रंगों का इंसानी जीवन में गहरा प्रभाव होता है, खासकर तब, जब ये रंग हमारे घर की दीवारों पर हों। कई बार व्यक्ति के जीवन में बेचैनी, करियर में रुकावटें, आर्थिक समस्याएं या रिश्तों में तनाव जैसी समस्याओं के पीछे वास्तु के अनुसार गलत रंगों का प्रयोग भी एक कारण माना जाता है। यह एक ऐसा प्रभाव है, जिसे हम महसूस भी नहीं करते, लेकिन रंगों का हमारी मनोवृत्ति पर गहरा असर पड़ता है, क्योंकि हर रंग अलग-अलग भावनाएं जागृत करता है।
चाहे आप अपना नया घर बना रहे हों या किराए का मकान देख रहे हों, ऐसी स्थिति में यदि आप वास्तु नियमों के अनुसार रंगों का पालन करते हैं तो जीवन को सुखद बना सकता है। ये रंग पंचतत्वों पर आधारित होते हैं और इनका संतुलन जीवन में रचनात्मकता, समृद्धि और सकारात्मकता लाता है। इस लेख में हम 2025 के लिए वास्तु के अनुसार शुभ रंगों की जानकारी देंगे और बताएंगे कि घर के अलग-अलग हिस्सों के लिए कौन सा रंग सबसे उपयुक्त हो सकते हैं।
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घर के रंग चुनने में पंच तत्वों की भूमिका
घर के लिए वास्तु रंगों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वे पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश- इन सभी पंच तत्वों के साथ संतुलन स्थापित हो।
पृथ्वी तत्व
पृथ्वी तत्व घर में उन स्थानों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जहां स्थिरता की आवश्यकता होती है, जैसे घर में लिविंग रूम, बेडरूम आदि। पृथ्वी तत्व के साथ संतुलन बनाने के लिए घर में भूरे, हरे, ऑफ-व्हाइट, बेज आदि रंगों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा आप अपने डेकोर में जूट, बांस, बेंत, लकड़ी, रिसाइकिल करने योग्य कपास जैसी कुछ प्राकृतिक सामग्री का भी उपयोग कर सकते हैं।
अग्नि तत्व
अग्नि तत्व को प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है और रसोई के साथ-साथ लिविंग रूम के लिए उचित होता है। लाल, नारंगी जैसे रंग अग्नि तत्व से जुड़े होते हैं, लेकिन इन्हें संतुलन के लिए तटस्थ रंगों के साथ मिलाकर उपयोग करना चाहिए।
जल तत्व
वास्तु के अनुसार, बेडरूम की दीवारों पर नीले, समुंदर हरे जैसे अलग-अलग रंगों का उपयोग बहुत होता है। यह रंग आराम का प्रतीक है और इसकी दीवारों पर उपयोग से सकारात्मक और शांत ऊर्जा मिलती है।
वायु तत्व
जैसा कि नाम से पता चलता है वायु प्रकृति और खुलेपन को दर्शाता है। वायु तत्व के संतुलन लिए घर में हल्के रंग जैसे पेस्टल्स, हल्के हरे, पीले आदि रंगों का उपयोग करना चाहिए। लिविंग रूम और घर में खुले स्थान में इन रंगों का इस्तेमाल प्रमुखता के साथ करना चाहिए।
आकाश तत्व
लिविंग रूम के प्रवेश द्वार, ध्यान कक्ष आदि जैसे स्थान आकाश तत्व का प्रभाव ज्यादा होता है और इन स्थानों पर सफेद रंग, क्रीम रंग और पेस्टल के हल्के शेड्स का उपयोग करना चाहिए, जिससे आकाश तत्व के साथ अच्छा तालमेल स्थापित होता है।
घर के लिए वास्तु रंगों का महत्व
- पॉजिटिव एनर्जी का संचार: वास्तु के अनुसार, रंगों का हमारे मन और शरीर पर एक गहरा प्रभाव पड़ता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ावा दे सकते हैं और नेगेटिव एनर्जी को दूर कर सकते हैं।
- आराम और शांति: रंगों का हमारे मनोदशा और मूड पर भी प्रभाव पड़ता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में आराम और शांति का माहौल बना सकते हैं।
- सौभाग्य और समृद्धि: वास्तु के अनुसार, कुछ रंगों को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सही रंगों का चयन करके, हम अपने घर में सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं।
घर के लिए वास्तु रंगों का क्या महत्व है?
