रेंट अग्रीमेंट पर स्टांप शुल्क

किराये के समझौतों पर स्टांप शुल्क या स्टांप ड्यूटी को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों के उत्तर यहां दिए गए हैं।

किराये के समझौतों को कानूनी वैधता प्रदान देने के लिए इसे उचित तरीके से आवश्यक शुल्क देकर रजिस्टर किया जाना चाहिए। रेंट अग्रीमेंट रजिस्टर करने के लिए आपको इस पर स्टांप शुल्क भी देना होगा। यहां स्टांप शुल्क और किराये के समझौतों पर अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों पर एक नज़र डाली गई है।

 

क्या आपको रेंट अग्रीमेंट पर स्टांप शुल्क देना होगा?

स्टांप ड्यूटी सरकार द्वारा लिया जाने वाला शुल्क है, जो प्रॉपर्टी के लेनदेन पर लगाया जाता है। जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं और जब आप किराये का समझौता करते हैं तो आपको स्टांप शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। स्टांप शुल्क भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899, की धारा 3 के तहत देय है।

 

भारत के राज्यों में किराये के समझौतों पर स्टांप शुल्क

क्षेत्र समझौते की अवधि राशि
दिल्ली 5 साल तक 2%
नोएडा 11 महीने तक 2%
कर्नाटक 11 महीने तक कुल किराये का 1% + सालाना भुगतान की गई जमा राशि या 500 रुपये, जो भी कम हो
तमिलनाडु 11 महीने तक किराए का 1% + डिपॉज़िट (जमा राशि)
उत्तर प्रदेश एक साल से कम वार्षिक किराया का 4% + डिपॉज़िट
महाराष्ट्र 5 वर्ष तक कुल किराये का 0.25%
गुरुग्राम 5 वर्ष तक औसत वार्षिक किराये का 1.5%
गुरुग्राम 5-10 वर्ष औसत वार्षिक किराये का 3%

 

किराये के समझौतों पर स्टांप शुल्क का भुगतान कैसे करें?

स्टांपिंग

किराये के समझौते पर स्टांप शुल्क का भुगतान स्टांप पेपर खरीदकर करना होता है। कुछ राज्य ई-स्टांपिंग सुविधा प्रदान करते हैं। स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) देश में ई-स्टांप सर्टिफिकेट देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त केंद्रीय रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसी (सीआरए) है।

  • एसएचसीआईएल वेबसाइट पर जाएं
  • ई-स्टांप सर्विसेज पर क्लिक करें
  • ड्रॉपडाउन से राज्य चुनें
  • आवेदन पत्र पूरा भरें और स्टांप सर्टिफिकेट के पेमेंट के साथ अधिकृत संग्रह केंद्र (कलेक्शन सेंटर) पर जमा करें।

ऑफलाइन मेथड

कुछ राज्य स्टांप विक्रेताओं से खरीदे गए छपे हुए गैर-न्यायिक स्टांप पेपर के पुराने सिस्टम का पालन करते हैं।

ऑनलाइन मेथड

महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में स्टांप शुल्क का भुगतान आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ऑनलाइन किया जा सकता है।

फ्रैंकिंग

स्टांप शुल्क का भुगतान करने के लिए एक और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली विधि फ्रैंकिंग है। इसमें बैंक या किसी अधिकृत एजेंसी में उस दस्तावेज़ के साथ एक आवेदन जमा करना होता है जिस पर स्टांप शुल्क का भुगतान करना है। एजेंसी दस्तावेज़ पर मुहर लगाती है।

 

रेंट अग्रीमेंट के लिए स्टांप पेपर का मूल्य कैसे तय किया जाता है?

जब स्टांप पेपर के मूल्य का निर्धारित करने में स्थान प्रमुख कारक (फैक्टर) होता है। साथ ही समझौते की अवधि भी एक भूमिका निभाती है। छोटी अवधि और बड़ी अवधि की लीज पर स्टांप शुल्क अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। इसके अलावा, आपका वार्षिक किराया भी एक फैक्टर होता है, खासकर कमर्शियल मामले में।

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क्या महीनेदरमहीने किराये पर रहने पर स्टांप शुल्क लागू होता है?

