भारत में उपहार में मिली प्रॉपर्टी पर आयकर और स्टैंप शुल्क देना पड़ता है। भारत में गिफ्ट डीड स्टैंप ड्यूटी विभिन्न राज्यों में अलग-अलग होती है, और आप को प्रॉपर्टी की कीमत का 2 से 8% अंश स्टाम्प ड्यूटी के रूप में पाय करना पड़ सकता है।
भारतीय राज्यों में 2024 में गिफ्ट डीड पर स्टाम्प शुल्क
जिस राज्य में गिफ्ट डीड की रजिस्ट्री कराई गई है | प्रॉपर्टी की कीमत के प्रतिशत के रूप में स्टाम्प शुल्क |
उत्तर प्रदेश | 2% |
हरियाणा | 5% |
दिल्ली | 4% |
महाराष्ट्र | 3% |
गुजरात | 3.5% |
राजस्थान | 6% |
मध्य प्रदेश | 5% |
आंध्र प्रदेश | 2% |
हिमाचल प्रदेश | 6% |
तमिल नाडु | 7% |
कर्नाटक | 5% |
पंजाब | 6% |
बिहार | 5.7% (महिलाओं के लिए) और 6% (पुरुषों के लिए) |
झारखंड | 3% |
केरल | 2% |
मध्य प्रदेश | 2.5% |
छत्तीसगढ | 5% |
उत्तराखंड | 5% |
हिमाचल प्रदेश | 5-6% |
ओडिशा | 3% |
तेलंगाना | 0.5% (न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये के अधीन) |
जम्मू और कश्मीर | 3-7% |
असम | 5.6% |
चंडीगढ़ | 5% |
गोवा | 3%-6% |
मणिपुर | 7% |
सिक्किम | 1% |
अरुणाचल प्रदेश | 6% |
गिफ्ट डीड पंजीकरण शुल्क
स्टाम्प ड्यूटी के अलावा गिफ्ट डीड पर पंजीकरण शुल्क (registration charge) भी लागू होता है। कुछ राज्य संपत्ति की लागत का 1% गिफ्ट डीड पंजीकरण शुल्क के रूप में लेते हैं जबकि अन्य एक standard शुल्क लेते हैं।
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गिफ्ट डीड पर स्टैंप शुल्क की गणना कैसे करें?
चूंकि संपत्ति के मूल्य का कुछ प्रतिशत गिफ्ट डीड पर स्टैंप शुल्क के रूप में भुगतान करना होता है, गणना उस प्रतिशत पर आधारित होगी जो किसी राज्य में गिफ्ट डीड पंजीकरण पर लगाया जाता है। उदाहरण के लिए, यूपी में उपहार के प्राप्तकर्ता को स्टैंप शुल्क के रूप में उपहार के मूल्य का 2% भुगतान करना पड़ता है। मान लीजिए कि उपहार में दी जा रही संपत्ति का मूल्य 1 करोड़ रुपये है, तो इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को गिफ्ट डीड पर स्टैंप शुल्क के रूप में 20 लाख रुपये का भुगतान करना होगा।
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कौन सी संपत्ति उपहार में दी जा सकती है?
किसी संपत्ति को भारतीय कानूनों के अंतर्गत उपहार बनने के लिए निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करना होगा:
- संपत्ति चल या अचल संपत्ति होनी चाहिए।
- संपत्ति हस्तांतरणीय होनी चाहिए।
- संपत्ति भविष्य की संपत्ति नहीं होनी चाहिए।
- संपत्ति मूर्त (स्पर्श करने योग्य) होनी चाहिए।
गिफ्ट डीड की कानूनी जरूरतें
गिफ्ट डीड का पंजीकरण अनिवार्य है
स्टांप और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा
रजिस्ट्रार यह सुनिश्चित करता है कि जब दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के लिए लाई जाती है, तो उस पर गिफ्ट डीड स्टाम्प ड्यूटी चुकाई गई है या नहीं। स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज के तौर पर जो राशि चुकाई जाती है वह नियमित बिक्री के मामले में समान होती है।
रिश्तेदारों को बीच उपहार देना
अगर गिफ्ट डीड कुछ खास रिश्तेदारों के बीच होती है तो कुछ राज्य स्टैंप ड्यूटी में छूट देते हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में किसी के पति या पत्नी, बच्चों, नाती-पोतों या मरने वाले बेटे की पत्नी को रिहायशी या कृषि संपत्ति के तोहफे पर चुकाई जाने वाली स्टैंप ड्यूटी की सीमा 200 रुपये है, चाहे संपत्ति का मूल्य कुछ भी हो.
