भारत के टियर 2 शहर: क्या साल 2022 में इन शहरों के रियल स्टेट बाजार में तेजी आएगी?

विशेषज्ञ मानते हैं कि भले ही भारत में टियर 1 शहर लगातार विकसित हो रहे हैं, लेकिन भारत के टियर 1 शहरों और टियर 2 शहरों के बीच तुलना करने पर यह बात सामने आती है कि भारत के टियर 2 शहर भविष्य में सामान्य रूप से अर्थव्यवस्था के विकास, और खास तौर पर रियल्टी बाजार के विकास में सबसे अहम भूमिका निभाएंगे।

कोरोना वायरस महामारी के दौर में भारत के लगभग सभी तरह के व्यवसायों में वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) का चलन शुरू हुआ, और लोगों के साथ-साथ व्यवसायों को भी इसका फायदा मिला। इस सुविधा के चलते भारत में घर से काम करने वाले लोग बड़े पैमाने पर टियर 2 शहरों का रुख कर रहे हैं। देश के टियर 2 शहरों में रहन-सहन पर होने वाला खर्च काफी कम है, साथ ही यहाँ कामकाज और निजी जिंदगी के बीच संतुलन बनाना भी आसान है। इसके अलावा, इन शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर भी लगातार बेहतर हो रहा है और पिछले एक दशक में घरों की कीमतों में भारी उछाल के बावजूद, बड़े शहरों की तुलना में यहाँ घर बेहद किफायती दरों पर उपलब्ध हैं। इसी वजह से देश के रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी भारत के इन टियर 2 शहरों पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है, क्योंकि अब तक नज़रअंदाज़ किए गए इन बाजारों में काफी संभावनाएं मौजूद हैं।

Table of Contents

मिसाल के तौर, पर्यटक स्थल के रूप में मशहूर गोवा राज्य में सरकार सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के साथ मिलकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है, ताकि इस क्षेत्र में सॉफ्टवेयर निर्यात को सुविधाजनक बनाया जा सके और यहाँ टेक एंटरप्रेन्योरशिप (तकनीकी उद्यमिता) को बढ़ावा दिया जा सके। अगर टेक कंपनियों के बीच लोकेशन को लेकर संदेह मिट जाए, तो गोवा जैसे विकल्प भी बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित कर सकते हैं। देश के दूसरे कई राज्य भी मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत अपने प्रमुख टियर 2 शहरों में विनिर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं। विश्लेषक मानते हैं कि, भारत में इस तरह के टियर 2 शहर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हिस्सा बनने के साथ-साथ भविष्य में अर्थव्यवस्था के विकास में बड़ा योगदान दे सकते हैं, और रियल एस्टेट बाजार आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं।

 

Will-2021-be-the-year-of-real-estate-in-tier-2-cities

यह भी देखें: घर से काम करने की सुविधा के चलते टियर-2 शहरों में प्रॉपर्टी की मांग बढ़ गई है

 

भारत में टियर 1 शहर, भारत में टियर 2 शहर और भारत में टियर 3 शहर कौन से हैं?

टियर 1 और टियर 2 शहर का क्या मतलब है? सरकार ने भारत के शहरों को जनसंख्या घनत्व के आधार पर X (टियर 1 शहर), Y (टियर 2 शहर) और Z (टियर 3 शहर) में बाँटा है। इसके अलावा, भारत में टियर 1 शहर दूसरे शहरों की तुलना में ज्यादा विकसित होते हैं जिनमें महानगर में शामिल हैं। इसके बाद विकासशील शहरों की बारी आती है जिन्हें भारत में टियर 3 शहरों का दर्जा दिया गया है। 

भारत में टियर 1 शहरों में 8 महानगर – यानी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, अहमदाबाद और पुणे शामिल हैं। दूसरी ओर, भारत में 104 शहरों को टियर 2 की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बाकी के शहर भारत में टियर 3 शहरों की गिनती में आते हैं।

भारत में टियर 1 शहरों की आबादी काफी घनी होती है और वहाँ रहने का खर्च भी ज्यादा होता है। टियर 1 शहरों में देश के बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, कल-कारखाने, अव्वल दर्जे के मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिक्षा और अनुसंधान संस्थान मौजूद होते हैं। शहरी योजनाकार और अर्थशास्त्री मानते हैं कि, भारत में जिन शहरों को आधिकारिक तौर पर टियर 2 की श्रेणी में रखा गया है, उनमें से कुछ शहर काफी अच्छे हैं तथा टियर 1 शहरों और उनके बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। गुड़गांव, नोएडा, वेल्लोर, कोयंबटूर, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, पटना, राजकोट, गोवा, लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों की आर्थिक गतिविधियों और वहाँ की लाइफस्टाइल से आने वाले कुछ सालों में भारत के टियर 2 शहरों का स्तर और ऊँचा हो सकता है।

यह भी देखें: भारत में रियल एस्टेट कारोबार पर कोरोनावायरस का असर

 

