जानिए प्रॉपर्टी टैक्स की अहमियत, ऐसे कर सकते हैं कैलकुलेट और ऑनलाइन भुगतान

प्रॉपर्टी टैक्स (संपत्ति कर) क्यों और कैसे लगाया जाता है और इसका भुगतान करने से घर मालिकों को क्या फायदे होते हैं, आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं।
जब आप एक घर खरीदते हैं तो बतौर खरीददार आपको कुछ टैक्स चुकाने पड़ते हैं। स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन तो सिर्फ एक बार ही चुकाए जाते हैं, लेकिन प्रॉपर्टी टैक्स हर साल चुकाना पड़ता है।

कैसे कैलकुलेट करें प्रॉपर्टी टैक्स

जो टैक्स प्रॉपर्टी के मालिक को स्थानीय निकाय (जैसे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन) को चुकाना पड़ता है, उसे प्रॉपर्टी टैक्स कहते हैं। इलाके के हिसाब से इसकी दर अलग-अलग हो सकती है। जो प्रॉपर्टी टैक्स आप चुकाते हैं, वह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे-
  • प्रॉपर्टी की लोकेशन
  • प्रॉपर्टी का आकार
  • प्रॉपर्टी अंडर-कंस्ट्रक्शन है या रेडी यू मूव
  • प्रॉपर्टी मालिक की उम्र-वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई डिस्काउंट्स होते हैं।
  • इलाके में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा मुहैया कराई जाने वाली सुविधाएं।

क्यों चुकाना पड़ता है प्रॉपर्टी टैक्स?

स्थानीय निकाय इलाके में साफ-सफाई, पानी की सप्लाई, लोकल सड़कों का रखरखाव, ड्रेनेज और अन्य सुविधाएं मुहैया कराता है। म्युनिसिपल संस्थाएं जो सुविधाएं लोगों को मुहैया कराती हैं, उसका राजस्व प्रॉपर्टी टैक्स से आता है। यह स्थानीय निकायों के लिए राजस्व का बड़ा स्रोत है। अगर आप प्रॉपर्टी टैक्स नहीं चुकाते तो स्थानीय निकाय आपको पानी का कनेक्शन और अन्य सुविधाएं देने से इनकार कर सकता है। साथ ही बकाया राशि पाने के लिए वह कानूनी एक्शन भी ले सकता है।

प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने की अहमियत

निकाय संस्था के हालिया प्रॉपर्टी वैल्यूएशन से प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेट किया जाता है। सिर्फ प्रॉपर्टी के मालिक को ही प्रॉपर्टी टैक्स चुकाना होता है। अगर आप किरायेदार हैं तो फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं। प्रॉपर्टी विवाद के मामले में प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें प्रॉपर्टी की ओनरशिप साबित करने में अहम भूमिका निभाती हैं। नतीजन, जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो प्रॉपर्टी टाइटल नगरपालिका के रिकॉर्ड में अपडेट होना चाहिए। हालांकि जब तक पूरी बकाया राशि नहीं चुकाई जाती, नाम नए खरीददार को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। अगर नगरपालिका के रिकॉर्ड्स में नाम अपडेट नहीं है तो पुराने मालिक का नाम ही टैक्स रसीद में दिखाई देता रहेगा।
नगरपालिका के रिकॉर्ड में अपने नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर कराते वक्त आपसे संपत्ति का स्वामित्व साबित करने वाले दस्तावेज मांगे जाएंगे। अपने नाम पर प्रॉपर्टी अपडेट कराने के लिए आपको बैनामे की कॉपी, सोसाइटी से क्लीयरेंस, भरा हुआ आवेदन, फोटो और अड्रेस प्रूफ, पिछली बार भुगतान की गई रसीद की कॉपी दिखानी होगी। लोन लेने के लिए (प्रॉपर्टी के एवज में लोन) भी प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद अहम दस्तावेज है। नगरपालिका के रिकॉर्ड्स को अपडेट रखने के लिए वक्त पर प्रॉपर्टी टैक्स चुकाएं। पूजा घर, सरकारी इमारतों, विदेशी दूतावास इत्यादि को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट मिलती है। स्वच्छ भूमि भी प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे से बाहर होती है।
सिटी संपत्ति कर का भुगतान करने के लिए ई-लिंक
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम https://ptghmconlinepayment.cgg.gov.in/PtOnlinePayment.do
पुणे नगर निगम http://propertytax.punecorporation.org/
पीसीएमसी http://203.129.227.16:8080/pcmc/
नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) https://www.nmmc.gov.in/property-tax2
ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) https://prcvs.mcgm.gov.in/
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) http: //www.mcdpropertytax.in /
नोएडा प्राधिकरण https://www.noidaauthorityonline.com/
नगर निगम गुड़गांव http://www.mcg.gov.in/HouseTax.aspx
अमदावद नगर निगम http://ahmedabadcity.gov.in/portal/web?requestType=ApplicationRH&actionVal=loadQuickPayPropertyTax&queryType=Select&screenId=1400001
कोलकाता नगर निगम (केएमसी) https://www.kmcgov.in/KMCPortal/jsp/KMCAssessmentCurrentPD.jsp
ब्रुहाट बेंगलुरु महानगर पालीके (बीबीएमपी) https://bbmptax.karnataka.gov.in/
ग्रेटर चेन्नई निगम http://www.chennaicorporation.gov.in/online-civic-services/editPropertytaxpayment.do?do=getCombo
नोट: ये लिंक्स संबंधित 8 अगस्त 2017 को अथॉरिटी की साइट्स से लिए गए हैं।

