बंटवारे के वैध होने के लिए सभी सह-मालिकों की सहमति जरूरी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (एससी) का कहना है कि एक संयुक्त संपत्ति का विभाजन मुकदमा केवल तभी कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा जब इसमें संबंधित सभी पक्षों की लिखित सहमति हो।

प्रशांत साहू और अन्य बनाम चारुलता साहू और अन्य के मामले में एक अपील पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल कुछ सह-मालिकों की सहमति ही विभाजन सूट को कानूनी दर्जा देने के लिए पर्याप्त नहीं है।

सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XXIII नियम 3 में नियम है कि किसी भी वैध समझौते या समझौते के लिए सभी सह-मालिकों की सहमति और हस्ताक्षर आवश्यक हैं, जब दावा आंशिक रूप से या पूरी तरह से समायोजित किया गया हो।

Was this article useful?
  • ? (1)
  • ? (0)
  • ? (0)

Recent Podcasts

  • मकान मालिक से किराया कम कराने के 11 बेहतरीन टिप्समकान मालिक से किराया कम कराने के 11 बेहतरीन टिप्स
  • सैयांरा अभिनेता अहान पांडे का खूबसूरत बोहो-स्टाइल वाला बांद्रा घर, देखें तस्वीरेंसैयांरा अभिनेता अहान पांडे का खूबसूरत बोहो-स्टाइल वाला बांद्रा घर, देखें तस्वीरें
  • डोमिसाइल सर्टिफिकेट क्या है? इसे कैसे प्राप्त करें?डोमिसाइल सर्टिफिकेट क्या है? इसे कैसे प्राप्त करें?
  • जीएसटी सुधार से किफायती आवास को प्रोत्साहन; नई दरें 22 सितंबर 2025 से होगी लागूजीएसटी सुधार से किफायती आवास को प्रोत्साहन; नई दरें 22 सितंबर 2025 से होगी लागू
  • हरियाणा जमाबंदी ऑनलाइन पर जमीन का रिकॉर्ड कैसे देखें?हरियाणा जमाबंदी ऑनलाइन पर जमीन का रिकॉर्ड कैसे देखें?
  • नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: उद्घाटन तिथि, स्थिति, लागतनवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा: उद्घाटन तिथि, स्थिति, लागत