पूर्वांचल एक्सप्रेस वे रूट मैप से लेकर उसकी ताज़ा अपडेट तक, जानिए हर सवाल का जवाब

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश के कई केंद्रीय जिलों को जोड़ेगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क के सीधे संपर्क में भी लाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 नवंबर, 2021 को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन किया था। इस परियोजना को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़’ बताया है। मोदी द्वारा जुलाई 2018 में आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की आधारशिला रखने के लगभग तीन साल बाद यह बनकर तैयार हो पाया है।

यूपी के अविकसित पूर्वी क्षेत्र के लिए ‘विकास के वाहक’  के रूप में इसे देखा जा रहा है, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे सीएम-योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरी की गई सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना में से एक है।

 

पूर्वांचल एक्सप्रेस रूट

  • लखनऊ
  • बाराबंकी
  • सुल्तानपुर
  • अयोध्या
  • अम्बेडकर नगर
  • आजमगढ़
  • मऊ
  • गाजीपुर

यदि कनेक्टिविटी नेटवर्क राज्य की आर्थिक प्रगति के संकेत देते हैं, तो उत्तर प्रदेश सरकार अपने सड़क नेटवर्क को बेहतर करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इसका उदाहरण है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते में पूर्वी यूपी के प्रमुख शहर शामिल हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस रूट भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के कम विकसित शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी के माध्यम से आर्थिक बढ़ावा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। लखनऊ और बाराबंकी के अलावा, पूर्वांचल एक्सप्रेस रूट के अन्य सभी शहर अर्द्धविकसित शहर हैं।

 

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे रूट मैप 2023

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे

(स्रोत: UPEIDA)

 

कनेक्टिविटी नेट को बेहतर समझने के लिए इस पूर्वांचल एक्सप्रेसवे मैप को देखें

पूर्वांचल क्षेत्र के लिए ‘विकास का वाहक’ कहा जाने वाला, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे रूट दिल्ली और पूर्वी यूपी के बीच एक सीधा लिंक स्थापित करेगा, साथ ही इसे बिहार सीमा से भी जोड़ेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कहां से कहां तक है? लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (NH-731) पर स्थित 343 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल हाईवे, लखनऊ के चांद सराय गांव से शुरू होगा और NH31 पर स्थित गाजीपुर के हैदरिया गांव में समाप्त होगा। बीच में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे रूट पर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर और मऊ भी हैं। वास्तव में, पूर्वांचल एक्सप्रेस हाईवे यूपी के नौ जिलों को जोड़ता है। इसे लिंक रोड के जरिए धार्मिक महत्व रखने वाले शहरों जैसे वाराणसी, अयोध्या और गोरखपुर से भी जोड़ा जाएगा।

उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी एक्सप्रेस-वे परियोजना के शुरू होने से राज्य के अविकसित पूर्वी हिस्से के शहरों का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। एक्सप्रेसवे न केवल गाजीपुर से लखनऊ के बीच की यात्रा के समय को आधा कर देगा – 12 से छह घंटे तक – बल्कि इन शहरों से राष्ट्रीय राजधानी तक सीधी कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगा। इसके पूरा होने के बाद, यह आपको गाजीपुर से दिल्ली 10 घंटे में ही पहुंचा देगा।

यहां याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहले से ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए दिल्ली से सीधे जुड़ी हुई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे रूट का विस्तार करने और इसे गाजीपुर से बिहार से जोड़ने की बात भी चल रही है।

यह भी देखें: जानिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुडी सभी ज़रूरी बातें

 

जानिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की निर्माण की स्थिति

अक्टूबर 2015 में, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने पिछली सरकार के लखनऊ-आजमगढ़-बलिया एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रूप में फिर से लॉन्च किया था। जुलाई 2018 में, पीएम मोदी ने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस हाईवे की आधारशिला रखी। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा बनाये जाने वाला, सिक्स-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, के पूरा होने की उम्मीद मार्च 2021 तक थी। कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर, जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश को कई बार लॉकडाउन लागू करना पड़ा था, और इसी कारण पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को पूरा करने में देरी हुई।

