मान लीजिए कि आप अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेचने की सोच रहे हैं या फिर कोई जमीन या फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो सबसे पहला सवाल, जो आपके सामने खड़ा होगा वो यह है कि उस संपत्ति की कीमत क्या है। यह वो चीज होती है, जो खरीदार द्वारा दी गई कीमत या विक्रेता द्वारा बताई गई रकम से अलग होती है, क्योंकि यह असल में संपत्ति की वास्तविक कीमत को दर्शाती है। इसका मतलब ये है कि किसी संपत्ति का फेयर मार्केट वैल्यू (FMV) कोई साधारण अनुमान नहीं होता, बल्कि यह एक सोच-समझकर की गई गणना होती है, जो उस संपत्ति की असली कीमत को बताती है। इस आर्टिकल में हम FMV पर और उस पर असर डालने वाले कारकों और संपत्ति का FMV कैसे निकालते हैं, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
किसी संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV) क्या होता है?
किसी संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) या भूमि का उचित मूल्य वह वर्तमान मूल्य होता है, जिस पर वह संपत्ति खुले बाजार में बेची जा सकती है। FMV मूल्य तय करने से पहले, खरीदार और विक्रेता दोनों को संपत्ति की वर्तमान स्थिति की जानकारी होनी चाहिए और यह लेन-देन उनकी स्वेच्छा से होना चाहिए।
गौरतलब है कि वित्त अधिनियम, 2017 के अनुसार, लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) के निर्धारण के लिए आधार वर्ष 1981 से बदलकर 2001 कर दिया गया था। यह परिवर्तन 1 अप्रैल, 1981 को संपत्तियों के FMV की गणना के लिए जानकारी की कमी के कारण किया गया था।
FMV क्यों महत्वपूर्ण है?
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और सरकारी संगठन उस समय FMV पर विचार करते हैं, जब वे संपार्श्विक संपत्तियों या कराधीन संपत्तियों का मूल्यांकन करते हैं।
- संपत्ति कर की गणना, बीमा दावे, दान, स्टॉक्स का स्वामित्व आदि कुछ ऐसे लेन-देन हैं, जिनके लिए FMV का मूल्यांकन जरूरी होता है।
निवेशकों के लिए FMV का महत्व
निवेश के निर्णय के लिए: FMV निवेशकों के लिए अत्यंत महत्व रखता है। इससे उन्हें ट्रेडिंग और निवेश से जुड़े निर्णय लेने में आसानी होती है। वे अपने निवेश का समय तय कर सकते हैं, साथ ही संपत्ति को रखने और बेचने का सही समय भी आंक सकते हैं।
कर लाभ: जब भी कर लाभ की गणना की जाती है, FMV एक ऐसा मूल्य है, जिसकी सभी को आवश्यकता होती है। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की गणना FMV और क्रय मूल्य के अंतर के आधार पर की जाती है, जिसे विक्रेता चुकाता है। यदि निवेशक को संपत्ति या परिसंपत्तियां उत्तराधिकार में मिल रही हो, तो FMV और विक्रय मूल्य के बीच के अंतर पर कर देना होता है।
उचित भूमि मूल्य को प्रभावित करने वाले कारक
उचित भूमि मूल्य निम्नलिखित कारकों के आधार पर या तो बढ़ सकता है या घट सकता है –
स्थान
किसी संपत्ति का मूल्य तय करने में उसका स्थान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू और चेन्नई जैसे महानगरों में विकसित और विकासशील क्षेत्रों के बीच संपत्ति मूल्यों में बड़ा अंतर होता है। उदाहरण के लिए, मलाबार हिल्स, बांद्रा या जुहू जैसे क्षेत्रों में एक संपत्ति की कीमत कई करोड़ हो सकती है, जबकि इसके जैसी ही संपत्ति किसी विकासशील इलाके में केवल 50 लाख रुपए की हो सकती है।
