हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बार खुद का मकान, प्लॉट या संपत्ति का मालिक बनने का सपना जरूर देखता है। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कई बार लोग सीधे जमीन खरीदने या उसमें थोड़ा-थोड़ा पैसा निवेश करना शुरू कर देते हैं। चूंकि हम यह जानते हैं कि प्लॉट खरीदना आसान नहीं होता है और इसमें एक बड़ी राशि का निवेश करना पड़ता है, साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में किया गया निवेश भी भविष्य में अच्छा रिटर्न देता है। ऐसे में प्लॉट खरीदते समय या जमीन में निवेश करते समय बेहद सावधानी भी बरतनी चाहिए। यदि आप भी प्लॉट खरीदने का विचार कर रहे हैं तो इस संबंध में पूरी जांच-पड़ताल जरूर कर लें। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी देंगे।
जमीन खरीदने से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल क्यों जरूरी है?
कोई भी व्यक्ति प्लॉट या जमीन खरीदने में अपने जीवन भर की कमाई हुई बड़ी पूंजी का निवेश करता है। ऐसे में प्लॉट या जमीन खरीदते समय इस बात का पता लगाना बेहद जरूरी होता है कि जिस भूमि को वह खरीदने जा रहा है, उसमें निवेश करना भविष्य में आर्थिक और कानूनी रूप कितना सुरक्षित होगा? यदि आप कोई भी भूमि खरीद रहे हैं तो सबसे पहले यह जांच करना चाहिए कि वह जमीन किसी मामले में विवादित तो नहीं है या कानूनी रूप से बिक्री योग्य है या नहीं?
- जमीन खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति अपनी भू-संपत्ति बेच रहा है, वह उसका असली मालिक है या नहीं। वह व्यक्ति जमीन या प्लॉट का स्वामित्व आपके नाम से स्थानांतरित करने के सभी अधिकार रखता है।
- भूमि का सौदा करने से बिक्री विलेख और संपत्ति कर रसीद जैसे दस्तावेजों की भी जांच कर लेना चाहिए। इसके लिए आप एडवोकेट से संपर्क कर सकते हैं। जमीन बेचने वाले वाले से इस संबंध में सभी दस्तावेज या प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें।
- जमीन से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट की अच्छी से जांच करें। इसके अलावा किसी विवाद से बचने के लिए संपत्ति अधिकारों का दावा करने में आने वाली सीमाओं को ध्यान में रखते हुए बीते 30 वर्षों के रिकॉर्ड के बारे में पता कर लेना चाहिए।
जमीन खरीदने से पहले की तैयारी
- जमीन खरीदने से पहले बुनियादी बातों से ही इसकी शुरुआत करें। चूंकि जमीन या प्लॉट खरीदने में एक बड़ी धनराशि का निवेश करना होता है, इसलिए किसी भरोसेमंद व्यक्ति से ही जमीन खरीदें या उसे मध्यस्थ बनाकर रखें। यदि आप प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं तो किसी जान-पहचान के व्यक्ति के साथ मिलकर भूमि की तलाश करें। ऐसे प्रॉपर्टी एजेंट या प्रॉपर्टी कंसल्टेंट से संपर्क करें, जो संबंधित इलाके की जमीन के बारे में विस्तृत जानकारी रखता हो। ऐसा करने से आप किसी गलत सौदे में नहीं फंसेंगे।
- यदि आपने निवेश के लिए जमीन या प्लॉट का चुनाव कर लिया है तो इसके बाद आपको संबंधित जमीन के मालिक के साथ एक मीटिंग तय करना चाहिए। इस बैठक में भूमि से संबंधित सभी कागजात की जांच के साथ-साथ, उनका पहचान प्रमाण जैसे पैन कार्ड, आईडी कार्ड, आधार कार्ड, जमीन की रजिस्ट्री आदि देख सकते हैं।
- सौदा तय करने से पहले जमीन के आसपास रहने वाले लोगों या पड़ोसियों से भी एक बार मिलकर पड़ताल कर लेना चाहिए। जमीन के बारे में पुराना रिकॉर्ड पता कर लेना चाहिए। जमीन के संबंध में चल रहे किसी विवाद के बारे में जानकारी लेना भी एक अच्छी आदत है।