कैसे कैलकुलेट किया जाता है प्रॉपर्टी टैक्स :

पुणे में प्रॉपर्टी टैक्स-पीएमसी ने एक अॉनलाइन कैलकुलेटर दिया हुआ है, जिसके जरिए आप कुछ जानकारियां जैसे लोकेशन, एरिया, इस्तेमाल, टाइप, चबूतरे की जगह और निर्माण वर्ष भरकर अपना प्रॉपर्टी टैक्स पता कर सकते हैं।

बेंगलुरु में प्रॉपर्टी टैक्स:

बीबीएमपी प्रॉपर्टी टैक्स की राशि की गणना करने के लिए यूनिट एरिया वैल्यू (यूएवी) सिस्टम को फॉलो करती है।
प्रॉपर्टी टैक्स (K)= (G-I) * 20%
जहां, G=X + Y + Z  और I=G*H/100
(G=सकल इकाई क्षेत्र मूल्य (Gross Unit area Value); X= संपत्ति का असामी एरिया* संपत्ति की प्रति स्क्वेयर फुट दर *10 महीने;
Y= संपत्ति में खुद के द्वारा कब्जे वाला एरिया* संपत्ति का प्रति स्क्वेयर फुट*10 महीने; H= मूल्यह्रास दर का प्रतिशत, जो संपत्ति की उम्र पर निर्भर करता है।

मुंबई में प्रॉपर्टी टैक्स

बीएमसी कैपिटल वैल्यू सिस्टम (सीवीएस) के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेट करती है, जो एेसे होता है-कैपिटल वैल्यू अॉफ प्रॉपर्टी*करंट प्रॉपर्टी टैक्स रेट (%) * वेट फॉर यूजर कैटिगरी

दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स

दिल्ली नगर निगम यूनिट एरिया सिस्टम के जरिए पूरे शहर में प्रॉपर्टी टैक्स की गणना करता है। इसका फॉर्म्युला है- प्रॉपर्टी टैक्स= सालाना वैल्यू*टैक्स की दर। इसमें Annual value = Unit area value per sq metre x Unit area of property x Age factor x Use factor x Structure factor x Occupancy factor

चेन्नई में प्रॉपर्टी टैक्स:

ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (GCC) रीजनेबल लेटिंग वैल्यू सिस्टम (आरएलवी) के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स की गणना करता है। एेसा करते वक्त जीसीसी इन बातों का ध्यान रखता है।
  • न्याधार एरिया (Plinth area)
  • जिस इलाके में प्रॉपर्टी स्थित है, उसका बेसिक रेट
  • बिल्डिंग रिहायशी है या कमर्शियल
  • उसमें कौन रह रहा है (किरायेदार या मकानमालिक)
  • कितने साल पुरानी इमारत है

हैदराबाद में प्रॉपर्टी टैक्स:

हैदराबाद में प्रॉपर्टी टैक्स की दर सालाना किराये के मूल्य पर निर्भर करती है और ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (GHMC) रिहायशी संपत्तियों पर टैक्स के एक स्लैब रेट को अपनाता है। जो फॉर्म्युला जीएचएमसी अपनाता है, वह है:
Annual property tax = Plinth area x Monthly rental value per sq ft x 12 x (0.17 – 0.30) depending on MRV and based on slab rate of taxation – 10 per cent depreciation + 8 per cent library cess

कोलकाता में प्रॉपर्टी टैक्स

मार्च 2017 में कोलकाता म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (केएमसी) ने प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेशन के लिए नए यूनिट एरिया असेसमेंट (UAA) को पास किया था। प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेशन एक ही ब्लॉक के घरों में फर्क होने के कारण multiplicative factors (MF’s) के कॉन्सेप्ट को फॉलो करती है। यूएए सिस्टम के जरिए सालाना प्रॉपर्टी टैक्स इस फॉर्म्युले के जरिए कैलकुलेट होता है:
Annual tax = Base Unit Area Value x Covered space/Land area x Location MF value x Usage MF value x Age MF value x Structure MF value x Occupancy MF value x Rate of tax (including HB tax)
(नोट: यहां HB टैक्स का मतलब हावड़ा ब्रिज टैक्स है, जो कुछ खास वॉर्ड्स में आने वाली संपत्तियों पर लागू होता है)

अहमदाबाद में प्रॉपर्टी टैक्स

अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एएमसी) संपत्ति के पूंजी मूल्य के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स की गणना करता है। प्रॉपर्टी टैक्स की गणना इस फॉर्म्युले से की जा सकती है।
प्रॉपर्टी = एरिया x रेट x (f1 x f2 x f3 x f4 x fn)
जहां,
f1 = प्रॉपर्टी की लोकेशन को तवज्जो दी जाती है।
f2 = प्रॉपर्टी किस तरह की है, उसे तवज्जो दी जाती है।
f3 = प्रॉपर्टी की उम्र को तवज्जो दी जाती है।
f4 = रिहायशी इमारतों को तवज्जो दी जाती है।
fn = इमारत के उपयोगकर्ता को तवज्जो दी जाती है।

गुरुग्राम में प्रॉपर्टी टैक्स

गुरुग्राम में प्रॉपर्टी टैक्स दो कारकों पर निर्भर करता है-एरिया और यूज (रिहायशी/गैर-कमर्शियल या कमर्शियल)। म्युनिसिपल कॉरपोरेशन अॉफ गुरुग्राम (एमसीजी) की वेबसाइट पर आप अपना टैक्स अॉनलाइन जमा कर सकते हैं। जब आप अपना यूनिट प्रॉपर्टी आईडी नंबर या अपना नाम या पता डालेंगे तो कितनी राशि आपको भुगतान करनी है, वह सामने आ जाएगी।

चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी टैक्स

चंडीगढ़ में प्लॉट्स के लिए प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेट करने के लिए ग्राउंड फ्लोर के प्लिंथ क्षेत्र के बाहर केवल खाली प्लॉट एरिया को गिना जाता है.  इसका मतलब है कि अगर प्लॉट एरिया 500 स्क्वेयर यार्ड्स का है और प्लिंथ एरिया 300 स्क्वेयर यार्ड्स का तो खाली प्लॉट 200 स्क्वेयर यार्ड्स का होगा, जिस पर टैक्स की गणना की जाएगी.

