सीलिंग: दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में ये संशोधन करना चाहती थी नरेंद्र मोदी सरकार

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के मास्टरप्लान 2021 में संशोधन की सिफारिश की थी, जिसमें रिहायशी इलाकों से पब्स, क्लब और रेस्तरां को शिफ्ट करने की बात कही गई थी। दिल्ली में सीलिंग को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।
केंद्र सरकार ने दिल्ली मास्टर प्लान में संशोधन के लिए जो अपनी सिफारिशें दी थीं, उसमें फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर), रिहायशी इलाकों से क्लब्स, पब्स और रेस्तरां को शिफ्ट करने और संबंधित विभाग द्वारा पानी और सीवेज जैसी बुनियादी सुविधाओं में इजाफे जैसी बात कही गई थी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, ”एयर कंडीश्नर की बाहरी यूनिट को प्लॉट लाइन से बाहर या छत पर नहीं रखा जा सकता। इसके अलावा एग्जॉस्ट फैन का धुआं सड़कों पर या फिर दूसरे किसी रिहायशी प्लॉट पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। रिहायशी इलाकों में रेस्तरां, पब्स और क्लब की इजाजत नहीं दी जा सकती”।
ये सिफारिशों को व्यापारियों, रेजिडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और अन्य स्टेक होल्डर्स से बातचीत करने के बाद अंतिम रूप दिया गया था। इसके बाद दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी यानी डीडीए की 27 फरवरी 2018 को मीटिंग हुई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मास्टर प्लान 2021 (एमपीडी-2021) के इन प्रस्तावित संशोधनों पर रोक लगा दी है, जिसके बाद सीलिंग जारी है। केंद्र सरकार की इन सिफारिशों का मकसद दिल्ली में व्यापारियों को सीलिंग से निजात दिलाना था, जो साउथ दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी मार्केट से दिसंबर 2017 को शुरू हुई थी।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर सीलिंग का कोई समाधान न ढूंढने का आरोप लगाया। पुरी ने संवाददाताओं से कहा, ”हम इस समस्या को लेकर गंभीर हैं। नागरिकों को कम से कम परेशानी होने दी जाएगी”। उनके साथ इस दौरान डीडीए के वाइस चेयरमैन उदय प्रताप सिंह, बीजेपी एमएलए और डीडीए सदस्य ओपी शर्मा और शहरी विकास मंत्रालय के अन्य अधिकारी थे। बाद में शर्मा ने रिपोटर्स से बातचीत में कहा था, ”डीडीए इसे अपनी मंजूरी देगा और फिर शहरी विकास मंत्रालय के पास इसे भेजा जाएगा। मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट के सामने एफिडेविट पेश करेगा। इससे लोगों को सीलिंग से राहत मिल जाएगी”।
गौरतलब है अपनी सिफारिशों में पुरी ने कहा कि 1962 से पहले और 1962 के बाद के शॉप्स कम रिहायशी प्लॉट/कॉम्पलेक्स पर यूनिफॉर्म एफएआर को मंजूरी दी जाएगी। एफएआर एक बिल्डिंग के कुल फर्श क्षेत्र का उस जमीन के आकार का अनुपात है जिस पर इसे बनाया गया है। इसका मतलब है कि पहले 100 वर्ग मीटर के लिेए एफएआर 180-225 तक परिवर्तनशील था, लेकिन अब 100 वर्ग मीटर के लिए एक समान 350 की सिफारिश की गई है। इसके अलावा सभी दुकान-सह-आवासीय भूखंडों/परिसरों में बेसमेंट के इस्तेमाल के लिए समान मानदंड भी होंगे।
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