जमीन खरीदने से जरूर करें ये सभी जांच
किसी भी प्लॉट या जमीन को खरीदने से पहले कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। यहां हम आपको जमीन खरीदने से पहले इस बारे में कौन-कौन से तरीकों से जांच की जा सकती है, इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।
1) उप-पंजीयक कार्यालयों में भूमि संबंधी कानूनी दस्तावेजों की जांच
किसी भी जमीन को खरीदने से पहले उस भूमि के कानूनी दस्तावेजों की जांच जरूर कर लेना चाहिए। इसके लिए अपने क्षेत्र के उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर जमीन से संबंधित कानूनी दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको उप-पंजीयक कार्यालय में एक Search Application Form भरकर SRO के पास जमा करना होगा। फॉर्म के साथ आपको टाइटल डीड की एक प्रति और अपनी पहचान का प्रमाण पत्र भी संलग्न करना होगा।
उप-पंजीयक कार्यालय में दिए गए इस आवेदन के जरिए आप जमीन से संबंधित लेन-देन, स्वामित्व में परिवर्तन, कानूनी देनदारियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हर राज्य में सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में प्रॉपर्टी की सर्च रिपोर्ट प्राप्त करने के प्रक्रिया भी अलग होती है। उदाहरण के लिए बेंगलुरु में सब-रजिस्ट्रार Encumbrance Certificate (सर्च रिपोर्ट) जारी करता है, वहीं महाराष्ट्र में वकील या सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में पंजीकृत अनुभवी व्यक्ति रिपोर्ट जारी करता है। हालांकि प्रॉपर्टी डील होने से पहले संबंधित अधिकारियों से कानूनी दस्तावेजों की भी जांच करानी पड़ती है।
2) भूमि खरीद के लिए जाहिर सूचना
किसी भी संपत्ति को खरीदने से पहले स्थानीय समाचार पत्रों (आमतौर पर अंग्रेजी और स्थानीय भाषा के दैनिक समाचार पत्र) में एक सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित करनी होती है, जिसमें खरीदी जाने वाली प्रस्तावित भूमि पर किसी भी दावे को आमंत्रित किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इससे यह जानने में मदद मिल सके कि क्या भूमि पर कोई तीसरे पक्ष का दावा या अधिकार है।
3) जमीन खरीदने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल
अक्सर यह भी देखने में आता है कि भूमि को मालिक की ओर से पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) रखने वाले व्यक्ति के जरिए बेची जाती है। ऐसे मामले में भी अच्छी से जांच कर लेना चाहिए। यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि यह वही संपत्ति है जिसे बेचा जा रहा है। कई बार यह भी देखने में आता है कि जमीन संबंधित कुछ दस्तावेजों पर थोड़े समय के अंदर ही हस्ताक्षर करना जरूरी हो सकता है और इसमें देरी करने से आम तौर पर भूमि खरीदने वाले को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए आप किसी और को अपनी ओर से साइन करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं, ताकि चीजें आसान हो जाएं।
भूमि खरीद के लिए मूल दस्तावेजों की जांच व सत्यापन
जमीन के सौदे से पहले इस बात की भी जांच कर लेना चाहिए कि जमीन के लेनदेन के संबंध में भी सभी मूल दस्तावेज उपलब्ध हैं या नहीं। दरअसल यह जांच इसलिए की जाती है कि यह यह सुनिश्चित हो सके कि विक्रेता ने किसी तीसरे पक्ष को जमीन बेचने के लिए अधिकृत नहीं किया है और मूल दस्तावेजों को किसी और को नहीं सौंपा है। जमीन के सौदे से पहले सभी मूल दस्तावेजों को इकट्ठा कर लेना चाहिए।
