जानिए क्या है UIDAI और आधार की अहमियत

आज हम आपको आधार कार्ड से जुड़ी हर जानकारी देंगे. साथ ही बताएंगे कि रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन्स में इसका इस्तेमाल अच्छी बात कैसे है.

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) का गठन 2009 में प्लानिंग कमिशन ने किया था. UIDAI एक सरकारी निकाय है जिसने भारत सरकार ने आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत कानूनी वैधता दी है. भ्रष्टाचार और कालेधन के रोकथाम के लिए भारत सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह अचल संपत्ति को आधार से लिंक कर सकती है. अगर यह फैसला होता है तो इसके व्यापक प्रभाव होंगे और बेनामी लेनदेन कानून को लागू करना आसान होगा.

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यूआईडीएआई एक संस्था है, जो भारतीय नागरिकों को आधार कार्ड जारी करती है. इस कानून का मकसद हर नागरिक को एक विशिष्ट पहचान मुहैया कराना है, जिसे आधार कार्ड नाम दिया गया. यूआईडीएआई में डुप्लीकेट डेटाबेस के लिए कोई जगह नहीं है. यूआईडीएआई नागरिकों को उनकी आईडी की वैधता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करता है, वो भी उनसे बिना ज्यादा फीस लिए. फिलहाल 120 करोड़ से ज्यादा लोगों को आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं.

आधार एक्ट 2016 नए आवेदकों और आधार कार्ड के बारे में और अहम कामों को करने का अधिकार और जिम्मेदारी देता है, जिसमें डेटाबेस की सुरक्षा और यूआईडीएआई का मजबूत प्रबंधन प्रणाली का निर्माण शामिल है.

क्या है आधार कार्ड और इसे कैसे बनाया गया?

आधार दुनिया की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली है, जिसमें पुष्टि के लिए बायोमीट्रिक्स की जरूरत पड़ती है. हर आधार कार्ड में 12 यूनीक डिजिट होते हैं, जिसे यूआईडीएआई आवेदक की वैलिडेशन के बाद जारी करता है. आधार को नागरिकता प्रमाण नहीं बल्कि पहचान पत्र माना जाता है और यह किसी को डोमिसाइल अधिकार नहीं देता. गृह मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि नेपाल और भूटान जैसे देशों में आधार को भारतीयों के लिए वैध पहचान पत्र नहीं माना जाता.

2009 में तत्कालीन प्लानिंग कमीशन ने इसका गठन किया था और 2016 में संसद से मुहर लगने के बाद कानूनी मान्यता मिली. साल 2012 में यूआईडीएआई ने आधार नंबर की ऑनलाइन वेरिफिकेशन सुविधा लॉन्च की थी, ताकि टेलीकॉम कंपनियां शख्स की आईडी तुरंत वेरिफाई कर सकें. इसी साल तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डायरेक्ट बिनिफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू की थी. उन्होंने राष्ट्रीय विकास योजनाओं को नागरिकों के आधार कार्ड से लिंक करने का फैसला लिया. इसका मकसद उस पैसे में होने वाली गड़बड़ी को रोकना था, जो गरीबों के लिए भेजा जाता था.

क्या आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए अनिवार्य है?

सुप्रीम कोर्ट के साल 2013 के आदेश के मुताबिक, आधार कार्ड स्वैच्छिक है अनिवार्य नहीं. किसी भी शख्स को महज इसलिए सरकारी स्कीमों का लाभ देने से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसके पास आधार नहीं है. आधार सिर्फ विशिष्ट प्रमाणपत्र है. यह किसी को नागरिकता प्रदान नहीं करता. डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम (डीबीटी), जिसे आधार लिंक के साथ लाया गया था, वह फैसले के बाद धीमी पड़ गई. लेकिन सकारात्मक पक्ष यह रहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वेच्छा से अपना एनरोलमेंट आधार डेटा में कराने लगे क्योंकि यह सर्विस पूरी तरह फ्री है.