 

जानिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का महत्व

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे चार सिक्स-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे में से एक है (बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे अन्य तीन हैं) जो उत्तर प्रदेश को उल्लेखनीय रूप से बदलने की संभावना रखते हैं, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाला राज्य बन जायेगा। इन चार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के पूरा होने पर, उत्तर प्रदेश में 1,788 किलोमीटर लम्बे एक्सप्रेसवे होंगे, जो देश में सबसे अधिक है।

 

यह भी देखें : गंगा एक्सप्रेसवे रूट के बारे में ज़रूरी बातें

 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने जा रहा है। यह इस बात से भी जाहिर होती है कि सीएम आदित्यनाथ ने कहा था कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे आठ औद्योगिक केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।

 

यह भी देखें: भारत में बनने वाले एक्सप्रेसवे

 

जानिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की कुल लागत कितनी है

करीब 22,496 करोड़ रुपये की लागत वाला, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे न केवल राज्य के कई केंद्रीय जिलों को पूर्वी ज़िलों से जोड़ता है, बल्कि इन जिलों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर जाने वाले सीधे सड़क संपर्क नेटवर्क में भी लाता है। एक्सप्रेसवे में, सात पुलों और 22 फ्लाईओवर के साथ, एक हवाई पट्टी भी है जो जहाज़ों की इमरजेंसी लैंडिंग में भी काम आएगा।

 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: परियोजना की ख़ास बातें

लॉन्च ईयर: अक्टूबर 2015

अनुमानित लागत: 22,494 करोड़ रुपये

लंबाई: 340.824 किमी

लेन: छह

खुलने की समय सीमा: अक्टूबर 2021

मालिक-संचालक: उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA)

परियोजना मॉडल: इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन

यह भी देखें: जानिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बारे सभी ज़रूरी बातें

 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: मुख्य तथ्य

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का स्टार्टिंग पॉइंट लखनऊ का चांद सराय गांव
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का एन्ड पॉइंट गाजीपुर में हैदरिया
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की लंबाई 340.824 किमी
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के कार्यान्वयन का तरीका PPP
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन 16 नवंबर, 2021
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल लागत 22,494.66 करोड़ रुपए (जमीन की कीमत समेत)

 

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे टोल

1 अप्रैल, 2023 से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के टोल रेट

वर्ष 2023-24 के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का टोल टैक्स 0.1% से 2.9% तक बढ़ा दिया गया है।  इसलिए हल्के मोटर वाहनों के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर संशोधित टोल शुल्क 685 रुपये होगा। हल्के वाणिज्यिक वाहनों के लिए और बस या ट्रैक के लिए यह क्रमशः 1,090 रुपये और 2,195 रुपये होगा। प्राधिकरण कंस्ट्रक्शन वर्क मशीन के लिए 3,365 रुपये। बड़े वाहनों को 4,305 रुपये देने होंगे। इस रास्ते से जाने वाले लोगों ने कहा है कि अगर सरकार पैसा बढ़ा रही है, तो सुविधाएं भी बढ़ाए।

वाहन टोल रेट
कार, जीप, वैन, या कोई भी हल्का वाहन 685 

रुपये

हल्के वाहन, मिनीबस 1090 

रुपये

बस या ट्रक 2195 

रुपये

मल्टी एक्सल व्हीकल (MAV) (3 से 6 एक्सल), हैवी कंस्ट्रक्शन मशीनरी, जियो मूविंग इक्विपमेंट 3365 

रुपये

7 या अधिक एक्सल वाले वाहन 4,305 रुपये

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे खुला हुआ है?

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 16 नवंबर, 2021 से खुला हुआ है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शुरुआत किसने की?

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को मई 2015 में लखनऊ-आजमगढ़-बलिया एक्सप्रेसवे के रूप में घोषित किया गया था और फिर अक्टूबर 2015 में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रूप में लॉन्च किया गया था।

 

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