1) जमीन की खरीद से पहले सभी अनुमतियों व NOC की जांच
आप जिस जमीन या प्लॉट को खरीद रहे हैं और उस पर पहले से कोई निर्माण कार्य चल रहा है या किसी इमारत की संरचना मौजूद है तो रजिस्ट्री होने से पहले ही यह सुनिश्चित कर लें कि उसके संबंध में भूमि स्वामी ने सभी अनुमतियां या NOC ले ली है या नहीं। विरासत नियम सड़क चौड़ीकरण के लिए निर्धारित दूरी या सड़क चौड़ीकरण जैसे कारकों पर भी विचार करना चाहिए, जो कुछ इमारतों पर लागू हो सकते हैं।
2) भूमि खरीदते समय संपत्ति कर और खाते की जांच
भूमि खरीदने से पहले खरीदार को यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि भूमि मालिक ने रजिस्ट्री होने की तारीख तक का संपत्ति कर चुका दिया हो। रजिस्ट्री होने से पहले इन भुगतानों की मूल रसीदें सत्यापन के लिए जांच कर लेना चाहिए। इसके अलावा यह भी चेक कर लेना चाहिए कि संबंधित भूमि या प्लॉट का राजस्व खाता विक्रेता के नाम पर हो।
3) भूमि खरीद के लिए स्थानीय कानून की पड़ताल
जमीन को खरीदने से पहले इस बात की भी जांच कर लेना चाहिए कि कोई स्थानीय कानून या नियम भूमि खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाते हो। उदाहरण के लिए, कर्नाटक में एक गैर-कृषक (जो कृषि भूमि का मालिक नहीं है), जैसे कंपनियां, फर्म और 25,00,000 रुपये से अधिक आय वाले व्यक्ति कृषि भूमि नहीं खरीद सकते हैं। हालांकि देश के कुछ अन्य राज्यों में ये प्र तिबंध शिथिल हैं। इसलिए हर राज्य के अनुसार भूमि खरीदने से पहले स्थानीय कानून की जांच कर लेना चाहिए और अपने वकील से भी परामर्श जरूर ले लेना चाहिए।
4) भूमि की लीज कार्यकाल
यदि आप जमीन या प्लाट लीज पर ले रहे हैं तो भूमि के कार्यकाल (मालिकाना अवधि) पर भी जरूर विचार करना चाहिए। यदि भूमि पट्टे (लीज) पर है और पट्टे की शेष अवधि कम बची हुई है और पुराने किराए पर नवीनीकरण का प्रावधान नहीं है ऐसी परिस्थिति में भूमि खरीदार को अतिरिक्त किराया देना पड़ सकता है। भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए इन सभी बातों पर विचार कर लेना चाहिए। इसके अलावा लीज पर दी गई भू-संपत्ति के नवीनीकरण की संभावना कितनी है, इस बारे में भी जांच कर लेना चाहिए।
5) जमीन पर गिरवी रखने के बाद बैंक ऋण की जांच
भूमि खरीदने से पहले इस बात का भी ध्यान रखें कि जमीन बेचने वाले व्यक्ति ने अपनी जमीन को गिरवी रखकर या बंधक बनाकर बैंक से कोई लोन तो नहीं लिया है। जमीन खरीदार को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए विक्रेता ने भूमि पर पूर्व में लिए गए लोन की सभी बकाया राशि चुका दी हो। इस संबंध में बैंक से रिलीज सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है कि भूमि पर किसी भी प्रकार लोन शेष नहीं है।
6) जमीन की माप जरूर कर लें
खरीदारों को जमीन को अपने नाम रजिस्टर्ड कराने से पहले भूमि की नपती (माप) जरूर करा लेना चाहिए। यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि भूखंड की माप और उसकी सीमाएं सही है या नहीं। इस काम के लिए खरीदार को किसी मान्यता प्राप्त भू-सर्वेक्षक की मदद लेनी चाहिए। सटीकता से जांच के लिए सर्वेक्षण विभाग से भूमि का सर्वेक्षण स्केच भी प्राप्त कर सकते हैं।
7) फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI)
