जीएसटी से रियल एस्टेट पर क्या असर पड़ेगा, जानिए इन 10 सवालों के जवाब से

1 जुलाई 2017 से देश भर में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के कारण प्रॉपर्टी खरीदने वालों के मन में इस नई टैक्स व्यवस्था को लेकर हजारों सवाल हैं। हाउसिंग न्यूज जीएसटी से जुड़े 10 बड़े सवालों का जवाब आपको एक्सपर्ट्स के हवाले से बता रहा है।
1.क्या कंस्ट्रक्शन से जुड़े सामानों और सुविधाओं पर जीएसटी लागू होने से प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी?
A: सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट की मौजूदा दरों को समान रखने की कोशिश की है, लेकिन टैक्स दर में मामूली इजाफा या कमी देखने को मिल सकती है। हालांकि क्रेडिट की उपलब्धता टैक्स दरों में मामूली इजाफे को पार कर सकते हैं। (जवाब-इनडायरेक्ट टैक्स, बीडीओ इंडिया में पार्टनर और हेड अमित कुमार सरकार)
2.क्या जीएसटी के कारण होम लोन की ईएमआई में बढ़ोतरी होगी?
A: चूंकि वित्तीय सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, इसलिए होम लोन प्रोसेसिंग चार्जेज जीएसटी के तहत बढ़ जाएंगे। (जवाब-आरईएमआई की बिजनेस हेड शुभिका बिल्खा)
3.संपत्ति के किराये पर क्या होगा जीएसटी का प्रभाव?
A: प्रॉपर्टी के किराये में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि जो डिवेलपर संपत्ति का निर्माण खुद के खाते से कराकर परिसर को किराये पर दे रहे हैं, एेसे बिल्डरों के लिए जीएसटी क्रेडिट उपलब्ध नहीं रहेगा। इसलिए इनपुट की तरफ टैक्स रेट बढ़ने से प्रॉपर्टी का रेंट भी बढ़ेगा। (जवाब-आरएसएम एस्टुट कंसलटिंग ग्रुप के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर एस.सतीश)
4.अगर ईएमआई का एक हिस्सा ही बकाया है क्या तब भी उधारकर्ताओं को पूरी होम लोन राशि पर टैक्स भरने की जरूरत होगी?
A: नहीं, क्योंकि भुगतान की रसीद या पेमेंट का डिमांड लेटर जारी करते वक्त प्रासंगिक टैक्स डिवेलपर ने शामिल कर लिया होगा। (जवाब-बीडीओ इंडिया के इनडायरेक्ट टैक्स के पार्टनर और हेड अमित कुमार सरकार)
5.क्या यह सच है कि रेडी-टू-मूव संपत्तियों के मुकाबले अंडर-कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज महंगी हो जाएंगी?
A: हां, क्योंकि उन संपत्तियों पर 12 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा जो निर्माणाधीन हैं और जिन्हें कंप्लीशन या फर्स्ट अॉक्युपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिला है। (जवाब-आरएसएम एस्टुट कंसलटिंग ग्रुप के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर एस.सतीश)
6. क्या जीएसटी के तहत रीसेल प्रॉपर्टी महंगी हो जाएंगी?
A: रीसेल प्रॉपर्टी एक अचल संपत्ति है, इसलिए यह जीएसटी सिस्टम के ‘गुड्स’ की परिभाषा के तहत नहीं आती। इसलिए कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। (जवाब-आरएसएम एस्टुट कंसलटिंग ग्रुप के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर एस.सतीश)
7. क्या अॉफिस खरीदते वक्त एक बिजनेसमैन को जीएसटी के भुगतान पर इनपुट क्रेडिट मिलेगा?
A: अगर एक बिजनेसमैन अॉफिस खरीदता है तो वह अचल संपत्ति में आएगा और यह लेनदेन जीएसटी के दायरे के बाहर होगा, इसलिए जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। एेसे में इनपुट क्रेडिट का सवाल ही नहीं। (जवाब-आरएसएम एस्टुट कंसलटिंग ग्रुप के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर एस.सतीश)
8. घर खरीददार को बिल्डर्स जीएसटी के फायदे क्यों देंगे, जब वह फायदों को अपने पास रखकर प्रॉफिट मार्जिन बढ़ा सकते हैं?
A: सीजीएसटी एक्ट, 2017 के सेक्शन 171 (एंटी-प्रॉफिटरिंग क्लॉज) और रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जारी की गई प्रेस रिलीज के मुताबिक एक बिल्डर को जीएसटी के फायदे ग्राहकों तक पहुंचाना अनिवार्य है। इसलिए मार्जिन को समान रखते हुए एक डिवेलपर को संशोधित कीमत का मूल्यांकन करना होगा। लेकिन कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने के बाद क्रेडिट डिवेलपर तक सीमित होना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि एंटी-प्रॉफिटरिंग क्लॉज पर सरकार किस तरह नजर रखती है। (जवाब- बीडीओ इंडिया में इनडायरेक्ट टैक्स के पार्टनर और हेड अमित कुमार सरकार)
9. प्रॉपर्टी खरीदते वक्त स्टैंप ड्यूटी पर जीएसटी का क्या प्रभाव होगा? रजिस्ट्रेशन चार्जेज, मेंटेनेंस चार्जेज का क्या होगा?
A: अपार्टमेंट मालिकों को मेंटेनेंस चार्जेज पर 2.5 प्रतिशत का अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा। यह टैक्स फ्लैट मालिकों पर लागू होगा, जो 5000 से ज्यादा मेंटेनेंस चार्ज चुकाते हैं। इसमें प्रॉपर्टी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, वाटर चार्जेज और इलेक्ट्रिसिटी चार्जेज शामिल नहीं होंगे। (पोद्दार हाउसिंग एंड डिवेलपमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित पोद्दार) 
10. जीएसटी लागू होने के बाद प्रॉपर्टी की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी होगी या कटौती?
A: रियल एस्टेट बिल्डर्स को स्टील, सीमेंट और रेत जैसे मटीरियल्स के इनपुट क्रेडिट पर फायदे मिलेंगे। सरकार ने यह अनुमान लगाया है कि बिल्डर्स को ये फायदे ग्राहकों को कीमतों में कटौती में देने चाहिए ताकि तेज बिक्री के माहौल में उपभोक्ता की मांग को बढ़ावा मिल सके। (आरईएमआई की बिजनेस हेड शुभिका बिल्खा)
रियल एस्टेट पर जीएसटी से जुड़े कई सवालों के वक्त के साथ जवाब मिल जाएंगे, क्योंकि लोगों को भी नए कानून के बारे में मालूम हो जाएगा। हालांकि शॉर्ट टर्म में जीएसटी के कारण कुछ सेगमेंट्स में कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन लॉन्ग टर्म में जीएसटी गेम चेंजर साबित होगा, जो रियल एस्टेट इंडस्ट्री की ग्रोथ को बढ़ावा देगा।
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