जब भी किसी देश के विकास की बात होती है तो सबसे पहले उसकी आधारभूत संरचना की तरफ ही देखा जाता है. भारत भी एक विकासशील देश है और पिछले कुछ सालों में हमने काफी तरक्की की है. पिछले कुछ समय से देश में परिवहन को लेकर एक अच्छा ख़ासा नेटवर्क बनाने की पहल की गई है.
अगर आधारभूत सरंचना के एक घटक, सड़क की बात की जाए तो भारत में हमेशा से सड़कों का नेटवर्क रहा है. विश्व में भारत अमेरिका और चीन के बाद सड़कों का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है. सड़कों के चार वर्ग राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला सड़कें और ग्राम सड़कों को अगर मिलाया जाए तो भारत में लगभग 3 लाख किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क है. साथ ही इन सड़कों पर एडवांस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए गति मापक, पुलिस और एंबुलेंस से सीधा कनेक्शन, सीसीटीवी कैमरा आदि की सुविधाएं भी रखी गई हैं.
हाल ही के समय में जिस तरह से सड़कों का विकास भारत में हो रहा है वो दिन दूर नहीं जब भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया में पहले नंबर पर आ जाएगा. अगर हमें सड़क नेटवर्क में आगे बढ़ना है तो एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. सरल शब्दों में कहा जाए तो एक्सप्रेसवे किसी भी देश के सड़क नेटवर्क का आईना है. एक्सप्रेसवे पर हुए काम को देखकर आप देश के विकास की स्थिति को सीधे तौर पर बता सकते हैं.
आज हम आपको देश में बन रहे ऐसे ही 10 एक्सप्रेसवे के बारे में बताएंगे जो हमारे देश के विकास की गति में पहिए तो लगा ही देंगे साथ ही देश के एक हिस्से को दूसरे हिस्से से जोड़ते हुए व्यापार और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ा देंगे.
हाईवे और एक्सप्रेसवे का अंतर
आने वाले समय में बनाए जाने वाले 10 एक्सप्रेस वे के बारे में जानने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि सामान्य सड़क, हाईवे और एक्सप्रेसवे में क्या अंतर है. सामान्य सड़क एक शहर से दूसरे शहर को जोड़ती हैं और अगर हम हाईवे की बात करें तो हाईवे उन्नत तकनीक की मदद से बनाई गई सड़कें हैं. एक्सप्रेसवे की बात करें तो ये बहुत ही सुविधाओं से लैस होते हैं और यहां पर सामान्यतः वाहनों की स्पीड 120 किलोमीटर तक जा सकती है और इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि यहां पर दुर्घटनाएं कम से कम हों.
साथ ही हाईवे 4 लेन होते हैं और वहीं पर एक्सप्रेस वे 6 से 8 लेन के बनाए जाते हैं. हाल ही में बना लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिसकी लंबाई 302 किलोमीटर के लगभग है.
भारत में बनने वाले 10 एक्सप्रेसवे
अभी हम उन एक्सप्रेसवे के बारे में जानकारी देंगे जो अगले सालों में तैयार हो जाएंगे;
01. दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस एक्सप्रेसवे को 2023 तक बनाने का दावा कर रहा है. यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है. चरण 1 के तहत बन रहे इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 350 किलोमीटर के लगभग है.
अगर इस एक्सप्रेसवे से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में कहा जाए तो इसमें हर 100 किलोमीटर पर दुर्घटनाओं से निपटने के लिए ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे और साथ ही इसे इस तरह से बनाया गया है कि वन्य जीव की देखरेख और उनके साथ होने वाली दुर्घनाओं को भी कम किया जा सके.
यह पहला एक्सप्रेसवे है जिसमें दिल्ली से मुंबई के बीच 12 हेलीपैड भी होंगे. हेलीपैड्स का इस्तेमाल दुर्घटनाओं के समय या फिर रक्षा से जुड़े हुए मामलों के लिए किया जाएगा. एक बार इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से दिल्ली से मुंबई की दूरी को 12 घंटे में तय किया जा सकता है.
8 से 12 लेन में बनाए जाने वाले इस एक्सप्रेस वे की कुल लागत लगभग 1 लाख करोड रुपए आंकी गई है.
