जमीन खरीदते समय रहें सावधान, 2025 में जरूर देखें ये विशेष जांच सूची

तैयार मकान खरीदने की तुलना में जमीन का एक हिस्सा खरीदने में कुछ अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता होती है। साल 20025 में जमीन खरीदते समय ध्यान देने योग्य यह विशेष जांच सूची जरूर देखें।

हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बार घर बनाने का सपना जरूर देखता है, लेकिन फिर भी कई लोग सीधे जमीन खरीदने या उसमें निवेश करने को प्राथमिकता देते हैं। जमीन किसी भी रियल एस्टेट खरीदारी में सबसे बड़ा खर्च होती है और इसका रिटर्न अन्य संपत्ति प्रकारों की तुलना में कहीं अधिक होता है। यदि आप जमीन खरीदते हैं तो आप उस पर घर बना सकते हैं, ऑफिस खोल सकते हैं, गोदाम स्थापित कर सकते हैं या फिर फसल उगा सकते हैं। यह खरीदार को डिजाइन, योजना, मंजिल का लेआउट जैसी कई सुविधाओं में अपनी पसंद की आजादी देता है। जमीन के विभिन्न उपयोग ही इसकी कीमतें तय करते हैं। हालांकि, जमीन खरीदते समय पूरी सावधानी और गहराई से जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी है।

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भूमि में निवेश के फायदे और नुकसान के बारे में भी पढ़ें

जमीन खरीदते समय उचित जांच करना क्यों जरूरी है?

जब जमीन खरीदने की बात आती है तो एक खरीदार अपनी पूरी जीवनभर की बचत उसमें निवेश करता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी हो जाता है कि आपने जिस जमीन का चुनाव किया है, उसमें निवेश करना पूरी तरह से कानूनी तौर पर सुरक्षित है या नहीं। 

जमीन खरीदने के लिए 3 महत्वपूर्ण सावधानियां- ड्यू डिलिजेंस चेकलिस्ट 2025

1. भरोसेमंद स्रोत से ही जमीन खरीदें

  • यदि आप निवेश के उद्देश्य से जमीन खोज रहे हैं तो ऐसी जगह से खरीदारी करें, जिसे आप जानते हों ताकि अनिश्चितता खत्म हो जाए।
  • रियल एस्टेट एजेंट्स या प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की मदद लें, जैसे Housing.com, जो उस इलाके की पूरी जानकारी रखते हैं, जहां जमीन मौजूद है। इससे आप गलत सौदे से बच सकते हैं।
  • आप प्रतिष्ठित डेवलपर्स से भी जमीन खरीद सकते हैं, जो भारत के प्रमुख क्षेत्रों में प्लॉटेड लैंड बेचते हैं, जैसे अलीबाग, गोवा और अयोध्या।

2. भूमि खरीदने के लिए मूल दस्तावेजों का सत्यापन

  • भूमि का टुकड़ा खरीदने से पहले जांच लें कि क्या भूमि बेचने वाला व्यक्ति उसका मालिक है और क्या उसके पास संपत्ति का स्वामित्व हस्तांतरित करने के लिए सभी आवश्यक अधिकार हैं।
  • जमीन विक्रेता से प्राप्त सभी दस्तावेज जैसे बिक्री समझौता पत्र, संपत्ति कर रसीदें आदि एक एडवोकेट को दिखाकर सत्यापित करवा लें। भूमि के वर्तमान मालिक की पहचान भी सुनिश्चित करें जैसे – पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि की जानकारी से पहचान जांच लें।
  • साथ ही उस क्षेत्र के पड़ोसियों से बातचीत करके भूमि मालिक के बारे में और किसी संभावित समस्या या जानकारी को भी जानने की कोशिश करें ताकि आप पूरी तरह से सुरक्षित रूप से सौदा कर सकें।

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3. Due Diligence की तैयारी

  • सबसे पहले मूल बातों से शुरुआत करें। हमेशा भरोसेमंद स्रोत से या ऐसे व्यक्ति से जमीन खरीदें, जिसे आप पहले से जानते हों। यदि आप निवेश के लिए जमीन खोज रहे हैं तो अपने परिचितों की मदद से भी खोज करें ताकि अनिश्चितताओं से बचा जा सके। हमेशा ऐसे एजेंट या प्रॉपर्टी कंसल्टेंट से संपर्क करें, जो जमीन वाले इलाके की गहराई से जानकारी रखते हों, ताकि आपको बेकार सौदे का सामना न करना पड़े।
  • जब आप निवेश के लिए जमीन चुन लें तो अगले चरण में जमीन के मालिक से मुलाकात करना चाहिए। केवल प्रॉपर्टी पेपर्स की जांच न करें, बल्कि उनकी पहचान से संबंधित प्रमाण पत्र भी जरूर देखें, जैसे पैन कार्ड, पहचान पत्र, रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र इत्यादि।
  • इसके अलावा यह अच्छा अभ्यास है कि आप आस-पास के पड़ोसियों से भी मिलें और उनसे जमीन के बारे में पूछें। साथ ही यह पता करने की कोशिश करें कि जमीन पर कोई विवाद तो नहीं चल रहा। इससे आपकी समझ और भरोसा दोनों मजबूत होंगे।

