यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ी हर जानकारी

आज हम ताज एक्सप्रेसवे से जुड़ी हुई कुछ खास जानकारियां बताने वाले हैं.

मोहब्बत की निशानी ताजमहल तक की दूरी को कम करने वाला उत्तर प्रदेश का यमुना एक्सप्रेसवे यमुना नदी के नाम से जाना जाता है. इसे बनाते समय इसका नाम ताज एक्सप्रेसवे ही रखने के बारे में सोचा गया था लेकिन बाद में इसका नामकरण नदी के नाम पर कर दिया गया. दिल्ली से आगरा तक की दूरी को इस यमुना एक्सप्रेसवे ने चंद घंटों में ही समेट कर रख दिया है. आज हम इसी एक्सप्रेस वे से जुड़ी हुई कुछ खास जानकारियां बताने वाले हैं.

 

कब हुई शुरुआत?

यमुना एक्सप्रेसवे के निर्माण का कार्य तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के समय में ही शुरू कर दिया गया था. इस एक्सप्रेस-वे को निर्धारित तिथि से पहले ही बनाकर तैयार कर दिया गया था. शुरुआत 2007 में हुई और तब उसका नाम ताज एक्सप्रेसवे रखने के बारे में सोचा गया था लेकिन बाद में राज्य सरकार की बैठक के आधार पर ही इसका नाम 2008 में यमुना एक्सप्रेसवे कर दिया गया.

 

यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई

यमुना एक्सप्रेस वे 165 किलोमीटर लंबा है.

 

यमुना एक्सप्रेस वे की कुछ खास बातें

इस एक्सप्रेस-वे को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012 में शुरू करने की घोषणा एक वीडियो लिंक के माध्यम से की थी. कुछ बातें जो यमुना एक्सप्रेसवे को खास बनाती हैं वह है;

  • इस एक्सप्रेसवे का निर्माण जेपी ग्रुप ने किया है और इसे बनाने में लगभग 12,839 अरब रुपये की लागत आई.
  • इस एक्सप्रेसवे को बनाने का मुख्य उद्देश्य पुराने दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-2) या मथुरा रोड से भीड़भाड़ कम करना था.
  • इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद से दिल्ली और आगरा के बीच की दूरी को 2 घंटे में तय किया जा सकता है और साथ ही यह ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है.
  • यह एक्सप्रेसवे उत्तरी सिरे से ग्रेटर नोएडा के परी चौक से शुरू होकर आगरा के आगरा के कुबेरपुर में एनएच-2 (Kuberpur NH-2) तक जाता है.
  • इस पर जेवर, मथुरा और आगरा में टोल प्लाजा हैं.
  • ये एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा, जेवर (Jewar) वृंदावन (Vrindavan), मथुरा (Mathura) और आगरा को कवर करता है.
  • यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल फ्री हेल्पलाइन के अलावा रास्ते में एसओएस बूथ भी हैं.
  • सुरक्षा और दुर्घटना मदद के लिए एक्सप्रेसवे के साथ हर 5 किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
  • न्यूनतम और अधिकतम गति सीमा के अनुपालन की निगरानी के लिए मोबाइल रडार और हर 25 किमी में एक पेट्रोलिंग टीम रहती है.
  • इस एक्सप्रेसवे ने ग्रेटर नोएडा और आगरा के बीच सफर के समय को 4 घंटे से घटाकर एक घंटे 40 मिनट कर दिया जाएगा.

  

यमुना एक्सप्रेस वे पर गति सीमा

इस एक्सप्रेस-वे पर हल्के वाहन लगभग 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकते हैं तो वहीं पर भारी वाहन के लिए यह गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक रखी गई है. इसकी गति सीमा के चलते यहां पर हादसों की संख्या भी बहुत ज्यादा है. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि किसी भी वाहन के पहिए चेक करने के बाद ही उसे इस एक्सप्रेस वे पर जाने की अनुमति दी जाती है.

 

एक्सप्रेसवे में दिए गए आपसी बदलाव

एक्सप्रेस-वे को छह से आठ लेन में बनाया गया है. कंक्रीट से बने हुए इस यमुना एक्सप्रेस वे पर 7 इंटरचेंज, 35 अंडरपास, एक रेल ओवर ब्रिज, एक बड़ा पुल और 45 छोटे पुल, 68 ट्रैक क्रासिंग हैं. टोल एकत्र करने के लिए इस द्रुतगामी मार्ग पर 3 मुख्य टोल प्लाजा और इंटरचेंज लूप पर 7 टोल प्लाजा बनाए गए हैं.

