कहीं आपका घर लाल डोरा संपत्ति के तहत तो नहीं आता; जानिए क्या हैं फायदे और नुकसान

आएं जानें लाल डोरा संपत्ति में निवेश करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

हाल ही में पश्चिमी दिल्ली के एक इलाके मुंडका में इलेक्ट्रॉनिक का सामान बनाने वाली कंपनी में भीषण आग लग गई और उसमें 27 लोगों की मृत्यु हो गई और बहुत से लोग जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे।  मुंडका में बनी हुई यह दुकान लाल डोरा के तहत बनाई गई थी। अब आप लोग यह जरूर जानना चाहेंगे कि यह लाल डोरा क्या होता है?  इस आर्टिकल के माध्यम से आपको लाल डोरा के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी और साथ ही बताया जाएगा की इसके क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

Table of Contents

 

लाल डोरा प्रॉपर्टी क्या है?

सन 1908 में जब ब्रिटिश शासन के अधिकारी अपने राजस्व अभिलेखों के रखरखाव को आसान बनाना चाहते थे तो उन्होंने इसके लिए एक तरीका अपनाया। उन्होंने एक लाल रेखा खींच कर गांव में रहने वाली आबादी को कृषि भूमि से अलग करने का फैसला लिया। पहले यह प्रथा दिल्ली और उसके आस-पास के गांव में शुरू की गई जो बाद में हरियाणा और पंजाब में भी फैल गई।  सामान्य शब्दों में कहा जाए तो लाल टेप या फिर लाल डोरा प्रॉपर्टी उस संपत्ति का नाम है जो गांव की भूमि के उस हिस्से को दिया गया है जिसमें गांव के लोग रहते हैं और जिसे आबादी कहा जाता है।  लोग इस भूमि पर रहते,  अपने कृषि का भंडारण और पशु पालन किया करते थे।

हालांकि समय-समय पर इस प्रॉपर्टी को अवैध घोषित करने के लिए कई नियम बनाए गए लेकिन दिल्ली और आसपास के कुछ इलाकों में आज भी यह प्रॉपर्टी खसरा संख्या के नाम से  जानी जाती है।

दिल्ली नगर निगम द्वारा पारित अगर एक खंड की रिपोर्ट माने तो लाल डेरा घरों पर भवनों के लिए किसी भी प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत हो ना अब जरूरी नहीं है।  आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली के बहुत ही अच्छे इलाके में भी  लाल डोरा प्रॉपर्टी पाई जाती है। लाल डोरा के तहत आने वाली प्रॉपर्टी को शहर का कोई भी प्राधिकरण रजिस्टर नहीं कर सकता है,  इसलिए ही भारत सरकार एक लाल डोरा प्रमाण पत्र जारी करते हुए प्रॉपर्टी का मालिकाना हक प्रमाण के रूप में देता है। ऐसी संपत्तियों को ना तो रजिस्ट्री मिलती है और ना ही उसके लिए बैंक से कोई लोन लिया जा सकता है।

 

क्यों करते हैं लोग लाल डोरा प्रॉपर्टी में निवेश?

देश की राजधानी दिल्ली में आपका एक घर हो,  ऐसा सपना किसका नहीं होता है।  यही सपना बहुत से लोगों को दिल्ली में लाल डोरा प्रॉपर्टी में निवेश करने का कारण बन जाता है।  ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो लाल डोरा संपत्ति की तरफ लोगों को आकर्षित करती हैं।  जैसे;

बेहद कम कीमत करती है बहुत से लोगों को आकर्षित

अगर आप दिल्ली में अपना छोटा सा घर भी चाहते हैं तो यहां पर मूल्य करोड़ों से कम नहीं होता है।  ऐसे में लाल डोरा के तहत आने वाली संपत्ति अधिकृत संपत्ति के मुकाबले काफी कम दाम में मिल जाती हैं।  इसमें लोगों को लीगल प्रॉपर्टी की तरह चौड़ी सड़कें और बड़े-बड़े पार्क तो नहीं मिलते हैं लेकिन रहने के लिए छत जरूर मिल जाती हैं।  लाल डोरा प्रॉपर्टी में बिल्डर छोटी सी जमीन पर बड़े सारे फ्लैट बनाकर लोगों को बेच देते हैं।

