जानें क्या होता है उचित भूमि मूल्य या FMV, कैसे की जाती है इसकी गणना?

उचित भूमि मूल्य क्या है? इसे कैसे गणना करें? इस आर्टिकल में आपको इन प्रश्नों के उत्तर खोजने में सहायता मिलेगी।

खुले बाजार में किसी संपत्ति की कीमत रुझानों और परिस्थितियों पर आधारित होती है। किसी संपत्ति के मूल्य पर बातचीत करने की प्रक्रिया और उसे बाजार मूल्य के करीब लाने की प्रक्रिया, जो कि एक मानक होती है, इसे ही उचित बाजार मूल्यांकन कहा जाता है। इस आर्टिकल में हम उचित बाजार मूल्य से जुड़ी सभी जानकारियों पर चर्चा करेंगे, जिसमें इसका प्रभाव और गणना भी शामिल है।

 

किसी संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV) क्या होता है?

किसी संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) या भूमि का उचित मूल्य वह वर्तमान मूल्य होता है, जिस पर वह संपत्ति खुले बाजार में बेची जा सकती है। FMV मूल्य तय करने से पहले, खरीदार और विक्रेता दोनों को संपत्ति की वर्तमान स्थिति की जानकारी होनी चाहिए और यह लेन-देन उनकी स्वेच्छा से होना चाहिए।

गौरतलब है कि वित्त अधिनियम, 2017 के अनुसार, लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) के निर्धारण के लिए आधार वर्ष 1981 से बदलकर 2001 कर दिया गया था। यह परिवर्तन 1 अप्रैल, 1981 को संपत्तियों के FMV की गणना के लिए जानकारी की कमी के कारण किया गया था।

 

FMV क्यों महत्वपूर्ण है?

  • गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और सरकारी संगठन उस समय FMV पर विचार करते हैं, जब वे संपार्श्विक संपत्तियों या कराधीन संपत्तियों का मूल्यांकन करते हैं।
  • संपत्ति कर की गणना, बीमा दावे, दान, स्टॉक्स का स्वामित्व आदि कुछ ऐसे लेन-देन हैं, जिनके लिए FMV का मूल्यांकन जरूरी होता है।

 

उचित भूमि मूल्य को प्रभावित करने वाले कारक

उचित भूमि मूल्य निम्नलिखित कारकों के आधार पर या तो बढ़ सकता है या घट सकता है –

स्थान

किसी संपत्ति का मूल्य तय करने में उसका स्थान बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू और चेन्नई जैसे महानगरों में विकसित और विकासशील क्षेत्रों के बीच संपत्ति मूल्यों में बड़ा अंतर होता है। उदाहरण के लिए, मलाबार हिल्स, बांद्रा या जुहू जैसे क्षेत्रों में एक संपत्ति की कीमत कई करोड़ हो सकती है, जबकि इसके जैसी ही संपत्ति किसी विकासशील इलाके में केवल 50 लाख रुपए की हो सकती है।

साइट

एक बेहतरीन क्षेत्र के भीतर भी संपत्ति के लिए काफी ज्यादा मायने रखता है। जैसे कि कॉर्नर प्लॉट होना या मुख्य सड़क के निकट होना जैसी कुछ बाते हैं , जो भविष्य में उसकी मूल्यवृद्धि को प्रभावित करते हैं। एक बड़े आकार की भूमि का मूल्य, छोटे आकार की तुलना में अधिक होता है।

सुविधाएं

किसी संपत्ति से जुड़ी सुविधाएं और व्यवस्थाएं भी संपत्ति की कीमत के निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। निजी स्विमिंग पूल, लिफ्ट्स और संपत्ति के पास में व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसी विशेषताओं को महामारी के बाद अधिक सकारात्मक रूप से देखा जाता है और ये संपत्ति के मूल्य में अधिक वृद्धि का कारण बन सकती हैं।

इन्फ्रास्ट्रक्चर

इन्फ्रास्ट्रक्चर अपडेट्स से लाभान्वित होने वाली प्रॉपर्टीज की कीमतों में अधिक तेजी से बढ़ोतरी होती है। उदाहरण के लिए, अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन के बाद वहां की जमीन के रेट्स में वृद्धि देखी गई है और ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में भी जबरदस्त ग्रोथ हुई है। इसी तरह इस वर्ष की शुरुआत में उद्घाटन किए गए मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का भी नवी मुंबई और मुंबई की रियल एस्टेट प्राइस पर सकारात्मक असर पड़ा है, क्योंकि यह शानदार कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसके अलावा नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास की कीमतों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