साइट
एक बेहतरीन क्षेत्र के भीतर भी संपत्ति के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है। जैसे कि कॉर्नर प्लॉट होना या मुख्य सड़क के निकट होना जैसी कुछ बाते हैं , जो भविष्य में उसकी मूल्यवृद्धि को प्रभावित करते हैं। एक बड़े आकार की भूमि का मूल्य, छोटे आकार की तुलना में अधिक होता है।
सुविधाएं
किसी संपत्ति से जुड़ी सुविधाएं और व्यवस्थाएं भी संपत्ति की कीमत के निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। निजी स्विमिंग पूल, लिफ्ट्स और संपत्ति के पास में व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसी विशेषताओं को महामारी के बाद अधिक सकारात्मक रूप से देखा जाता है और ये संपत्ति के मूल्य में अधिक वृद्धि का कारण बन सकती हैं।
इन्फ्रास्ट्रक्चर
इन्फ्रास्ट्रक्चर अपडेट्स से लाभान्वित होने वाली प्रॉपर्टीज की कीमतों में अधिक तेजी से बढ़ोतरी होती है। उदाहरण के लिए, अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन के बाद वहां की जमीन के रेट्स में वृद्धि देखी गई है और ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में भी जबरदस्त ग्रोथ हुई है। इसी तरह इस वर्ष की शुरुआत में उद्घाटन किए गए मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का भी नवी मुंबई और मुंबई की रियल एस्टेट प्राइस पर सकारात्मक असर पड़ा है, क्योंकि यह शानदार कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अलावा नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
मांग और आपूर्ति
मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन भी संपत्ति की मूल्यवृद्धि को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक में से एक है। किसी संपत्ति में शानदार सुविधाएं होने के बावजूद, यदि मांग कम हो या वैसी ही अन्य संपत्तियों की अधिकता हो तो इससे भी उस संपत्ति की कीमत में विशेष बढ़ोतरी नहीं हो पाती। यदि मांग अधिक हो और आपूर्ति पर्याप्त न हो तो संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV) तेजी से बढ़ता है। वहीं दूसरी ओर अगर आपूर्ति बहुत अधिक हो जाए तो मांग कम हो जाती है और संपत्ति का मूल्य घटने लगता है।
ब्याज दरें
संपत्ति खरीदने के लिए उधार लेने वालों द्वारा चुकाई जाने वाली ब्याज दरें उसकी कीमत में वृद्धि को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। उच्च ब्याज दरें खरीदारों की भावना पर विपरीत असर डाल सकती हैं और संपत्ति की मूल्यवृद्धि की संभावना को सीमित कर देती हैं।
समय
रियल एस्टेट निवेश आम तौर पर लंबी अवधि में ही काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होते हैं। किसी संपत्ति का मूल्य अल्पकालिक उतार-चढ़ाव की तुलना में लंबे समय के लिए निवेश करने पर बढ़ने की अधिक संभावना रखता है।
इन सभी कारकों पर ध्यान देना संपत्ति खरीदारों और निवेशकों के लिए बेहद जरूरी है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें और रियल एस्टेट बाजार में मूल्यवृद्धि की संभावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।
हाउसिंग इंडेक्स
