क्या किचन में बैठकर भोजन करना ठीक है? जानें ज्योतिषीय राय

किचन में जमीन पर बैठकर खाने से मिलते हैं कई लाभ।

 ज्योतिषशास्त्र में न जाने कितने ऐसे नियम बनाए गए हैं जो हमारे दैनिक जीवन से जुड़े हुए होते हैं। ऐसे ही नियमों में से हैं खाने से जुड़ी कई बातें। खाना हमेशा साफ़ तन और मन से खाना चाहिए, भोजन से पहले मंत्रोच्चारण जरूर करना चाहिए, भोजन से पूर्व हमेशा हाथों और पैरों को धोना चाहिए।

 

 

ऐसे कई नियम हैं जो हम नियमित भोजन करते समय ध्यान में रखते हैं जिससे इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सके। एक और सबसे ज्यादा चर्चित सवाल यह उठता है कि क्या किचन में बैठकर खाना खाना ठीक है? जी हां, आज भी कई ऐसे घर हैं जहां लोग किचन में बैठकर भोजन करते हैं या फिर खाने और खाना बनाने का स्थान एक ही जगह पर होता है।

 

 

लेकिन अगर हम ज्योतिष की बात करें तो क्या वास्तव में किचन में भोजन करना ठीक है या इसके कोई नुकसान भी हो सकते हैं। आइए जानें कि ऐसा करना वास्तव में ठीक है या नहीं।

 

किचन में बैठकर खाना राहु को प्रसन्न करने का तरीका

 

पहले के समय में लोग किचन में बैठकर ही खाना खाते थे। आज भी यदि हम ग्रामीण परिवेश में जाते हैं तो रसोई घर में ही खाना खाने का प्रचलन है। दरअसल ज्योतिष में इसका बहुत अधिक महत्व है और इसका संबंध राहु ग्रह से माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि राहु यदि अप्रसन्न है तो इसका सीधा असर हमारे जीवन और स्वास्थ्य में पड़ता है। इस ग्रह को शांत करने और खुश करने के लिए रसोई में बैठकर भोजन करने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी किचन में बैठकर शुद्धता से भोजन करता है तो उस पर कभी भी राहु का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी वजह से कई घरों में किचन के साथ ही डाइनिंग एरिया होता है।

 

परिवार के लोगों के बीच सामंजस्य बढ़ता है

 

जब किचन के भीतर हम एक साथ भोजन करते हैं तो परिवार के लोगों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलती है। वास्तव में प्राचीन काल में परिवारों के बीच अच्छी बॉन्डिंग होने का एक बड़ा कारण यही था कि लोग एक साथ रसोई में बैठकर खाना खाते थे और अपनी पूरे दिन की गतिविधियां साझा करते थे।

आज भी ज्योतिष में ऐसी सलाह दी जाती है कि परिवार के बीच के मतभेद को दूर करने के लिए सभी लोग एकसाथ बैठकर भोजन करें और यदि रसोईघर में भोजन करेंगे तो आपके और परिवार के लिए अच्छा होगा।

 

किचन में जमीन पर बैठकर खाने से मिलते हैं कई लाभ

 

ज्योतिष की मानें तो जमीन में बैठकर खाना खाना कई तरह से फायदेमंद होता है। जब आप सीधे जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं, तो शरीर पृथ्वी के सीधे ही संपर्क में आता है और उसकी तरंगें शरीर में प्रवेश करती हैं।

ये तरंगें शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने के साथ कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करती हैं। जब कम किचन के भीतर जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं तो उस मुद्रा को सुखासन कहा जाता है और इससे मांसपेशियों में भी खिंचाव आने से भोजन को पचाने में आसानी होती है। वहीं किचन यानी रसोई की सकारात्मक ऊर्जा भी शरीर में प्रवेश करती है।

यदि आपके घर के किचन के भीतर खाना बैठकर खाने की उचित व्यवथा है तो आप वहां भोजन अवश्य करें। ऐसा करना राहु को खुश करने के साथ पारिवारिक रिश्तों को जोड़े रखने के लिए भी अच्छा माना जाता है।

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