 

यमुना एक्सप्रेसवे पर दी जाने वाली कुछ खास सुविधाएं

यहा तीन टोल प्लाजा हैं जिनपे ग्राहक सुविधा केंद है जहाँ यात्री जा कर अपना फास्ट टैग बनवा सकते है. प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी है जहाँ आप फ्री में प्राथमिक चिकित्सा ले सकते है. सभी टोल प्लाजा से 500 मीटर की दूरी पर जन सुविधा केंद्र है जहाँ यात्री अपने खाने की वस्तुएं खरीद सकते है औऱ कुछ समय के लिए आराम कर सकते है। और यहाँ निशुल्क शौचालय और मूत्रालय की भी सुविधा है. नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे दो प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाने की तैयारी भी  है.

 

सर्दियों में बदल गए हैं गति सीमा के नियम

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि इस एक्सप्रेस-वे पर आए दिन हादसे होते रहते हैं. सरकार समय-समय पर इसके लिए कोई ना कोई प्रयास करती रहती है. सर्दियों में हादसों की संख्या कोहरे के कारण और ज्यादा बढ़ जाती हैं. हाल ही में सरकार द्वारा एक नया कदम उठाया गया है और यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने वाले हल्के वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा से कम करते हुए 80 किलोमीटर प्रतिघंटा कर दी गई है. भारी वाहनों के लिए गति सीमा 60 किलोमीटर प्रति घंटा ही रखी गई है. इस गति सीमा का उल्लंघन करने पर चालक के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं.

यह गति सीमा 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक लागू रहेगी और ऐसे ही कुछ प्रयास सरकार इन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पहले भी कर चुकी है और आने वाले समय में भी इनके बने रहने की संभावना है.

 

यमुना एक्सप्रेसवे रूट मैप

Yamuna Expressway

 

रियल स्टेट पर पड़ा है इस एक्सप्रेसवे का सीधा प्रभाव

जैसे ही 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे की शुरुआत हुई तभी से यहां पर जमीन के मूल्य में जबरदस्त उछाल आया है. एक्सप्रेसवे बनने के कारण तो जमीन की मांग बढ़ी ही है साथ ही इस एक्सप्रेस-वे के साथ कई तरह की अलग-अलग योजनाओं की भी घोषणा की गई है जिसके चलते रियल स्टेट में बहुत  बड़ा पॉजिटिव बूम देखने को मिला है.

यमुना एक्सप्रेसवे भी चालू होने के बाद से आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है. एक्सप्रेसवे के साथ क्षेत्रों की आर्थिक संभावनाओं को और बढ़ावा देने के लिए, यूपी सरकार ने यहां जेवर एयरपोर्ट , यूपी फिल्म सिटी प्रोजेक्ट, टॉय पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और लेदर पार्क जैसी कई अन्य मेगा परियोजनाओं की घोषणा की है। इसने हाल ही में यमुना एक्सप्रेसवे के साथ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सहायक उपकरण के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक पार्क विकसित करने की योजना का अनावरण किया है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने यमुना एक्सप्रेसवे के साथ एक मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित करने की भी योजना बनाई है जो प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन परी चौक से यमुना एक्सप्रेसवे सेक्टर 18 और 20 तक चलेगा।

यमुना एक्सप्रेस वे नई दिल्ली से आगरा  की दूरी को कम तो कर ही दिया है साथ ही इससे पर्यटन को भी बहुत ज्यादा बढ़ावा मिला है. न केवल भारत के लोग ही बल्कि देश विदेश से भी टूरिस्ट आकर अब बड़ी आसानी से दिल्ली से आगरा तक का सफर तय कर  सकते हैं. ताजमहल शुरू से ही बाहर से आने वाले टूरिस्ट को बहुत लोकप्रिय रहा है. पहले दिल्ली से आगरा जाने में जरा परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन अब वह समस्या भी यमुना एक्सप्रेस वे के माध्यम से खत्म हो गई है.

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई कितनी है?

यमुना एक्सप्रेसवे की लंबाई 165 किलोमीटर है.

यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली से आगरा की दूरी कितने समय में तैयार की जा सकती है?

यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली से आगरा की दूरी 1 घंटे 58 मिनट में पूरी कर ली जाती है.

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