मांग और आपूर्ति

मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन भी संपत्ति की मूल्यवृद्धि को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक में से एक है। किसी संपत्ति में शानदार सुविधाएं होने के बावजूद, यदि मांग कम हो या वैसी ही अन्य संपत्तियों की अधिकता हो तो इससे भी उस संपत्ति की कीमत में विशेष बढ़ोतरी नहीं हो पाती। यदि मांग अधिक हो और आपूर्ति पर्याप्त न हो तो संपत्ति का उचित बाजार मूल्य (FMV) तेजी से बढ़ता है। वहीं दूसरी ओर अगर आपूर्ति बहुत अधिक हो जाए तो मांग कम हो जाती है और संपत्ति का मूल्य घटने लगता है।

ब्याज दरें

संपत्ति खरीदने के लिए उधार लेने वालों द्वारा चुकाई जाने वाली ब्याज दरें उसकी कीमत में वृद्धि को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। उच्च ब्याज दरें खरीदारों की भावना पर विपरीत असर डाल सकती हैं और संपत्ति की मूल्यवृद्धि की संभावना को सीमित कर देती हैं।

समय

रियल एस्टेट निवेश आम तौर पर लंबी अवधि में ही काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होते हैं। किसी संपत्ति का मूल्य अल्पकालिक उतार-चढ़ाव की तुलना में लंबे समय के लिए निवेश करने पर बढ़ने की अधिक संभावना रखता है।

इन सभी कारकों पर ध्यान देना संपत्ति खरीदारों और निवेशकों के लिए बेहद जरूरी है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें और रियल एस्टेट बाजार में मूल्यवृद्धि की संभावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकें।

हाउसिंग इंडेक्स

हाउसिंग इंडेक्स रेजिडेंशियल रियल एस्टेट क्षेत्र में होने वाले बदलावों को दर्शाता है। भारत में कुछ प्रमुख प्रॉपर्टी इंडेक्स हैं – नेशनल हाउसिंग बैंक का ‘रेजिडेक्स’, भारतीय रिज़र्व बैंक का ‘हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI)’ और ‘रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी प्राइस इंडेक्स (RPPI)’।

हर तिमाही के दौरान अपडेट किए जाने वाले ये इंडेक्स भारत के विभिन्न शहरों में मौजूदा बाजार और मूल्य प्रवृत्तियों की एक स्पष्ट झलक देते हैं। ये इंडेक्स राजस्व विभाग के लेन-देन डेटा के आधार पर तिमाही रूप से अपडेट किए जाते हैं।

हालांकि, इन इंडेक्स की कई कमियां भी हैं, जैसे इनमें वे आंकड़े शामिल हो सकते हैं, जो उस शहर से संबंधित हों या न हों, जिसे आप देख रहे हैं। साथ ही, चूंकि इन्हें तिमाही आधार पर अपडेट किया जाता है, इसलिए निर्णय लेने के लिए हालिया डेटा प्राप्त करना कठिन हो सकता है।

कानूनी स्थिति

संपत्ति का निर्विवाद टाइटल, जोनिंग कानूनों के साथ अनुपालन और कानूनी विवादों का अभाव महत्वपूर्ण हैं। कानूनी जटिलताओं वाली संपत्तियों का बाजार मूल्य घट सकता है।

सरकारी नीतियां और कराधान

संपत्ति कर, आवास नियमों और सरकारी प्रोत्साहनों में बदलाव सीधे संपत्ति के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अनुकूल कर नीति मांग को बढ़ा सकती है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

उचित बाजार मूल्य बनाम बाजार मूल्य

हालांकि उचित बाजार मूल्य और बाजार मूल्य शब्द अक्सर एक-दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनका अर्थ में कई स्पष्ट समानताएं होते हुए भी भिन्नताएं हैं।