रंग | किस गुण का प्रतिनिधित्व |
लाल | बहादुरी, जुनून, शक्ति, भावनाएं, गर्मजोशी |
नीला | सौंदर्य, संतोष, भक्ति, सत्य, नवीन कार्य |
हरा | विकास, उपचार, उर्वरता, समृद्धि |
सफेद रंग | पवित्रता, खुलापन, मासूमियत, विलासिता |
पीला | आशावादी, खुलापन, अध्ययन, बुद्धिमत्ता |
नारंगी | आध्यात्मिकता, शक्ति, दृढ़ संकल्प, लक्ष्य, अच्छा स्वास्थ्य, आराम |
भूरा रंग | स्थिरता, संतुष्टि, आराम |
बैंगनी | धन-दौलत, विलासिता, शालीनता, गर्व |
काला | उदास और नकारात्मक ऊर्जा
|
अलग-अलग दिशा के लिए वास्तु के अनुसार दीवार का रंग
दिशा | किस ग्रह का शासन | रंग |
ईशान कोण | बृहस्पति ग्रह | हल्का नीला, पीला रंग |
पूर्व दिशा | सूर्य देव | सफेद, हल्का नीला रंग |
दक्षिण पूर्व दिशा | शुक्र ग्रह | नारंगी, गुलाबी, चांदी रंग |
उत्तर दिशा | बुध ग्रह | हरा, पिस्ता हरा, हल्का नीला रंग |
उत्तर-पश्चिम दिशा | चंद्र देव | वास्तु के अनुसार, हल्का ग्रे रंग, सफेद, क्रीम कलर हो सकता है। |
पश्चिम दिशा | शनि ग्रह | वास्तु के अनुसार, पश्चिम की दीवार का रंग नीला, सफेद, ग्रे हो सकता है। |
दक्षिण पश्चिम दिशा | राहु | आड़ू, कीचड़ रंग या हल्का भूरा रंग |
दक्षिण दिशा | मंगल ग्रह | लाल, मूंगा लाल, गुलाबी और पीला रंग |
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घर के विभिन्न हिस्सों के लिए वास्तु अनुसार रंग
नीचे उन रंगों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जिन्हें वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अलग-अलग हिस्सों में उपयोग करना शुभ माना जाता है।
बाहरी दीवारों का रंग
- वास्तु के अनुसार, घर की बाहरी दीवारों पर हल्का पीला-सा, सफेद, ऑफ-व्हाइट, हल्का बैंगनी (लाइट मौव) या जंग जैसा नारंगी (रस्ट ऑरेंज) रंग शुभ माना जाता है।
मुख्य द्वार / प्रवेश द्वार का रंग
- घर के मेन गेट के लिए सौम्य और शांत रंगों का चुनाव करें, जैसे – सफेद, चांदी जैसा रंग (सिल्वर) या लकड़ी जैसे प्राकृतिक शेड रंग। ये रंग ड्राइंग रूम के कलर कॉम्बिनेशन से मेल खाते हों। यदि आपका घर में मेन गेट दक्षिण दिशा की ओर है, तो मूंगा लाल (कोरल रेड) या गुलाबी रंग का उपयोग करना शुभ होता है।
- वास्तु नियमों के मुताबिक, हरा रंग काफी शुभ माना गया है। हरा रंग न केवल शांति देता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी प्रदान करता है। इस रंग से उपचार, विकास के साथ-साथ नवीनता का भी संकेत मिलता है। हरे रंग का प्रयोग गुस्से और मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- घर के मेन गेट पर काले और गहरे भूरे (डार्क ब्राउन) रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए। वास्तु के अनुसार ये रंग घर में समृद्धि और सफलता के मार्ग में बाधा पैदा कर सकता है।
वास्तु के अनुसार, रसोई घर के लिए सबसे अच्छा रंग
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर के लिए नारंगी और लाल रंग सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि रसोई अग्नि तत्व का प्रतीक होती है। यह रंग गर्मजोशी से भरपूर होता है, जो गुलाबी प्रेम और स्नेह का संकेत देता हैं, जबकि भूरा रंग संतोष का प्रतीक है और रसोई के लिए अच्छा माना जाता है।
- घर में दक्षिण-पूर्व दिशा रसोई के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यदि रसोई घर में अलमारियां भी रखी हैं तो वास्तु के अनुसार नींबू जैसा पीला, नारंगी या हरा रंग भी उपयुक्त होता है, क्योंकि ये रंग ताजगी, स्वस्थ्य जीवन और सकारात्मकता का प्रतीक होता हैं।
- रसोई घर में स्लैब के लिए प्राकृतिक पत्थर जैसे ग्रेनाइट या क्वार्ट्ज का उपयोग करना उत्तम रहता है।
- वास्तु के अनुसार, किचन काउंटरटॉप्स के लिए नारंगी, पीला और हरा रंग शुभ माने जाते हैं। फर्श के लिए मोजेक, संगमरमर या सिरेमिक टाइल्स का चयन करें। वास्तु के अनुसार, रसोई के फर्श के लिए हल्के रंग जैसे बेज, सफेद या हल्का भूरा सबसे बेहतर माने जाते हैं।