सरकार सभी अचल संपत्तियों को आधार से जोड़ने की प्लानिंग कर रही है. अगर किसी शख्स के पास एक से ज्यादा प्रॉपर्टी है तो वह आसानी से पता चल जाएगी और इनकम टैक्स विभाग के लिए भी रियल एस्टेट में बेनामी संपत्तियां पहचानने में आसानी होगी. इससे कालाधन में भी गिरावट आ सकती है क्योंकि जिस शख्स के पास पैसा होगा, वही प्रॉपर्टी खरीद पाएगा. लिहाजा रियल एस्टेट की कीमतें स्थिर होंगी और कीमतों में असामान्य अस्थिरता/अटकलें, कम हो जाएंगी.

क्या आधार को वैश्विक मान्यता प्राप्त है?

वर्ल्ड बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट ने आधार को दुनिया की सबसे जटिल प्रणाली बताया है क्योंकि यह एक सुरक्षित डेटाबेस में आवेदक की जानकारी स्टोर करता है और किसी शख्स के बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करके डेटा को फिर से हासिल कर लेता है.

आधार बनाम पासपोर्ट

फिलहाल, आधार कार्ड यूआईडीएआई द्वारा दिया जाता है. इसमें किसी शख्स की बायोमीट्रिक जानकारी दर्ज होती हैं. यह भारतीय पासपोर्ट का कोई अन्य विकल्प नहीं है, जिसे वैश्विक स्तर पर प्राथमिक आईडी माना जाता है. हालांकि अगर आप आधार नंबर देते हैं तो सरकार आपको जल्द पासपोर्ट उपलब्ध करा देती है क्योंकि किसी पासपोर्ट आवेदक की जानकारियां वेरिफाई करना आसान होता है.

क्या आप अपना आधार बैंक या अन्य NBFC से छिपा सकते हैं?

साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपना पिछला आदेश पलट दिया. पिछले आदेश में कोर्ट ने बैंक अकाउंट खोलने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया था. फिलहाल नया सिम लेने, स्कूल में एडिशन के साथ-साथ बैंक आवेदक से आधार कार्ड जमा कराने के लिए नहीं कह सकता. हालांकि आधार को पैन कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य है. आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए बैंक ग्राहक आधार की डिमांड करते हैं.

भले ही सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न एजेंसियों को आधार देने पर रोक लगा दी हो, लेकिन भारत सरकार समय-समय पर बैंक, मोबाइल फोन और अन्य विकास योजनाओं से आधार को जोड़ने की कवायद में जुटी रहती है. क्योंकि इससे फर्जी लोग बाहर हो जाते हैं और सीधे लोगों के बैंक खातों में पैसे पहुंचते हैं.

अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो नया कैसे बनवाएं?

यह तो पता चल गया कि आधार कार्ड के क्या फायदे हैं. लेकिन सवाल उठता है कि आधार कार्ड कैसे बनवाएं और इसके लिए कहां अप्लाई करें. आइए आपको बताते हैं.

सबसे पहले आवेदक को अपने सारे दस्तावेज इकट्ठा करने चाहिए ताकि नए आधार के एनरोलमेंट की प्रक्रिया में कोई देरी न हो. आवेदक को अपना एड्रेस प्रूफ और आईडी प्रूफ देना होगा, लिहाजा इन दस्तावेजों को ध्यान से अरेंज कर लें.इसके बाद आप उस प्रक्रिया की ओर बढ़ जाएंगे, जहां से आप आधार डेटाबेस में एनरोलमेंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

*आपके घर के आसपास ऐसे ढूंढें आधार एनरोलमेंट सेंटर

*कोई भी आसानी से इंटरनेट की मदद से आधार सेंटर ढूंढ सकता है. नजदीकी आधार सेंटर ढूंढने के लिए https://appointments.uidai.gov.in/centersearch.aspx पर क्लिक करें.