पैरामीटर उचित बाजार मूल्य बाजार मूल्य
परिभाषा FMV वह मूल्य है, जिस पर एक संपत्ति एक इच्छुक क्रेता और एक इच्छुक विक्रेता के बीच हस्तान्तरित होगी, जब दोनों को प्रासंगिक तथ्यों का उचित ज्ञान होगा और किसी पर भी खरीदने या बेचने का कोई दबाव नहीं होगा। बाजार मूल्य खुले बाजार में किसी संपत्ति का वर्तमान मूल्य है, जिसमें आपूर्ति, मांग और मौजूदा आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों पर विचार किया जाता है। यह वह राशि है, जिसे खरीदार भुगतान करने को तैयार है और विक्रेता सामान्य और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट बाजार में स्वीकार करने को तैयार है।
विचार FMV एक निष्पक्ष और खुले बाजार लेनदेन के काल्पनिक परिदृश्य पर विचार करता है, जहां दोनों पक्ष अपने सर्वोत्तम हितों के लिए काम करते हैं। बाजार मूल्य, अचल संपत्ति बाजार की व्यावहारिक, वर्तमान स्थिति पर अधिक केंद्रित होता है, जिसमें हाल की बिक्री, तुलनीय संपत्तियों और स्थानीय आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखा जाता है।
उपयोग और निहितार्थ FMV का प्रयोग अक्सर कानूनी और कर संदर्भों में किया जाता है, जैसे संपत्ति कर निर्धारित करने, पूंजीगत लाभ कर की गणना करने या संपदा नियोजन में परिसंपत्तियों के मूल्य का आकलन करने के लिए। रियल एस्टेट लेनदेन में अक्सर किसी संपत्ति की लिस्टिंग कीमत या ऑफर राशि निर्धारित करने के लिए मार्केट रेट का उपयोग किया जाता है। रियल एस्टेट पेशेवर आम तौर पर मार्केट रेट का आकलन करने के लिए हाल ही में हुई तुलनात्मक बिक्री का उपयोग करते हैं।

 

FMV (Fair Market Value) की गणना कैसे करें?

FMV की गणना निम्नलिखित परिस्थितियों में की जाती है –

  • संपत्ति की बिक्री।
  • देनदारी का हस्तांतरण।
  • यह कोई मजबूरी या तनावपूर्ण बिक्री नहीं होनी चाहिए।
  • जब संपत्ति स्पष्ट रूप से बाजार-आधारित हो, न कि संस्था-आधारित।

मानक, दिशा-निर्देश, स्थानीय और राष्ट्रीय नियमों का उपयोग संपत्ति के FMV का निर्धारण करने के लिए किया जाता है। संपत्ति की स्वामित्व अवधि जितनी लंबी होगी, संपत्ति के खरीदी मूल्य और FMV के बीच का अंतर उतना ही बड़ा हो जाएगा।

 

FMV (Fair Market Value) की गणना करने के विभिन्न तरीके

जब संपत्ति की स्वामित्व अवधि लंबी के लिए होती है तो खरीद मूल्य और FMV के बीच का अंतर ज्यादा होता है। संपत्ति के FMV को निर्धारित करने के लिए मानक, दिशा-निर्देश, स्थानीय और राष्ट्रीय नियमों का उपयोग किया जाता है।

FMV की गणना करने के 4 तरीके इस प्रकार है –

  1. व्यावसायिक दृष्टिकोण: एक अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श लें, जो FMV को सही तरीके से निर्धारित करने में मदद कर सके।
  2. बिक्री मूल्य विधि: इस तरीके से समान संपत्ति की हाल की बिक्री या खरीद के आधार पर FMV की गणना की जाती है।
  3. प्रतिस्थापन विधि: संपत्ति को समान एक अन्य संपत्ति से प्रतिस्थापित करने की लागत का मूल्यांकन करके FMV का अनुमान लगाएं।
  4. तुलनात्मक विधि: संपत्ति का अन्य समान गुणों वाली संपत्तियों से तुलना करके इसके मूल्य का किया जाता है।

 

Fair Market Value की मूल्यांकन विधियां क्या हैं?

नीचे FMV (Fair Market Value) का अनुमान लगाने के लिए कई विधियां दी गई हैं। आप संपत्ति के मूल्यांकन के लिए एक विशेषज्ञ आकलन कर्ता को नियुक्त कर सकते हैं। विशेषज्ञ आपको आपकी संपत्ति का FMV व्यवस्थित तरीके से आकलन करके बता सकता है –