30 लाख से भी कम दाम में मिल जाता है 2 बीएचके फ्लैट

अगर आप दिल्ली विकास प्राधिकरण के तहत भी घर लेने जाते हैं तो आपको एक फ्लैट ₹50 लाख  से कम कीमत में नहीं मिलता है लेकिन वहीं पर लाल डोरा प्रॉपर्टी में 2 बीएचके फ्लैट ₹3000000 से भी कम दाम में लोगों को उपलब्ध करवा दिया जाता है।

मेट्रो स्टेशन के नजदीक में बहुत सारी लाल डोरा संपत्तियां

दिल्ली में बहुत थी लाल डोरा संपत्तियों के नजदीक मेट्रो स्टेशन है जिसकी वजह से यह लोगों को और ज्यादा आकर्षित करती हैं।  लोगों को अपने ऑफिस आदि आने-जाने में सुविधा रहती है इसलिए वह बिना सोचे समझे यहां पर संपत्ति ले लेते हैं।

कड़े नियमों का अभाव

बाकी इलाकों की तुलना में लाल डोरा के तहत आने वाली संपत्ति के क्षेत्रों में बहुत ज्यादा कड़े नियम और मानदंड नहीं रखे जाते हैं।  जैसे कि उदाहरण के लिए लाल डोरा के तहत आने वाली जमीन पर अगर आप संपत्ति खड़ी करते हैं तो दिल्ली नगर अधिनियम के तहत आपको स्वीकृत भवन योजना को चुनने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है और आप अपनी मर्जी से किसी भी तरह की संपत्ति बना सकते हैं।

 

दिल्ली में लाल डोरा इलाकों की लिस्ट

दिल्ली में बहुत से इलाके लाल डोरा संपत्ति के तहत आते हैं जिसमें से कुछ नाम है;

  • महावीर एन्कलेव पार्ट 1
  • द्वारका के पास गणेश नगर
  • वेस्ट दिल्ली पौससंगपुर
  • वीरेन्द्र नगर
  • उत्तम नगर के हिस्से
  • महावीर एनक्लेव
  • असलतपुर
  • साउथ दिल्ली लाडो सराय
  • किशन गढ़
  • बसंत गांव
  • खिड़की एक्सटेंशन
  • मुनिरका
  • यूसुफ सराय
  • कटवारिया सराय
  • छतरपुर
  • संत नगर,
  • महरौली विस्तार
  • शकरपुर में दयानंद ब्लाक
  • कोटला गांव
  • खेड़ा गांव,
  • कोंडली
  • त्रिलोकपुरी
  • नेताजी सुभाष विहार
  • कड़कड़डूमा गांव
  • नवादा
  • नरेला गांव
  • गोपाल पुर
  • रोहिणी

लाल डोरा इलाकों में संपत्ति में इन्वेस्ट करने के बारे में बहुत से पक्ष और विपक्ष दिए गए हैं।  जैसे कि

 

लाल डोरा इलाके में इन्वेस्ट करने के फायदे

लाल डोरा इलाके में अगर आप इन्वेस्ट करते हैं तो आपको कुछ फायदे देखने को मिलते हैं जो इस प्रकार से हैं;

संपत्ति कर में भी मिल जाती है छूट

लाल डोरा इलाके में बनाई गई संपत्ति पर आपको हाउस टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है।  उदाहरण के लिए अगर आप यहां पर 200 वर्ग मीटर  के अंदर अंदर की प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो इस मामले में आपको हाउस टैक्स का भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे में लोग  इसे एक सुनहरा अवसर  मानते हैं।