*इसके बाद आप सीधे सेंटर जा सकते हैं या फिर अपनी सुविधा के हिसाब से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं.

*एनरोलमेंट फॉर्म भरें

*सेंटर पर जाकर आपको सही जानकारी के साथ एनरोलमेंट फॉर्म भरना होगा और सेंटर पर अथॉरिटी को जमा कराने के पहले सेल्फ अटेस्ट करना होगा. आप यह फॉर्म इंटरनेट पर भी भर सकते हैं और इसके बाद उसे सेंटर पर जमा करा सकते हैं. फिर ऑनलाइन नामांकन पोर्टल पर जाने के लिए इस लिंक को खोलें.

https://uidai.gov.in/images/aadhaar_enrolment_correction_form_version_2.1.pdf

*ऊपर बताए गए तरीके से आधार में एनरोल करने के बाद आपको यूआईडीएआई द्वारा मांगी गई जानकारियां देनी होगी और दस्तावेज आधार सेंटर पर अधिकारियों के सामने पेश करने होंगे.

बायोमीट्रिक डेटा कलेक्शन

सभी आवेदकों को अपनी बायोमीट्रिक जानकारी यूआईडीएआई को देनी होगी क्योंकि ये आधार के मूलभूत पहलू हैं. बायोमीट्रिक इनपुट्स का इस्तेमाल आधार में नागरिकों की पहचान के लिए किया जाता है क्योंकि सेंध मारने वाले या अनधिकृत कर्मियों के लिए बायोमीट्रिक्स को हासिल करना बेहद मुश्किल है.

आधार सेंटर्स पर आपको अपने दो बायोमीट्रिक्स देने होंगे. पहला रेटीना स्कैन (आंखों की पुतलियां) और दूसरा फिंगरप्रिंट स्कैन. इसके साथ ही आपके चेहरे की फोटो भी ली जाएगी. यही फोटो आपके आधार कार्ड पर प्रिंट होकर आएगी.

पावती जरूर ले लें

इसके बाद जो काम आपके करने लायक बचा है, वह है पावती रसीद लेना. प्रक्रिया पूरी होने के बाद अधिकारी आपको यह रसीद देंगे. इस स्लिप के जरिए आप इंटरनेट पर अपनी सुविधानुसार एप्लिकेशन का स्टेटस चेक कर सकते हैं.

कहां इस्तेमाल होता है आधार?

यह याद रखना जरूरी है कि सरकारी एजेंसियों के विपरीत, उदाहरण के तौर पर चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए वोटर आईडी की तरह आधार किसी एक मकसद को पूरा करने के लिए नहीं लाया गया है. यह देश के हर नागरिक को पहचान देता है.

1. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर

सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं लाती है. ऐसे में उसका फायदा अब सीधा गरीबों को अपने बैंक खातों में मिलता है, जो आधार से जुड़े हैं. एलपीजी सब्सिडी ऐसी ही स्कीम है, जहां लोगों के आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे सब्सिडी पहुंचाई जाती है.

2. जन धन योजना

केंद्र सरकार की इस स्कीम के तहत हर किसी के जीरो सेविंग्स वाले बैंक अकाउंट खोले गए. इस योजना में नया बैंक खाता खोलने के लिए सिर्फ आधार दिखाना होता था. ध्यान रहे कि अन्य दस्तावेज दिखाकर भी लोग खाता खुलवा सकते हैं.

3. डिजिटल लॉकर

सरकार की इस स्कीम का फायदा भी आधार वेरिफिकेशन के जरिए लिया जा सकता है. इसमें शख्स को अपने सारे दस्तावेज सुरक्षित रखने की सुविधा दी जाती है. आप अपने दस्तावेज डिजिटल लॉकर में रख सकते हैं. इसके बाद दस्तावेज हर जगह साथ लेकर चलने का झंझट खत्म हो जाएगा.