तैयार रेकनर या सर्कल रेट्स

FMV (न्यायसंगत बाजार मूल्य) तय करने का एक तरीका यह है कि सरकार द्वारा अधिसूचित तैयार मानक दरों (रेडी रेकनर) या सर्कल रेट्स का संदर्भ लिया जाए। ये दरें राज्य सरकार द्वारा किसी विशेष क्षेत्र या संपत्ति के प्रकार के लिए पहले से निर्धारित की जाती हैं। इन दरों का उद्देश्य संपत्ति के मूल्य को कम दिखाने से रोकना होता है।

यदि कोई संपत्ति 1 अप्रैल 2001 से पहले अधिग्रहित की गई थी तो उस वर्ष के लिए संबंधित क्षेत्र में लागू सर्कल रेट का हवाला देकर FMV निर्धारित किया जा सकता है। 2001 के बाद विरासत, उपहार या निर्माण के जरिए अधिग्रहित संपत्तियों के लिए अधिग्रहण के वर्ष में लागू रेडी रेकनर रेट का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि 2001 से संबंधित रेडी रेकनर या सर्कल रेट्स तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। ऐसे में आप स्थानीय उप-पंजीयक ऑफिस या राज्य के राजस्व विभागों से संपर्क कर सकते हैं, जो पुराने रेट्स के अभिलेख रख सकते हैं।

यह जानना जरूरी है कि आयकर कानूनों के तहत 1 अप्रैल 2001 को संपत्ति का FMV, उस तारीख पर स्टांप ड्यूटी मूल्यांकन से अधिक नहीं हो सकता। यह सीमा सुनिश्चित करती है कि कर उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त FMV सरकार द्वारा अधिसूचित मूल्यों के अनुरूप ही हो।

आय दृष्टिकोण

एक रजिस्टर्ड मूल्यांकनकर्ता, जो संपत्ति कर नियमों के तहत मान्यता प्राप्त होता है, वह आपकी संपत्ति का मूल्यांकन कर सकता है और FMV निर्धारित करने के लिए एक विस्तृत मूल्यांकन रिपोर्ट प्रदान कर सकता है। यह व्यावसायिक संपत्ति के लिए सबसे उपयुक्त है।

इसे डिस्काउंटेड कैश फ्लो (DCF) विधि के नाम से भी जाना जाता है, यह विधि संपत्ति के भविष्य में होने वाले नकद प्रवाहों के वर्तमान मूल्य की गणना करती है। इसमें इनफ्लो और आउटफ्लो पर विचार किया जाता है, फिर एक डिस्काउंट रेट लागू किया जाता है, जो संपत्ति के वर्तमान मूल्य को कम कर देता है।

उदाहरण के लिए: एक व्यावसायिक संपत्ति, जिससे प्रति वर्ष किराए के रूप में 10 लाख रुपए की आय पैदा होने की उम्मीद है तो 8 फीसदी डिस्काउंट रेट के साथ उसका FMV Rs 1,25,00,000 (Rs 10,00,000 ÷ 0.08) होगा।

विक्री तुलना विधि

अगली विधि विक्री तुलना दृष्टिकोण है, जहां आप समान संपत्तियों से तुलना करके संपत्ति की लागत जान सकते हैं, जो बेची जा चुकी हैं और यह आवासीय संपत्ति के लिए सबसे उपयुक्त है।

लागत दृष्टिकोण

FMV (न्यूनतम बाजार मूल्य) उस लागत पर आधारित होता है, जो संपत्ति को प्रतिस्थापित करने के लिए आवश्यक है, वहीं इस दौरान अवमूलन का भी ध्यान में रखा जाता है। यह विधि विशेष रूप से पुरानी संपत्तियों के लिए सहायक है, जहाँ बाजार में तुलनीय संपत्तियां सीमित होती हैं।

उदाहरण: 1995 में खरीदी गई एक संपत्ति के लिए 2024 में समान संपत्ति की प्रतिस्थापन लागत 70,00,000 रुपए अनुमानित की गई है। अवमूलन को ध्यान में रखते हुए FMV 50 लाख रुपये निर्धारित की जाती है।

हाइब्रिड दृष्टिकोण

यह बाजार, लागत और आय दृष्टिकोणों के तत्वों को मिलाकर एक अधिक व्यापक मूल्यांकन उपलब्ध  कराता है। यह अद्वितीय या उच्च-मूल्य वाले संपत्तियों के लिए सबसे उपयुक्त है, जिनमें विविध प्रभाव डालने वाले कारक होते हैं। इस पद्धति में समान स्थानीयता में स्थित समान संपत्तियों की बिक्री मूल्य का उपयोग करके FMV (Fair Market Value) निर्धारित किया जाता है।