काफी अहम इलाकों के होते हैं करीब

बहुत ही डोरा संपत्तियां मेट्रो स्टेशन या फिर वाणिज्यिक  इलाकों के बेहद करीब होती है जिसकी वजह से लोग इसमें ज्यादा इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। लोगों को यह कम दाम में काफी किफायती विकल्प नजर आता है।

उपविभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा किया जा सकता है नियमित

जिस मजिस्ट्रेट का इलाके पर अधिकार क्षेत्र है वह इसे नियमित कर सकता है। इसके लिए आवेदक को संपत्ति और उसके मालिक के विवरण के साथ एक हलफनामा देना पड़ता है जिसके बाद तहसील कार्यालय में इस संपत्ति को आजकल रजिस्टर्ड करवाया जा सकता है।

 

लाल डोरा संपत्ति में इन्वेस्ट करने के क्या है नुकसान?

हमने लाल डोरा संपत्ति में पैसा लगाने के फायदे तो देख लिए हैं लेकिन फायदे से ज्यादा इसके नुकसान की लिस्ट है जिन्हें आपको एक बार जरूर जान लेने की जरूरत है।

धोखाधड़ी का बना रहता है खतरा

यह  संपत्ति कई साल पुरानी होती है इसीलिए इससे जुड़े हुए कागजात पर सीधे तौर पर भरोसा करना मुश्किल है।  कार्यालय के पास  जो रिकॉर्ड होता है कई बार वह सही नहीं होता है।

नहीं मिल सकता है बैंक से ऋण

ऐसी संपत्तियों पर किसी का व्यक्तिगत हक नहीं होता है बल्कि यह संपत्तियां सामूहिक हकदार रखती हैं जिसकी वजह से बैंक ऐसे क्षेत्रों में निवेश  करने से बचते हैं। इसके अलावा बहुत से मामलों में इस तरह की संपत्तियों पर किसी भी तरह का मालिकाना हक होने के कागजात नहीं होते हैं।

क्षेत्रीय रखरखाव के होते हैं बहुत से मुद्दे

जैसा कि बताया गया है कि इन क्षेत्रों पर किसी भी तरह का मालिकाना हक होने का कोई सबूत कई बार नहीं होता है तो इन्हें सरकार की तरफ से किसी भी तरह के रखरखाव की सुविधा नहीं दी जाती है। कई बार ऐसी जगह पर पानी और कचरे से संबंधित बुनियादी सुविधाएं भी लोगों को एक समय के बाद मिलनी बंद हो जाती है और सरकारें और नगरपालिका इसके बारे में कोई कदम नहीं उठाती हैं।

संपत्ति को रीसेल/बेचने में आती है दिक्कत

इस तरह की संपत्तियों को एक बार खरीदने के बाद अगर आप चाहते हैं कि वे किसी और को बेच दिया जाए तो आपको बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।  भवन निर्माण करते हुए किसी भी तरह के सरकारी नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो ऐसे में लोग इसे लेना पसंद नहीं करते हैं।  इसके अलावा यहां पर सुरक्षा के नियमों की भी अनदेखी की जाती है जिसकी वजह से व्यावसायिक कार्य के लिए भी लोग यहां पर संपत्ति लेना पसंद नहीं करते है।

बहुत बार कर दिया जाता है बेदखल

जैसा कि बताया गया है कि संपत्ति का कोई भी रिकॉर्ड सरकारी आंकड़ों में नहीं होता है तो सरकारी किसी भी योजना के चलते हैं या फिर किसी अन्य कारण से इस संपत्ति से कई बार लोगों को बेदखल करके संपत्ति को तोड़ा तोड़ा जा सकता है। अगर लाल डोरा क्षेत्र में बनाई गई संपत्ति या फिर दुकानें सरकार को सुरक्षा नियमों के अनुसार सही नहीं लगती है तो वह इन्हें खाली करने या फिर तोड़ने का आदेश दे सकती हैं।

 