4. 10 दिन में पासपोर्ट जारी

पासपोर्ट एप्लिकेशन के साथ आधार नंबर देने पर अथॉरिटीज उसे वेरिफाई करती हैं, जिससे काम आसान हो जाता है और आपको 10 दिनों के भीतर पासपोर्ट मिल जाता है.

5. नया मोबाइल नंबर

आधार नंबर देकर कोई भी चुटकियों में बिना किसी परेशानी के नया सिम कार्ड खरीद सकता है.

6. इसी तरह कई और कामों के लिए आधार का इस्तेमाल होता है, जैसे:

-एसईबीआई आईडेंटिफिकेशन
-पैन कार्ड लिंक
-आधार नंबर से एक महीने में 12 बार आईआरसीटीसी टिकट बुकिंग कर सकते हैं.

क्या आधार का दुरुपयोग हो सकता है?

हर किसी को यूआईडीएआई के तहत आधार नंबर हासिल करने के लिए कहा जाता है. लेकिन डेटाबेस को खतरों से बचाने के लिए यूआईडीएआई के अधिकारियों के सामने चुनौती भी है. अब तक 120 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड जारी हो चुके हैं. ऐसे में लोगों को यूआईडीएआई के अफसरों पर भरोसा है कि उनका आधार डेटाबेस सुरक्षित है. चूंकि आधार कई अन्य एजेंसियों और प्राधिकरणों के साथ लिंक है, इसलिए हैकर्स की इस पर नजर रहती है. लिहाजा इतने बड़े डेटा को सुरक्षित और सतर्कता से रखना यूआईडीएआई के लिए शीर्ष प्राथमिकता है.

आधार की सुरक्षा में सेंधमारी को लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया में कई तरह की अफवाह हैं. एक रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया कि किसी भी शख्स का आधार डेटा 500 रुपये में मिल रहा है. मीडिया ने अनुमान लगाया कि 500 रुपये में एक अरब से ज्यादा आधार कार्ड की जानकारी मिल जाएगी.

इस मामले ने तूल पकड़ा. यूआईडीएआई ने इन खबरों को खारिज कर दिया. उन्होंने तुरंत कहा कि लोगों की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित है और यूआईडीएआई के डेटाबेस में कोई सेंधमारी नहीं कर सकता. यूआईडीएआई के मुताबिक आधार सबसे सुरक्षित बायोमीट्रिक सिस्टम है. नागरिकों का डेटा कभी भी लीक नहीं हो सकता.

फिलहाल ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिलता, जिससे पुष्टि हो सके कि सार्वजनिक तौर पर लोगों का डेटा लीक हो गया है. फिर भी ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता कि डिजिटल माध्यम के अलावा अन्य तरीकों से लोगों का डेटा लीक नहीं हो सकता. शारीरिक रूप से लोग कार्ड का गलत इरादे से दुरुपयोग कर सकते हैं.

आधार के दुरुपयोग से बचने के लिए सावधानियां

भारत में 95 प्रतिशत लोगों के पास आधार कार्ड है. केंद्र सरकार के निर्देशों पर यूआईडीएआई ने एक खास सिक्योरिटी सिस्टम तैयार किया है, जो एन्क्रेप्टेड लेयर्स में काम करता है. भले ही आधार की सुरक्षा के कितने ही दावे किए जाते हों लेकिन हर कार्ड होल्डर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी जानकारियां लीक न हों. कुछ जरूरी सावधानियां बरतकर ऐसा होने से रोका जा सकता है.

-अपना आधार नंबर किसी को भी न बताएं.

-UIDAI की ओर से आपके मोबाइल डिवाइस पर आने वाले OTP को भी किसी को न बताएं. UIDAI के कर्मचारी भी इस बारे में आपके कभी नहीं पूछेंगे.