जमीन को खरीदने से पहले Floor space index (FSI) के बारे में भी पता कर लेना चाहिए। FSI के जरिए यह पता चलता है कि किसी जमीन पर कितना निर्माण किया जा सकता है। हर राज्य के टाउन और कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा FSI निर्धारित किया जाता है। यह भूखंड के स्थान पर भी निर्भर करता है। भूमि खरीदने से पहले संपत्ति मालिक से यह जानकारी जरूर प्राप्त कर लेना चाहिए कि संबंधित भूमि पप कितनी FSI की अनुमति है। भू-संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेजों और परियोजना की कानूनी वैधता की जांच के लिए एक वकील की सहायता जरूर लेना चाहिए।
भूमि खरीदने से पहले इन कानूनी दस्तावेजों की भी करें जांच
भूमि का सौदा तय करने से पहले खरीदार को प्लॉट या जमीन के संबंध में पूरी तरह पड़ताल करने के साथ-साथ इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी जांच जरूर करना चाहिए –
- टाइटल डीड्स: इस बात की पुख्ता जांच कर लें कि संपत्ति का टाइटल डीड उस व्यक्ति के नाम पर हो, जिससे आप जमीन खरीद रहे हैं। आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टाइटल डीड को एक रियल एस्टेट वकील द्वारा सत्यापित कराया गया हो ताकि यह सभी जरूरी कानूनी मानदंडों को पूरा करता हो।
- सेल्स डीड: आपको उस संपत्ति या भूमि का सेल्स डीड भी जरूर प्राप्त करना चाहिए, जिसे आप खरीद रहे हैं। यह भी सुनिश्चित कर लें कि संपत्ति या भूमि का सेल्स डीड किसी डेवलपर, सोसाइटी या अन्य व्यक्ति या संस्था के अधीन नहीं हो।
- कर रसीदें: भूमि खरीदने से पहले कर रसीदों की जांच करना सबसे महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जमीन खरीदने की तारीख से पहले के सभी कर और भुगतान कर दिए गए हैं। भविष्य में कर व भुगतान का भार खरीदार पर न आए।
- बंधक भूमि की जांच: जिन जमीन को खरीद रहे हैं, वह बेचने वाला व्यक्ति द्वारा बंधक पर न रखी गई हो या उस जमीन या प्लॉट पर कोई ऋण बकाया न हो, इसकी जांच जरूर कर लेना चाहिए।
- भूमी का म्युटेशन: जबकि गैर-कृषि भूमि के लिए म्युटेशन प्रमाणपत्र होना आवश्यक नहीं है, कृषि भूमि की बिक्री के लिए म्युटेशन प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मैं प्लॉट खरीदने के लिए लोन ले सकता हूं?
हां, आप प्लॉट खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं। यदि आप लोन लेने के लिए पात्र हैं तो दस्तावेजों की जांच के बाद बैंक लोन देता है। यह होम लोन जैसा नहीं होता है। आप सिर्फ जमीन या प्लॉट खरीदने के लिए भी लोन ले सकते हैं। जनवरी 2021 तक भूमि ऋण पर ब्याज दरें 7.05 फीसदी से 10.95 फीसदी के बीच हैं। भूमि ऋण पर ब्याज दरें अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग हो सकती है।
प्लॉट लोन लेने पर मुझे कौन से कर लाभ मिल सकते हैं?
आप घर के निर्माण के लिए आयकर अधिनियम की धारा-24 और धारा-80C के तहत कर लाभ ले सकते हैं।
क्या भारत में प्लॉट में निवेश करना सुरक्षित है?
भारत में प्लॉट में निवेश करना सुरक्षित है, लेकिन इस संबंध में पहले अच्छे से दस्तावेजों की जांच जरूर कर लेना चाहिए। यदि आप भारत में अपना खुद का घर बनाना चाहते हैं, वे प्लॉटेड डेवलपमेंट को प्राथमिकता दें। यह खरीदारों को घर के निर्माण और डिजाइन के मामले में अच्छे ऑप्शन देता है। हालांकि, खरीदारों को जमीन में निवेश करते समय, भूमि स्वामित्व और कानूनी पहलुओं की विस्तृत जांच कर लेना चाहिए।