हाउसिंग इंडेक्स रेजिडेंशियल रियल एस्टेट क्षेत्र में होने वाले बदलावों को दर्शाता है। भारत में कुछ प्रमुख प्रॉपर्टी इंडेक्स हैं – नेशनल हाउसिंग बैंक का ‘रेजिडेक्स’, भारतीय रिज़र्व बैंक का ‘हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI)’ और ‘रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी प्राइस इंडेक्स (RPPI)’।
हर तिमाही के दौरान अपडेट किए जाने वाले ये इंडेक्स भारत के विभिन्न शहरों में मौजूदा बाजार और मूल्य प्रवृत्तियों की एक स्पष्ट झलक देते हैं। ये इंडेक्स राजस्व विभाग के लेन-देन डेटा के आधार पर तिमाही रूप से अपडेट किए जाते हैं।
हालांकि, इन इंडेक्स की कई कमियां भी हैं, जैसे इनमें वे आंकड़े शामिल हो सकते हैं, जो उस शहर से संबंधित हों या न हों, जिसे आप देख रहे हैं। साथ ही, चूंकि इन्हें तिमाही आधार पर अपडेट किया जाता है, इसलिए निर्णय लेने के लिए हालिया डेटा प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
कानूनी स्थिति
संपत्ति का निर्विवाद टाइटल, जोनिंग कानूनों के साथ अनुपालन और कानूनी विवादों का अभाव महत्वपूर्ण हैं। कानूनी जटिलताओं वाली संपत्तियों का बाजार मूल्य घट सकता है।
सरकारी नीतियां और कराधान
संपत्ति कर, आवास नियमों और सरकारी प्रोत्साहनों में बदलाव सीधे संपत्ति के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अनुकूल कर नीति मांग को बढ़ा सकती है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
उचित बाजार मूल्य बनाम बाजार मूल्य
हालांकि उचित बाजार मूल्य और बाजार मूल्य शब्द अक्सर एक-दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनका अर्थ में कई स्पष्ट समानताएं होते हुए भी भिन्नताएं हैं।
पैरामीटर | उचित बाजार मूल्य | बाजार मूल्य |
परिभाषा | FMV वह मूल्य है, जिस पर एक संपत्ति एक इच्छुक क्रेता और एक इच्छुक विक्रेता के बीच हस्तान्तरित होगी, जब दोनों को प्रासंगिक तथ्यों का उचित ज्ञान होगा और किसी पर भी खरीदने या बेचने का कोई दबाव नहीं होगा। | बाजार मूल्य खुले बाजार में किसी संपत्ति का वर्तमान मूल्य है, जिसमें आपूर्ति, मांग और मौजूदा आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों पर विचार किया जाता है। यह वह राशि है, जिसे खरीदार भुगतान करने को तैयार है और विक्रेता सामान्य और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट बाजार में स्वीकार करने को तैयार है। |
विचार | FMV एक निष्पक्ष और खुले बाजार लेनदेन के काल्पनिक परिदृश्य पर विचार करता है, जहां दोनों पक्ष अपने सर्वोत्तम हितों के लिए काम करते हैं। | बाजार मूल्य, अचल संपत्ति बाजार की व्यावहारिक, वर्तमान स्थिति पर अधिक केंद्रित होता है, जिसमें हाल की बिक्री, तुलनीय संपत्तियों और स्थानीय आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखा जाता है। |
उपयोग और निहितार्थ | FMV का प्रयोग अक्सर कानूनी और कर संदर्भों में किया जाता है, जैसे संपत्ति कर निर्धारित करने, पूंजीगत लाभ कर की गणना करने या संपदा नियोजन में परिसंपत्तियों के मूल्य का आकलन करने के लिए। | रियल एस्टेट लेनदेन में अक्सर किसी संपत्ति की लिस्टिंग कीमत या ऑफर राशि निर्धारित करने के लिए मार्केट रेट का उपयोग किया जाता है। रियल एस्टेट पेशेवर आम तौर पर मार्केट रेट का आकलन करने के लिए हाल ही में हुई तुलनात्मक बिक्री का उपयोग करते हैं। |
FMV (Fair Market Value) की गणना कैसे करें?