गिफ्ट तुरंत लागू हो जाता है
गिफ्ट डीड पर इनकम टैक्स
लेकिन इनकम टैक्स अपीलिएट ट्रिब्यूनल (ITAT) की राजकोट बेंच ने अपने नवंबर 2022 के दिए गए एक फैसले में ये साफ़ कर दिया है की अगर आप अपने सम्बन्धी से किसी भी तरफ ही धनराशि (चाहे वो प्राइपरटी किए वैल्यू के मुकाबले कितनी ही कम हो) इस संपत्ति ट्रांसफर के बदले में लेते हैं तो इस प्रॉपर्टी एक्सचेंज को सेल (sale) माना जायेगा न की गिफ्टिंग।
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अगर आपको किसी रिश्तेदार से संपत्ति बतौर गिफ्ट मिली है तो पहली बार आपको उसे बेचते वक्त टैक्स चुकाना होगा। इसकी लागत उसी रूप में ली जाएगी, जिसका प्रॉपर्टी के पिछले मालिकों ने भुगतान किया था। मुनाफे को शॉर्ट टर्म माना जाए या लॉन्ग टर्म, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या आपके होल्डिंग पीरियड की कुल अवधि के साथ-साथ पिछले मालिक जिसने असल में भुगतान किया था, वह 36 महीने से ज्यादा है या नहीं।
क्या आप अपनी गिफ्ट दी हुई प्रॉपर्टी को वापस ले सकते हैं?
आप अपना दिया हुआ गिफ्ट वापस ले सकते हैं लेकिन इस पहलू को रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड में लिखवाना जरूरी है. ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 126 के तहत सौदा रद्द करना तब तक संभव नहीं होगा, जब तक कि डोनर रजिस्टर्ड कॉन्ट्रैक्ट में इसका जिक्र नहीं करता है कि गिफ्ट वापस लेने का अधिकार उसके पास है.
इसका मतलब यह है कि गिफ्ट डीड का मसौदा तैयार करते समय, प्रॉपर्टी गिफ्ट करने वाले को साफ तौर पर इस बात का जिक्र करना होगा कि गिफ्ट डीड लागू होने के बाद भी, प्रॉपर्टी गिफ्ट करने वाले के पास गिफ्ट डीड को रद्द करने और डीड से गिफ्ट वापस लेने का अधिकार होगा, जब भी वह ऐसा करना चाहे.
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गिफ्ट डीड रद्द करने की शर्तें
गिफ्ट डीड को रद्द करने के लिए निम्नलिखित चरण हैं:
- गिफ्ट डीड को रद्द करने की परिस्थितियों के बारे में दाता और प्राप्तकर्ता के बीच एक क्लॉज़ या समझ होना महत्वपूर्ण है। यह कोई विफलता या विशेष घटना हो सकती है।
- उपहार प्राप्त करते समय गिफ्ट डीड को रद्द करने की शर्त प्राप्तकर्ता द्वारा स्वीकार की जानी चाहिए और यह केवल दाता की मर्जी पर आधारित नहीं होनी चाहिए।
- कोई भी उपहार जो किसी धोखाधड़ी पर आधारित नहीं था, उसे एकतरफा रद्द नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, दाता और प्राप्तकर्ता को इसे रद्द करने के लिए अदालत में जाना होगा।
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गिफ्ट डीड के बारे में इन बातों का रखें ध्यान
रिश्तेदारों के अलावा अन्य लोगों से गिफ्ट: भारतीय कानूनों के तहत, गैर-रिश्तेदारों के बीच गिफ्ट को कानूनी नहीं माना जाता है. यह धारणा इस आधार पर आधारित है कि मालिक किसी ऐसे व्यक्ति से विमर्श करेगा जो उन्हें नहीं जानता. ऐसे मामलों में, डीड को सेल डीड की तरह रजिस्टर कराना होगा.