भारत के टियर 2 शहर : फायदे और नुकसान

भारत के टियर 2 शहरों के फायदे भारत के टियर 2 शहरों के नुकसान
बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की कम सुविधा
प्रदूषण का निम्न स्तर बेहद कम आर्थिक गतिविधियाँ
यातायात में कम असुविधा बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की गैर-मौजूदगी
जीवन-यापन पर औसत खर्च रोजगार या नौकरी के कम अवसर
अच्छी गुणवत्ता वाली जिंदगी
रियल एस्टेट की कम कीमतें
कम लागत में कारोबार करने की सुविधा

 

भारत के टियर 2 शहर और भारत के टियर 3 शहर: रियल एस्टेट ट्रेंड

  • छोटे शहरों में संगठित रियल एस्टेट बाजारों का विकास
  • मांग-आपूर्ति असंतुलन में कमी
  • घर से काम करने की सुविधा के साथ क्वालिटी हाउसिंग की बढ़ती मांग
  • यहाँ प्रवासी मजदूरों की समस्या काफी कम है
  • कोविड-19 की वजह से भवन-निर्माण के काम पर कम प्रतिबंध
  • जमीन की कम कीमतों के कारण डेवलपर्स के लिए अधिकतम मुनाफा
  • प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद देश के 10 बड़े शहरों की तुलना में बहुत कम हैं

 

भारत के टियर 1 और टियर 2 शहरों की सूची

भारत के टियर 1 शहर

राज्य भारत के टियर 1 शहर
दिल्ली दिल्ली
महाराष्ट्र मुंबई, पुणे
कर्नाटक बेंगलुरु
गुजरात अहमदाबाद
तमिलनाडु चेन्नई
पश्चिम बंगाल कोलकाता

 

भारत के टियर 2 शहर

राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश भारत के टियर 2 शहर
आंध्र प्रदेश गुंटूर, काकीनाडा, कुर्नूल, नेल्लोर, राजामहेंद्रवरम, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, वारंगल
असम गुवाहाटी
बिहार पटना
चंडीगढ़ चंडीगढ़
छत्तीसगढ दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर और रायपुर
गुजरात अहमदाबाद, भावनगर, जामनगर, राजकोट, सूरत और वडोदरा
हरियाणा गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल
हिमाचल प्रदेश हमीरपुर, शिमला
जम्मू-कश्मीर जम्मू और श्रीनगर
झारखंड बोकारो स्टील सिटी, धनबाद, जमशेदपुर और रांची
कर्नाटक बेलगाम, हुबली-धारबाड़, मैसूर, और मैंगलोर
केरल कन्नूर, कोल्लम, कोझीकोड, कोच्चि, मलप्पुरम, त्रिशूर, तिरुवनंतपुरम और विजयपुरा
मध्य प्रदेश भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, रतलाम और जबलपुर
महाराष्ट्र अमरावती, भिवंडी, जलगांव, नागपुर, नांदेड़, औरंगाबाद, कोल्हापुर, नासिक, सांगली, सोलापुर, वसई-विरार और उज्जैन
उड़ीसा भुवनेश्वर, राउरकेला और कटक
पंजाब अमृतसर, लुधियाना और जालंधर
पांडिचेरी (पुडुचेरी) पांडिचेरी (पुडुचेरी)
राजस्थान अजमेर, बीकानेर, कोटा, जयपुर और जोधपुर
तमिलनाडु कोयम्बटूर, इरोड, मदुरै, तंजावुर, तिरुपुर, तिरुनेलवेली, तिरुवन्नामलाई, तिरुचिरापल्ली, वेल्लोर और सलेम
उत्तर प्रदेश अलीगढ़, आगरा, बरेली, फ़िरोज़ाबाद, गाज़ियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मुरादाबाद, मेरठ, नोएडा, प्रयागराज (इलाहाबाद), गोरखपुर, वाराणसी
उत्तराखंड देहरादून
पश्चिम बंगाल आसनसोल, दुर्गापुर, पुरुलिया, सिलीगुड़ी

 

भारत के टियर 3 शहर

बाकी के सभी शहरों को भारत में टियर 3 शहरों की श्रेणी में रखा गया है।

 

निवेश के लिए भारत के सबसे अच्छे टियर 2 शहरों की सूची

भारत में टियर 2 श्रेणी के कई ऐसे शहर हैं, जो इन्वेस्टमेंट यानी निवेश के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं। देश के प्रमुख शहरों के तेजी से शहरीकरण और रियल एस्टेट की बढ़ती मांग की वजह से, टियर 2 शहर धीरे-धीरे काफी अच्छे रियल एस्टेट डेस्टिनेशन बनते जा रहे हैं।

कोयम्बटूर

तमिलनाडु के चेन्नई और मदुरै जैसे शहरों के साथ-साथ कोयम्बटूर भी काफी लोकप्रिय टियर 2 शहर है। यह शहर कल-कारखानों और शिक्षा के बड़े केंद्रों में से एक, जहाँ रोजगार के ज्यादा अवसर और किफायती आवास के ढेर सारे विकल्प उपलब्ध हैं।