लाल डोरा संपत्ति में निवेश करने से पहले जान लें यह प्रक्रिया

  • सबसे पहले लाल डोरा संपत्ति में निवेश करते हुए आपको जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से एनओसी याने की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की जरूरत है। जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करें।
  • इसके बाद जांच लें कि जो भी नगर निगम इस संपत्ति से संबंधित है उसने सभी करों का भुगतान पहले से कर दिया।
  • प्राधिकरण के साथ प्रॉपर्टी के बारे में हर एक जानकारी को वैलिडेट करें और उसकी अखंडता को लेकर अच्छी तरह से जांच करें।
  • एक बार भुगतान रसीद की प्रति अपने पास आ जाने के बाद उसे संभाल कर रखें।

 

दिल्ली में लाल डोरा प्रमाण पत्र कैसे हासिल करें?

दिल्ली में लाल डोरा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आपको कुछ पात्रता के नियम दिए गए हैं जो हैं;

  • एक व्यक्ति जो भारत का नागरिक है।
  • एक व्यक्ति जो दिल्ली का स्थायी निवासी है
  • दिल्ली के एनसीटी के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के तहत लाल डोरा क्षेत्र के भीतर भूमि / घर।

 

लाल डोरा  प्रमाण पत्र देने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • लाभार्थी का पहचान प्रमाण (कोई भी अनिवार्य है) –
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • फोटो के साथ राशन कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • कोई सरकार मान्यता प्राप्त दस्तावेज
  • लाभार्थी का वर्तमान पता प्रमाण (कोई भी अनिवार्य है) –
  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट
  • राशन पत्रिका
  • रेंट एग्रीमेंट (पंजीकृत)
  • बैंक पासबुक
  • बिजली का बिल
  • पानी का बिल
  • टेलीफोन बिल (लैंडलाइन या पोस्ट-पेड)
  • गैस का बिल
  • कोई सरकार मान्यता प्राप्त दस्तावेज

लाभार्थी का स्थायी पता प्रमाण (कोई भी एक अनिवार्य है) – दस्तावेज वर्तमान पते में सूचीबद्ध हैं

 

सीएससी या तहसीलदार कार्यालय के माध्यम से आवेदन करें

  • लाल डोरा प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए आप किसी भी नागरिक सेवा केंद्र पर जा सकते हैं। कृपया सीएससी के माध्यम से आवेदन करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें।
  • सिटीजन सर्विस सेंटर (CSC) में आवेदन करते समय मूल दस्तावेजों की लाभार्थी की स्व-सत्यापित प्रति तैयार की जानी है।
  • मूल घोषणाओं को संबंधित एसडीएम / तहसीलदार / सीएससी को आवेदन / अभिस्वीकृति संख्या के साथ हाथ या स्पीड पोस्ट / पंजीकृत डाक से जमा करना होता है।
  • लाभार्थी स्वयं / अपने परिवार के किसी सदस्य को फोटोग्राफ के लिए सीएससी में उपस्थित होना चाहिए या अपनी तस्वीर प्रस्तुत करना चाहिए।

 

लाल डोरा प्रमाण पत्र की स्थिति

लाल डोरा प्रमाण पत्रकी स्थिति  आपऑनलाइन  या फिर एसएमएस के माध्यम से जान सकते हैं।  ऑनलाइन इसकी जांच करने के लिए आपको

ई-डिस्ट्रिक्ट  की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर उस पर दिए गए  Track your Application पर क्लिक करें। आप 7738299899 एसएमएस EDISTDL पर एसएमएस भेजकर भी आवेदन को ट्रैक कर सकते हैं

 

लाल डोरा प्रमाण पत्र डाउनलोड

लाल डोरा प्रमाण पत्र डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।

ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर जाएँ, प्रिंट / डाउनलोड प्रमाण पत्र” पर क्लिक करें।

 

लाल डोरा प्रमाण पत्र सत्यापन

  • लाल डोरा प्रमाणपत्र को सत्यापित करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
  • ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर जाएं
  • अपना प्रमाणपत्र सत्यापित करें” पर क्लिक करें

 

शिकायत  कैसे दर्ज करें?