FMV की गणना निम्नलिखित परिस्थितियों में की जाती है –
- संपत्ति की बिक्री।
- देनदारी का हस्तांतरण।
- यह कोई मजबूरी या तनावपूर्ण बिक्री नहीं होनी चाहिए।
- जब संपत्ति स्पष्ट रूप से बाजार-आधारित हो, न कि संस्था-आधारित।
मानक, दिशा-निर्देश, स्थानीय और राष्ट्रीय नियमों का उपयोग संपत्ति के FMV का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। संपत्ति की स्वामित्व अवधि जितनी लंबी होगी, संपत्ति के खरीदी मूल्य और FMV के बीच का अंतर उतना ही बड़ा हो जाएगा।
FMV (Fair Market Value) की गणना करने के विभिन्न तरीके
जब संपत्ति की स्वामित्व अवधि लंबी के लिए होती है तो खरीद मूल्य और FMV के बीच का अंतर ज्यादा होता है। संपत्ति के FMV को निर्धारित करने के लिए मानक, दिशा-निर्देश, स्थानीय और राष्ट्रीय नियमों का उपयोग किया जाता है।
FMV की गणना करने के 4 तरीके इस प्रकार है –
- व्यावसायिक दृष्टिकोण: एक अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श लें, जो FMV को सही तरीके से निर्धारित करने में मदद कर सके।
- बिक्री मूल्य विधि: इस तरीके से समान संपत्ति की हाल की बिक्री या खरीद के आधार पर FMV की गणना की जाती है।
- प्रतिस्थापन विधि: संपत्ति को समान एक अन्य संपत्ति से प्रतिस्थापित करने की लागत का मूल्यांकन करके FMV का अनुमान लगाएं।
- तुलनात्मक विधि: संपत्ति का अन्य समान गुणों वाली संपत्तियों से तुलना करके इसके मूल्य का किया जाता है।
FMV (Fair Market Value) की गणना करने के विभिन्न तरीके
जब किसी संपत्ति की स्वामित्व अवधि अधिक होती है, तब खरीद मूल्य और FMV (न्यायसंगत बाजार मूल्य) के बीच का अंतर भी अधिक होता है। संपत्ति का FMV निर्धारित करने के लिए मानक, दिशा-निर्देश, स्थानीय और राष्ट्रीय नियमों का उपयोग किया जाता है।
आप FMV (Fair Market Value) की गणना करने के लिए जिन विधियों का उपयोग कर सकते हैं, वह इस प्रकार है –
आय विधि (Income Approach)
टैक्स नियमों के अंतर्गत मान्यता प्राप्त एक पंजीकृत मूल्यांकक (Registered Valuer) आपकी संपत्ति का मूल्यांकन कर सकता है और FMV निर्धारण के लिए एक विस्तृत मूल्यांकन रिपोर्ट दे सकता है। यह तरीका व्यावसायिक संपत्तियों के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इसे डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) विधि भी कहा जाता है, जिसमें संपत्ति से भविष्य में होने वाले अनुमानित नकद प्रवाहों और निकास को ध्यान में रखते हुए वर्तमान मूल्य की गणना की जाती है। इसमें एक छूट दर (Discount Rate) लागू की जाती है, जिससे संपत्ति का वर्तमान मूल्य घटाया जाता है।
उदाहरण: एक वाणिज्यिक संपत्ति, जिससे वार्षिक किराए की आमदनी के रूप में 10,00,000 रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है और जिसकी डिस्काउंट रेट 8 फीसदी है तो उसकी FMV 1,25,00,000 रुपए होगी (₹10,00,000 ÷ 0.08)।
लागत विधि
FMV की गणना उस लागत के आधार पर की जाती है, जो संपत्ति को फिर से बनाने में लगेगी, साथ ही मूल्यह्रास (depreciation) को ध्यान में रखते हुए यह गणना की जाती है। यह तरीका विशेष रूप से उन पुरानी संपत्तियों के लिए उपयोगी होता है, जिनके लिए बाजार में तुलनीय संपत्तियों की जानकारी बहुत कम होती है या बहुत सीमित होती है।
