Kerala High Court ने फैसला सुनाया है कि किसी बिक्री विलेख को रद्द (कैन्सल) करने के लिए एक विक्रेता को इसे रद्द (कैन्सल) करने की मांग करनी चाहिए, जबकि एक गैर-विक्रेता को इसकी अमान्यता की घोषणा करनी चाहिए।
“विक्रय विलेख को यदि विक्रेता रद्द (कैन्सल) करना चाहता है, तो उसे उक्त विलेख को रद्द (कैन्सल) करने की राहत मांगनी होगी। यदि कोई गैर- विक्रेता किसी विलेख को रद्द (कैन्सल) करना चाहता है, तो उसे होगी कि विलेख को अमान्य है या अवैध घोषित करने के लिए अपील करनी होगी,” हाई कोर्ट ने 5 अक्टूबर २०२३ के अपने आदेश में कहा।
हाई कोर्ट ने फातिमा बीवी बनाम अब्दुल रहमान मामले में अपना फैसला सुनाते 2010 के सुहृद सिंह उर्फ सरदूल सिंह बनाम रणधीर सिंह और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया।
भारत में विभिन्न कानूनों के तहत निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करते हुए एक पंजीकृत विक्रय पत्र रद्द किया जा सकता है। जो लोग कानूनी चैनलों के माध्यम से विक्रय विलेख रद्द करना चाहते हैं, उन्हें पहले पंजीकृत विक्रय विलेख को रद्द करने के लिए एक civil suit दाखिल करना होगा। अदालत के आदेश के बाद उप-पंजीयक को विक्रय पत्र रद्द करने का निर्देश दिया गया है।