गिफ्ट को वापस लेना: गिफ्ट डीड को वापस लेने के लिए, डोनर को यह साबित करना होगा कि उसे धोखा दिया गया था या डीड को निष्पादित करने के लिए मजबूर किया गया था. गिफ्ट में दी गई संपत्ति को वापस लेने का कोई और तरीका नहीं है.
यह भी देखें: क्या गिफ्ट डीड रद्द की जा सकती है
शादी में मिले गिफ्ट्स: वसीयत या विरासत के जरिए शादी पर रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स पर टैक्स नहीं लगाया जाता है.
गिफ्ट वैलिडिटी: एक गिफ्ट डीड तभी वैध है, जब सही तरीके से उसका निष्पादन किया गया है और ट्रांसफर करने वाला संपत्ति का कानूनी मालिक है. गिफ्ट डीड के वैध होने की एक और शर्त यह है कि अदालतों के किसी भी आदेश से इस तरह के ट्रांसफर नहीं रुके हों.
गिफ्ट डीड पर टैक्स देयता: शादी, विरासत या किसी स्थानीय निकाय द्वारा अगर कोई शख्स गिफ्ट डीड हासिल करता है तो उसे टैक्स नहीं चुकाना होगा. यही बात फाउंडेशन, ट्रस्ट, एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स, मेडिकल इंस्टिट्यूशन्स इत्यादि पर लागू होती है.
गिफ्ट डीड को एग्जीक्यूट करने के कुछ टिप्स
- अगर आप किसी को चल संपत्ति दे रहे हैं तो गिफ्ट डीड को एग्जीक्यूट करना जरूरी नहीं है.
- गिफ्ट डीड में, यह बात जरूर डाल दें कि आपका गिफ्ट लेने वाले के प्रति स्नेह और लगाव है इसलिए आप प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर रहे हैं.
- बेहतर यह भी होगा कि आप यह बात जरूर डाल दें कि किस वजह से आप गिफ्ट डीड में गिफ्ट को दे रहे हैं. इसका कारण सामान्य कल्याण या व्यक्ति हो सकता है.
- गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन के वक्त आपको इस बात का भी सबूत दिखाना होगा कि गिफ्ट लेने वाले ने उसे स्वीकार कर लिया है.
- गिफ्ट डीड को एग्जीक्यूट करने से पहले अपने परिवार के सदस्यों की राय जरूर ले लें. उनके ध्यान में यह बात लानी जरूरी है ताकि आगे कानूनी झंझट ना हों.
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गिफ्ट डीड से जुड़े भ्रम
आप अपनी प्रॉपर्टी को पसंद के मुताबिक गिफ्ट में दे सकते हैं: आप ऐसी ही प्रॉपर्टी को गिफ्ट में दे सकते हैं, जो आपने खुद बनाई हो और जिसके आप मालिक हों. किसी भी प्रकार की साझा प्रॉपर्टी को गिफ्ट में नहीं दिया जा सकता. यह पैतृक संपत्ति के मामले में सच है.
चूंकि यह गिफ्ट है इसलिए इस पर टैक्स नहीं लगेगा: ज्यादा महंगे गिफ्ट्स पर उसे पाने वाले को टैक्स देना होगा. चूंकि सारी प्रॉपर्टीज काफी महंगे गिफ्ट्स होते हैं लिहाजा स्टैंप ड्यूटी की उलझनें पैदा होंगी.
कोई भी प्रॉपर्टी गिफ्ट कर सकता है: कोई भी शख्स जो मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ है वह प्रॉपर्टी गिफ्ट कर सकता है. वरना गिफ्ट डीड को रद्द माना जाएगा.