जयपुर

राजस्थान के टियर 2 शहरों में जयपुर काफी लोकप्रिय है, जहाँ कई तरह के माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज मौजूद हैं, साथ ही यहाँ आईटी हब की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। यहाँ किफायती आवासीय इकाइयों के साथ-साथ रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश के अनगिनत विकल्प उपलब्ध हैं।

वडोदरा

वडोदरा गुजरात का तीसरा सबसे बड़ा शहर है, साथ ही यह एक बड़ा औद्योगिक केंद्र भी है। इस शहर में आवास के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं, जिनमें किफायती मकानों के साथ-साथ लक्ज़री प्रॉपर्टी भी आकर्षक कीमतों पर उपलब्ध हैं। 

कानपुर

कानपुर में रियल एस्टेट में निवेश के लिए कई विकल्प मौजूद हैं और इस शहर में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कानपुर मेट्रो का उद्घाटन भी किया जा चुका है। घर खरीदने वालों के लिए यहाँ बड़ी संख्या में 2बीएचके और 3बीएचके मकान उपलब्ध हैं।

लखनऊ

घर खरीदने को इच्छुक इन लोगों को लखनऊ में प्रॉपर्टी के अनगिनत विकल्प मिलेंगे। इस शहर में बुनियादी सुविधाएँ और यहाँ की कनेक्टिविटी काफी बेहतर है।

देहरादून

देहरादून उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जो भारत में अव्वल दर्जे के टियर 2 शहरों में से एक है। बेहतर सुविधाओं की वजह से देहरादून को भारत में रहने के लिहाज से बेहतरीन शहरों में से एक माना जाता है, जहाँ प्रॉपर्टी में निवेश के लिए कई तरह के विकल्प मौजूद हैं।

इंदौर

इंदौर शहर एक कॉर्पोरेट हब और एक बेहतरीन रियल एस्टेट डेस्टिनेशन के रूप में उभरकर सामने आया है। इस शहर में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की मांग में बढ़ोतरी नजर आई है, और यहाँ घर खरीदने वालों के लिए तरह-तरह के विकल्प उपलब्ध हैं।

 

पंजाब के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 शहरों की सूची

चंडीगढ़

चंडीगढ़ पंजाब का एक प्रमुख टियर 2 शहर है। इस शहर को प्लानिंग के साथ बसाया गया है जिसका इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी विकसित है, जो निवेश के अच्छे अवसर प्रदान करता है।

जीरकपुर

जीरकपुर मोहाली, चंडीगढ़ का एक सेटेलाइट टाउन है। यहाँ रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी बड़ी संख्या में मौजूद हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है। यहाँ की प्रॉपर्टी में घरेलू निवेशकों के साथ-साथ एनआरआई भी काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। इसे भारत की टियर 2 सिटी का दर्जा मिला है, जो काफी विकसित है और यहाँ की कनेक्टिविटी भी बेहतर है।

 

आंध्र प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 शहरों की सूची

नेल्लोर

नेल्लोर को बड़े पैमाने पर खेती तथा प्रॉन और श्रिम्प (झींगा मछली) के निर्यात के लिए जाना जाता है, जिसका इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। पिछले कुछ सालों में यहाँ निवेश के अवसर भी काफी बढ़े हैं।

कुर्नूल

कुर्नूल ऐतिहासिक अहमियत वाला शहर है और यह इलाका मिनरल्स के लिए भी मशहूर है। इस शहर में रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेगमेंट में रियल एस्टेट निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है।

विशाखापत्तनम

विशाखापत्तनम भारत के उभरते हुए टियर 2 शहरों में से एक है। शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर का काफी विकास हुआ है और नए-नए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की वजह से यहाँ प्रॉपर्टी में निवेश के बहुत से अवसर मौजूद हैं।

 

महाराष्ट्र के सबसे अच्छे टियर 2 शहरों की सूची

महाराष्ट्र में मुंबई और पुणे जैसे बड़े टियर 1 शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें काफी अधिक है, जिसके चलते टियर 2 और टियर 3 सिटी उम्मीदों से भरे बाजार के रूप में उभरकर सामने आ रहे हैं जहाँ रियल एस्टेट में निवेश के आकर्षक विकल्पों की भरमार है।

नागपुर

नागपुर महाराष्ट्र का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और भारत के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 सिटी की सूची में शामिल है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बेमिसाल रोड नेटवर्क और मेट्रो रेल सेवाओं की मौजूदगी के कारण यह शहर निवेश का बेहद पसंदीदा डेस्टिनेशन बनता जा रहा है।

नासिक

नासिक महाराष्ट्र के सबसे बड़े शहरों में से एक है, जो गोदावरी नदी के किनारे बसा है। टेक्नोलॉजी पार्कों और एसईजेड (SEZs) के साथ-साथ लगातार बढ़ रहे औद्योगिक और आईटी केंद्रों की वजह से पिछले कुछ सालों में इस शहर में निवेश के अवसरों में बढ़ोतरी हुई है।