उदाहरण: किसी संपत्ति को 1995 में खरीदा गया था। 2024 में वैसी ही एक नई संपत्ति के निर्माण की अनुमानित लागत 70,00,000 रुपए है। मूल्यह्रास को ध्यान में रखते हुए, FMV 50,00,000 रुपए निर्धारित की गई है।
तुलनात्मक विधि
जब आप कोई संपत्ति बेचना चाहते हैं तो रियल एस्टेट एजेंट आपको आस-पास की संपत्तियों के बिक्री मूल्य की सूची देते हैं। इसे तुलनात्मक मूल्य कहा जाता है। आप किसी संपत्ति की FMV का निर्धारण तुलनात्मक लागतों के आधार पर कर सकते हैं।
सरकार द्वारा सत्यापित उचित बाजार मूल्य गणना के टूल्स
पारंपरिक तरीकों जैसे कि बाजार तुलना और पेशेवर मूल्यांकन के अतिरिक्त, करदाता और संपत्ति स्वामी अपनी संपत्तियों का उचित बाजार मूल्य (FMV) सही ढंग से निर्धारित करने के लिए विभिन्न सरकार द्वारा प्रमाणित उपकरणों और सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं। ये टूल्स प्रक्रिया को सरल बनाते हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा कर प्राधिकरणों के साथ विवाद की संभावनाओं को कम करते हैं। नीचे कुछ ऐसे उपकरणों का उल्लेख किया गया है, जिनका उपयोग FMV की गणना के लिए किया जा सकता है।
स्टाम्प शुल्क रेडी रेकनर पोर्टल
अधिकांश राज्य सरकारें ऐसे ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराती हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों के लिए गाइडेंस वैल्यू, रेडी रेकनर या सर्किल रेट की सूची देते हैं। ये दरें FMV गणना के लिए आधार रेखा के रूप में कार्य करती हैं। उदाहरण के लिए, आप कर्नाटक की गाइडेंस वैल्यू कावेरी 2.0 ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग-इन करके देख सकते हैं।
ऑनलाइन मूल्यांकन उपकरण
कुछ कर-संबंधित पोर्टल या राज्य राजस्व विभाग की वेबसाइट ऐसे मूल्यांकन उपकरण प्रदान करती हैं, जो उपयोगकर्ता द्वारा दर्ज की गई संपत्ति की जानकारी के आधार पर FMV का अनुमान लगाते हैं। ये टूल्स सरकारी मानकों या नियमों के अनुरूप ही काम करते हैं।
आयकर विभाग की मार्गदर्शिका
आयकर विभाग अक्सर एफएमवी (FMV) निर्धारित करने के लिए दिशा निर्देश या स्वीकृत प्लेटफॉर्म उपलब्ध करता है, विशेष रूप से पुराने संपत्तियों या कर जांच के दौरान।
एफएमवी टूल्स के उपयोग के लाभ
सरकार द्वारा प्रमाणित एफएमवी टूल्स के उपयोग के कई फायदे हैं, जैसे –
- सटीकता: ये टूल्स आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित होते हैं, जिससे एफएमवी का भरोसेमंद अनुमान लगाया जा सकता है।
- सुविधा: उपयोगकर्ता ऑनलाइन एफएमवी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे मैनुअल गणनाओं या विस्तृत पेशेवर सहायता की आवश्यकता नहीं होती।
- कानूनी अनुपालन: इन टूल्स का उपयोग करदाता को आधिकारिक मूल्यांकन मानकों के अनुरूप बनाए रखने में मदद करता है, जिससे ऑडिट के दौरान विवाद की संभावना कम हो जाती है।
आयकर कानूनों के तहत FMV की भूमिका
- आयकर अधिनियम की धारा 2(22B) के अनुसार, किसी प्रासंगिक अवधि के लिए पूंजीगत लाभ की गणना के लिए, जो मूल्य लिया जाता है, वह संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) होता है।
- किसी संपत्ति की बिक्री पर हुए लाभ पर आयकर कानूनों के तहत टैक्स लगाया जाता है। इस लाभ की गणना सामान्यतः बिक्री मूल्य से संपत्ति की खरीद लागत और सुधार लागत को घटाकर की जाती है। यदि संपत्ति 2 वर्षों से अधिक समय तक रखी गई है, तो उस पर लागत की अनुक्रमणिका (Indexation) का लाभ लिया जा सकता है। हालांकि, 2024 में इसमें संशोधन किया गया है। नए कानून के अनुसार, 23 जुलाई 2024 से पहले पंजीकृत सभी संपत्तियों के लिए दो ऑप्शन उपलब्ध हैं, पहला ये कि अनुक्रमणिका के साथ दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ टैक्स 20 फीसदी की दर पर या फिर बिना अनुक्रमणिका के 12.5 फीसदी की दर पर।
