सेल एग्रीमेंट स्वामित्व अधिकार हस्तांतरित नहीं करता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि बेचने का समझौता (सेल एग्रीमेंट) ऐसा साधन नहीं है जो संपत्ति के स्वामित्व को हस्तांतरित कर सकता है और न ही यह कोई स्वामित्व प्रदान करता है। … READ FULL STORY

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खाका क्या है और भू-राजस्व के लिए ये महत्वपूर्ण क्यों है?

खाका एक ऐसा शब्द है, जिसका इस्तेमाल आपने भूमि रिकॉर्ड के बारे में बात करते समय सुना ज़रूर होगा। जबकि मोर्डर्न रिकॉर्ड कीपिंग के संसाधनो का आविष्कार भी नहीं हुआ था उसके पहले से … READ FULL STORY

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वसीयत के मरने वाले व्यक्ति की मां कानूनी उत्तराधिकारी नहीं है: HC

मद्रास उच्च न्यायालय (एचसी) ने फैसला सुनाया है कि 1925 के भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के तहत, जो व्यक्ति बिना वसीयत छोड़े मर जाता है, उसकी संपत्ति उसकी विधवा और बच्चों के बीच बांट दी … READ FULL STORY

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किरायेदार मकान मालिक की सहमति बिना ध्वस्त इमारतों का पुनर्निर्माण कर सकते हैं

बॉम्बे हाई कोर्ट (HC) ने फैसला सुनाया है कि मुंबई नगर पालिका निगम अधिनियम की धारा 499 के तहत, किरायेदार अपने मकान मालिकों की अनुमति के बिना ही इमारतों का पुनर्निर्माण कर सकते हैं। … READ FULL STORY

भवन निर्माण के लिए मंजूरी प्राप्त करने के चरण

किसी भी भवन के निर्माण की योजना बनाने से पहले, संबंधित अधिकारियों से अनुमोदन और मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है। ये मंजूरी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, अन्यथा इसमें जुर्माना और अन्य कानूनी परिणाम हो … READ FULL STORY

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रियल एस्टेट में अतिक्रमण (encroachment) का क्या मतलब है?

रियल एस्टेट उद्योग में अतिक्रमण तेजी से प्रासंगिक होता जा रहा है। संपत्ति पर अनधिकृत कब्ज़ा दोनों तरफ के हितधारकों और संपत्ति के संभावित खरीदारों के लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है। इस … READ FULL STORY

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सब-रजिस्ट्रार कौन होता है? उसके अधिकार और कर्तव्य क्या हैं?

Registration Act, 1905, के तहत, यदि लेन-देन में शामिल राशि 100 रुपये से अधिक है, तो संपत्ति के स्वामित्व में किसी भी बदलाव को कानूनी वैधता के लिए उप-पंजीयक (sub-registrar office) कार्यालय में पंजीकृत … READ FULL STORY

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ऋण का भुगतान न करने पर मौलिक अधिकार नहीं छीने जा सकते: दिल्ली HC

दिल्ली उच्च न्यायालय (HC) ने कहा है कि ऋण का भुगतान न करने पर किसी इंसान के मौलिक अधिकार नहीं छीने जा सकते। उच्च न्यायालय ने कार ऋण पुनर्भुगतान में चूक को लेकर सुशील … READ FULL STORY

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NRI पति की पैतृक संपत्ति बेच कर परित्यक्त पत्नी को गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए: SC

एक ऐतिहासिक फैसले में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि ऑस्ट्रेलिया स्थित एक अनिवासी भारतीय (NRI) की परित्यक्त पत्नी को भरण-पोषण और मासिक भरण-पोषण की बकाया राशि का भुगतान करने के … READ FULL STORY

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घर, ज़मीन लेते समय क्यों ज़रूरी है अनुभवी वकील का साथ?

आम तौर पर, एक सामान्य व्यक्ति अपने जीवन की सम्पूर्ण कमाई लगाकर ही घर खरीद पाता है।  ऐसे में अगर उस व्यक्ति के साथ बिल्डर या प्रापट्री डीलर अथवा बिचैलियो द्वारा किसी प्रकार का … READ FULL STORY

एनआरआई से पुनर्विक्रय घर खरीदते समय जानने योग्य बातें

संपत्ति खरीदना किसी के जीवन में एक बड़ा निवेश है और इसके लिए वित्तीय योजना और उचित परिश्रम की आवश्यकता होती है। संपत्ति बाजार में प्राथमिक बाजार शामिल है, जिसमें नई या निर्माणाधीन इकाइयां … READ FULL STORY

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पति के इलाज के लिए पत्नी बेच सकती है संपत्ति: इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में यह कहा है कि बीमार पति के इलाज और बच्चों के देखभाल के लिए पत्नी को पति की संपत्ति बेचने का अधिकार है।  कोमा में … READ FULL STORY

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समान कमाती पत्नी को अन्तिरिम मेन्टीनेन्स का अधिकार नहीं: दिल्ली HC

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि जहाँ पति व पत्नी दोनो ही शिक्षित व समान कमाने वाले हों, वहां पत्नी को हिन्दू मेरेज एक्ट के सेक्शन 24 में अन्तिरिम मेन्टीनेन्स (interim maintenance) प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट की डिवीजन बेन्च के जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि हिन्दू विवाह अधिनियम के सेक्शन 24 का उद्देश्य आर्थिक असमर्थता के लिए मेन्टीनेन्स का प्रावधान करना है, जब तक की न्यायालय कार्यवाही चल रही हो और केस फाइनल न हुआ हो। न्यायालय ने कहा कि यह प्रावधान पत्नी को न्यायालय के खर्चे व पर्याप्त खर्चे जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हों, उसकी पूर्ति के लिए है। “हमारा मानना है कि वर्तमान मामले में, जहां दोनों पति-पत्नी समान रूप से योग्य हैं और समान रूप से कमा रहे हैं, अधिनियम की धारा 24 के तहत पत्नी को अंतरिम … READ FULL STORY