कोल्हापुर

महाराष्ट्र के दक्षिणी हिस्से में बसा कोल्हापुर भी एक और उभरता हुआ टियर 2 शहर है। इतिहास और संस्कृति के नजरिया से यह शहर काफी मायने रखता है, और यह अपने हस्तशिल्प उत्पादों (हैंडक्राफ्टेड प्रोडक्ट्स) और मराठी फिल्म इंडस्ट्री के लिए जाना जाता है। इस शहर का बड़ी तेजी से विकास हो रहा है और यहाँ निवेश के लिए कम कीमतों पर ढेर सारी प्रॉपर्टी उपलब्ध है।

 

कर्नाटक के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 शहरों की सूची

बेल्लारी

बेल्लारी कर्नाटक का दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला शहर है, जो राज्य के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बसा हुआ है। यहाँ निवेश के कई अच्छे विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें अर्बन हाउसिंग प्रोजेक्ट खास तौर पर महत्वपूर्ण हैं।

हुबली-धारवाड़

कर्नाटक में सबसे तेजी से विकसित होने वाले शहरों में राज्य के जुड़वां शहर, यानी हुबली और धारवाड़ भी शामिल हैं। यहाँ बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध होने की वजह से रियल एस्टेट का विकास हुआ है, जिससे रोजगार के साथ-साथ आवास के नए अवसरों को बढ़ावा मिला है।

मैसूर

मैसूर शहर की ऐतिहासिक विरासत काफी सम्मिलित रही है और यह भारत की टियर 2 सिटी में शामिल है। बेहतर कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के चलते यहाँ रियल एस्टेट के बाजार में वृद्धि देखी जा रही है। घर खरीदारों को इस शहर में आवास के कई विकल्प मिलेंगे।

 

तमिलनाडु के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 और टियर 3 शहर

चेन्नई मेट्रोपॉलिटन सिटी की आबादी काफी घनी है और यह काफी महंगा शहर है, और इसी वजह से लोग इस तरह के छोटे शहरों का रुख कर रहे हैं जहाँ जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो।

मदुरै

मदुरै एक ऐतिहासिक शहर होने के साथ-साथ तमिलनाडु के सबसे अधिक आबादी वाले शहरों में से एक है, जहाँ इन दिनों तेजी से विकास हो रहा है। यह शहर अपने नागरिकों को बेहतरीन परिवहन व्यवस्था और सरकारी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करता है।

अंबुर

अंबुर हाल ही में गठित तिरुपत्तूर जिले का एक टियर 2 शहर और नगरपालिका है। इस शहर में कारोबार के कई केंद्र हैं और यहाँ निवेश के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं।

वेल्लोर

वेल्लोर तमिलनाडु का एक शहर है, जो पलार नदी के किनारे बसा है। इस शहर को अच्छी गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाओं और तकनीकी संस्थानों के लिए जाना जाता है। यहाँ के प्रॉपर्टी मार्केट में भी निवेश के ढेर सारे अवसर उपलब्ध हैं।

 

केरल के सर्वश्रेष्ठ टियर 2 और टियर 3 शहर

कोच्चि

कोच्चि या कोचीन को केरल की व्यावसायिक राजधानी कहा जाता है, जो अपने कॉस्मापॉलिटन कल्चर के लिए मशहूर है। बड़ी मात्रा में कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की वजह से यह शहर निवेश के पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है।

तिरुवनंतपुरम

भारत के टॉप टियर 2 सिटीज की बात की जाए तो इसमें केरल का तिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम शहर भी शामिल है। बड़े पैमाने पर आईटी केंद्रों की मौजूदगी वाले इस शहर में घर खरीदारों के लिए अच्छी कनेक्टिविटी की सुविधा के अलावा तरह-तरह की रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी उपलब्ध है।

कोझिकोड

कोझीकोड समुद्र तट के किनारे बसा शहर है जिसका इतिहास काफी समृद्ध रहा है। तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण यहाँ प्रॉपर्टी की मांग लगातार बढ़ रही है।

 

भारत में टियर 2 सिटी: 2022 में रियल एस्टेट का भविष्य

शेठ क्रिएटर्स में मार्केटिंग के एचओडी, श्री हीरल शेठ मानते हैं कि, साल 2020 में ज्यादातर लोग अपने घर से काम कर रहे थे और ऐसे में इंटरनेट हमारा सबसे बड़ा सहारा बनकर सामने आया। लॉकडाउन के दौरान बहुत से लोग अपने होम-टाउन, यानी कि भारत के टियर 1,2,3 शहरों में वापस चले गए और इस तरह लोगों को खुद का घर होने की अहमियत का एहसास हुआ, जिसके बाद भारत में टियर 2 शहरों में घर खरीदने में तेजी आई है। इस ट्रेंड ने देश के मशहूर डेवलपर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा, और निश्चित तौर पर इसके बाद भारत के टियर 2 शहरों में आवास की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।” श्री शेठ आगे कहते हैं, “भारत में टियर 1 शहरों की तुलना में टियर 2 शहरों में रियल्टी की कीमत कम होगी, साथ ही घर खरीदने वाले लोगों को बड़े आकार की खुली जगहों, परिवार के करीब रहने की सहूलियत, कम प्रदूषण जैसे कई तरह के फायदे भी मिलेंगे। आज भारत में ज्यादातर टियर 2 शहरों में मेट्रो स्टेशन, बेहतरीन पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ स्कूलों, अस्पतालों, बैंकों और शॉपिंग मार्केट इत्यादि के निर्माण में भी काफी प्रगति हुई है।”