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लेटेस्ट अपडेट
नेग्लेक्टेड माँ-बाप दी हुई जायदाद बच्चों ले सकते हैं वापस: मद्रास हाईकोर्ट
माँ-बाप अपने बच्चों को दी हुई ज़ायदाद वापस ले सकते हैं, बशर्ते सेटलमेंट के कागज़ात में इस बात का ज़िक्र हो कि प्रॉपर्टी बच्चों को आपसी प्यार-मुहब्बत कि वजह से ही दी गई थी। अपने हाल ही के एक फैसले में (शकीरा बेगम बनाम मो0 दयान ) मद्रास हाईकोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि माता-पिता को यह पूर्णरूप से अधिकार है कि वे अपने द्वारा किये गये समझौता दस्तावेज (सेटलमेंट डीड) को कैन्सिल करा दें, अगर उस दस्तावेज़ में साफ तौर पर लिखा हो कि यह सम्पत्ति जो वह अपनी संतान को दे रहा है, वह संतान प्रेम व लगाव के कारण ही दे रहे है। “डीड में इस बात का ज़िक्र होना की संपत्ति बच्चों की भलाई के लिए ही डीड जा रही है, Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act के तहत रखी गयी शर्तों को पूरा करने के लिए काफी है,” जस्टिस एस0एम0 सुब्रमन्यम ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया। प्रॉपर्टी ट्रांसफर तभी अमान्य माना जायेगा अगर गिफ्ट डीड या सेटलमेंट डीड में इस बात का साफ़ तौर पर ज़िक्र हो की प्रॉपर्टी देने वाला संपत्ति पाने वाले से कुछ बुनियादी ज़रूरतों की पूर्ति की उम्मीद रखता है, और संपत्ति पाने वाला ये ज़रूरतें पूरी करने में नाक़ाम रहता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या होती है गिफ्ट डीड?
गिफ्ट डीड एक दस्तावेज होता है, जो एक से दूसरे शख्स को बतौर गिफ्ट प्रॉपर्टी ट्रांसफर करता है. गिफ्ट डीड सिर्फ तब वैध होती है, जब यह परिवार के किसी सदस्य/दोस्त द्वारा दूसरे के बदले में कोई विचार किए बिना हो. रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के मुताबिक, गिफ्ट डीड को रजिस्टर कराना अनिवार्य है.
प्रॉपर्टी के लिए गिफ्ट डीड कैसे बनाएं?
ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के मुताबिक, गिफ्ट के तहत आवासीय संपत्ति का ट्रांसफर एक दस्तावेज/इंस्ट्रूमेंट के तहत होना चाहिए. इस पर प्रॉपर्टी को गिफ्ट करने वाले शख्स की ओर से दस्तखत या कम से कम दो गवाहों द्वारा रजिस्टर्ड किया जाना चाहिए.
क्या आप गिफ्ट डीड को चुनौती दे सकते हैं?
एक गिफ्ट डीड को उसकी वैधता के कानून और उसकी अवैधता के प्रमाण के तहत उसकी वैधता के आधार पर अदालत में चुनौती दी जा सकती है.
गिफ्ट डीड कौन दे सकता है?
किसी अचल संपत्ति का मालिक, उस प्रॉपर्टी को अपने किसी रिश्तेदार या किसी तीसरे व्यक्ति को उपहार के रूप में दे सकता है। उपहार में दी गई किसी भी प्रॉपर्टी को कानूनी रूप से तभी वैध माना जाता है, जब वह अपनी इच्छा से और बदले में कुछ प्राप्त किए बगैर दिया गया हो।
एक वकील गिफ्ट डीड में कैसे मदद कर सकता है?
वकील गिफ्ट डीड के कानूनी दस्तावेज और संचालन के लिए जिम्मेदार होता है। गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज है जिसे केवल एक वकील के मार्गदर्शन में कार्यान्वित किया जा सकता है। इस प्रकार, वकील गिफ्ट डीड का ड्राफ्ट तैयार करने और पंजीकरण में मदद करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि इस प्रक्रिया में सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किया जाए।