स्रोत: Wikipedia
02. द्वारका एक्सप्रेसवे
यह देश का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे है और इसे 9000 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनाया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे लगभग 29 किलोमीटर लंबा है. दिल्ली और हरियाणा को आपस में जोड़ने के लिए इस एक्सप्रेसवे का खास महत्व रहेगा. इसमें बेहतरीन तरीके से फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं जो ट्रैफिक कम करने में मदद करेंगे. देश की पहली अर्बन टनल भी इसी एक्सप्रेसवे में है.
इससे सोहना रोड, गोल्फ कोर्स रोड और गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड की ट्रैफिक में तो कमी आएगी ही साथ में इससे दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता में भी सुधार आने की संभावना है.
8 लेन और साथ में कुछ स्थानीय लेन से मिलाकर बने हुए इस एक्सप्रेसवे का निर्माण चार चरणों में किया जाएगा.
स्रोत: Wikipedia
03. गंगा एक्सप्रेसवे
ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस परियोजना के तहत बन रहा यह एक्सप्रेसवे उत्तरी यूपी का हिस्सा है. यूपी के मेरठ जिले को प्रयागराज जिले से जोड़ने के लिए बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे के पूरे होने की संभावना 2023 या फिर 2024 के आरंभ तक मानी गई है. लगभग 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के पहले चरण में 6000 करोड़ तक की लागत लग चुकी है.
इस योजना को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह मुख्य द्वार पर पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी से जोड़ने का काम करेगा. 12 से अधिक जिलों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे में गंगा के आखिरी किनारे तक बने हुए गांव तक कनेक्टिविटी दी जाएगी. इस एक्सप्रेस-वे से यूपी के विकास में तो तरक्की होगी ही साथ ही यह आर्थिक लाभ भी लेकर आएगा.
इसके अलावा इस एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में एक हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी जहां पर आपातकाल में सेना के विमान उतारने की सुविधा दिए जाने का प्रावधान है. इसके बन जाने के बाद क्षेत्र में पर्यटन, कृषि और व्यापार के बढ़ने की उम्मीद है.
स्रोत: India Map
04. मुंबई–नागपुर एक्सप्रेसवे
701 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे 6 लेन में बनकर तैयार होगा. 390 गांव से होकर निकलता हुआ यह महाराष्ट्र के 10 जिलों को जोड़ेगा. यह भी ग्रीन फील्ड योजना के तहत बनाया जा रहा है और इसकी शुरुआत 2015 में की गई थी. एक्सप्रेसवे दिल्ली -मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) और पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर से जोड़कर एक्जिम व्यापार को बढ़ावा देगा.
इसे 55000 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है .अभी मुंबई से नागपुर का सफर करने में लगभग 16 घंटे लगते हैं और यह एक्सप्रेस वे इस समय को 16 घंटे से घटाकर आधा यानी कि 8 घंटे कर देगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद माना जा रहा है कि गैर कृषि कार्यों में लगे हुए लोगों को भी व्यापार के बहुत से अवसर मिलेंगे.
स्रोत: Wikipedia
05. दिल्ली– अमृतसर– कटरा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेस-वे के बनते ही दिल्ली से पंजाब जाने के सड़क के रास्ते में काफी सुधार आ जाएगा. इस एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का काम काफी जोरों शोरों से चल रहा है. एक्सप्रेस वे का जो हिस्सा हरियाणा से होकर गुजरेगा उसके 2024 तक बन कर तैयार होने की संभावना है.
अभी दिल्ली से वैष्णो देवी और कटरा जाने की जो दूरी लोगों को 14 घंटे में तय करनी पड़ती है. इस एक्सप्रेसवे के आने के बाद यह दूरी 8 घंटे में ही तय कर ली जाएगी. 4 लेन में बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे पर फूड कोर्ट, ट्रक स्टॉप, पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस जैसी सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
स्रोत: Housing.com
06. अहमदाबाद–धोलेरा एक्सप्रेसवे
2010 में घोषणा करने के बाद इस एक्सप्रेसवे को हरी झंडी 2019 में मिली है. यह 4 लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे सरखेज में सरदार पटेल रिंग रोड से नवगाम में धोलेरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बीच चलता है और आगे चलकर यह धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) को भी जोड़ता है. इस एक्सप्रेसवे के लिए जमीन दिल्ली मुंबई कॉरिडोर के तहत ही खरीदी गई थी. एक्सप्रेसवे सद्भाव इंजीनियरिंग, जीवीएच इंडिया और डीआरए इंफ्राकॉन द्वारा बनाया गया है.