ड्यू डिलिजेंस (Due Diligence) करने के 11 बेहतरीन तरीके

ड्यू डिलिजेंस करते समय अपनाने योग्य कई महत्वपूर्ण उपाय बताए गए हैं, जिन्हें आपको अवश्य लागू करना चाहिए।

1. बिक्री विलेख (Sales Deed) की जांच करें

भूमि खरीदने से पहले की जाने वाली उचित जांच (Due Diligence) प्रक्रिया के तहत यह जरूरी है कि बीते 30 वर्षों का मालिकाना हक (Title) का हिसाब लगाया जाए। जमीन से जुड़े दस्तावेजों की जटिलताओं और संपत्ति अधिकार दावा करने में आने वाली सीमाओं को ध्यान में रखते हुए आपको वह बिक्री विलेख (Sales Deed) जरूर प्राप्त करना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि खरीदी जा रही जमीन किसी डेवलपर, सोसायटी या अन्य किसी पक्ष की नहीं है।

2. संपत्ति कर (Property Tax) रसीदें भी चेक करें

संपत्ति कर की सभी रसीदें चेक करें कि क्या वे सही तरीके से भरी गई हैं और किसी प्रकार का बकाया नहीं है। यदि पिछले वर्षों का कर भुगतान नहीं हुआ है और आप जमीन खरीद लेते हैं तो यह ध्यान रखें कि आप पर भविष्य में संपत्ति कर चुकाने की जिम्मेदारी आएगी, जिसमें पिछला बकाया भी शामिल होगा।

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3. बंधक या गिरवी रखी गई भू-संपत्ति की जांच करें

इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिस जमीन को आप खरीद रहे हैं, वह विक्रेता द्वारा बंधक नहीं रखी गई हो। खरीददार को यह पक्का करना चाहिए कि विक्रेता ने जमीन पर जितना भी बकाया ऋण था, उसका भुगतान कर दिया है या नहीं। बैंक से ऋणमुक्ति प्रमाण पत्र  प्राप्त करना जरूरी होता है, जिससे यह साबित हो सके कि जमीन पूरी तरह से सभी कर्जों से मुक्त है।

यह भी देखें: संपत्ति खरीदने के लिए आवश्यक कानूनी दस्तावेजों के बारे में सब कुछ

4. जमीन खरीदने के लिए प्रयुक्त पावर ऑफ अटॉर्नी की जांच करें

अक्सर जमीन की बिक्री उस व्यक्ति के माध्यम से होती है, जिसके पास मालिक की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) होता है। ऐसी संपत्ति के लिए दी गई पावर ऑफ अटॉर्नी को बारीकी से जांचना बेहद जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वही संपत्ति बेची जा रही है। कई बार ऐसा होता है कि कुछ दस्तावेजों पर जल्दी हस्ताक्षर करने की आवश्यकता पड़ती है और विलंब करने से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए आप किसी विश्वसनीय व्यक्ति को अपने स्थान पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने का अधिकार दे सकते हैं, ताकि प्रक्रिया आसान और समयबद्ध हो सके।

5. जमीन खरीदने के लिए आवश्यक अनुमतियां और स्वीकृतियां जांचें

यदि बिक्री प्रक्रिया में शामिल संपत्ति/जमीन पर पहले से कोई इमारत या निर्माण कार्य मौजूद है तो यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि स्वीकृत योजनाएं, आवश्यक अनुमति पत्र (Permissions) और एनओसी (No Objection Certificates) सही तरीके से प्राप्त किए गए हों। इसके अलावा विरासत संरक्षण नियम, सड़क चौड़ीकरण के लिए जरूरी सेट-बैक (set-back) जैसी बातें भी ध्यान में रखनी चाहिए, क्योंकि ये नियम निश्चित भवनों पर लागू होते हैं। इन सभी पहलुओं की सही जांच करके आप भविष्य में विवादों से बच सकते हैं।

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6. भूमि खरीदने के लिए स्थानीय कानून