रसोई में कौन-से कलर नहीं करने चाहिए
- रसोई घर किसी भी घर का दिल होता है, इसलिए किचन में हमेशा ऐसे रंगों का उपयोग करन चाहिए, जो सुकून और आमंत्रण का अहसास कराएं, ना कि तनाव और बेचैनी पैदा करें। हालांकि नीयॉन जैसे तेज और चटक रंग किसी कमरे की रूपरेखा पूरी तरह बदल सकते हैं, लेकिन ये रंग किचन के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं माने जाते। इसके अलावा रसोई घर में काला और गहरा नीला (नेवी ब्लू) कलर भी उपयोग में नहीं लाना चाहिए, क्योंकि ये रसोई को संकुचित और घुटन भरा बना सकते हैं।
वास्तु के अनुसार, घर में हॉल का रंग
- हर घर में बैठक कक्ष यानी लिविंग रूम ऊर्जा का केंद्र होता है। वास्तु के अनुसार, इस रूम की दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) में होनी चाहिए। चूंकि यह स्थान मेहमानों के साथ मेल-मिलाप के लिए होता है, इसलिए यहां ऐसे रंगों का उपयोग करना चाहिए जो गर्मजोशी से भरे हो और साथ में स्वागत का भी अहसास कराएं।
- यदि आपके घर में हॉल उत्तर-पूर्व दिशा में है तो वास्तु के अनुसार इसकी दीवारों को पीले या सफेद रंग में रंगना शुभ होता है। इसके अलावा हरे, नीले या सफेद जैसे शांत और सौम्य रंग भी उपयोग किए जा सकते हैं, जो संवाद, प्रसन्नता, विकास और सामंजस्य को बढ़ावा देते हैं। घर में हॉल एक स्थान ऐसा होना चाहिए, जहां मन को शांति मिले, इसलिए बहुत चटकीले या तीव्र रंगों से बचना चाहिए।
- गहरा लाल, काला और गाढ़ा स्लेटी जैसे रंग तनाव, कलह और पारिवारिक विवादों का कारण बनते हैं। ऐसे में हॉल में इन रंगों का उपयोग करना अशुभ हो सकता है।
छत
वास्तु शास्त्र के अनुसार, छत का रंग हल्का होना चाहिए। छत केलिए सफेद रंग सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मकता को दूर करता है। वास्तु एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि यदि आपने घर की छत का रंग गहरा करवाया है तो उसे सफेद या हल्के पेस्टल रंगों में फिर से रंगवाना चाहिए।
छत पर सफेद रंग खुलापन, पवित्रता, स्वच्छता और भव्यता का प्रतीक माना जाता है। वास्तु के अनुसार, गहरे रंगों की छत अनुचित मानी जाती है, क्योंकि यह घुटन का अहसास कराती है और नकारात्मकता को बढ़ावा देती है।
डाइनिंग एरिया
घर में डाइनिंग एरिया वह स्थान होती है, जहां परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। वास्तु के अनुसार, इस स्थान के लिए पीच, पीला, हल्का नारंगी और नीला जैसे गर्म और सौम्य रंग सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।
बच्चों के कमरे का रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे में रंगों का चयन बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए। यदि आपका बच्चा अभी छोटा है तो फिर हल्के पेस्टल रंग का चुनाव करना चाहिए, जो बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यदि आपका बच्चा बड़ा हो गया है और उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने वाले हैं तो उनके लिए उत्तर-पश्चिम दिशा को अच्छा माना जाता है। उत्तर-पश्चिम दिशा चंद्रमा द्वारा शासित होती है, इसलिए वास्तु के अनुसार इस दिशा में बच्चों के कमरे को सफेद रंग से रंगना चाहिए।
स्टडी रूम का रंग
यदि आपके पास घर या कार्यालय में अध्ययन कक्ष है तो इसके लिए वास्तु रंगों के अनुसार हल्के हरे, नीले, क्रीम और सफेद जैसे रंगों का चयन करना चाहिए। स्टडी रूम में सुनहरे, पीले, भूरे और हल्का हरा रंग स्थिरता देता है। इन रंगों के आपके काम की उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है और कमरा बड़ा दिखने का आभास होता है।
घर की सीढ़ियां
वास्तु के अनुसार, घर की सीढ़ियों के लिए बेज, ओक लकड़ी जैसा रंग और सफेद रंग सबसे शुभ माने जाते हैं। इनसे न सिर्फ सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि घर में सौंदर्य और शांति का अनुभव भी होता है। वहीं गहरे रंग जैसे लाल, काला और गहरा नीला रंग सीढ़ियों पर लगाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मकता को आकर्षित कर सकते हैं।