उदाहरण: एक संपत्ति का FMV वर्तमान प्रवृत्तियों का मूल्यांकन करने के लिए बाजार दृष्टिकोण, किराए की आय क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए आय दृष्टिकोण और प्रतिस्थापन मूल्य का मूल्यांकन करने के लिए लागत दृष्टिकोण का उपयोग कर सकता है। उदाहरण के लिए आप इसे प्रकार समझ सकते हैं कि यदि संपत्ति का बाजार मूल्य Rs 55 लाख रुपए है और आय दृष्टिकोण 60 लाख रुपए है और लागत दृष्टिकोण Rs 50,00,000 देता है, तो FMV अंतिम रूप से तय करने के लिए वेटेड एवरेज का उपयोग किया जा सकता है।

प्रतिस्थापन शुल्क

यह विधि आपको एक समान संपत्ति का उपयोग करके संपत्ति या संपत्ति को खरीदने या बनाने का मूल्य निर्धारित करने में मदद करती है। यह आपको एक कर रिटर्न तैयार करने या एक बीमा दावा दाखिल करने में सहायता देती है।

तुलनात्मक संपत्तियों की लागत

रियल एस्टेट एजेंट अक्सर आपको पड़ोसी घरों या संपत्तियों के बिक्री मूल्यों की सूची प्रदान करते हैं, जब आप संपत्ति बेचना चाहते हैं। इसे तुलनात्मक मूल्य कहा जाता है। आप तुलनात्मक लागतों का उपयोग करके एक संपत्ति का FMV (न्यूनतम बाजार मूल्य) निर्धारित कर सकते हैं।

 

सरकारी प्रमाणित उचित बाजार मूल्य गणना पद्धति

पारंपरिक तरीकों जैसे कि बाजार तुलना और पेशेवर मूल्यांकन के अलावा, करदाताओं और संपत्ति मालिकों के पास अपनी संपत्तियों का उचित बाजार मूल्य (FMV) सटीक रूप से निर्धारित करने के लिए विभिन्न सरकारी प्रमाणित उपकरणों और सॉफ्टवेयर का उपयोग करने का ऑप्शन है। ये उपकरण प्रक्रिया को सरल बनाते हैं, साथ ही पारदर्शिता भी सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा कर अधिकारियों के साथ किसी प्रकार के विवाद की संभावना को भी कम करते हैं। नीचे कुछ ऐसे उपकरणों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें FMV की गणना के लिए उपयोग किया जा सकता है।

स्टांप ड्यूटी रेडी रेकेनर पोर्टल्स

अधिकांश राज्य सरकारें ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराती है, जो विभिन्न स्थानीय क्षेत्रों के लिए मार्गदर्शन मूल्य, रेडी रेकेनर या सर्कल रेट्स सूचीबद्ध करती हैं। ये दरें FMV गणना के लिए एक आधार रेखा के रूप में काम करती हैं। उदाहरण के लिए, आप कर्नाटक के मार्गदर्शन मूल्य को कावेरी 2.0 ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग इन करके देख सकते हैं।

नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) रेजिडेक्स

नेशनल हाउसिंग बैंक का रेजिडेक्स एक व्यापक सूचकांक है, जो भारत के विभिन्न शहरों में संपत्ति मूल्य प्रवृत्तियों को ट्रैक करता है। यह हाउसिंग मार्केट की गतिशीलता पर जानकारी देता है, जिसे FMV अनुमान के लिए रिफ्रेंस के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऑनलाइन मूल्यांकन उपकरण

कुछ टैक्स से संबंधित पोर्टल या राज्य राजस्व विभाग की वेबसाइटें ऑनलाइन वेल्यूवेशन टूल की सुविधा देती है, जो यूजर द्वारा दर्ज की गई संपत्ति विवरणों के आधार पर FMV का अनुमान लगाती हैं। ये टूल्स सरकारी मानकों के अनुपालन को भी सुनिश्चित करते हैं।

आयकर विभाग की मार्गदर्शन

आयकर विभाग अक्सर FMV निर्धारित करने के लिए मार्गदर्शन देने के साथ एप्रुव्ड प्लेटफार्म देते है, विशेष रूप से पुराने संपत्तियों के लिए या टैक्स जांच के दौरान।

