अनुदान शब्द को अंग्रेजी में ग्रांट के नाम से जाना जाता है। आप सभी स्कूल और कॉलेज में मिलने वाली साडी अनुदान से परिचित भी होंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं के सरकारी अनुदान के रूप में भूमि भी प्राप्त की जा सकती है? इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे की क्या होती है अनुदानित भूमि और ये किसे दी जाती है?
क्या है भूमि अनुदान? क्यों करती है सरकार भू-अनुदान?
भूमि अनुदान वह भूमि है जो किसी विशिष्ट उद्देश्य के बदले में किसी व्यक्ति, कंपनी या राज्य को दी जाती है।
भूमि अनुदान अचल सम्पत्ति यानि भूमि के रूप में एक उपहार है, जो सरकार अथवा उसके प्राधिकरण द्वारा प्रोत्साहन के रूप में व्यक्ति को सक्षम बनाने के उद्देश्य से अथवा किसी उघोेग को बढ़ावा देने के लिए या किसी सामाजिक कार्य हेतु जो भूमि बिना किसी मूल्य के उपलब्ध करायी जाती है।
भूमि अनुदान में, भूमि से कर एकत्र करने के अधिकार शामिल होता है। इससे अनुदान प्राप्तकर्ता को भूमि में सुधार करने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। दूसरे शब्दों में कहें तो भूमि अनुदान अचल सम्पति के रूप में मिला एक उपहार है जो भूमि या उसके उपयोग विशेषाधिकारी सरकार या अन्य विभाग द्वारा प्रोत्साहन के रूप में व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य दिया जाता है। साथ ही, भूमि अनुदान किसी व्यक्ति को सेवाओ के लिए गिफ्ट के रूप भी दिया जाता है जिसमे सैन्य सेवा भी शामिल है। अक्सर ये भी देखा गया है कि अपेक्षाकृत गैर आबादी वाली जगहो को विकसित करने के लिए, प्रोत्साहन के तौर पर व्यक्तियो व कम्पनियो को भूमि अनुदान दिया जाता है।
कहाँ से शुरू हुई भूमि अनुदान की प्रथा?
भूमि अनुदान का सबसे प्रचीन अभिलेख प्रमाण पहली शती के सात वाहन में मिलता है, जिसे गुप्त युग में राजा का कर्तव्य समझा जाने लगा था।
भूमि अनुदान के प्रकार
कृषि कार्य हेतु
भूमिहीन मजदूरी अथवा किसानो को जिनके पास जमीन का एक टुकड़ा भी नही होता है। समय-समय पर सरकार द्वारा या उसके प्राधिकरण द्वारा किसानो को पट्टे के रूप में भूमि उपलब्ध करायी जाती है जिससे भूमिहीन किसान अपना जीवन यापन कर सके।
विस्थपित व्यक्तियो के लिए
कभी-कभी बंटवारे अथवा प्राकृतिक आपदा के कारण जब लोग विस्थापित हो जाते हैं तो सरकार द्वारा ऐसे व्यक्तिओ को रहने अथवा जीवन यापन के लिए बिना किसी मूल्य के रहने के लिए जमीन उपलब्ध करायी जाती है जिससे वह पुनः नए जीवन की शुरूआत कर सके।
पूर्व सैनिक
सरकार द्वारा पूर्व सैनिक अथवा शहीदो के लिए जिन्होने सेना में विशेष शौर्य या पराक्रम दिखाया हो उनके आश्रितो को जमीन उपलब्ध करायी जाती है जिससे वह एक स्मारक के रूप में विकसित हो और शहीद के आश्रितो को जीवन यापन हेतु रोजगार प्राप्त हो सके।
राजनैतिक अथवा सामाजिक रूप से पीड़ित व्यक्ति
समाज के दबे कुचलो, पिछड़ो एव अति पिछड़ो के उत्थान हेतु सरकार द्वारा समय समय पर अनुदान के रूप में भूमि उपलब्ध करायी जाती है जिससे वह सामान्य जीवन यापन कर सके और सामाज में आर्थिक व सामाजिक रूप से आगे बढ़ सके।
वृक्षारोपण हेतु
समय समय पर सरकार द्वारा अथवा उसके प्राधिकरण द्वारा वृक्षारोपण को बढावा देने, एवम् प्रकृतिक संतुलन बनाये रखने के लिए अनुदानित भूमि उपलब्ध करायी जाती है जिस पर वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाकर पेड़ो को लगाने का कार्य किया जाता है जो प्रकृतिक सन्तुलन बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
कारखानो अथवा सामाजिक कार्यो के लिए
सरकार अथवा उसके प्राधिकरण द्वारा विशेष कुटीर उद्योग अथवा सामाजिक कार्य जैसे खेल के मैदान, विवाह घर, चारागाह, रेनबसेरा के लिए भूमि उपलब्ध करायी जाती है जिससे कुटी उद्योगो एव सामाजिक कार्यो को बढावा मिल सके।
क्या अनुदान के रूप में मिली भूमि को बेचा जा सकता है?
सामान रूप से अनुदान के रूप में प्राप्त भूमि को नही बेचा जा सकता है क्योकि इस प्रकार की भूमि प्रोत्साहन के लिए प्राप्त होती है और सामाजिक समानता एव उत्थान के लिए दी जाती है। किन्तु विशेष परिस्थितियो में सरकार की पूर्व अनुमति के अनुदानित भूमि को बेचा भी जा सकता है