-यूआईडीएआई डिजिटल आधार कार्ड भी जारी करता है. ऐसे में अगर आप किसी पब्लिक साइबर कैफे में उसे डाउनलोड करते हैं तो काम पूरा होने के बाद ठीक से लॉग आउट करें और उस कंप्यूटर से सभी कॉपी डिलीट कर दें.

-अपना मोबाइल नंबर जरूर अपडेट कर लें क्योंकि प्राइमरी वेरिफिकेशन उसी मोबाइल नंबर से होगी, जो आधार से लिंक होगा.

-बैंक या अन्य जगह अपना आधार देते वक्त सतर्क रहें. आधार की कॉपी पर उसे देने का मकसद जरूर लिखें.

-यूआईडीएआई की वेबसाइट पर जाकर आप यह ट्रैक कर सकते हैं कि आपका आधार कार्ड पर बायोमीट्रिक प्रोटेक्शन है या नहीं.

-वेबसाइट पर अपने क्रेडेन्शियल्स को कन्फर्म करना भी बुरा नहीं है, जिससे यह पता चल जाए कि आधार का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है.

-सोशल मीडिया वेबसाइट पर अपना आधार नंबर कभी न डालें.

-अगर आपके 12 नंबर वाले यूनीक नंबर का दुरुपयोग हुआ है तो तुरंत अधिकारियों को बताएं ताकि ठोस कदम उठाए जा सकें.

आधार कार्ड के लिए कैसे अप्लाई करें

आधार कार्ड हासिल करना बहुत आसान है क्योंकि यूआईडीएआई ने इसकी एप्लिकेशन की प्रक्रिया बहुत आसान बनाई है. आप समाज के किसी भी वर्ग से आते हों, तब भी आपको आधार मिलेगा. सबसे पहले आवेदक को ध्यान रखना चाहिए कि उसके पास सारे दस्तावेज हों. इसके बाद वह आधार कार्ड के एनरोलमेंट की वास्तविक प्रक्रिया के लिए जा सकता है.

ऐसे करें आधार कार्ड के लिए अप्लाई

-इंटरनेट पर अपने घर के नजदीक आधार सेंटर खोजें या फिर आप इस लिंक पर क्लिक करें https://appointments.uidai.gov.in/centersearch.aspx, इस पेज पर आप अपना राज्य या पिन कोड डालकर नजदीकी आधार सेंटर ढूंढ सकते हैं.

-आधार सेंटर पर आप अपॉइंटमेंट भी बुक कर सकते हैं या फिर वहां खुद भी जा सकते हैं.

-फॉर्म आधार सेंटर पर मिलेंगे. वहां जाकर आप उसमें सही जानकारी भरें और उसे सेल्फ अटेस्ट करें. आधार सेंटर जाने से पहले आप फॉर्म को इंटरनेट पर भी भर सकते हैं. इसका लिंक यहां देखें- https://uidai.gov.in/images/aadhaar_enrolment_correction_form_version_2.1.pdf

-फॉर्म भरने के बाद आपको इसके साथ जरूरी दस्तावेज लगाने होंगे. इसके बाद यूआईडीएआई का कर्मचारी आपके दस्तावेज चेक करेगा.

-इसके बाद आधार सिस्टम में आपके बायोमीट्रिक्स लिए जाएंगे. कर्मचारी आपके फिंगरप्रिंट्स और आंखों की पुतलियों को स्कैन करेंगे. इसके साथ ही आपके चेहरे की तस्वीर भी ली जाएगी, जो बाद में आपके आधार कार्ड पर छपकर आएगी.

-अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों और अन्य चीजों की जांच के बाद आवेदक को ग्रीन सिग्नल मिलेगा. यूआईडीएआई की ओर से पुष्टिकरण की एक पावती रसीद दी जाएगी, जिसके जरिए वे इंटरनेट पर अपनी एप्लिकेशन ट्रैक कर सकते हैं.

ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें आधार

यूआईडीएआई ने ऑनलाइन आधार डाउनलोड करने की प्रक्रिया को काफी आसान बना दिया है. इसे ई-आधार के नाम से जाना जाता है और भारत में बड़े पैमाने पर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि यह सुविधाजनक है और कोई झंझट भी नहीं है.

आप इस लिंक https://uidai.gov.in/my-aadhaar/get-aadhaar.html, पर क्लिक कर सकते हैं या फिर वेबसाइट https://eaadhaar.uidai.gov.in/#/ पर भी लॉग इन कर सकते हैं. ई-आधार के जरिए आधार कार्ड डाउनलोड करना बहुत आसान है. इन तरीकों से आप वेबसाइट पर जाकर आधार कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं.

-वेबसाइट पर जाकर आधार कार्ड/एनरोलमेंट नंबर डालें.

-अपनी जानकारी भरें

-साइट पर दिए गए इमेज कैप्चा को वेरिफाई करें.

-अपना मोबाइल नंबर आधार सर्विसेज पर रजिस्टर करें.

-आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा, उसे डालें.

-पीडीएफ फाइल डाउनलोड करें और उसे खोलने के लिए आपको उसमें पिन कोड डालना होगा.

आधार कार्ड पर डिजिटल सिग्नेचर कैसे वेरिफाई करें?

-साइट पर जाकर Validity Unknown पर राइट क्लिक करें और फिर Validate Signature पर क्लिक करके आगे बढ़ें.

-इसके बाद Signature Validation Status विंडो खुलेगी और उसमें Signature Properties टैब को दबाएं.

– इसके बाद Show Certificate Tab पर क्लिक करें.

इसमें यह जरूर देख लें कि क्या NIC (नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर) 2011 के लिए सर्टिफिकेशन पाथ का नाम NIC sub-CA है या नहीं.

-इसके बाद ‘ट्रस्ट’ टैब दबाएं और फिर Add to Trusted Identities पर क्लिक करें.

-जो भी सिक्योरिटी से जुड़ा सवाल आए उस पर ओके दबाएं.

-Use this Certificate as a trusted Root के लिए (✔) निशान को चेक करें और फिर पहले की दो टैब्स को बंद करने के लिए दो बार ओके का बटन दबाएं.

-अंत में, Validate Signature पर क्लिक करें.

आधार कार्ड में जानकारियां कैसे बदलें

आधार कार्ड में बदलाव करने के दो तरीके हैं. पहला ऑनलाइन अपडेट और दूसरा नजदीकी एनरोलमेंट सेंटर पर जाकर.

आधार अपडेट करने का ऑनलाइन तरीका

आधार कार्ड में बदलाव करने के लिए वेबसाइट पर जाएं और कुछ जरूरी स्टेप्स को फॉलो करें. आपके पास रजिस्टर्ड फोन नंबर जरूर होना चाहिए, जिस पर यूआईडीएआई ओटीपी भेजेगा. यूजर्स सिर्फ सीमित जानकारियां ही सुधार सकते हैं. बाकी चीजों में सुधार के लिए आपको एनरोलमेंट सेंटर पर ही जाना होगा.

किसी भी एनरोलमेंट सेंटर जाएं

अपना आधार अपडेट कराने के लिए घर के नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर पर जाएं. घर के करीब आधार एनरोलमेंट सेंटर की जानकारी आप इस लिंक से भी पता कर सकते हैं-  https://appointments.uidai.gov.in/easearch.aspx

अगर यूआईडीएआई में आपका मोबाइल नंबर दर्ज नहीं है तो आप वह भी दर्ज करा सकते हैं. यह सुविधा ऑनलाइन में उपलब्ध नहीं है. आधार सेंटर्स पर कोई भी बदलाव कराना सही है क्योंकि यहां आपको जरूरी सहायता मिल जाएगी और भविष्य में परेशानी भी नहीं होगी.

प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट से कैसे लिंक करें आधार?