FMV उपकरणों का उपयोग करने के लाभ

सरकार द्वारा सत्यापित FMV टूल्स का उपयोग करने के कई लाभ हैं –

  • सटीकता: ये टूल्स आधिकारिक डेटा पर निर्भर करते हैं, जिससे विश्वसनीय FMV अनुमान सुनिश्चित होते हैं।
  • सुविधा: यूजर बिना किसी मैन्युअल गणना या व्यापक पेशेवर सहायता की आवश्यकता के ऑनलाइन FMV जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • कानूनी अनुपालन: इन टूल्स का उपयोग करने से करदाता आधिकारिक मूल्यांकन मानकों के अनुरूप रहते हैं, जिससे ऑडिट के दौरान विवादों की संभावना कम होती है।

 

आयकर कानूनों के तहत एफएमवी की भूमिका  

●      आयकर अधिनियम की धारा 2(22B) के अनुसार, संबंधित अवधि के लिए पूंजीगत लाभ की कीमत उचित बाजार मूल्य (FMV) होती है।

●      किसी संपत्ति की बिक्री से होने वाला कोई भी लाभ आयकर कानूनों के तहत कर योग्य होता है। लाभ सामान्यतः बिक्री मूल्य से अधिग्रहण लागत और सुधार लागत को घटाकर निर्धारित किया जाता है। यदि संपत्ति को 2 वर्ष से अधिक समय तक रखा गया है, तो आप लागत पर अनुक्रमण के लाभ का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, इसे 2024 में संशोधित किया गया है। नए कानून के तहत, 23 जुलाई 2024 से पहले रजिस्टर्ड सभी संपत्तियां दोनों ऑप्शन का लाभ उठा सकती हैं – अनुक्रमण के साथ दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 20 फीसदी या अनुक्रमण के बिना दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर 12.5 फीसदी।

●      जिन संपत्तियों को आपने 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदी थी, उनके लिए आपको अधिग्रहण लागत के स्थान पर 2001 में संपत्ति का उचित बाजार मूल्य लेने का ऑप्शन है, इसलिए पूंजीगत लाभ के उद्देश्य से अधिग्रहण लागत जानने के लिए उचित बाजार मूल्य का सिद्धांत महत्वपूर्ण है।

●      इसी प्रकार यदि समझौते में उल्लिखित मूल्य संपत्ति के स्टांप ड्यूटी मूल्य से कम है तो संपत्ति का स्टांप ड्यूटी मूल्य, जो उचित बाजार मूल्य का पर्याय है, उसे बिक्री मूल्य के रूप में लिया जाता है, न कि समझौते में उल्लिखित मूल्य को, इसलिए यदि समझौते का मूल्य संपत्ति के उचित बाजार मूल्य से कम है तो खरीददार और विक्रेता दोनों पर प्रभाव पड़ेगा।

●      यदि समझौते का मूल्य और संपत्ति का उचित बाजार मूल्य के बीच अंतर 5 फीसदी से अधिक है तो इसे आयकर कानूनों के विभिन्न प्रावधानों के तहत खरीददार और विक्रेता दोनों के हाथों में कर के रूप में लिया जाता है, इसलिए समझौता निष्पादित करने से पहले संपत्ति का उचित बाजार मूल्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है, ताकि ऐसे अंतर पर कर भुगतान से बचा जा सके।

यह भी देखें: बिक्री विलेख और बिक्री समझौते के बारे में सब कुछ

 

भूमि के उचित मूल्य के लाभ

भूमि के उचित मूल्य के महत्व के बारे में जानना सभी संबंधित पक्षों जैसे निवेशकों, मालिकों या खरीदारों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां इसके फायदे बताए गए हैं।