वास्तु के अनुसार, बेडरूम का रंग
- बेडरूम एक ऐसा स्थान होता है, जहां शरीर और मन को आराम मिलता है, इसलिए वास्तु के अनुसार, मास्टर बेडरूम का रंग शांतिपूर्ण और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होना चाहिए।
- वास्तु नियमों के मुताबिक, नीला रंग सुंदरता, ईमानदारी और संतोष का प्रतीक माना जाता है, जो मन को शांति देता है। वहीं हरा रंग ताजगी और नवचेतना का प्रतीक है, जो कमरे में नई ऊर्जा भरता है। पीला रंग, प्रसन्नता और गर्मजोशी का भाव लाता है, जबकि गुलाबी रंग सौहार्द और सकारात्मकता को प्रोत्साहित करता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और सुकून का प्रतीक है, जो हर समय उपयुक्त माना जाता है। आधुनिक साज-सज्जा में नीला-हरा रंग संतुलन और शीतलता का अनुभव कराता है, वहीं लैवेंडर कलर अपने शांतिदायक गुणों के लिए जाना जाता है।
- इसके अलावा चारकोल जैसा रंग को काले रंग का ऑप्शन माना जाता है। वास्तु के अनुसार, बेडरूम के लिए यह रंग उपयुक्त नहीं माना जाता है, क्योंकि इस रंग को थकान बढ़ाने वाला माना जाता है। बेडरूम में हमेशा डार्क कलर के उपयोग से बचना चाहिए, क्योंकि वे मन पर भारी पड़ सकते हैं और नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
गेस्ट रूम के लिए वास्तु अनुसार रंग
- यदि आपके घर में अतिथि कक्ष उत्तर-पूर्व दिशा में है तो हल्का नीला रंग सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह शांति और सकारात्मकता लाता है।
- दक्षिण दिशा में स्थित अतिथि कक्ष के लिए हल्के गुलाबी, बैंगनी, लाल या नारंगी रंग का चयन करें। ये रंग ऊर्जा और आत्मीयता का प्रतीक होते हैं।
- पूर्व दिशा में गेस्ट रूम हो तो हरे या भूरे रंग का उपयोग करना शुभ माना जाता है। ये रंग प्राकृतिक संतुलन और स्फूर्ति प्रदान करते हैं।
- यदि घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा में गेस्ट रूम बना हुआ है तो इसके लिए पीला, क्रीम या बेज कलर सबसे उचित होता है। ये रंग स्थिरता और स्वागत का भाव पैदा करते हैं।
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बालकनी या बरामदे के लिए वास्तु-अनुकूल रंग
वास्तु के अनुसार, बालकनी या बरामदे के लिए घर की उत्तर या पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। यह वह स्थान होता है, जहां घर के लोग बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं, इसलिए यहां शांत और सुकून देने वाले रंगों का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। बालकनी या बरामदे के लिए नीला, क्रीम, हल्का गुलाबी और हल्का हरा जैसे सौम्य रंग अत्यंत उपयुक्त माने जाते हैं।
गैराज के लिए वास्तु-अनुसार रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गैराज के लिए उत्तम दिशा उत्तर-पश्चिम (नॉर्थ-वेस्ट) होती है। इस स्थान पर हल्के और उजले रंगों का प्रयोग करना बेहतर होता है, जैसे सफेद, पीला, हल्का नीला रंग आदि। यदि आपके घर के बाहर सिक्योरिटी केबिन है तो उसके लिए नीला रंग एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है, जो सुरक्षा और शांति दोनों का प्रतीक होता है।
वास्तु के अनुसार, रूम की दीवारों का रंग
कमरा | वास्तु के अनुसार दीवार के रंग | वास्तु के अनुसार दीवारों पर इन रंगों का प्रयोग न करें |
घर का बाहरी हिस्सा |
पीला-सफेद, हल्का बैंगनी, हल्का बैंगनी | काला |
मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार | सफेद, चांदी या लकड़ी के रंग का उपयोग | लाल, गहरा पीला |
घर की छत | सफेद या हल्का सफेद | काला और ग्रे |
ड्राइंग या लिविंग रूम | सफेद पीला | ज्यादा गहरा रंग |
डाइनिंग रूम |
हरा, नीला या पीला रंग | स्लेटी |
रसोई घर | नारंगी या लाल | गहरा ग्रे, नीला, भूरा और काला |
पूजा कक्ष | पीला | लाल |