बिना किसी पंजीकरण के महीने-दर-महीने रहने का समय कागज पर लिखा जा सकता है। किराये के समझौतों पर स्टांप शुल्क अल्पकालिक से दीर्घकालिक अवधी के लिए अधिक महत्वपूर्ण है।

 

बैक डेट वाले किराये के समझौते पर क्या स्टांप शुल्क है?

किराये के समझौते की शर्तों के तहत पुरानी तारीख (बैक डेट) से लागू किया जा सकता है। हालाँकि, स्टांप शुल्क पिछली तारीख से नहीं लगाया जा सकता।

 

किराये के समझौते के लिए स्टांप पेपर किसे खरीदना होना होता है?

मकान मालिक या किरायेदार स्टांप पेपर खरीद सकते हैं और यह खरीदार का ही रहेगा। अगर आप एक ऑरिजिनल अनुबंध चाहते हैं, तो आपको स्टांप पेपर स्वयं खरीदना होगा। या आप दूसरे पक्ष से फोटोकॉपी या स्कैन की हुई कॉपी ले सकते हैं।

भारत में किरायेदार आम तौर पर किराया समझौता और स्टांप शुल्क तैयार करने की खर्च वहन करते हैं। वे स्थानीय कानूनों के अनुसार किराया समझौते को रजिस्टर करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालाँकि, किराया समझौते की खर्च मकान मालिक द्वारा भी वहन की जा सकती है या दोनों पक्षों के बीच शेयर की जा सकती है।

 

स्टांपिंग क्या है और क्या यह वैध है?

हां, कुछ राज्यों में ई-स्टांपिंग उपलब्ध है। ई-स्टांपिंग में आपको किराये के समझौते के लिए खुद जाकर स्टांप पेपर खरीदने की जरूरत नहीं है। आप बस स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) की वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं और पता लगा सकते हैं कि आपका राज्य ई-स्टांपिंग की सुविधा प्रदान करता है या नहीं।

 

अक्सर पूछे जाने प्रश्न (FAQs)

स्टांप पेपर पर किया गया रेंट अग्रीमेंट इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

अधिकतर संस्थान जैसे बैंक, गैस वितरण, एचआरए क्लेम, वाहन खरीद, स्कूल के लिए आवेदन, टेलीफोन कनेक्शन आदि आपके किराये के पते के सर्टिफिकेट को तभी वैध मानेंगे जब यह स्टांप पेपर पर हुआ हो।

क्या स्टांप पेपर की कोई एक्सपायरी डेट होती है?

हालाँकि आप खरीद के छह महीने बाद भी स्टांप पेपर का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन पुराने स्टांप पेपर को आदर्श रूप से छह महीने के भीतर कलेक्टर को वापस कर देना चाहिए और आपको रिफंड भी मिलेगा। पुराने स्टाम्प पेपर का उपयोग करना अच्छा आईडिया नहीं है।

क्या रेंट अग्रीमेंट का पंजीकरण अनिवार्य है?

एक वर्ष या उससे ज्यादा अवधि के रेंट अग्रीमेंट को रजिस्टर कराना अनिवार्य है। एक वर्ष से कम अवधि के समझौतों के लिए केवल स्टांप शुल्क शुल्क लागू होता है, जबकि पंजीकरण अनिवार्य नहीं है।

किराये के समझौते पर स्टांप शुल्क नहीं देने पर क्या होगा?

स्टांप पेपर पर बिना रजिस्टर किया रेंट अग्रीमेंट अदालत में प्रमाण के रूप में वैध नहीं है। आम तौर पर लोग सरकार द्वारा लगाए गए स्टांप शुल्क पर खर्च को बचाने के लिए 100 रुपये, 50 रुपये या 20 रुपये के न्यूनतम मूल्य के स्टांप पेपर का उपयोग करते हैं। हालाँकि, कोर्ट में यह काम नहीं करेगा। अदालत ऑरिजिनल स्टांप शुल्क का 10 गुना तक जुर्माना लगा सकती है।

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