- यदि आपने कोई संपत्ति 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदी है, तो आपके पास खरीद लागत के स्थान पर वर्ष 2001 में उस संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV) लेने का ऑप्शन होता है। इस कारण पूंजीगत लाभ की गणना के लिए खरीद लागत तय करने में उचित बाजार मूल्य की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
- इसी प्रकार यदि किसी बिक्री अनुबंध में दर्शाया गया मूल्य संपत्ति के स्टाम्प ड्यूटी मूल्यांकन (जो कि FMV का एक पर्याय माना जाता है) से कम है, तो कर प्रयोजनों के लिए बिक्री मूल्य के रूप में स्टाम्प ड्यूटी मूल्यांकन को ही माना जाता है। इसका मतलब ये है कि यदि अनुबंध मूल्य संपत्ति के उचित बाजार मूल्य से कम है तो इसका प्रभाव खरीदार और विक्रेता दोनों पर पड़ेगा।
- यदि संपत्ति के अनुबंध मूल्य और उचित बाजार मूल्य के बीच का अंतर 5 फीसदी से अधिक है तो यह अंतर कर कानून की अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए कर योग्य बन जाता है। अतः किसी भी अनुबंध को अंतिम रूप देने से पहले संपत्ति का उचित बाजार मूल्य निश्चित करना आवश्यक है, ताकि इस अंतर पर कर भुगतान से बचा जा सके।
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भूमि के उचित मूल्य के लाभ
भूमि के उचित मूल्य के महत्व के बारे में जानना सभी संबंधित पक्षों जैसे निवेशकों, मालिकों या खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां इसके फायदे बताए गए हैं।
- संपत्ति की अधिग्रहण: भूमि का उचित मूल्य या उचित बाजार मूल्य संपत्ति का एक मानदंड प्रदान करता है, जो संपत्ति खरीदने या बेचने से पहले उपयोगी होता है। सही FMV का पता लगाकर कोई भी वित्तीय जोखिमों से बच सकता है और संपत्ति से अच्छे रिटर्न प्राप्त करना सुनिश्चित कर सकता है।
- व्यवसाय का मूल्य: FMV किसी व्यवसाय के मूल्य का आकलन करने में मदद करता है। यह पूंजी जुटाने से लेकर विलय आदि तक कुछ भी हो सकता है।
- बीमा: FMV का उपयोग संपत्ति के बीमा कवरेज की गणना करने के लिए किया जाता है। यह तब भी उपयोग होता है, जब संपत्ति को संपार्श्विक के रूप में रखा जाता है ताकि संबंधित ऋण वितरित किए जा सकें।
- कर: संपत्ति से संबंधित सभी करों की गणना के लिए FMV (फेयर मार्केट वैल्यू) का उपयोग किया जाता है। यह संपत्ति की स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना में भी उपयोगी होता है। संपत्ति के अधिग्रहण के समय, प्रारंभिक FMV से संपत्ति के मूल्यह्रास या अमॉर्टाइजेशन की गणना की जाती है। संपत्ति की बिक्री के समय अंतिम FMV यह निर्धारित करने में मदद करता है कि उस संपत्ति से पूंजीगत लाभ हुआ है या हानि।।
- निर्णय लेना: FMV (फेयर मार्केट वैल्यू) निवेशकों और डेवलपर्स को भूमि और संपत्ति अधिग्रहण पर मूल्यवान डेटा उपलब्ध कराता है। इस मूल्य के साथ, खरीदार यह जान पाते हैं कि वे अधिक भुगतान नहीं करेंगे। वे इसके माध्यम से निवेश पर लाभ (RoI) का मूल्यांकन भी कर सकते हैं।