दोस्ती रियल्टी के वाइस-चेयरमैन एवं एमडी, श्री दीपक गोराडिया बताते हैं कि, देश के ज्यादातर ऑफिस में अब कर्मचारियों को लंबे समय तक घर से काम करने की सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है, जिसे देखते हुए घर खरीदने वाले ज्यादातर संभावित ग्राहक बड़े शहरों के आसपास के इलाकों/ टियर 2 शहरों में शिफ्ट होने और बेहद किफायती मूल्य पर घरों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। वे कहते हैं, “घर खरीदने वाले ज्यादातर लोग नए लोकेशन पर शिफ्ट करने को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसकी वजह से भारत में टियर 1 शहरों की सीमा से सटे इलाकों और भारत में टियर 2 शहरों में प्रॉपर्टी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।”

भारत के टियर-2 शहरों में स्टाम्प शुल्क की दरों पर एक नजर डालें

कोरोनावायरस महामारी के बाद, इस बात की संभावना है कि कई व्यवसाय भी भारत के टियर 2 शहरों में शिफ्ट हो सकते हैं। इसलिए, ऐसा माना जा रहा है कि 2021 की दूसरी छमाही तक रोजगार के बेहतर अवसरों, इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और कनेक्टिविटी में सुधार के कारण भारत के टियर 2 शहरों में प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी। इसके बावजूद, इस राह में कई अड़चनें मौजूद हैं। उदाहरण के लिए, भारत के टियर 2 शहरों में अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए एफडीआई (FDI) मिलने की चुनौती सबसे बड़ी है। हालांकि, सरकार नीतियों में सुधार और टैक्स के क्षेत्र में पहलों की शुरुआत करके इसे आसान बना सकती है, जिस के फायदे लोगों को संभावनाओं से भरे भारत के इन टियर 2 शहरों में निवेश करने तथा रहने एवं कामकाज करने के लिए आकर्षित कर सकते हैं।

 

प्रॉपर्टी में निवेश के लिहाज से भारत के सबसे पसंदीदा टियर 2 शहर

जब एक ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने भारतीय रियल एस्टेट के क्षेत्र में कदम रखा और अयोध्या बाजार में प्रवेश करने की योजना की घोषणा की, तो ज्यादातर विश्लेषकों ने यही अनुमान लगाया कि इस फर्म का फैसला दरअसल राम मंदिर को लेकर देश में बड़े पैमाने पर हो रही चर्चा से प्रेरित था। हालांकि, करीब से देखने पर पता चलता है कि उत्तर प्रदेश राज्य के किसी दूसरे शहर में अयोध्या की तरह प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है, और इसी वजह से अयोध्या सबसे संभावित टियर 2 शहरों की सूची में शामिल है।

अयोध्या के प्रॉपर्टी हॉटस्पॉट बनने के कई कारण हैं, जिनमें इस शहर में विकास की असीम संभावनाएँ, कारोबार के अवसर, व्यवसाय करने के लिए प्रति वर्ग-फुट जगह की कम लागत, मेट्रो शहरों की तुलना में प्रॉपर्टी की कम कीमतें, अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़े लोगों की घर वापसी, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और आने वाले समय में हवाई-अड्डे का निर्माण शामिल हैं।

अयोध्या भारत के टियर -2 शहरों में से एक है, जहां प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी साफ दिखाई दे रही है जो देश के सबसे बड़े 10 शहरों की तुलना में काफी अधिक है। इसकी वजह से बड़े डेवलपर्स भी ऐसे बाजारों का रुख कर रहे हैं जो अब तक देश और दुनिया की नजरों में नहीं आए थे। उदाहरण के लिए, नोएडा की एक बड़ी रियल एस्टेट कंपनी ने पिछले कुछ सालों में गोरखपुर और उसके आसपास अपनी मौजूदगी दर्ज की है, जो राज्य के माननीय मुख्यमंत्री का राजनीतिक निर्वाचन क्षेत्र भी है।

दक्षिणी भारत की बात करें, तो यहाँ भी अब लोगों का ध्यान बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों से हटकर कोच्चि, कोयंबटूर, विजाग और इसी तरह के टियर 2 शहरों की ओर जा रहा है। हालांकि पहले ही अमरावती का रुख करने वालों को थोड़ी निराशा हाथ लगी, रियल एस्टेट विश्लेषकों का मानना ​​है कि तेलंगाना के कई दूसरे छोटे शहर भी जल्द ही प्रॉपर्टी मार्केट में अपना जलवा दिखाएंगे, क्योंकि उन जगहों पर लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के लिए निवेश की शुरुआत हो चुकी है। इस तरह, आने वाले समय में इन शहरों में नौकरियों की भरमार होगी।