  • संपत्ति की अधिग्रहण: भूमि का उचित मूल्य या उचित बाजार मूल्य संपत्ति का एक मानदंड प्रदान करता है, जो संपत्ति खरीदने या बेचने से पहले उपयोगी होता है। सही FMV का पता लगाकर कोई भी वित्तीय जोखिमों से बच सकता है और संपत्ति से अच्छे रिटर्न प्राप्त करना सुनिश्चित कर सकता है।
  • व्यवसाय का मूल्य: FMV किसी व्यवसाय के मूल्य का आकलन करने में मदद करता है। यह पूंजी जुटाने से लेकर विलय आदि तक कुछ भी हो सकता है।
  • बीमा: FMV का उपयोग संपत्ति के बीमा कवरेज की गणना करने के लिए किया जाता है। यह तब भी उपयोग होता है, जब संपत्ति को संपार्श्विक के रूप में रखा जाता है ताकि संबंधित ऋण वितरित किए जा सकें।
  • कर: संपत्ति से संबंधित सभी करों की गणना के लिए FMV (फेयर मार्केट वैल्यू) का उपयोग किया जाता है। यह संपत्ति की स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना में भी उपयोगी होता है। संपत्ति के अधिग्रहण के समय, प्रारंभिक FMV से संपत्ति के मूल्यह्रास या अमॉर्टाइजेशन की गणना की जाती है। संपत्ति की बिक्री के समय अंतिम FMV यह निर्धारित करने में मदद करता है कि उस संपत्ति से पूंजीगत लाभ हुआ है या हानि।।
  • निर्णय लेना: FMV (फेयर मार्केट वैल्यू) निवेशकों और डेवलपर्स को भूमि और संपत्ति अधिग्रहण पर मूल्यवान डेटा उपलब्ध कराता है। इस मूल्य के साथ, खरीदार यह जान पाते हैं कि वे अधिक भुगतान नहीं करेंगे। वे इसके माध्यम से निवेश पर लाभ (RoI) का मूल्यांकन भी कर सकते हैं।
  • वित्तीय योजना बनाना: FMV के साथ, व्यक्ति संपत्ति निवेश के संबंध में अपनी वित्तीय योजना बेहतर तरीके से बना सकते हैं। वास्तविक बाजार मूल्य और FMV के बीच तुलना बाजार में प्रवेश और निकासी के संबंध में निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
  • संपत्ति कर की गणना: सटीक फेयर मार्केट वैल्यू के साथ, सरकार (स्थानीय नगरपालिका निकाय) वर्तमान संपत्ति की स्थिति के आधार पर संपत्ति कर की सही गणना कर सकती है।
  • सौदेबाजी की क्षमता: फेयर मार्केट वैल्यू में उपलब्ध जानकारी के साथ संपत्ति खरीदते समय व्यक्ति आसानी से सौदेबाजी कर सकते हैं क्योंकि आधार मूल्य उपलब्ध है।
  • बाजार की अटकलों को रोकना: रियल एस्टेट मार्केट अटकलों से प्रभावित होता है और फेयर मार्केट वैल्यू की जानकारी कीमतों में वृद्धि और घटाव के संबंध में बाजार की अटकलों को रोकती है।
  • रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता: रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता लाने वाले कई कारकों में से एक फेयर मार्केट वैल्यू भी है। इसकी जानकारी होने से कोई भी व्यक्ति संपत्ति के लिए कृत्रिम या काल्पनिक मूल्य बिंदु निर्धारित नहीं बना सकता।

 

संपत्ति के FMV का मूल्यांकन करने की चुनौतियां

किसी संपत्ति के उचित बाजार मूल्य (FMV) तक पहुंचने में कई चुनौतियां होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोई सार्वभौमिक सूत्र नहीं है, जो सभी स्थितियों पर लागू हो। इसके एक ही पैमाना “सभी के लिए उपयुक्त” वाली स्थिति नहीं है। FMV का निर्धारण करने की सटीकता मुख्य रूप से मूल्यांकनकर्ता की विशेषज्ञता और उनके पास उपलब्ध जानकारी पर निर्भर करती है। एक निर्धारित मूल्यांकन के विपरीत, फेयर मार्केट वैल्यू अधिकतर एक अनुमान है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है।

पुरानी संपत्तियों के FMV का मूल्यांकन करने में कौन सी चुनौतियां हैं?

विशिष्ट या बहुत पुरानी संपत्तियों का मूल्यांकन, सामान्य आवासीय या व्यावासिक संपत्तियों के मुकाबले काफी अधिक जटिल हो सकता है।

बाजार तुलनाओं की अनुपस्थिति

  • बहुत पुरानी संपत्तियां जैसे पैतृक घर या ग्रामीण जमीन, हाल ही के बिक्री डेटा या आस-पास की समान संपत्तियों की कमी होती है, जिससे तुलना करना मुश्किल हो जाता है।
  • उदाहरण: एक 100 साल पुराना बंगला जो एक धरोहर क्षेत्र में स्थित है, उसकी वास्तुकला महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उसका मूल्यांकन करने के लिए कोई सीधे बाजार मानक नहीं होते। ऐसी ऐतिहासिक धरोहर जैसी कोई संपत्ति नहीं है, जिससे तुलना करके संपत्ति का मूल्यांकन किया जा सके।