स्टडी रूम | हल्का हरा, नीला, क्रीम या सफेद | भूरा, ग्रे |
मास्टर बेडरूम | नीला | लाल रंग के गहरे शेड |
अतिथि का कमरा | सफेद | लाल रंग के गहरे शेड |
बच्चों का कमरा | सफेद | गहरा नीला और लाल |
बाथरूम | सफेद | किसी भी रंग के गहरे शेड |
बालकनी या बरामदा | नीला, क्रीमी कलर, गुलाबी और हरे रंग का प्रयोग | धूसर काला लगाने से बचें |
गैरेज | सफेद, पीला, नीला | काला और भूरा रंग |
सीढ़ी | सफेद, बेज, भूरा, हल्का ग्रे, हल्का नीला | लाल और काला |
इस चार्ट को वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के रंगों के लिए एक त्वरित संदर्भ के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन हर रंग हर व्यक्ति के अनुकूल नहीं होता। A2ZVastu.com के संस्थापक और सीईओ विकास सेठी के अनुसार, वास्तु के अनुसार रंगों का चयन करना, घर की दिशा और गृहस्वामी की जन्म-तिथि के आधार पर किया जाना चाहिए।
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घर की मरम्मत के लिए वास्तु सुझाव
यदि आप अपने घर की मरम्मत या नवीनीकरण की योजना बना रहे हैं तो इसे इस तरह से करें कि आपके घर की प्राकृतिक ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो। घर के रिनोवेसन की प्लानिंग करते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। यहां कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स दिए गए हैं –
- उत्तर-पूर्व कोण को न तोड़ें: घर की उत्तर-पूर्व दिशा समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है, इसलिए मरम्मत के दौरान इस हिस्से को तोड़ने या बदलने से बचना चाहिए।
- दक्षिणमुखी घरों के लिए उपाय: अगर आपका घर दक्षिणमुखी है और आप उसमें मरम्मत करा रहे हैं तो उसमें चमकीले रंगों का प्रयोग करें और शीशों को इस प्रकार लगाएं कि वे सकारात्मक ऊर्जा को प्रतिबिंबित करें।
- पंचतत्वों का संतुलन बनाए रखें: मरम्मत करते समय पंचतत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश का संतुलन बनाए रखना बेहद आवश्यक है। उदाहरण के लिए, घर की उत्तर दिशा में जल तत्व जैसे फव्वारा या एक्वेरियम लगाएं, लेकिन इसे दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए।
वास्तु अनुसार, घर में परदों का रंग
- लिविंग रूम: लिविंग रूम में परदों के लिए ऐसे रंग शुभ माने जाते हैं, जो ऊर्जा और प्रसन्नता को आकर्षित करें। बेज कलर या नीला, पीला और गुलाबी रंग के परदे नकारात्मकता को दूर करते हैं और घर के माहौल में सकारात्मक ऊर्जा भर देते हैं।
- डाइनिंग रूम: डाइनिंग रूम में हरा, गुलाबी और नीला रंग विशेष रूप से फायदेमंद होता है। हरा रंग आशा और सामंजस्य का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग नई शुरुआत का संकेत देता है और गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
- बेडरूम: बेडरूम के लिए हल्के रंग के परदे जैसे सफेद, ऑफ-व्हाइट, गुलाबी और गुलाब या लाल रंग उचित माना जाता है। ये रंग मन को शांत रखते हैं और गहरी नींद और मन के शांत रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
वास्तु के अनुसार घर के लिए रंग: दिशाओं के अनुसार फर्श के लिए सबसे उचित रंग
- वास्तु के अनुसार, घर की फर्श (फ्लोरिंग) का रंग हल्का, मद्धम और सौम्य होना चाहिए।
- वास्तु में सफेद संगमरमर या ग्रेनाइट को आदर्श माना गया है, क्योंकि ये घर में शांति और सकारात्मकता का संचार करते हैं।
- उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लकड़ी की फर्श का उपयोग भी शुभ फल देने वाला माना जाता है।
- उत्तर-पूर्व दिशा में नीले रंग की हल्की छाया वाली फ्लोरिंग करना भी लाभकारी होता है।
- इसके अलावा दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल या गुलाबी रंग की फ्लोरिंग को शुभ माना जाता है।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित कमरों की फर्श के लिए पीले रंग के विभिन्न शेड उपयुक्त माने जाते हैं।
