोर्टल पर रजिस्टर नहीं किया है तो आपको रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

स्टेप 3: लेफ्ट साइड में जनरेट न्यू टैब पर क्लिक करें.

स्टेप 4: स्क्रीन पर वेबिल जेनरेशन फॉर्म दिखाई देगा.

स्टेप 5: अपनी डिटेल्स भरें .अगर आप सप्लायर हैं तो आउटवर्ड चुनें और अगर आप रिसीवर हैं तो इनवर्ड विकल्प का चुनाव करें.

स्टेप 6: राज्य का नाम, जीएसटीआईएन और नाम दर्ज करें.

स्टेप 7: अगले स्टेप में, ले जाए जाने वाले माल की पूरी डिटेल्स भरे. माल की डिटेल में आपको नीचे  दी गई चीजें डालनी होगी-

  • प्रोडक्ट का नाम और उसकी डिटेल
  • प्रोडक्ट का एचएसएन कोड
  • प्रोडक्ट की यूनिट और क्वांटिटी को सही तरह से बताएं
  • टैक्स रेट के अनुसार प्रोडक्ट का मूल्य.
  • लागू IGST या SGST विवरण
  • ई-वे बिल की वैधता स्थापित करने के लिए परिवहन की अनुमानित दूरी

स्टेप 8: वाहन विवरण दर्ज करें ।

स्टेप 9: सभी विवरण भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें.ई-वे बिल जनरेट होने के बाद स्क्रीन पर दिखाई देगा.

 

एसएमएस के जरिए भी कर सकते हैं  वे बिल जनरेट

अगर आप वेब पोर्टल से इस बिल को जनरेट नहीं करना चाहते हैं तो आप एसएमएस के माध्यम से भी इसे जारी कर सकते हैं. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए दी है जिनकी इंटरनेट या फिर टेक्नोलॉजी के बीच ज्यादा पहुंच नहीं है.

अगर आप एसएमएस के माध्यम से ई-वे बिल जनरेट करना चाहते हैं तो आपका वह मोबाइल नंबर ई-वे बिल पोर्टल पर रजिस्टर होना जरूरी है. इसके अलावा जीएसटीआईएन नंबर से आपका वह मोबाइल नंबर जुड़ा होना चाहिए

एसएमएस सेवा (ई-वे बिल सिस्टम) के माध्यम से ई-वे बिल बनाने के लिए  नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें;

स्टेप 1: ई-वे बिल सिस्टम पोर्टल पर मोबाइल नंबर रजिस्टर करने के लिए, https://ewaybillgst.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन टैब पर क्लिक करें.

स्टेप 2: पोर्टल पर ‘एसएमएस के लिए’ विकल्प पर क्लिक करें.

स्टेप 3: आपके सामने एक छोटी सी स्क्रीन खुल जाएगी.

स्टेप 4: पोर्टल पर मोबाइल नंबर रजिस्टर होने के बाद आप एसएमएस के माध्यम से ई-वे बिल बनाने का विकल्प चुन सकते हैं.

 

गलत वे बिल जनरेट होने पर क्या करें?

कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि आपको किसी भी तरह की जानकारी देने में कोई गलती हो जाए तो ऐसे में वह ई-वे बिल रद्द कर दिया जाता है. बनाए गए ई-वे बिल में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है और आप को नए सिरे से नया बिल जनरेट करना होगा. जो व्यक्ति ई-वे बिल जनरेट कर रहा है वह खुद भी इस बिल को कैंसिल कर सकता है और अपनी डिटेल दोबारा भरने के बाद नया बिल जारी कर सकता है.

अगर आप कोई भी सामान एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचा रहे हैं तो कभी भी ई-वे बिल जनरेट करना ना भूले क्योंकि यह एक ऐसा दस्तावेज है जो सामान को सप्लाई या रिसीव करने के लिए बेहद अहम है.

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ई-वे बिल का पोर्टल कौन सा है?

https://ewaybillgst.gov.in

ई-वे बिल कौन जनरेट कर सकता है?

ई-वे बिल को माल का सप्लायर या फिर रिसीवर दोनों ही जनरेट कर सकते हैं. इसके अलावा अगर माल को ट्रांसपोर्ट करने के लिए आप किसी तीसरे पक्ष का सहारा ले रहे हैं तो उनके द्वारा भी यह बिल जनरेट किया जा सकता है.

ई-वे बिल की वैधता किस बात पर निर्भर करती है?

ई-वे बिल की मान्यता दूरी के हिसाब से तय की जाती है.

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