भूमि खरीदने वाले व्यक्ति को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि स्थानीय कानून या भूमि संबंधित नियम भूमि खरीदने पर कोई रोक न लगाते हों। उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में केवल किसान ही कृषि भूमि खरीद सकते हैं। इसके लिए व्यक्ति को अपना पहचान पत्र और किसान प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होता है। हालांकि, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों में यह नियम लागू नहीं होते। यदि किसी धोखाधड़ी की पहचान होती है, तो जमीन रिकॉर्ड अधिकारी (IGR) द्वारा जांच का आदेश दिया जा सकता है और उसके नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उदाहरण स्वरूप, शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान ने थाल गांव में एक कृषि भूमि खरीदी थी। कहा जा रहा है कि यह भूमि सरकारी आवंटित थी और इसे बेचना संभव नहीं है। अधिकारियों ने अलीबाग के तहसीलदार से निष्पक्ष रिपोर्ट मांगी है।

देखिए: निषिद्ध संपत्ति से जुड़ी हर जानकारी

7. पट्टा (Tenure)

भूमि खरीदते समय उसकी पट्टे की अवधि (Tenure) का भी ध्यान रखना आवश्यक है। यदि वह भूमि पट्टे पर है और पट्टे की शेष अवधि कम है, साथ ही उसमें नवीनीकरण की सुविधा नहीं है या नवीनीकरण पुराने किराए पर संभव नहीं है तो अतिरिक्त किराया भूमि खरीदने वाले को देना पड़ सकता है। इस बात की भी पूरी संभावना है कि संपत्ति में नवीनीकरण का कोई प्रावधान न हो।

8. गिरवी संपत्ति

ये भी हो सकता है कि विक्रेता ने अपनी जमीन को गिरवी रखकर बैंक से ऋण लिया हो। जमीन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विक्रेता ने उस जमीन पर सभी बकाया ऋण चुका दिए हों। यह जानने के लिए कि जमीन पूरी तरह से ऋणमुक्त है, बैंक से ‘रिलीज सर्टिफिकेट’ प्राप्त करना बेहद जरूरी है।

9. भूमि की नाप-जोख

खरीदार को जमीन का रजिस्ट्रेशन कराने से पहले उसकी सही माप करवानी चाहिए। प्लॉट और उसकी सीमाओं की माप सटीक हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक मान्यता प्राप्त सर्वेयर की मदद लें। इसके अतिरिक्त आप जमीन का सर्वे स्केच प्राप्त करके भी माप की सटीकता की जांच कर सकते हैं।

10. फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) 

फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) यह दर्शाता है कि किसी जमीन के टुकड़े पर कुल कितनी निर्माण गतिविधि की जा सकती है। फ्लोर स्पेस इंडेक्स की सीमा राज्य के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा निर्धारित की जाती है। साथ ही यह उस प्लॉट की लोकेशन पर भी निर्भर करता है। इसलिए जमीन खरीदते समय विक्रेता या प्रॉपर्टी मालिक से यह जरूर पूछें कि उस जमीन पर कितना फ्लोर स्पेस इंडेक्स अनुमत है।

सिर्फ इतना ही नहीं, प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेजों की जांच और कानूनी वैधता सुनिश्चित करने के लिए एक अनुभवी प्रॉपर्टी वकील की मदद लेना भी बेहद जरूरी है।

11. जोन नियमावली

जिस जमीन में आप निवेश कर रहे हैं, वह जोन नियमों के अंतर्गत सही है या नहीं, यह पता करने के लिए संबंधित नगरपालिका कार्यालय से जांच कराएं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपकी खरीद वैध और सुरक्षित है।

जमीन खरीदते समय ड्यू डिलिजेंस करने के 4 कारगर तरीके

1. भौतिक रूप से साइट विजिट करें

जब आप खुद जाकर साइट का दौरा करेंगे तो आपको यह अंदाजा हो जाएगा कि वहां का माहौल कैसा है, लोकेशन कैसी है और छोटी-छोटी महत्वपूर्ण बातें कैसी हैं। इससे आपको यह भी पता चलेगा कि आपके पड़ोसी कौन होंगे, जो फैसला लेने में अहम भूमिका निभाता है। साथ ही आप खुद यह भी देख सकते हैं कि जिस जमीन को आप खरीदने जा रहे हैं, उसमें कोई अवैध कब्जा तो नहीं है या भविष्य में कोई प्रोजेक्ट तो नहीं बनने वाला, जो आपकी जमीन को प्रभावित कर सकता है।

2. क्षेत्र का भू नक्शा भी चेक करें

जिस प्लॉट में आपकी रुचि है, उसकी सभी नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर भू नक्शा देख सकते हैं। इसके अलावा आप IGR (Integrated Land Record) कार्यालय जाकर ऑफलाइन भी यह जानकारी हासिल कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि भूमि का वास्तविक स्वरूप क्या है और किसी भी विवाद से बचा जा सके।