आप निम्न विधियों के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।

कॉल सेंटर: कॉल सेंटर रविवार को छोड़कर सभी कार्य दिवसों में सुबह 09:30 बजे से शाम 06:00 बजे तक कार्य कर रहा है। कॉल सेंटर नंबर: 011-23935730, 011-23935731,011-23935732,011-23935733,011-23935734

ईमेल: क्वेरी / शिकायतें / सुझाव ईमेल के माध्यम से भी प्राप्त होते हैं। [email protected]

ऑनलाइन: ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर जाएं। “शिकायत दर्ज करें” पर क्लिक करें।

 

क्या है इस इलाके का भविष्य

दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 1962 में पहली बार मास्टर प्लान बनाया था जिसमें लालडोरा के तहत आने वाले इन गांव के आवासीय क्षेत्र को इस मास्टर प्लान से बाहर करने का फैसला ले लिया गया था।  अब दिल्ली 2041 मास्टर प्लान के निर्माण में शहरी और ग्रामीण गांव के निवासियों को शामिल दिशा में काम कर रहा है।

दिल्ली में विशेष रूप से दिए गए राजस्व मानचित्र ओं के तहत खसरा संख्या के तहत इन सभी क्षेत्रों को चिह्नित  किया गया है।  इन सभी क्षेत्रों में किसी का भी व्यक्तिगत हक नहीं होता है और सिर्फ सामूहिक हक ही  प्रदान किया जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार ने इस लाल डोरा भूमि को पंजीकृत करने के लिए देशभर के गांव के इलाकों में सर्वेक्षण शुरू किया है जिससे इस पूरी धोबी का एक मानचित्र बनाया जा सके और इसके फायदे के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकें।

सरकार कोशिश कर रही है कि इन सभी इलाकों को नगर पालिका के दायरे में लाया जा सके ताकि लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा सके।  एक बार यह योजना लागू हो जाने पर लोग इन संपत्तियों पर लोन और बैंक से ऋण भी ले पाएंगे।  इस योजना के तहत दौरा भूमि का पंजीकरण पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में शुरू हो गया है। इस मुद्दे को दूर करने के लिए, वर्तमान सरकार ने भूमि डोरा भूमि (और भूमि के ग्राम स्वामित्व) को पंजीकृत करने के लिए देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों (SVAMITVA) योजना में गांवों का सर्वेक्षण और कामचलाऊ तकनीक के साथ मानचित्रण शुरू किया है। जबकि यह कदम इन गांवों को नगर पालिकाओं के दायरे में लाने और निवासियों को नागरिक सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेगा। इस कदम से निवासियों को उनकी संपत्तियों के खिलाफ ऋण हासिल करने में भी मदद मिलेगी। इस योजना के तहत भूमि डोरा भूमि का पंजीकरण पंजाब और हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में शुरू हो गया है।

 

हरियाणा सरकार द्वारा उठाया जाने वाला कदम

हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने लाल डोरा इलाकों से राज्य को मुक्त करने के लिए योजना बनाई है।  सरकार का कहना है कि एक बार यह योजना लागू होते ही इन इलाकों में  संपत्ति को खरीदना और बेचना आसान हो जाएगा।

इसी योजना कार्य करने के लिए मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को गांव और शहरों दोनों में ही लालडोरा के तहत आने वाली संपत्तियों की मैपिंग ड्रोन के माध्यम से करवाने के निर्देश दे दिए हैं और इस काम को पूरा करने के लिए लगभग 15 दिन का समय दिया गया है।  इसी डाटा के आधार पर प्रॉपर्टी  का मानचित्र ई करण करते हुए एक मास्टर डाटा तैयार किया जाएगा ताकि प्रॉपर्टी के बारे में सही स्थिति का पता लगाया जा सके।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

लाल डोरा संपत्ति क्या है?