 

भारत में टियर 2 शहर और भारत में टियर 3 शहर: एनआरआई (NRIs) विकास को बढ़ावा दे रहे हैं

ज्यादातर अनिवासी भारतीय (NRIs) भारत के टियर 2 और टीयर 3 शहरों से ताल्लुक रखते हैं जो उनका होमटाउन है। इन शहरों में अपना घर होने के बावजूद, उनके लिए भविष्य में अपने होम टाउन में रहने और अपना कारोबार करने या अपने प्रोफेशन को आगे बढ़ाने की संभावना न के बराबर थी। पहले वे विदेशों में रहकर भारत के टियर 1 शहरों में निवेश क्या करते थे, जबकि उनके सेवानिवृत्त माता-पिता अपने होमटाउन में आराम से गुजर-बसर करना पसंद करते थे।

लेकिन ऐसा लगता है कि कोविड-19 महामारी की वजह से एनआरआई (NRIs) की प्राथमिकता में भी बदलाव आया है। अब, विदेशों में रह रहे ज्यादातर भारतीय अपने होम टाउन में, खास तौर पर भारत के टियर 2 शहरों में प्रॉपर्टी खरीदना पसंद कर रहे हैं। इस तरह वे विदेश में रहते हुए माता-पिता को एक घर उपलब्ध करा सकते हैं, साथ ही भविष्य में खुद के रहने के लिए भी उस मकान का उपयोग कर सकते हैं। इनमें से ज्यादातर एनआरआई (NRIs) के लिए वर्क फ्रॉम होम ही मूल मंत्र है और वे अब सिर्फ मेट्रो शहरों में ही निवेश नहीं कर रहे हैं। लिहाजा, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि जिन छोटे शहरों को पहले रिटायरमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर देखा जाता था, वे आज प्रॉपर्टी हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहे हैं।

इसके अलावा, भविष्य में तैयार होने वाले कुछ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी भारत के इन टियर 2 शहरों और टियर 3 डेस्टिनेशन से होकर गुजरते हैं, जो ज्यादातर एनआरआई (NRIs) का होम टाउन है। इसके अलावा, सच्चाई यही है कि बड़े-बड़े प्रॉपर्टी बाजारों के ग्रेड-ए डेवलपर्स भी भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों का रुख कर रहे हैं, जिससे एनआरआई (NRIs) के मन में भरोसे की भावना जगी है।

 

भारत के टियर 2 शहर: कोविड-19 की दूसरी लहर का रियल एस्टेट पर प्रभाव

2021 की शुरुआत में अनुमान लगाया गया था कि, इस साल भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों में रियल एस्टेट के क्षेत्र में काफी हलचल रहेगी, जबकि कई लोगों का मानना था कि कोरोनावायरस संकट का दौर अस्थायी था और इस महामारी के शांत होने के बाद बाजार पहले की तरह ही सामान्य हो जाएगा।

हालांकि, कोविड-19 की दूसरी लहर ने रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ-साथ घर खरीदारों को भारत में टियर 1 शहरों के आसपास के इलाकों तथा टियर 2 शहरों का रुख करने और अपनी लागत एवं फायदों पर नए सिरे से विचार करने के लिए मजबूर किया है। अब, रियल एस्टेट से जुड़े सभी लोग लंबी अवधि के नजरिए से भारत के छोटे शहरों – यानी टियर 2 और टियर 3 शहरों में खुली जगह एवं कारोबार की संभावनाओं पर गौर कर रहे हैं।

इसके अलावा, भारत के छोटे श्रेणी के शहरों में डेवलपर्स के लिए अपने प्रोजेक्ट में वेलनेस के कॉन्सेप्ट को शामिल करना बेहद आसान है, क्योंकि ऐसी जगहों पर जमीन की लागत बड़े शहरों की तुलना में काफी कम होती है। इससे ज्यादा खुली जगहों और सुविधाओं के साथ बड़ी परियोजनाओं का निर्माण करना संभव हो जाता है।

घर खरीदारों के नजरिए से देखें, तो भारत में टियर 2 शहर और भारत में टियर 3 शहर रहने के लिहाज से बेहद किफायती तथा काम करने के लिए सुविधाजनक होते हैं। इतना ही नहीं, कई उद्योग तो आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं, जिससे उनके कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का सपना भी साकार हो रहा है। अब जीने के नए तौर-तरीकों, यानी न्यू नॉर्मल को अपनाने के बाद कंपनियों के पुराने ढर्रे पर वापस लौटने की संभावना नहीं है, क्योंकि इससे उन्हें ऑफिस की जगह पर होने वाले खर्च को कम करने में भी मदद मिलती है।

यह भी देखें: कोविड-19 के बाद, भारत के रियल एस्टेट में किसे मिला फायदा और किसका हुआ नुकसान

 

