अपने नाम पर खरीदी गई नई संपत्ति को रजिस्टर करना एक विकल्प नहीं है बल्कि सभी खरीदारों को रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के तहत अपनी प्रॉपर्टी को रजिस्टर कराना कानूनी तौर पर अनिवार्य है. प्रक्रिया के हिस्से के तहत, घर खरीदारों या प्रॉपर्टी के मालिकों को समझौते की कीमत का कुछ हिस्सा बतौर स्टैंप ड्यूटी अपने राज्यों की सरकारों को 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन चार्जेज के साथ देना होता है.
अधिकांश राज्यों में खरीदारों को अपनी प्रॉपर्टीज को रजिस्टर कराने के लिए सब रजिस्ट्रार के दफ्तर जाना होता है.कई राज्यों ने ऐसी सुविधाएं लॉन्च की हैं, जिससे मकानमालिक अपनी प्रॉपर्टीज को ऑनलाइन रजिस्टर करा सकते हैं. इस सुविधा का मकसद लोगों को तय समय पर बिना झंझट सुविधा मुहैया कराना है.
ऑनलाइन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन
राज्य | वेबसाइट |
आंध्र प्रदेश | http://registration.ap.gov.in/ |
दिल्ली | https://doris.delhigovt.nic.in/ |
झारखंड | http://regd.jharkhand.gov.in/jars/website/ |
केरल | http://keralaregistration.gov.in/pearlpublic/index.php |
कर्नाटक | https://kaverionline.karnataka.gov.in/ |
महाराष्ट्र | https://efilingigr.maharashtra.gov.in/ |
मध्य प्रदेश | https://www.mpigr.gov.in/indexEnglish.html |
राजस्थान | http://epanjiyan.nic.in/ |
तमिलनाडु | http://www.tnreginet.net/ |
तेलंगाना | https://registration.telangana.gov.in/propertyRegistration. |
उत्तराखंड | http://registration.uk.gov.in/ |
उत्तर प्रदेश | https://igrsup.gov.in/igrsup/welcomeAction.action |
पश्चिम बंगाल | https://wbregistration.gov.in/(S(nixvg4bz1k4wsuwpk0uisvn4))/index.aspx |
प्रॉपर्टी का ऑनलाइन पंजीकरण
अगर आप ऐसे राज्य में रहते हैं, जहां ऑनलाइन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन सर्विसेज मिलती हैं, तो आपको इन बातों के बारे में मालूम होना चाहिए.
प्रक्रिया के कुछ ही हिस्से ऑनलाइन पूरे किए जा सकते हैं: ध्यान दें कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के कुछ हिस्से ही ऑनलाइन पूरे किए जा सकते हैं, भले ही आपके राज्य में ऑनलाइन प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की सुविधा हो.
-प्रॉपर्टी की कुल कीमत कितनी है, यह तय करने के लिए आप अपने एरिया का सर्किल रेट पता करें.
-स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज की रकम को कैलकुलेट करें.
-आप ऑनलाइन स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज का भुगतान कर सकते हैं और उसी के लिए एक रसीद हासिल कर सकते हैं.
-इसके बाद आपको अपॉइंटमेंट लेनी होगी और फिर उसी समय पर अंतिम प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए सब-रजिस्ट्रार के दफ्तर जाना होगा.
पेमेंट ऑनलाइन ही भुगतान करनी होगी: प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए अपॉइंटमेंट तभी बुक की जा सकती है, अगर आपने स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज ऑनलाइन चुका दिया है. इस पेमेंट को आप नेटबैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर सकते हैं.
टीडीएस ऑनलाइन भुगतान करना होगा: अगर डील की वैल्यू 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो प्रॉपर्टी वैल्यू पर खरीदारों को 1 प्रतिशत टीडीएस ऑनलाइन भुगतान करना होगा. इसके बाद इसकी रसीद ले लें. फिजिकल वेरिफिकेशन के वक्त पेपर को आपको पेश करना होगा.
मोबाइल पर मिलेगा ओटीपी: चूंकि प्रक्रिया ऑनलाइन है, इसलिए इसके पूरा होने में आपका मोबाइल भी काम आएगा. रजिस्ट्रेशन के वक्त आपको वन टाइम एसएमएस मिलेगा. प्रॉसेस के पूरा होने और अपॉइंटमेंट को लेकर मैसेज भी आपको भेजा जाएगा.
दस्तावेज और जरूरी जानकारी
आपको केवल ई-स्टैंप पेपर खरीदने होंगे और स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क के लिए ऑनलाइन भुगतान करना होगा. सभी दस्तावेजों को वेरिफिकेशन के लिए सब-रजिस्ट्रार के सामने पेश करना होगा.
वो जानकारी जो आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन देनी होगी
प्रॉपर्टी ऑनलाइन रजिस्टर करते हुए आपको ये जानकारी भरनी होगी:
संपत्ति विवरण: संख्या, क्षेत्र, पिन कोड इत्यादि.
संपत्ति का प्रकार: फ्लैट, प्लॉट, कृषि, आदि.
मोड ऑफ ओनरशिप: खरीद, गिफ्ट, लीज, इत्यादि.
ओनरशिप पर्सनल डिटेल: नाम, उम्र, पेशा, माता-पिता का नाम इत्यादि.
प्रॉपर्टी का प्रूफ: टाइटल डीड, पावर ऑफ अटॉर्नी.
सब-रजिस्ट्रार के दफ्तर में इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
-डील की वैल्यू के गैर-न्यायिक स्टैंप पर बिक्रीनामा
-खरीदार और विक्रेता दोनों के दस्तावेजों की कॉपी पर दो पासपोर्ट साइज फोटो
-स्टैंप ड्यूटी की सही वैल्यू के साथ ई-स्टैंप पेपर.
-अंडरटेकिंग के साथ
रजिस्ट्रेशन फीस की ई-रजिस्ट्रेशन की फीस रसीद.
-पैन कार्ड की कॉपी
-सभी पार्टियों की ओरिजनल आईडी प्रूफ (विक्रेता, खरीदार और गवाह)
-अगर प्रॉपर्टी की वैल्यू 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो टीडीएस की रसीद
-जमीन और हाउस प्रॉपर्टी के मामले में, ग्राहक को ओनरशिप ट्रांसफर की हिस्ट्री दिखानी होगी.
मुझे पंजीकृत संपत्ति के दस्तावेज़ वापस कब मिलेंगे?
प्रॉपर्टी दस्तावेजों को पंजीकृत होने में करीब दो हफ्ते का समय लग सकता है. दस्तावेजों को वापस पाने के लिए आपको सब-रजिस्ट्रार के दफ्तर जाना होगा.
पूछे जाने वाले सवाल
क्या प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है?
रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के प्रावधानों के तहत हर खरीदार के लिए अपनी प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है.
भारत में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्ज कितना है?
सभी राज्यों में डील की वैल्यू का 1 प्रतिशत बतौर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस भुगतान किया जाता है.