लोग आमतौर पर मानते हैं कि वे कितनी भी प्रॉपर्टीज ले सकते हैं, लेकिन एक समय पर एक से ज्यादा होम लोन नहीं ले सकते। यह सच नहीं है। जैसे आपके द्वारा ली जाने वाली प्रॉपर्टीज पर कोई प्रतिबंध नहीं है, उसी तरह आप घरों पर कितने भी होम लोन लेकर टैक्स बचा सकते हैं, इस पर भी पाबंदी नहीं है। एक साथ ली गई सभी संपत्तियों के लिए जो आप होम लोन राशि लेते हैं, वह आपकी कमाई और लोन चुकाने की क्षमता पर निर्भर करता है।
ब्याज भुगतान पर टैक्स में फायदा:
धारा 24 बी के तहत किसी भी संपत्ति की खरीद, निर्माण, मरम्मत या रेनोवेशन के लिए आप लोन पर ब्याज के लिए कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर आपके पास सिर्फ एक ही रिहायशी संपत्ति है, जिसमें आप रह रहे हैं तो उसके लिए लोन पर ब्याज चुकौती पर अधिकतम कटौती का दावा 2 लाख सालाना तक ही सीमित है। लेकिन अगर पैसा 1 अप्रैल 1999 के बाद लिया गया है और प्रॉपर्टी की कंस्ट्रक्शन पैसे लेने के वित्त वर्ष से लेकर अगले पांच वर्षों में भी पूरा नहीं होता तो ब्याज के संबंध में कटौती पर दावा 30 हजार तक सीमित रह जाएगा।
अगर आपने कोई संपत्ति छोड़ दी है या प्रॉपर्टी आपकी है तो एेसी संपत्ति के संबंध में मिले रेंट पर चुकाए गए पूरे ब्याज पर दावा कर सकते हैं। हालांकि अगर आपके पास एक से ज्यादा घर हैं और एक से ज्यादा घरों में आप रह रहे हैं तो आपको कोई एक घर ही एेसा दिखाना पड़ेगा, जिसमें आप रह रहे हैं। जबकि बाकी घरों को किराये पर माना जाएगा। तो एक बार अगर एेसी किसी संपत्ति को किराये पर माना गया तो आप चुकाए गए पूरे ब्याज पर टैक्स छूट पा सकते हैं।
जिस रिहायशी या कमर्शियल प्रॉपर्टी पर आपका हक है, उस पर ब्याज चुकौती पर कटौती उपलब्ध रहेगी। अगर आपने बैंक/हाउसिंग कंपनी, दोस्त या रिश्तेदारों से मरम्मत, खरीददारी, पुनर्निर्माण के मकसद से घर खरीदा है तब भी यह उपलब्ध रहेगी। जिस साल घर का निर्माण पूरा हो गया है और घर का पोजेशन मिल गया है, उसकी निर्माण अवधि के दौरान किसी भी ब्याज का भुगतान पांच किश्तों में किया जा सकता है।
प्रिंसिपल अमाउंट चुकाने पर होने वाला टैक्स फायदा:
धारा 80 सी के प्रावधानों के मुताबिक आप खास संस्थानों से लिए गए होम लोन के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक का दावा कर सकते हैं, जिसमें घर का रजिस्ट्रेशन और स्टैंप ड्यूटी की लागत शामिल है। हालांकि आप एक से ज्यादा संपत्ति के लिए होम लोन ले सकते हैं, लेकिन कटौती की रकम 1.5 लाख रुपये तक सीमित होगी। कटौती की कुल राशि में प्रॉविडेंट फंड, लाइफ इंश्योरेंश प्रीमियम, ट्यूशन फीस, पीपीएफ कंट्रीब्यूशन, एनएससी, ईएलएसएस शामिल है।
प्रॉपर्टी की पोजेशन लेने के बाद ही आप कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर आपने होम लोन की मूल राशि पोजेशन लेने से पहले ही चुकानी शुरू कर दी है तो आपको फायदे नहीं मिलेंगे। यह भी ध्यान रखें कि आपके दोस्तों और रिश्तेदारों से लिए गए लोन की चुकौती इस कटौती के लिए योग्य नहीं है।