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वास्तु के अनुसार, घर की आधुनिक सजावट
अगर आप घर की सजावट में आधुनिकता के साथ-साथ वास्तु सिद्धांतों या नियमों का भी समावेश करना चाहते हैं तो आप टेक्सचर, सजावटी वस्तुएं और रोशनी का समझदारी से उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, आप घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा की दीवारों पर हल्के नेचुरल टेक्सचर जैसे लकड़ी या पत्थर का उपयोग करके घर को एक आकर्षक और शालीनता भरा लुक दे सकते हैं।
- टेक्सचर: घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा की दीवारों पर पत्थर, लकड़ी या मिट्टी जैसे टेक्सचर का प्रयोग करें। इसके अलावा आप फूलों की आकृतियां या ज्यामितीय डिजाइन भी शामिल कर सकते हैं।
- रोशनी: बेडरूम में पीच या बेज जैसे कोमल रंगों को और निखारने के लिए प्रकाश (warm lighting) का उपयोग करें। इससे कमरे में सौम्यता और शांति का अनुभव होगा।
- सजावटी वस्तुएं: गलीचे, कुशन और परदों को घर के इंटीरियर के कलर कॉम्बिनेशन के साथ मेल करते हुए चुनें। इससे पूरे घर का लुक संतुलित और सुरुचिपूर्ण लगेगा।
ऋतुओं के अनुसार वास्तु में बदलाव
ऋतुओं के अनुरूप अपने घर में वास्तु बदलाव करना न केवल इसे नया रूप देता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा को भी बनाए रखता है।
- मौसम के अनुसार परदे, चादरें, थ्रो, कुशन कवर और गलीचों को बदलें ताकि घर का माहौल उस ऋतु की ऊर्जा और रंगों को दर्शाए।
- त्योहारों के दौरान आप पारंपरिक वास्तु रंगों के साथ मेटैलिक शेड्स का उपयोग भी कर सकते हैं, जिससे सजावट में एक नई चमक का अहसास होता है।
वास्तु के अनुसार, पेंटिंग्स के रंगों के लिए टिप्स
- वास्तु शास्त्र में दीवारों के रंग जितने महत्वपूर्ण हैं, उतनी ही अहमियत उन पर लगी तस्वीरों और पेंटिंग्स की भी होती है। घर में उत्तर दिशा वाला हिस्सा करियर से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस दिशा में समुद्र, नदी, झरने या फव्वारे जैसे जल तत्व से जुड़े नीले रंग की पेंटिंग लगाने से धन और भाग्य में वृद्धि होती है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जल से संबंधित कोई भी तस्वीर या पेंटिंग बेडरूम में न लगाएं। उत्तर दिशा की दीवार पर रास्ता या सड़क दर्शाती हुई कोई पेंटिंग लगाने से करियर में नए अवसरों के द्वार खोल सकती है।
- घर में ऐसी तस्वीरें या पेंटिंग्स लगाना सर्वोत्तम रहता है, जो प्रकृति से जुड़ी हों या जिनमें प्राकृतिक दृश्यों की झलक हो, क्योंकि ऐसी छवियां मानसिक रूप से सुकून देने वाली होती हैं और चिकित्सा के समान प्रभाव डालती हैं।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा सूर्यदेव की दिशा मानी जाती है और दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी होती है। ऐसे में उगते हुए सूर्य की (पीले या नारंगी रंग की) या हरियाली वाली पेंटिंग्स को पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाया जा सकता है। दक्षिण दिशा पृथ्वी तत्व से जुड़ी होती है, जो स्थिरता का प्रतीक है। इस दिशा की ऊर्जा को सशक्त करने के लिए पहाड़ों या पूरी तरह विकसित वृक्षों की पेंटिंग्स भूरे रंग के फ्रेम में सजाकर लगाना फायदेमंद होता है।
वास्तु के अनुसार, घर में पौधों के गमलों के रंग
- अगर आप उत्तर दिशा में पौधे लगाना चाहते हैं तो उन्हें नीले, स्लेटी (ग्रे) या काले रंग के गमलों में लगाना शुभ माना जाता है।
- पूर्व दिशा में हरे रंग के गमलों में लगे पौधे घर के सदस्यों की व्यक्तिगत और पेशेवर प्रगति में सहायक होते हैं। इसके अलावा भूरे रंग के गमलों को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में रखकर इनमें फूलों वाले पौधे लगाने से घर में प्रसन्नता और सकारात्मकता आती है।
- दक्षिण-पूर्व दिशा में लाल रंग के गमलों को रखना चाहिए और इस दिशों में रखे गए पौधे घर के लोगों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाते हैं और उन्हें सुरक्षा की भावना देते हैं।