- वित्तीय योजना बनाना: FMV के साथ, व्यक्ति संपत्ति निवेश के संबंध में अपनी वित्तीय योजना बेहतर तरीके से बना सकते हैं। वास्तविक बाजार मूल्य और FMV के बीच तुलना बाजार में प्रवेश और निकासी के संबंध में निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
- संपत्ति कर की गणना: सटीक फेयर मार्केट वैल्यू के साथ, सरकार (स्थानीय नगरपालिका निकाय) वर्तमान संपत्ति की स्थिति के आधार पर संपत्ति कर की सही गणना कर सकती है।
- सौदेबाजी की क्षमता: फेयर मार्केट वैल्यू में उपलब्ध जानकारी के साथ संपत्ति खरीदते समय व्यक्ति आसानी से सौदेबाजी कर सकते हैं क्योंकि आधार मूल्य उपलब्ध है।
- बाजार की अटकलों को रोकना: रियल एस्टेट मार्केट अटकलों से प्रभावित होता है और फेयर मार्केट वैल्यू की जानकारी कीमतों में वृद्धि और घटाव के संबंध में बाजार की अटकलों को रोकती है।
- रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता: रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने वाले कई कारकों में से एक फेयर मार्केट वैल्यू भी है। इसकी जानकारी होने से कोई भी व्यक्ति संपत्ति के लिए कृत्रिम या काल्पनिक मूल्य बिंदु निर्धारित नहीं बना सकता।
संपत्ति के FMV का मूल्यांकन करने की चुनौतियां
किसी संपत्ति के उचित बाजार मूल्य (FMV) तक पहुंचने में कई चुनौतियां होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोई सार्वभौमिक सूत्र नहीं है, जो सभी स्थितियों पर लागू हो। इसके एक ही पैमाना “सभी के लिए उपयुक्त” वाली स्थिति नहीं है। FMV का निर्धारण करने की सटीकता मुख्य रूप से मूल्यांकनकर्ता की विशेषज्ञता और उनके पास उपलब्ध जानकारी पर निर्भर करती है। एक निर्धारित मूल्यांकन के विपरीत, फेयर मार्केट वैल्यू अधिकतर एक अनुमान है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है।
पुरानी संपत्तियों के FMV का मूल्यांकन करने में कौन सी चुनौतियां हैं?
विशिष्ट या बहुत पुरानी संपत्तियों का मूल्यांकन, सामान्य आवासीय या व्यावासिक संपत्तियों के मुकाबले काफी अधिक जटिल हो सकता है।
बाजार तुलनाओं की अनुपस्थिति
- बहुत पुरानी संपत्तियां जैसे पैतृक घर या ग्रामीण जमीन, हाल ही के बिक्री डेटा या आस-पास की समान संपत्तियों की कमी होती है, जिससे तुलना करना मुश्किल हो जाता है।
- उदाहरण: एक 100 साल पुराना बंगला जो एक धरोहर क्षेत्र में स्थित है, उसकी वास्तुकला महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उसका मूल्यांकन करने के लिए कोई सीधे बाजार मानक नहीं होते। ऐसी ऐतिहासिक धरोहर जैसी कोई संपत्ति नहीं है, जिससे तुलना करके संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके।
स्थिति और अवमूल्यन
- पुरानी संपत्तियों की स्थिति में व्यापक भिन्नताएं हो सकती हैं, जैसे टूट-फूट या ऐतिहासिक संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।
- उदाहरण: 1950 के दशक में बनी एक संपत्ति को व्यापक मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है, जो लागत दृष्टिकोण के तहत इसके मूल्यांकन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है।
कानूनी जटिलताएं
- विवादित स्वामित्व, अधूरा कागजात या जोनिंग संबंधी मुद्दे मूल्यांकन प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं, क्योंकि ये तत्व मानक के रूप में तैयार रेकनर दरों में उल्लेखित नहीं होते हैं।