300 स्क्वेयर यार्ड्स की रिहायशी भूमि और इमारतों, जो खुद के कब्जे वाली हैं उसके लिए ऐसे लोगों पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है, जो नेवी, मिलिट्री, एयरफोर्स में सेवाएं दे चुके हैं या फिर विधवा और विकलांग हैं.

अपनी प्रॉपर्टी आईडी का इस्तेमाल करके चंडीगढ़ के निवासी प्रॉपर्टी की जानकारी सर्च करके ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं. आप घर और सेक्टर नंबर के साथ अपनी संपत्ति का विवरण खोजकर ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं. प्रॉपर्टी टैक्स को चंडीगढ़ में स्थित सभी ई-संपर्क केंद्रों पर भी जमा किया जा सकता है.

नागपुर में प्रॉपर्टी टैक्स

कोरोना महामारी ने साल 2020 में लोगों को वित्तीय तौर पर काफी नुकसान पहुंचाया. शहर के टैक्स डिफॉल्टर्स को बड़ी राहत देते हुए नागपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एनएमसी) ने अभय योजना-2020 लॉन्च की है. इस योजना के तहत, अगर नागरिक अपना 2020-21 का प्रॉपर्टी टैक्स 15 दिसंबर 2020 से 14 जनवरी 2021 तक भुगतान कर देता है तो एनएमसी उसे ब्याज की राशि पर 80 प्रतिशत की छूट देगी.   वहीं 14 जनवरी से 14 फरवरी, 2021 के बीच बकाया राशि का भुगतान करने वालों के लिए छूट 50% तक कम होगी. एनएमसी बाद में इस एमनेस्टी योजना के तहत पानी के बिलों को भी शामिल कर सकती है.

प्रॉपर्टी टैक्स पर छूट

राज्यों और शहरों में नियम अलग-अलग होते हैं. प्रॉपर्टी टैक्स की देयता पर कुछ तरह की प्रॉपर्टीज में आपको कई रीबेट्स भी मिलती हैं. शहरों में जो प्रॉपर्टीज किसी धार्मिक संस्थानों या सरकार से ताल्लुक रखती हैं, उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देना पड़ता.

छूट किन्हें दी जाती है:
-वरिष्ठ नागरिकों
-दिव्यांग जनों
-पूर्व आर्मी, नेवी या सैन्य सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी
-भारतीय सेना, बीएसएफ, पुलिस सेवा, सीआरपीएफ और फायर ब्रिगेड के शहीदों के परिवारजनों.
-शैक्षिक संस्थान
-एग्रीकल्चर प्रॉपर्टीज

प्रॉपर्टी टैक्स नहीं चुकाने पर जुर्माना

प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान में देरी होने पर प्रशासन पूरे देश में पेनाल्टी लगाता है.
जिस शहर में आप निवास करते हैं, आपको मासिक जुर्माना के रूप में बकाया राशि का 1% और 2% के बीच का भुगतान करना होता है. मुंबई महानगरपालिका बकाया प्रॉपर्टी टैक्स पर हर महीने 1 प्रतिशत शुल्क लगाता है वहीं बेंगलुरु 2 प्रतिशत. अगर पेमेंट में काफी देरी होती है तो प्रशासन नुकसान की भरपाई आपकी प्रॉपर्टी बेचकर करेगा.

पूछे जाने वाले सवाल

ऑनलाइन कैसे भरें प्रॉपर्टी टैक्स?

कई निकाय संस्थाओं में आप प्रॉपर्टी टैक्स का ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं. यह आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं. इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपके पास प्रॉपर्टी आईडी नंबर होना चाहिए.

ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स कैसे कैलकुलेट करें?

जमीन राज्यों का विषय होता है और हर शहर में जनसंख्या और भौगौलिक आकार के आधार पर प्रॉपर्टी टैक्स की राशि का कैलकुलेशन फॉर्म्युला अलग होता है.

क्या मुझे कृषि भूमि पर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना होगा?

भारत में कृषि भूमि के लिए प्रॉपर्टी टैक्स नहीं देना पड़ता.

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