3000 करोड़ की लागत में बन रहे इस एक्सप्रेसवे को ईपीसी( इंजीनियरिंग खरीदो निर्माण) मॉडल पर बनाया जा रहा है.
स्रोत: Metro Rail Guy
07. बेंगलुरु चेन्नई एक्सप्रेसवे
चेन्नई बैंगलोर एक्सप्रेसवे चेन्नई को बेंगलुरु से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है; यह दक्षिण भारत के तीन राज्यों से होकर निकलने वाला है. यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है जो भारतमाला परियोजना कार्यक्रम के तहत बनाया जा रहा है. चेन्नई बैंगलोर एक्सप्रेसवे यात्रा को काफी कम कर देगा और राज्यों के प्रगतिशील विकास को बढ़ावा देगा.
18,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस वे से चेन्नई और बेंगलुरु के बीच की दूरी करने में केवल 6 से 7 घंटे ही लगेंगे. कर्नाटक के ऑटोमोबाइल हब होसकोटे क्षेत्र से शुरू होने के कारण ऐसा माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद रोजगार के अवसर काफी ज्यादा बढ़ जाएंगे.
स्रोत: Wikipedia
08. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन जुलाई 2022 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है. बहरहाल, अभी भी एक्सप्रेसवे पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है. इसका पूरा कार्य 2023 तक हो जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का मुख्य कारण राज्य के पिछड़े हुए इलाकों को राजधानी क्षेत्र से जोड़ने का है. यह उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर और जालौन जिलों से होकर गुजरेगा और बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली से जोड़ेगा. यह कृषि, वाणिज्य, औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्रों को तो बढ़ावा देगा ही साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र में हथकरघा, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, भंडारण और पारंपरिक मध्यम और लघु-स्तरीय औद्योगिक इकाइयों जैसे उद्योगों को भी बल मिलेगा, जिसकी बहुत जरूरत है.
स्रोत: विकिपीडिया
09. रायपुर–विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे
रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग पर 463 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है जिसकी जमीन तल से ऊंचाई तीन मीटर होगी. वर्तमान में रायपुर से विशाखापट्टनम जाने में करीब 12 घंटे लगते हैं. अभी छत्तीसगढ़ से इसकी दूरी तकरीबन 546 किलोमीटर है. कॉरिडोर बन जाने से यह दूरी घटकर 463 किलोमीटर हो जाएगी. कॉरिडोर में प्रवेश करने के बाद यात्री कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे.
साथ ही इस एक्सप्रेस वे से अभी लगने वाले लंबे-लंबे ट्रैफिक जाम से भी लोगों को आराम मिलेगा.
स्रोत: Metro Rail Guy
10. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
2021 में जब नरेंद्र मोदी द्वारा एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया गया तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बताया था. इसका फायदा पूर्वी यूपी के पिछड़े हुए क्षेत्रों को होने वाला है .यह पूर्वी यूपी के विकास से वंचित क्षेत्रों को दिल्ली से तो जुड़ेगा ही साथ ही यह बिहार तक भी कनेक्टिविटी देगा. साथी यूपी के वाराणसी अयोध्या जैसे क्षेत्रों में है धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. 2023 तक इसका संपूर्ण कार्य पूरा हो जाएगा.
स्रोत: Dainik Bhaskar
हम सीधे तौर पर देख सकते हैं कि यह सभी एक्सप्रेसवे देश के सड़क नेटवर्क को पहले नंबर पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और साथ ही इनके पूरा होते ही देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत लाभ मिलेगा. समय और धन की बचत के साथ लोग सुरक्षित यात्रा का अनुभव ले सकेंगे
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
अभी भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस में कौन सा है?
अभी लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है.
देश में किस एक्सप्रेस वे पर हेलीपैड की सुविधा दी जा रही है
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस पर 12 हेलीपैड बनाए जा रहे हैं.
क्या गंगा एक्सप्रेसवे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का हिस्सा है?
जी हां, गंगा एक्सप्रेसवे को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के तहत ही बनाया जा रहा है.