फिलहाल प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स के साथ आधार को लिंक करना न तो अनिवार्य है और न ही ऐसा कोई ढांचा है. क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. लेकिन बेनामी कानून लाकर सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह प्रॉपर्टी दस्तावेजों से आधार को लिंक कर सकती है.

जमीन के दस्तावेजों से कैसे लिंक करें आधार

इस साल की शुरुआत में बीजेपी की ओर से वकीलों ने आधार एक्ट के तहत भूमि दस्तावेजों को आधार से लिंक कराने को लेकर याचिका दायर की थी. इसका मकसद काला धन पर लगाम लगाना और बेनामी संपत्ति की पहचान करना है.

केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश में आधार को प्रॉपर्टी से कैसे लिंक कराएं?

इस साल की शुरुआत में राज्य सरकारों ने आधार कार्ड को नई प्रॉपर्टी से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया था. इसका मकसद भ्रष्टाचार रोकना और काले धन पर लगाम लगाना था.

क्या प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में आधार अनिवार्य है?

हां, केंद्र सरकार ने लोगों को सेंट्रल डेटाबेस के तहत अपनी पहचान को प्रमाणित करने के लिए आधार कार्ड को नई संपत्ति रजिस्टर करते वक्त अनिवार्य कर दिया है जो बेनामी अधिनियम के लिए रिकॉर्ड बनाने में मदद करेगा.

सुप्रीम कोर्ट का आधार कार्ड पर आदेश

-सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि यूआईडीएआई को बायोमीट्रिक्स सौंपते वक्त किसी शख्स की प्राइवेसी भंग नहीं होनी चाहिए.

-टेलीकॉम कंपनियों द्वारा निजी इस्तेमाल के लिए लोगों का प्राइवेट डेटा इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी.

-पैन कार्ड और आईटीआर फाइलिंग के लिए आधार कार्ड की जरूरत है.

-आधार कार्ड नहीं होने से किसी भी गरीब को जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित नहीं रखा जा सकता.

पीएमएवाई के लिए क्या आधार अनिवार्य है?

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिए बतौर पहचान शख्स के पास आधार कार्ड होना चाहिए.

क्या रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन्स के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है?

रियल स्टेट में कालेधन पर लगाम लगाना सरकार का बुनियादी मकसद है. लिहाजा आधार के तहत लेनदेन लागू करना इस क्षेत्र के लिए बेहद सख्त कदम है क्योंकि इससे सभी लेनदेन पर नजर रखी जा सकेगी और अवैध लेनदेन पर लगाम लगेगी, जिसमें कालाधन और भ्रष्टाचार शामिल है. लिहाजा नकदी का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया को खत्म करने के लिए आधार के तहत लेनदेन जरूरी हैं. पूरी तरह कैश में लेनदेन करना गैरकानूनी है.

क्या आधार रियल एस्टेट की लेनदेन में फ्रॉड रोक सकता है?

रजिस्ट्रेशन एक्ट में संशोधन कर केंद्र सरकार ने भारत में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में आधार अनिवार्य बना दिया है. इस कदम का पहला मकसद रियल एस्टेट मार्केट में कालेधन को खत्म करना है. साथ ही उन लोगों पर कार्रवाई करना, जिन्होंने मार्केट में अपना कालाधन निवेश किया हुआ है.

बेनामी कानून लागू होने के बाद, सरकार यह पहचान कर पाएगी कि किसने कालेधन का इस्तेमाल कर प्रॉपर्टी खरीदी है क्योंकि नई प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन में पैन कार्ड और आईटीआर फाइल की जरूरत पड़ेगी और इससे उस शख्स की आय और फंड की जानकारी का पता चल जाएगा. आधार कार्ड से सरकार को ग्राहक की पहचान पता चलेगी. लिहाजा बेनामी कानून और आधार की डबल चौकसी से फर्जी पहचान के जरिए प्रॉपर्टी खरीद में गिरावट आएगी और इससे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.

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