ब्रिटिश सरकार ने अपने राजस्व की देखभाल में लगने वाले समय को कम करने के लिए गांव में एक लाल रंग की सीमा रेखा खींचकर आबादी और खेतीबाड़ी वाले इलाके को अलग कर दिया था। उसके बाद यह प्रथा सरकार द्वारा बंद कर दी गई लेकिन आज भी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बहुत जगह ऐसी संपत्तियां हैं जो लाल डोरा के तहत आती हैं।

क्या लाल डोरा के तहत आने वाली संपत्तियों का मूल्य कम होता है?

दिल्ली विकास प्राधिकरण के मुकाबले लाल डोरा के तहत आने वाली संपत्तियों का मूल्य काफी कम होता है। जो फ्लैट आपको दिल्ली विकास प्राधिकरण के तहत लगभग 50 लाख रुपए में मिलता है वह लाल डोरा के तहत आपको 30 लाख से भी कम मूल्य में मिल जाता है।

क्या लाल डोरा संपत्ति के लिए बैंक से लोन लिया जा सकता है?

लाल डोरा संपत्ति के कागजात कि ठीक से जानकारी मिल पाना संभव नहीं होता है और इस पर किसी का व्यक्तिगत हक भी नहीं होता है जिसकी वजह से बैंक इस संपत्ति पर लोन नहीं देते हैं।

लाल डोरा संपत्ति के तहत दिल्ली के कौन-कौन इलाके आते हैं ?

पश्चिम दिल्ली में महावीर एन्क्लेव, पोसांगीपुर, उत्तम नगर के कुछ हिस्सों, असालतपुर और वीरेंद्र नगर। उत्तरी दिल्ली में ऐसे अन्य क्षेत्रों में नेताजी सुभाष विहार, नवादा, और गोपालपुर, कड़कड़डूमा, नरेला और रोहिणी के विभिन्न हिस्से शामिल हैं, जबकि पूर्वी दिल्ली में, लाल डोरा क्षेत्रों में त्रिलोकपुरी, कोटला गांव, खेरा गांव, दयानंद ब्लॉक (शकरपुर में) शामिल हैं। ), और कोंडली।

लाल डोरा में संपत्ति खरीदने के क्या नुकसान हैं?

लाल डोरा के तहत खरीदी गई संपत्ति की रजिस्ट्री करवाना मुश्किल होता है और इसके अलावा आप इसे आसानी से दोबारा भेज भी नहीं पाते हैं। इसके अलावा सरकार और नगर निगम यहां पर बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी और कचरे की व्यवस्था आदि भी सही तरह से प्रदान नहीं करती हैं।

हाल ही में किस राज्य ने लालडोरा के बारे में योजना बनाने का फैसला लिया है?

हरियाणा राज्य ने लाल डोरा के तहत आने वाली संपत्ति को खत्म करने का निर्णय बना लिया है और इसके लिए मैपिंग भी करनी शुरू कर दी है।

Was this article useful?
  • 😃 (0)
  • 😐 (1)
  • 😔 (0)

Recent Podcasts

  • इस साल 2024 में मदर्स डे कब मनाया जाएगा? अपनी मां को क्या स्पेशल उपहार दें?इस साल 2024 में मदर्स डे कब मनाया जाएगा? अपनी मां को क्या स्पेशल उपहार दें?
  • NREGA Job Card list 2023 कैसे चेक और डाउनलोड करें?: Complete जानकारीNREGA Job Card list  2023 कैसे चेक और डाउनलोड करें?: Complete जानकारी
  • शिमला में घूमने लायक 40 दर्शनीय स्थलशिमला में घूमने लायक 40 दर्शनीय स्थल
  • यदि समझौते में ऐसा अनिवार्य हो तो डीम्ड कन्वेयंस से इनकार नहीं किया जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
  • इंडियाबुल्स कंस्ट्रक्शन ने स्काई फॉरेस्ट प्रोजेक्ट्स, मुंबई की 100% हिस्सेदारी हासिल की
  • एमएमटी, डेन नेटवर्क, असागो ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों ने गुड़गांव में फ्लैट खरीदे