वास्तु के अनुसार, प्रकाश का रंग
दिशा | प्रकाश का रंग |
ईशान कोण | नीला रंग |
दक्षिण पश्चिम दिशा | पीला रंग |
उत्तर पश्चिम दिशा | सफेद रंग |
दक्षिण पूर्व दिशा | लाल रंग |
इसी तरह आप हर कमरे के लिए अलग-अलग तरह की लाइट का उपयोग कर सकते हैं। बेडरूम में बेज या पीच जैसे रंगों का उपयोग एक सुकून भरा अहसास देता है। इसके अलावा रसोई घर में चमकदार सफेद रंग का प्रयोग हमेशा बेहतर माना जाता है।
वास्तु और घर की डिजाइन में प्राकृतिक रोशनी का प्रभाव
- जब भी घर की डिजाइन तैयार करें तो इस बात का ध्यान रखें कि घर के अंदर अधिक से अधिक प्राकृतिक रोशनी आए।
- हर कमरे में पहुंच रही धूप की मात्रा के अनुसार, वहां इस्तेमाल किए गए रंगों का प्रभाव अलग दिखाई दे सकता है। हल्के रंग जब प्राकृतिक रोशनी के साथ मिलते हैं तो कमरा ज्यादा खुला और बड़ा लगता है। वहीं गहरे रंग धूप के साथ मिलकर कमरे में गर्मजोशी और अपनापन देने वाला माहौल तैयार करते हैं।
- घर की डिजाइन तैयार करते समय कलर कॉम्बिनेशन भी बहुत जरूरी होता है। जिन कमरों में भरपूर धूप आती है वहां गहरे रंग अच्छे लगते हैं, लेकिन जिस कमरे में धूप कम आती है, वहां पर गहरे रंगों का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे कमरा और भी छोटा और बंद-बंद महसूस होता है। छोटे या सीमित जगह वाले कमरों में हल्के रंग इस्तेमाल करें, ताकि वो ज्यादा खुले और बड़े नजर आएं।
- अगर आप किसी कमरे को बड़ा दिखाना चाहते हैं तो उसकी दीवारों पर हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए।
- पूरे घर में एक ही रंग का उपयोग करने के बजाय हर कमरे की जरूरत और उपयोगिता के हिसाब से रंग चुनना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के किसी भी हिस्से में काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
घर में वास्तु दोष और उनके उपाय
- अगर घर का मेन गेट गलत दिशा में बना हो तो शुभ प्रतीकों जैसे स्वस्तिक या वास्तु पिरामिड का प्रयोग कर इस दोष को कम किया जा सकता है।
- यदि रसोई गलत दिशा में स्थित है तो दक्षिण-पूर्व कोने में लाल या पीले रंग का कपड़ा रखने से दिशा संबंधित दोष को संतुलित किया जा सकता है। यह कपड़ा नकारात्मक ऊर्जा को सोखने का काम करता है और रसोई के वास्तु दोष को शांत करने में सहायक होता है।
- अगर आपके बेडरूम में ऐसा आईना है, जो सीधे आपके बिस्तर की ओर देखता है तो यह ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकता है और आपकी नींद में खलल डाल सकता है। इसका सरल उपाय यह है कि उस दर्पण को एक कपड़े से ढक दिया जाए।
- यदि घर में ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा को काफी शुभ माना जाता है और इस दिशा में यदि गलती से शौचालय निर्मित हो गया है तो उसे तोड़ने की बजाय आप वहां नमक का कटोरा रख सकते हैं। वास्तु सिद्धांतों के मुताबिक, यह नमक उस क्षेत्र की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है। साथ ही उस क्षेत्र को हल्के रंगों फिर से कलर करवा सकते हैं, जिससे वास्तु दोष दूर हो जाता है।
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सभी तरह के रंग हमारी भावनाओं और सेहत पर महत्वपूर्ण असर डालते हैं। भारतीय वास्तु शास्त्र के आधार पर आप अपने घर को अनुकूल रंगों से साथ सजा सकते हैं, जो आपके घर में सकारात्मकता ला सकते हैं। घर के लिए रंगों का चयन करते समय संतुलन बनाना बेहद जरूरी है। इस बात पर भी ध्यान दें कि वास्तु शास्त्र हमेशा प्राकृतिक तत्वों को प्राथमिकता देता है, इसलिए वास्तु के सिद्धांतों का पालन करते समय कृत्रिम रंगों के बजाय प्राकृतिक रंगों को प्राथमिकता दें। कृत्रिम रंग सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावी रूप से संचारित नहीं कर पाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
वास्तु और वास्तु शास्त्र का क्या मतलब है?
