अक्षय तृतीया को प्रॉपर्टी में निवेश करने का लिए बहुत शुभ समय माना जाता है। हर साल संभावित घर ग्राहक इसी दिन अपनी खरीददारी पूरी करते हैं और उन्हें इस दौरान कई बेहतर डील्स भी मिलती हैं। पिछले 2-3 वर्षं में ज्यादातर जगहों पर प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है और कई मामलों में वे काफी नीचे चली गई हैं। परिणामस्वरूप, आज घर खरीदार कम पैसों में घर पा सकते हैं, जो लोगों द्वारा चार साल पहले खरीदे गए की तुलना में लगभग 30-40% तक निवेश पर ब्याज का समायोजन करते हैं। इस वक्त प्रॉपर्टी मार्केट फेबरेबल रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो के साथ स्थिर है।
ऋचा रियल्टर्स के सीईओ संदीप आहूजा के मुताबिक अक्षय तृतीया कई मायनों में खास है:
- मार्केट इस पर सबसे निचले स्तर पर है और उसके साथ बिल्डर्स ग्राहकों को स्कीमें अॉफर कर रहे हैं।
- चूंकि आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है, लिहाजा ग्राहकों को अपार्टमेंट के लिए कम ईएमआई चुकानी होगी।
- नए रियल एस्टेट एक्ट के जरिए ग्राहक अब डिलिवरी में बिना देरी और क्वॉलिटी इश्यू के अपना ड्रीम होम खरीद सकते हैं।
वक्त-वक्त की बात है:
गोयल गंगा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अतुल गोयल ने कहा कि अब रियल एस्टेट में निवेश करना समझदारी है। क्योंकि वक्त के साथ प्रॉपर्टी की कीमतों में इजाफा होता जाएगा। उन्होंने कहा, ”आजकल जमीन खरीदने को एक शानदार निवेश माना जाता है। जो लोग फ्लैट, दुकान या कोई अन्य प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, खास तौर पर फर्स्ट टाइमर्स, उन्हें खास दिन का इंतजार करना चाहिए और अक्षय तृतीया उनमें से एक है। मैं कहूंगा कि शेयर में निवेश इत्यादि एक बारहमासी प्रक्रिया है और प्रॉपर्टी खरीदने की तुलना में इन्हें कम पसंद किया जाता है”।
अक्षय तृतीया पर अन्य परिसंपत्तियों के बजाय घर ही क्यों खरीदना चाहिए, जानिए 5 कारण:
- अन्य परिसंपत्तियों के बजाय घर ही क्यों खरीदना चाहिए, एक्सपर्ट्स इस पर अपनी अलग-अलग राय देते हैं।
- प्रॉपर्टी की कीमतें इस वक्त निचले स्तर पर हैं। साथ ही मार्केट भी कम अस्थिर है और कीमतें धीरे-धीरे बढ़ेंगी, लेकिन तेजी से।
- प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर जरूरत के वक्त लिक्विडिटी पैदा करना आसान है।
- किराये के रूप में रियल एस्टेट से नियमित आय हासिल की जा सकती है।
- प्रॉपर्टी में निवेश करने से कई तरह के इनकम टैक्स फायदे मिलते हैं।
- रियल एस्टेट की तुलना में सोना, शेयर और अन्य समान निवेश संपत्ति असल में उनके बाजार मूल्य के मामले में ज्यादा अस्थिर है।
वे शहर जिनमें इस अक्षय तृतीया को प्रॉपर्टी में निवेश किया जा सकता है:
अपने निवेश, अनुमानित रिटर्न्स और रिस्क कैपेसिटी के आधार पर ग्राहकों को विकल्प खोजने चाहिए। बड़े शहरों और मेट्रोपॉलिटन इलाकों में बड़े निवेश की जरूरत होती है और उभरते शहरों की तुलना में रिटर्न भी कम मिलता है, जहां कम इन्वेस्टमेंट की जरूरत होती है और रिटर्न ज्यादा मिलता है। इस अवधि में जिन शहरों में संपत्ति में निवेश किया जा सकता है, उनमें मुंबई पेरिफेरल इलाके, पुणे, एनसीआर, वडोदरा, जयपुर और अन्य उभरते इलाके हैं, जहां बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) बड़े स्तर पर प्रभाव दिखा रहा है। ये शहर कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में तेजी से उभर रहे हैं, जिस कारण ये ग्राहकों के लिए और भी आकर्षक हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि रिहायशी अचल संपत्ति की मांग मजबूत है, जिसमें फिलहाल एक या दो वर्ष के लिए कमर्शियल सेगमेंट पिछड़ रहा है।