भारत में टियर 2 शहर और भारत में टियर 3 शहर: रियल एस्टेट के विकास को बढ़ावा देने वाले कारक

कोविड-19 महामारी की वजह से बाजार की परिस्थितियों में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है और वर्क फ्रॉम होम के चलन से भारत में टियर 2 शहरों और भारत में टियर 3 शहरों को उभरने का मौका मिला है, लेकिन आलोचक रियल एस्टेट में संभावनाओं को लेकर अपनी चिंताएँ जाहिर कर रहे हैं। उनकी चिंताओं में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:

  • क्या प्रतिभाशाली लोगों का भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों की ओर रुख करना लंबे समय तक बरकरार रहेगा?
  • क्या कॉर्पोरेट कंपनियाँ छोटे शहरों में शिफ्ट करने के लिए तैयार होंगी?
  • क्या अपने होम टाउन वापस लौटने वाले प्रतिभाशाली लोगों के अलावा, भारत के टियर 2 शहर कॉस्मापॉलिटन टैलेंट पूल को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं?
  • क्या भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों में कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्टेशन एक समस्या होगी?

कोविड-19 के बाद दुनिया न्यू नॉर्मल, यानी नए तौर-तरीकों के साथ जीना सीख रही है, और ऐसे समय में इनमें से कई महत्वपूर्ण समस्याओं को अवसरों के तौर पर देखा जा रहा है। उदाहरण के लिए:

  • भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों में व्यवसाय करने के लिए प्रति वर्ग-फुट जगह की लागत बहुत कम है।
  • भारत के टियर 2 शहर और भारत के टियर 3 शहर धीरे-धीरे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग हब के रूप में उभर रहे हैं।
  • कर्मचारियों के लिए किफायती दरों पर अच्छी गुणवत्ता वाले घर उपलब्ध हैं।
  • भविष्य में तैयार होने वाले कुछ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी इनमें से कई छोटे शहरों से होकर गुजरते हैं, जिससे बिना किसी रुकावट के शानदार कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होगी।
  • सरकार ने छोटे शहरों को जोड़ने वाले 100 नए हवाई अड्डे और 1,000 नए मार्ग बनाने की योजना तैयार की है।

अभी तक की बातों को देखते हुए किसी नतीजे तक पहुँचना जल्दबाजी होगी, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों की संभावनाओं का पूरा फायदा उठाना अभी बाकी है। कोरोनावायरस महामारी ने छोटे शहरों के लिए आपदा को अवसर में बदल दिया है।

 

कोविड-19 की वजह से खरीदारों की पसंद में किस तरह बदलाव आया है?

एक्सिस ईकॉर्प के सीईओ एवं निदेशक, श्री आदित्य कुशवाहा बताते हैं कि कोविड-19 महामारी ने हमारे जीने, काम करने, सीखने और खेलने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। कोविड-19 के दौरान सेहत, स्वच्छता तथा कुल मिलाकर शारीरिक व मानसिक तंदुरुस्ती से जुड़ी चिंताओं की वजह से लोगों ने घनी आबादी एवं भीड़-भाड़ वाले शहरों से दूर, हरे-भरे इलाकों में बड़े घरों की ओर ध्यान देना शुरू किया है। इसके अलावा, सस्टेनेबिलिटी और निवेश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए, ऐसे खरीदारों के बीच छोटे शहरों में हॉलिडे होम / सेकेंडरी हाउसिंग की मांग लगातार बढ़ रही है, जिनकी नौकरी और लाइफस्टाइल पर महामारी में सैलरी की कटौती के बावजूद कोई असर नहीं हुआ है। वे कहते हैं कि, भारत के टियर 1 शहरों के बजाय अब भारत के टियर 2 शहर और दूसरे टूरिस्ट डेस्टिनेशन लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं। रिमोट वर्किंग के कॉन्सेप्ट को इस बदलाव का श्रेय लेते हुए वे कहते हैं कि, “निवेशकों को यकीन है कि वे ऐसी जगहों पर बेहतर एंट्री प्राइस, बेहतर सुविधाएँ और बड़े रिटर्न पा सकते हैं।”

यह भी देखें: कोरोनावायरस की वजह से कैसे घरों के डिजाइन बदल रहे हैं

 

क्या भारत के टियर 2 शहर रियल एस्टेट फंड को आकर्षित करेंगे?

इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि, कोविड-19 के बाद से भारत के टियर 2 शहरों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है, इसके बावजूद सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इन छोटे शहरों में बिना किसी परेशानी के लंबे समय तक कारोबार करना संभव हो पाएगा। जहाँ तक इंस्टीट्यूशनल फंडिंग की बात है, तो भारत के टियर 2 शहरों में अभी भी फंडिंग आना बाकी है।

इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार:

  • रियल एस्टेट में किए जाने वाले ज्यादातर निवेश आमतौर पर मेट्रो शहरों जैसे बड़े बाजारों पर केंद्रित होते हैं।
  • रियल एस्टेट बाजार में होने वाले कुल निवेश का लगभग दो-तिहाई हिस्सा अकेले बेंगलुरु, मुंबई और एनसीआर को मिलता है।
  • इंस्टीट्यूशनल फंड्स भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों में टियर 3 शहरों के कम मशहूर डेवलपर्स के साथ पैसा लगाने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि, बाजार में निवेश के ट्रेंड को बदलने के लिए क्या किया जाना चाहिए? विश्लेषक मानते हैं कि ऐसे बाजारों में असीमित संभावनाएँ हैं जिनका अभी तक फायदा नहीं उठाया गया है, फिर भी उन्हें लगता है कि शुरुआती दौर में यह पता नहीं लगाया जा सकता है कि ऐसे बाजार निवेश के लायक हैं अथवा नहीं। शानदार निवेश हासिल करने के अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले राष्ट्रीय स्तर के बड़े डेवलपर्स काफी धीमी गति से इन शहरों का रुख कर रहे हैं। ये डेवलपर्स अभी भी बाजार में उतरने से पहले हालात का जायजा ले रहे हैं। इसके अलावा, कई छोटे शहरों का स्थानीय माहौल भी बड़े पैमाने पर कारोबार करने के अनुकूल नहीं है। इतना ही नहीं, ऐसे शहरों में प्रॉपर्टी ब्रोकरेज का कारोबार भी पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित नहीं है।

एक बार जब बड़ी कंपनियाँ इन छोटे शहरों में प्रोजेक्ट डिलीवर करना शुरू कर देंगी, तब लोगों की उम्मीदों का पैमाना और प्रोफेशनल तरीके से काम को पूरा करने का स्तर निश्चित रूप से काफी ऊंचा होगा। इसका असर बड़े पैमाने पर नजर आएगा तथा इंस्टीट्यूशनल फंड्स का इन बाजारों पर भरोसा बढ़ेगा। इसके अलावा, बर्कशायर हैथवे होम सर्विसेज जैसी दुनिया की कुछ मशहूर कंपनियों ने भारत के टियर 2 शहरों और भारत के टियर 3 शहरों में प्रवेश करने की अपनी योजना की घोषणा की है। हालांकि इसमें समय लग सकता है, लेकिन प्रोफेशनल तरीके से काम को पूरा करने की काबिलियत और व्यवसाय के लिहाज से छोटे शहरों के माहौल में बदलाव से आने वाले समय में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होगा।

 

शहरों को किस तरह अलग-अलग टियर में बांटा गया है?

भारत सरकार द्वारा गठित वेतन आयोग ने भारत के शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है। शहरों को जनसंख्या के आकार के आधार पर, भारत के शहरों को टियर 1, टियर 2 और टियर 3 की श्रेणी में रखा गया है। सरकार ने 50,000 से 100,000 के बीच आबादी वाले शहरों को भारत में टियर 2 शहरों का दर्जा दिया है, जबकि 20,000 से 50,000 के बीच की आबादी वाले शहरों को टियर 3 शहरों के तौर पर जाना जाता है।

इसके अलावा, भारत में शहरी, अर्ध-शहरी, ग्रामीण और महानगरीय क्षेत्रों के आधार पर भी शहरों को बांटा गया है। इस वर्गीकरण से सरकार को लोगों के लिए अलग-अलग योजनाएँ शुरू करने में काफी मदद मिलती है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

टियर 1 और टियर 2 शहर क्या होते हैं?

भारत में जनसंख्या घनत्व के आधार पर शहरों को टियर 1 सिटी और टियर 2 सिटी के रूप में बांटा गया है। भारत में टियर 1 शहरों की सूची में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे शामिल हैं।

भारत में वाई (Y) शहर कौन से हैं?

भारत के टियर 2 शहरों को 'वाई' ('Y') श्रेणी के शहरों के तौर पर जाना जाता है।

क्या पुणे टियर 2 शहर की श्रेणी में आता है?

पुणे भारत के टियर 1 शहर की श्रेणी में आता है।

(हरिणी बालासुब्रमण्यम के इनपुट्स के साथ)

 

Was this article useful?
  • 😃 (1)
  • 😐 (0)
  • 😔 (0)

Recent Podcasts

  • भारत का जल अवसंरचना उद्योग 2025 तक 2.8 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना: रिपोर्ट
  • दिल्ली एयरपोर्ट के पास एरोसिटी में 2027 तक बनेगा भारत का सबसे बड़ा मॉल
  • डीएलएफ ने लॉन्च के 3 दिन के भीतर गुड़गांव में सभी 795 फ्लैट 5,590 करोड़ रुपये में बेचे
  • भारतीय रसोई के लिए चिमनी और हॉब्स चुनने की मार्गदर्शिका
  • गाजियाबाद में संपत्ति कर की दरें संशोधित, निवासियों को 5 हजार रुपये अधिक देने होंगे
  • इस साल 2024 में मदर्स डे कब मनाया जाएगा? अपनी मां को क्या स्पेशल उपहार दें?इस साल 2024 में मदर्स डे कब मनाया जाएगा? अपनी मां को क्या स्पेशल उपहार दें?