- उदाहरण: अस्पष्ट स्वामित्व विलेखों वाली कृषि भूमि के लिए मूल्यांकनकर्ता को संभावित कानूनी जोखिमों के लिए FMV समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।
स्थान-विशिष्ट कारक
ग्रामीण या दूरदराज संपत्तियों में अक्सर असंगत या पुराने सर्कल रेट होते हैं, जिससे FMV को वर्तमान बाजार स्थितियों के साथ मेल करना कठिन हो जाता है।
मूल्यांकन में व्यक्तिपरकता
विशेष संपत्तियों का मूल्यांकन में त्रुटि का अधिक मार्जिन हो सकता है, क्योंकि पेशेवर मूल्यांकनकर्ताओं को सीमित डेटा के आधार पर गुणात्मक आकलन और समायोजन पर निर्भर रहना पड़ता है।
Housing.com का पक्ष
भूमि के उचित मूल्य का निर्धारण एक बहु-आयामी प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न कारकों पर विचार करना शामिल होता है। कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन करना, पेशेवर मूल्यांकन सेवाओं का लाभ उठाना और बाजार की गतिशीलता के बारे में जानकारी रखना, एक निष्पक्ष और सफल संपत्ति लेन-देन के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। सही मूल्य पर पहुंचना विक्रेताओं को खरीदारों से बहुत जल्दी मिलवाने में मदद करता है, जबकि वे विक्रेता जो अनुमान और इच्छाशक्ति पर निर्भर रहते हैं, उनकी संपत्ति के मूल्यांकन में देरी होती है। पेशेवर सहायता का उपयोग करने से मालिकों को सही भूमि मूल्य का पता चलता है और वे संपत्ति का उचित रूप से मूल्यांकित कर सकते हैं।
Fair Market Value के मुख्य बिंदु
- FMV उस संपत्ति का वास्तविक मूल्य दर्शाता है, जिस पर विक्रेता और खरीदार दोनों सहमति जताते हैं।
- FMV बाजार मूल्य से अलग होता है, जो बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है और जरूरी नहीं कि संपत्ति के वास्तविक मूल्य पर केंद्रित हो।
- आय, लागत, मिश्रित और बाजार दृष्टिकोण के आधार पर FMV का मूल्यांकन किया जा सकता है।
FMV की गणना तुलनात्मक विश्लेषण, विक्रय मूल्य, प्रतिस्थापन लागत आदि के आधार पर की जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
2001 में संपत्ति का मूल्य कैसे पता करें?
संपत्ति की बिक्री मूल्य, अन्य संपत्तियों से तुलना करने, पेशेवर मदद लेने जैसे तरीकों का उपयोग करके।
कृपया कुछ उदाहरण दें, जहां उचित बाजार मूल्य की गणना की जाती है।
उचित बाजार मूल्य की गणना शेयर बाजार, उपहार, संपत्ति कर आदि में की जाती है।
उचित मूल्य और बाजार मूल्य में क्या अंतर है?
बाजार मूल्य बाजार के व्यवहार पर निर्भर करता है, उचित मूल्य वह कीमत है जो विक्रेता और खरीदार द्वारा सहमति से तय की जाती है।
संपत्ति का बाजार मूल्य क्या है?
बाजार मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर किसी संपत्ति को बेचा जा सकता है, इसलिए किसी विशेष समय पर यह वह उचित कीमत होती है, जिसकी वह संपत्ति हकदार होती है।
क्या उचित बाजार मूल्य रिकॉर्ड किया जाता है?
सभी संपत्तियां जो उचित बाजार मूल्य पर बेची या खरीदी जाती हैं, उन्हें लेखाकारों द्वारा रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।
संपत्ति का उचित बाजार मूल्य कैसे पता करें?
आप संपत्ति का उचित बाजार मूल्य सर्कल दर या आरआर दर के आधार पर आकलन कर सकते हैं।
उचित बाजार मूल्य क्या है?
उचित बाजार मूल्य अधिग्रहण की लागत का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो पूंजीगत लाभ उद्देश्यों के लिए आवश्यक है।
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