स्थिति और अवमूल्यन

  • पुरानी संपत्तियों की स्थिति में व्यापक भिन्नताएं हो सकती हैं, जैसे टूट-फूट या ऐतिहासिक संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ मूल्यांकन की आवश्यकता होती है।
  • उदाहरण: 1950 के दशक में बनी एक संपत्ति को व्यापक मरम्मत की आवश्यकता हो सकती है, जो लागत दृष्टिकोण के तहत इसके मूल्यांकन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है।

कानूनी जटिलताएं

  • विवादित स्वामित्व, अधूरा कागजात या जोनिंग संबंधी मुद्दे मूल्यांकन प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं, क्योंकि ये तत्व मानक के रूप में तैयार रेकनर दरों में उल्लेखित नहीं होते हैं।
  • उदाहरण: अस्पष्ट स्वामित्व विलेखों वाली कृषि भूमि के लिए मूल्यांकनकर्ता को संभावित कानूनी जोखिमों के लिए FMV समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।

स्थान-विशिष्ट कारक

ग्रामीण या दूरदराज संपत्तियों में अक्सर असंगत या पुराने सर्कल रेट होते हैं, जिससे FMV को वर्तमान बाजार स्थितियों के साथ मेल करना कठिन हो जाता है।

मूल्यांकन में व्यक्तिपरकता

विशेष संपत्तियों का मूल्यांकन में त्रुटि का अधिक मार्जिन हो सकता है, क्योंकि पेशेवर मूल्यांकनकर्ताओं को सीमित डेटा के आधार पर गुणात्मक आकलन और समायोजन पर निर्भर रहना पड़ता है।

 

Housing.com का पक्ष

भूमि के उचित मूल्य का निर्धारण एक बहु-आयामी प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न कारकों पर विचार करना शामिल होता है। कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन करना, पेशेवर मूल्यांकन सेवाओं का लाभ उठाना और बाजार की गतिशीलता के बारे में जानकारी रखना, एक निष्पक्ष और सफल संपत्ति लेन-देन के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। सही मूल्य पर पहुंचना विक्रेताओं को खरीदारों से बहुत जल्दी मिलवाने में मदद करता है, जबकि वे विक्रेता जो अनुमान और इच्छाशक्ति पर निर्भर रहते हैं, उनकी संपत्ति के मूल्यांकन में देरी होती है। पेशेवर सहायता का उपयोग करने से मालिकों को सही भूमि मूल्य का पता चलता है और वे संपत्ति का उचित रूप से मूल्यांकित कर सकते हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

2001 में संपत्ति का मूल्य कैसे पता करें?

संपत्ति की बिक्री मूल्य, अन्य संपत्तियों से तुलना करने, पेशेवर मदद लेने जैसे तरीकों का उपयोग करके।

कृपया कुछ उदाहरण दें, जहां उचित बाजार मूल्य की गणना की जाती है।

उचित बाजार मूल्य की गणना शेयर बाजार, उपहार, संपत्ति कर आदि में की जाती है।

उचित मूल्य और बाजार मूल्य में क्या अंतर है?

बाजार मूल्य बाजार के व्यवहार पर निर्भर करता है, उचित मूल्य वह कीमत है जो विक्रेता और खरीदार द्वारा सहमति से तय की जाती है।

संपत्ति का बाजार मूल्य क्या है?

बाजार मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर किसी संपत्ति को बेचा जा सकता है, इसलिए किसी विशेष समय पर यह वह उचित कीमत होती है, जिसकी वह संपत्ति हकदार होती है।

क्या उचित बाजार मूल्य रिकॉर्ड किया जाता है?

सभी संपत्तियां जो उचित बाजार मूल्य पर बेची या खरीदी जाती हैं, उन्हें लेखाकारों द्वारा रिकॉर्ड किया जाना चाहिए।

संपत्ति का उचित बाजार मूल्य कैसे पता करें?

आप संपत्ति का उचित बाजार मूल्य सर्कल दर या आरआर दर के आधार पर आकलन कर सकते हैं।

उचित बाजार मूल्य क्या है?

उचित बाजार मूल्य अधिग्रहण की लागत का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो पूंजीगत लाभ उद्देश्यों के लिए आवश्यक है।

हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें
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