प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन दस्तावेजों की जांच नहीं की तो बहुत पछताना पड़ेगा

अपने निवेश और साफ-सुथरा प्रॉपर्टी टाइटल सुनिश्चित करने के लिए खरीददार को किन चीजों की जांच-पड़ताल करनी चाहिए, आइए आपको बताते हैं।
प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट्स में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होता है और इस प्रक्रिया के दौरान की गई कोई भी गलती खरीदार के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है. इसलिए यह ग्राहक के लिए जरूरी हो जाता है कि वह प्रॉपर्टी के दस्तावेज को जांचते वक्त काफी सावधानी बरते. पर्याप्त कानूनी सलाह, दस्तावेजों की जांच और प्रॉपर्टी को लेकर मिली जानकारी की वेरिफिकेशन से ग्राहक इस बात को लेकर संतुष्ट हो सकता है कि इस निवेश के जरिए उसे शांति और सुरक्षा का भाव मिलेगा.
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दस्तावेज पर दस्तखत करने से पहले खरीदार को किन दस्तावेजों को चेक करना चाहिए.

1. विक्रेता के टाइटल और ओनरशिप का वेरिफिकेशन:

यह एक निर्धारित कानूनी सिद्धांत है कि एक व्यक्ति के अपने पास जो कुछ भी है उससे बेहतर शीर्षक कोई नहीं दे सकता। पहला कदम उठाते हुए यह काम करना चाहिए कि विक्रेता के टाइटल, उसकी प्रकृति, मार्केटिबिलिटी व किसी तरह के विवाद का पता लगाना चाहिए। करीब 30 साल पुराने दस्तावेजों (जहां दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, वहां 12 साल) की जांच करने के अलावा नीचे लिखे गए दस्तावेज भी विक्रेता से मुहैया कराने को कहना चाहिए।
  • प्रॉपर्टी टाइटल के दस्तावेज, उत्तराधिकार सर्टिफिकेट, बिक्रीनामा, गिफ्ट डीड, वसीयत, बंटवारानामा इत्यादि।टाइटल की प्रकृति- लीजहोल्ड, फ्रीहोल्ड या डिवेलपमेंट राइट्स
  • अगर विक्रेता प्रॉपर्टी के डिवेलपमेंट राइट्स पर दावा कर रहा है तो डिवेलपमेंट अग्रीमेंट और पावर अॉफ अटॉर्नी का निष्पादन मालिक को विक्रेता के नाम पर करना चाहिए।
  • सभी टाइटल दस्तावेजों पर स्टैंप लगी होनी चाहिए और ये सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में पंजीकृत होने चाहिेए।
  • विक्रेता के नाम पर पंजीकृत खाता।
  • पुराने या पेंडिंग केसों की जानकारी।
  • विक्रेता के साथ मूल शीर्षक दस्तावेजों की उपलब्धता।

2. विक्रेता की जांच करें:

प्रॉपर्टी टाइटल वेरिफाई करने की तरह खरीददार को विक्रेता की क्षमता और किसी भी विशिष्ट स्थितियों का पता लगाना चाहिए। इसके लिए आप:
1. व्यक्तिगत मामले में विक्रेता की निवास स्थिति और उसकी राष्ट्रीयता मालूम कर सकते हैं। साथ ही क्या बिक्री के लिए सरकारी अधिकारियों से सहमति की जरूरत होती है।
2. अगर प्रॉपर्टी संयुक्त है तो सभी मालिकों की पहचान जरूरी है।
3. जहां विक्रेता एक कंपनी, ट्रस्ट, पार्टनरशिप फर्म, सोसाइटी इत्यादि है तो संपत्ति के स्वामित्व और ट्रांसफर की क्षमता की पुष्टि करने के लिए यूनिट के संविधान की जरूरत है। यह भी सुनिश्चित करें कि बिक्री कार्य निष्पादित करने और पंजीकरण करने वाला शख्स अधिकृत है।
4. अगर प्रॉपर्टी किसी मानसिक रूप से बीमार शख्स के नाम पर है तो अदालत द्वारा प्रॉपर्टी की बिक्री की इजाजत और एक अभिभावक की नियुक्ति की जाती है।

3. रूपांतरण और जमीन के इस्तेमाल की इजाजत:

बढ़ते शहरीकरण और राजस्व भूमि में विलय के साथ, गैर-कृषि उपयोग के लिए संपत्ति का रूपांतरण बेहद अहम है, क्योंकि कई राज्यों के कानून एेसे लोगों को कृषि की भूमि नहीं देते, जो किसान नहीं हैं। इसके अलावा खरीददार को मास्टर प्लान की भी जांच करनी चाहिए कि क्या प्रॉपर्टी जोनिंग प्लान के तहत विकसित की जा रही है, जिसमें रिहायशी, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल, पब्लिक/सेमी पब्लिक, पार्क, ओपन स्पेस इत्यादि आते हैं। जहां वास्तविक इस्तेमाल नोटिफाइड जोनिंग से अलग है, वहां टाउन प्लानिंग अथॉरिटी से भूमि उपयोग में बदलाव की परमिशन देने के आदेश हासिल करना अनिवार्य है।

4. निर्माण को मंजूरी:

निर्मित इमारत के साथ अपार्टमेंट या भूमि की खरीद के लिए खरीददार को स्थानीय म्युनिसिपल प्रशासन द्वारा मंजूर किए गए बिल्डिंग या लेआउट प्लान की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा सरकार और संबंधित प्रशासन द्वारा जारी किए गए पानी, सीवेज, इलेक्ट्रिसिटी, पर्यावरण क्लियरेंस, फायर सेफ्टी की मंजूरी पर भी नजर डालनी जरूरी है।

5. ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट:

प्रॉपर्टी में रहने से पहले विक्रेता को संबंधित प्रशासन से अॉक्युपेंसी सर्टिफिकेट जरूर हासिल कर लेना चाहिए। बिना ऑक्यूपॅन्सि सर्टिफिकेट के प्रॉपर्टी के इस्तेमाल से जुर्माना और प्रॉपर्टी गिरा देने का रिस्क होता है।

6. टैक्स पेमेंट का स्टेटस चेक करें:

प्रॉपर्टी टैक्स नहीं चुकाने से संपत्ति पर शुल्क लगता है, जिससे उसकी मार्केट वैल्यू पर असर पड़ता है। इसलिए खरीददार को स्थानीय म्युनिसिपल अथॉरिटी में जाकर यह देख लेना चाहिए कि विक्रेता ने प्रॉपर्टी टैक्स में कोई डिफॉल्ट तो नहीं किया है।

7.एन्कम्ब्रन्स:

जहां प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड है, उस इलाके का सब-रजिस्ट्रार दफ्तर और अगर विक्रेता कोई कॉरपोरेट हस्ती है तो सूचना मिनिस्ट्री अॉफ कॉरपोरेट अफेयर्स की साइट पर भी उपलब्ध रहती है, जिससे प्रॉपर्टी पर दर्ज किसी भी एन्कम्ब्रन्स की जानकारी मिल जाएगी। सावधानी के तौर पर खरीददार अखबारों में पब्लिक नोटिस भी छपवा सकता है, ताकि अगर कोई थर्ड पार्टी क्लेम करना चाहे तो उसका पता चल जाए।

8. फिजिकल सर्वे और प्रॉपर्टी तक पहुंच:

खरीददार खुद भी फिजिकल सर्वे कर सकता है और प्रॉपर्टी का माप मालूम कर सकता है। जमीन के मामले में सीमाओं की पहचान करनी जरूरी है। इसके अलावा और भी भौतिक विशेषताओं का पता लगाएं, जिससे भविष्य में प्रॉपर्टी का आप और भी लुत्फ ले सकें।

9.RERA एक्ट, 2016:

RERA का आदेश है कि डिवेलपर्स को अपना प्रोजेक्ट अथॉरिटी में दर्ज कराना होगा। किसी भी खरीददार को यह मालूम जरूर करना चाहिए कि जिस प्रोजेक्ट में वह घर खरीदना चाहता है, वह RERA में रजिस्टर्ड है या नहीं। RERA की आधिकारिक वेबसाइट पर हर राज्य के बिल्डर के खिलाफ दर्ज शिकायत होती है, जिससे डिवेलपर और प्रोजेक्ट की क्रेडिबिलिटी की जानकारी मिलती है और खरीददार को विकल्प चुनने की आजादी।
ग्राहकों को यह बात याद रखनी चाहिए कि कानून के तहत सभी रियल एस्टेट ब्रोकर्स के लिए स्टेट RERA में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है ताकि वे कानूनी तौर पर ऑपरेट कर सकें. RERA रजिस्ट्रेशन के बारे में पूछने के बाद ही किसी प्रॉपर्टी ब्रोकर को हायर करें.

पूछे जाने वाले सवाल

किन दस्तावेजों को खरीदारों को चेक करना चाहिए?

प्रॉपर्टी खरीदारों को सभी दस्तावेज चेक करने चाहिए जो विक्रेता की पहचान प्रॉपर्टी की वेरिफिकेशन स्थापित करे.

क्या प्रॉपर्टी वेरिफिकेशन के लिए वकील को हायर करना जरूरी है?

हालांकि खरीदार खुद भी दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं लेकिन अगर आप कानूनी सलाह लेते हैं तो गलतियों की थोड़ी भी गुंजाइश खत्म हो जाएगी.

विक्रेता की पहचान कौन से दस्तावेज कन्फर्म करते हैं?

पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि जैसे दस्तावेज विक्रेता की पहचान स्थापित करते हैं.

Was this article useful?
  • 😃 (19)
  • 😐 (1)
  • 😔 (4)

Recent Podcasts

  • उत्तराखंड में घूमने लायक 15 पर्यटन स्थलउत्तराखंड में घूमने लायक 15 पर्यटन स्थल
  • NREGA Job Card list 2023 कैसे चेक और डाउनलोड करें?: Complete जानकारीNREGA Job Card list  2023 कैसे चेक और डाउनलोड करें?: Complete जानकारी
  • 12 बेहतरीन डिजाइनों वाले लोहे के दरवाजे के साथ अपने घर की शोभा बढ़ाएँ12 बेहतरीन डिजाइनों वाले लोहे के दरवाजे के साथ अपने घर की शोभा बढ़ाएँ
  • गर्मियों के लिए इनडोर पौधे
  • प्रियंका चोपड़ा के परिवार ने पुणे में बंगला को-लिविंग फर्म को किराए पर दिया
  • प्रोविडेंट हाउसिंग को एचडीएफसी कैपिटल से 1,150 करोड़ रुपये का निवेश मिला