मेंटेनेंस चार्जेज भविष्य में पड़ने वाले बोझ होते हैं, जिन्हें घर खरीददार ध्यान में नहीं रखते। कोल्डवेल बैंक इंडिया की वाइस-प्रेसिडेंट-अॉपरेशनंस एंड स्ट्रैटजी मोना जलोटा ने कहा, ”कुछ बिल्डर्स जरूरी मंजूरी से पहले और जमीन अधिग्रहित करने के बाद प्रोजेक्ट का एेलान कर देते हैं। वे इन प्रोजेक्ट्स को आकर्षक कीमतों पर लॉन्च करते हैं और एेसे में ग्राहक खुद को निवेश करने से रोक नहीं पाते। एेसे में यह साफ नहीं हो पाता कि भविष्य में मेंटेनेंस चार्जेज क्या होंगे।”
मेंटेनेंस चार्जेज बिल्डर द्वारा बिल्डिंग में सुविधाएं, क्वॉलिटी और फिनिशिंग के बाद तय होते हैं। साथ ही वैल्यू एडेड सर्विसेज जो प्रोजेक्ट्स में बिल्डर मुहैया कराएगा। नतीजन हर महीने ग्राहक को जो राशि मेंटेनेंस चार्जेज पर खर्च करनी है, वह उसके सामने सरप्राइज के तौर पर आती है। जलोटा ने कहा, ”दक्षिण मुंबई की कुछ इमारतों में उदाहरण के तौर पर प्रति स्क्वेयर फुट 27 रुपये का मेंटेनेंस चार्ज है। इसलिए ग्राहक और निवेशकों को यह बात ध्यान में रखकर निवेश बनाम फायदों की गणना करते वक्त आपात राशि रखनी चाहिए”।
कितनी तरह के होते हैं मेंटेनेंस चार्जेज:
जैसे ही खरीददार प्रॉपर्टी पर कब्जा करता है, मेंटेनेंस चार्जेज लागू हो जाते हैं। RE/MAX इंडिया के फाउंडर और चेयरमैन सैम चोपड़ा ने कहा, हर किसी को प्रॉपर्टी मेंटेन करके रखनी पड़ती है, चाहे वह नई हो या पुरानी। उन्होंने बताया, ”मेंटेनेंस चार्जेज उन सुविधाओं पर खर्च को पूरा करता है जो कॉमन एरिया, एलिवेटर, छत, पार्किंग एरिया या बिल्डिंग रिपेयर, वाटर चार्जेज, पार्किंग चार्जेज, प्रॉपर्टी टैक्स, इंश्योरेंस प्रीमियम चार्जेज, कॉमन इलेक्ट्रिसिटी चार्जेज, नॉन अॉक्युपेंसी चार्जेज, सर्विस चार्जेस के अलावा अन्य में आती है। यह खर्च हर सोसाइटी के हिसाब से अलग-अलग होता है। या तो प्रति फ्लैट के आधार पर पैसा लिया जाता है या प्रति स्क्वेयर फुट एरिया के हिसाब से।
मेंटेनेंस चार्जेज के प्रकार | प्रासंगिकता |
रिपेयर और बिल्डिंग की मेंटेनेंस | हर फ्लैट की कंस्ट्रक्शन लागत का 0.75 प्रतिशत सालाना पर खर्चा |
सर्विस चार्जेज (हाउस कीपिंग, सिक्योरिटी, कॉमन इलाकों के लिए इलेक्ट्रिसिटी और उपकरण) | फ्लैट्स के बीच एक समान बांटा जाता है। |
सिंकिंग फंड | प्रत्येक फ्लैट की निर्माण लागत के प्रति वर्ष 0.25% न्यूनतम |
नॉन अॉक्युपेंसी चार्जेज | किराये पर दिए गए फ्लैट्स के लिए 10 प्रतिशत सर्विस टैक्स पर गणना की जाती है। |
पार्किंग चार्जेज | हर सदस्य के पार्किंग स्लॉट की संख्या से |
प्रॉपर्टी टैक्स और वाटर चार्जेज | हर फ्लैट में खपत या वाटर इनलेट्स की संख्या |
सोसाइटी या वेलफेयर असोसिएशन न होने पर मेंटेनेंस चार्जेज: एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सोसाइटी या वेलफेयर असोसिएशन न होने की सूरत में डिवेलपर पूरे मेंटेनेस का इंचार्ज होता है और यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह खरीददार को प्रॉपर्टी खरीदते समय लागत बताए। प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले बिल्डर को मेंटेनेंस के लागत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और फिर उसे असोसिएशन या सोसाइटी को ट्रांसफर कर देनी चाहिए।