3. भूमि के वैधानिक दस्तावेजों की जांच उप-पंजीयक कार्यालयों में करें

इस जांच को कराने के लिए सबसे पहले खोज आवेदन पत्र भरें और इसे उप-पंजीयक कार्यालय (SRO) में जमा करें। आवेदन पत्र के साथ मालिकाना हक के दस्तावेज (title deed) और अपनी पहचान प्रमाण (ID proof) की कॉपी भी संलग्न करें।

यह जांच उस भूमि से जुड़े लेन-देन (मालिकाना हक बदलने वाले दस्तावेज) और बंधक (कानूनी देनदारी) को दर्शाती है, जिसे खरीदने की योजना है। हर राज्य में उप-पंजीयक कार्यालय में यह खोज करने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए, बेंगलुरु में उप-पंजीयक ही एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (search report) जारी करता है, जबकि महाराष्ट्र में वकील या अनुभवी व्यक्ति मैनुअल तरीके से उप-पंजीयक कार्यालय में खोज करके रिपोर्ट जारी करता है। संपत्ति से जुड़ी वैधानिक जानकारी के लिए संबंधित प्राधिकरण से जानकारी अवश्य प्राप्त करें, ताकि संपत्ति सौदे में कोई परेशानी न हो।

4. भूमि खरीद के लिए सार्वजनिक सूचना

कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले स्थानीय अखबारों में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करना हमेशा अच्छा रहता है। यह सूचना अंग्रेजी और स्थानीय भाषा के दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करें। इस सार्वजनिक नोटिस में भूमि पर किसी भी प्रकार के दावा या तृतीय पक्ष अधिकार के बारे में जानकारी आमंत्रित करें। इससे पता चलेगा कि जिस भूमि को खरीदने की योजना बनाई जा रही है, उस पर कोई कानूनी विवाद या अन्य व्यक्ति का अधिकार तो नहीं है। यह कदम संपत्ति लेन-देन को सुरक्षित और विवाद रहित बनाने में मददगार साबित होता है।

यह भी देखें: मालिक की मृत्यु के बाद संपत्ति हस्तांतरण के बारे में सब कुछ जानें

Housing.com का पक्ष

कोई भी संपत्ति खरीदते समय पूरी जांच-पड़ताल करना बेहद जरूरी होता है। जमीन खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि ऊपर बताए गए सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की जांच की गई हो, ताकि आपकी निवेश राशि सुरक्षित रहे। किसी भी संपत्ति की तरह, प्रतिष्ठित ब्रांड से जमीन खरीदना हमेशा बेहतर माना जाता है क्योंकि इससे टाइटल क्लियर होने की संभावना बढ़ जाती है और आपका निवेश भी सुरक्षित रहता है। खरीदारी को अंतिम रूप देने से पहले यह जांचना जरूरी है कि जमीन से जुड़ी असली टाइटल डॉक्यूमेंट्स मौजूद हैं या नहीं। साथ ही, विक्रय के अंत में असली दस्तावेज प्राप्त करना न भूलें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विक्रेता ने कोई तृतीय पक्ष का अधिकार या चार्ज नहीं बनाया हो और असली दस्तावेज आपके पास हों।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या मैं प्लॉट खरीदने के लिए लोन ले सकता हूं?

हां, आप प्लॉट खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। यदि आप लोन लेने के लिए पात्र हैं तो दस्तावेजों की जांच के बाद बैंक लोन देता है। यह होम लोन जैसा नहीं होता है। आप सिर्फ जमीन या प्लॉट खरीदने के लिए भी लोन ले सकते हैं। जनवरी 2021 तक भूमि ऋण पर ब्याज दरें 7.05 फीसदी से 10.95 फीसदी के बीच हैं। भूमि ऋण पर ब्याज दरें अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है।

प्लॉट लोन लेने पर मुझे कौन से कर लाभ मिल सकते हैं?

आप घर के निर्माण के लिए आयकर अधिनियम की धारा-24 और धारा-80C के तहत कर लाभ ले सकते हैं।

क्या भारत में प्लॉट में निवेश करना सुरक्षित है?

भारत में प्लॉट में निवेश करना सुरक्षित है, लेकिन इस संबंध में पहले अच्छे से दस्तावेजों की जांच जरूर कर लेना चाहिए। यदि आप भारत में अपना खुद का घर बनाना चाहते हैं, वे प्लॉटेड डेवलपमेंट को प्राथमिकता दें। यह खरीदारों को घर के निर्माण और डिजाइन के मामले में अच्छे ऑप्शन देता है। हालांकि, खरीदारों को जमीन में निवेश करते समय, भूमि स्वामित्व और कानूनी पहलुओं की विस्तृत जांच कर लेना चाहिए।

(हमारे लेख से संबंधित कोई सवाल या प्रतिक्रिया है? हम आपकी बात सुनना चाहेंगे। हमारे प्रधान संपादक झूमर घोष को jhumur.ghosh1@housing.com पर लिखें।)

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