2024 में होली कब है इसका इंतज़ार हम सब को होता है होली, जिसे रंगों का त्योहार या प्यार का त्योहार भी कहा जाता है, यह भारत में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है। यह आमतौर पर मार्च महीने में मनाया जाता है और वसंत के आगमन का प्रतीक है। होली का त्यौहार लोगों के एक साथ आने, पुराने गिले–शिकवे भुलाने और रिश्तों को मजबूत करने का समय है।
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इसलिए हम सबको होली का बेसब्री से इंतजार होता हैं और हमारे मन मे होली से जुड़े कोई सवाल भी आते है जैसे होली कब है, क्यो मनाई जाती है, कैसे मनाते है, होली का महत्व क्या है और होली का इतिहास, इत्यादि.
इसलिए आज हम आपको होली की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं जिसमें आपको होली से जुड़े सभी प्रकार के सवालों का जवाब दिया गया हैं इसलिए आपको इस आर्टिकल को एक बार पूरा पढ़ना चाहिए।
होली का महत्व
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होली रंगों का और खुशीयों का उत्सव है.
होली का उत्सव समाज में दोस्ती और भाईचारा को बढ़ावा देने वाला उत्सव है.
धार्मिक रूप से भी होली का बहुत अधिक महत्व है.
भगवान श्री कृष्ण से संबंधित जगहों की होली काफी प्रसिद्द है.
होली का उत्सव भगवान श्री कृष्ण की भक्ति से जुड़ा हुआ है.
मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, गोवर्धन, गोकुल की होली सम्पूर्ण विश्व में अत्यंत ही प्रसिद्ध है.
होली का त्यौहार कृषि और जलवायु परिवर्तन से भी जुड़ा हुआ है। क्योंकि होली के समय तापमान नहीं ज्यादा ठंडा होता है और ना ही ज्यादा गर्म। इतना ही नहीं होली के त्यौहार के खास मौके पर गेहूं और जौ की बालियां भी फूट पड़ती हैं। होलिका के दौरान ही बालियों को भूनकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है और अच्छे फसल की कामना की जाती है तथा ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है।
होली 2024 में कब है?
रंगों का त्यौहार होली साल 2024 में 25 मार्च 2024 दिन सोमवार को है.
होली का उत्सव 25 मार्च 2024, दिन सोमवार को आप दिन भर मना सकतें हैं.
अब हम फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेतें हैं.
फाल्गुन पूर्णिमा प्रारंभ 24 मार्च 2024, रविवार
09:54 ए एम
फाल्गुन पूर्णिमा समाप्त 25 मार्च 2024, सोमवार
12:29 पी एम
होलिका दहन की कथा क्या है?
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होली को लेकर हिरण्यकश्यप और उसकी बहन होलिका की कथा अत्यधिक प्रचलित है।
ऐसा वरदान पाकर वह अजेय बन गया । हिरण्यकश्यप के यहां प्रहलाद जैसा परमात्मा में अटूट विश्वास करने वाला भक्त पुत्र पैदा हुआ। प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उस पर भगवान विष्णु की कृपा–दृष्टि थी।
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को आदेश दिया कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे। प्रह्लाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप उसे जान से मारने पर उतारू हो गया। उसने प्रह्लाद को मारने के अनेक उपाय किए लेकिन व प्रभु–कृपा से बचता रहा।
होलिका दहन मुहूर्त
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होलिका दहन 24 मार्च 2024 की शाम 6:24 से 8:51 तक किया जा सकता है। भारत में होली 2024 तिथि वही तिथि रहेगी, जो दिन सोमवार को पड़ रहा है। होली के दिन सभी लोग रंग–बिरंगे रंगों से खेलकर इस त्योहार को मनाते हैं। इस पर्व में पूरे भारतवर्ष में अवकाश रहता है, भारतवासियों के लिए यह एक बड़ा पर्व है।
होली कैसे मनाया जाता है?
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होली के त्योहार में अक्सर लोग एक–दूसरे पर रंग का पानी और पाउडर फेंकते हैं। यह उत्सव आमतौर पर मार्च के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है और इसे “रंगों के त्योहार” के रूप में जाना जाता है। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनमें होली मनाई जाती है।
रंग फेंकना: उत्सव के दूसरे दिन, लोग रंगों से खेलते हैं और पानी और रंगीन पाउडर से सराबोर हो जाते हैं। कुछ लोग सुगंधित पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन आजकल ज्यादातर लोग व्यावसायिक रूप से तैयार किए गए रंगों का उपयोग करते हैं।
गुजिया और अन्य व्यंजन: होली के दौरान लोग मिठाई और नमकीन खाकर खुशी मनाते हैं। उदाहरण के लिए, एक मीठी पेस्ट्री है जिसे गुजिया कहा जाता है, एक स्वादिष्ट नाश्ता जिसे मठरी कहा जाता है, और एक ठंडा पेय जिसे ठंडाई कहा जाता है।