वास्तु उस जगह को कहते हैं, जहां आप रहते हैं और वास्तु शास्त्र उन नियमों का संग्रह है, जो शांति और समृद्धि के लिए भवन निर्माण के तरीके बताते हैं।
वास्तु के अनुसार, शुभ रंग कौन से हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार सफेद, हरा, नीला और पीला रंग घर के लिए शुभ माने जाते हैं।
नीला रंग घर के लिए कैसे फायदेमंद है?
पूर्व दिशा की ओर वाले कमरों में नीला रंग लाभदायक होता है।
वास्तु के अनुसार, रसोई की दीवारों का सबसे अच्छा रंग कौन सा है?
रसोई की दीवारों के लिए नारंगी, भूरा, सफेद, पीला और हरा रंग वास्तु के अनुसार उपयुक्त और गर्माहट वाले माने जाते हैं।
रसोई में कौन से रंग नहीं होने चाहिए?
वास्तु के अनुसार, रसोई में काला, गहरा भूरा, गहरा नीला, गहरा ग्रे और बैंगनी रंग नहीं होना चाहिए।
बेडरूम में कौन से रंग नहीं होने चाहिए?
लाल, बैंगनी, काला और भूरा रंग बेडरूम के लिए ठीक नहीं माने जाते क्योंकि ये दिल की धड़कन बढ़ाते हैं और नींद पर असर डालते हैं।
खुशी देने वाले रंग कौन से हैं?
खुशी देने वाले रंग हल्के और चमकीले होते हैं जैसे पीला, आड़ू, गुलाबी, नारंगी और हल्का बैंगनी।
वास्तु के अनुसार, अच्छे सोफे का रंग कौन सा है?
वास्तु के अनुसार, सफेद या नीला रंग सोफे के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि ये स्पष्टता और शुद्धता का प्रतीक हैं।
वास्तु के अनुसार, छत का रंग क्या होना चाहिए?
छत के लिए हल्के और तटस्थ रंग, जैसे सफेद या क्रीम, वास्तु के अनुसार अच्छे माने जाते हैं।
वास्तु के अनुसार, घर में कौन से पौधे रखना चाहिए?
मनी प्लांट, लकी बांस, तुलसी और पीस लिली जैसे पौधे घर में रखना शुभ माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर का सबसे अच्छा रंग कौन सा है?
पीला रंग पूजा घर के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में कौन से रंगों से बचना चाहिए?
पूजा घर में लाल रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लिविंग रूम में दीवारों के लिए कौन सा रंग अच्छा है?
लिविंग रूम के लिए पीला रंग अच्छा होता है क्योंकि यह खुशी का प्रतीक है। शयनकक्ष के लिए सफेद या ऑफ-व्हाइट रंग की सलाह दी जाती है।
क्या ग्रे रंग वास्तु के अनुसार अच्छा है?
ग्रे कलर नकारात्मक ऊर्जा लाता है, इसलिए इसे लिविंग रूम में उपयोग नहीं करना चाहिए।
पश्चिम दिशा की दीवार का रंग वास्तु के अनुसार कौन सा होना चाहिए?
पश्चिम दिशा की दीवार का रंग नीला या सफेद होना चाहिए।
दक्षिण दिशा की दीवार का रंग वास्तु के अनुसार कौन सा होना चाहिए?
दक्षिण दिशा की दीवार का रंग नारंगी या लाल होना चाहिए।
शयनकक्ष के वास्तु रंग कौन से होने चाहिए?
शयनकक्ष के लिए नीला या हरा रंग उपयुक्त माना जाता है।
हॉल का रंग वास्तु के अनुसार कैसा होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार, हॉल का रंग पीला या सफेद होना चाहिए।
(पूर्णिमा गोस्वामी शर्मा और अरुणा राठौड़ के इनपुट्स के साथ)
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